दोस्त की गर्म बीवी की सेक्सी स्टोरी
मैंने नई जॉब ज्वाइन की थी, वहां मेरी दोस्ती राज से हुई, हम काफ़ी अच्छे दोस्त बन चुके थे.
एक दिन राज ने मुझे अपने घर डिनर के लिए इन्वाइट किया. मैंने भी हाँ कर दी. ये मेरा पहली बार था, जब मैं राज के घर जाने वाला था. पर मैंने ऑफिस के सब लोगों से एक ही बात सुनी थी कि राज की वाइफ दिखने में सेक्सी और अदाओं में मल्लिका शेरावत है. तभी से में भी एग्ज़ाइटिड हो गया था.
आख़िरकार वो वक़्त आ गया. शाम बीतने के बाद जैसे ही 9 बजे, मैं राज के साथ उसके घर पहुँचे. उसने बेल बजाई.. कुछ पल बाद अन्दर से दरवाजा खुला और मैं देखता ही रह गया.
सामने एक परी खड़ी थी रेड कलर की साड़ी और बैकलैस ब्लाउस पहने हुई राज की बीवी मुस्कुरा रही थी. मैंने निगाह भर के उसे देखा. उसके चूचे शायद 36 या 38 के होंगे और उसकी कमर 26 की होगी. उसने साड़ी भी नाभि के नीचे पहनी हुई थी. तभी मैंने सोचा ऑफिस वाले इससे मल्लिका कहते हैं, पर ये तो हॉटनैस में मल्लिका को भी पीछे छोड़ रही थी.
उसने मुझसे हाथ मिला कर हैलो कहा. जैसे ही मैंने हाथ मिलाया, उसके गरम हाथों के स्पर्श से मेरा लंड खड़ा हो गया. मैंने सोचा हाथ इतना गरम है तो पूरी बॉडी का क्या हाल होगा.
फिर जैसे ही मैंने उसका हाथ दबाया, वैसे ही उसने एक कटीली स्माइल दी. उफ क्या कातिलाना स्माइल थी.
हम सभी अन्दर गए. मैं उसके पीछे था तो उसकी मटकती गांड देख रहा था.. उसकी गांड जबरदस्त हिल रही थी. उसकी नंगी और एकदम गोरी पीठ उफफ्फ़.. कमाल का आइटम थी.
उसने मुझसे कहा- आप बैठिए मैं खाना परोसती हूँ.
हम बैठ कर बातें कर रहे थे इतने मेंराज की बीवी कामिनी पास आकर खड़ी हो गई और खाना परोसने लगी.
मैं बस उसकी बदन की महक ले रहा था मेरा एक हाथ वैसे ही अपने खड़े लंड पर चला गया. उसने मेरा वो लंड सहलाना देखा और फिर से स्माइल की.
फिर वो सामने की तरफ चली गई और राज के बाजू में बैठ गई. अब हम दोनों आमने-सामने थे. हम दोनों एक-दूसरे को स्माइल देते हुए डिनर कर रहे थे.
राज को समझ ही नहीं आ रहा था कि चल क्या रहा है. वो मजे से डिनर कर रहा था. इतने में उसने मुझे और राइस लेने के लिए आग्रह किया, पर मैंने मना कर दिया. फिर भी वो उठी और और मुझे राइस ज़बरदस्ती देने के लिए झुकी.
उफफ्फ़.. वो आम का बाग़ मेरे सामने खुल ही गया थे.. उसके झूलते मम्मे देख कर मेरा मन कर रहा था कि राज न होता तो इसे ऐसे ही पकड़ लेता.
खैर वो राइस दिए जा रही थी और मैं उसके मम्मों को देखे जा रहा था. वो सब समझ चुकी थी.
तभी मैंने ‘बस..’ कहा.
हम फिर से खाने लगे.
तभी मुझे पैर में कुछ महसूस हो रहा था, मैंने देखा तो कामिनी मेरे पैरों से खेल रही थीं और स्माइल कर रही थी. तभी मैंने सोच लिया कि कामिनी की कामवासना मैं पूरी करूँगा.
फिर मैंने जानबूझ कर कहा- कामिनी भाभी जरा और राइस दीजिए ना!
वो जैसे ही राइस देने झुकी.. उसका पल्लू गिर गया.
ओऊऊ.. ओहह.. क्या नज़ारा था.
पर राज अपनी बीवी की इस बात से गुस्सा हो गया.
मैंने कहा- राज इट्स ओके, ये मेरी भाभी है.
फिर मैंने कहा- भाभी, वहाँ से आपको तकलीफ़ हो रही है आप मेरे पास मतलब मेरे बाजू में बैठ जाइए.
वो भी झट से मान गई.
अब तो सामने प्लेट में चिकन, बाजू में कामिनी की महक.. अह.. मैं तो जन्नत में था.
उतने में राज को कॉल आया, वो बात करने में बिज़ी था. तभी मैंने कामिनी की गाल पर किसी दे दी.
वो सन्न रह गई, थोड़ी देर उसका मुँह खुला रह गया.
तभी राज ने फोन पर बात खत्म की और उससे कहा- कम्मो, क्या हुआ?
तब वो होश में आई.. उसने कहा- क..कुछ नहीं.
फिर उसने मेरी तरफ देखा, स्माइल की और खाने लगी.
फिर मैंने सोचा कि अब तो ग्रीन सिग्नल मिल गया. मैंने धीरे से हाथ उसकी जाँघों पर रखा और दबाने लगा. वो अपने होंठ दांतों के नीचे दबाने लगी. मैं धीरे-धीरे उसकी साड़ी ऊपर को कर रहा था लेकिन उसने मना कर दिया.
मैंने धीरे से कहा- प्लीज़ करने दो.. मुझे तुम्हारी पैंटी चाहिए.
पर उसने मना किया. फिर भी मैं जबरदस्ती करने लगा, उसकी वजह से दाल मेरे पेंट पर गिर गई.
मैं झट से उठ गया, वो हंसने लगी.
राज ने कहा- कम्मो, जरा इसे वॉशरूम दिखाओ.
वो स्माइल करते हुए बोली- चलिए दिखाती हूँ.
वो आगे, मैं पीछे.. जैसे ही हम वॉशरूम में दाखिल हुए, वो नल चालू करने झुकी. मैंने तुरंत उसको पीछे से पकड़ लिया और उसके मम्मों को दबाने लगा. वो सिसकारियां भरने लगी. मैंने उसे पलटी किया और उसके रसीले होंठ चूसने लगा.
थोड़ी देर बाद हमें होश आया. राज ‘कम्मो कम्मो..’ आवाज़ दे रहा था.
तभी कामिनी ने कहा- बस करो, वरना राज यहाँ आ जाएगा.
फिर वो अपनी साड़ी ठीक करके जाने लगी, मैंने उसकी गांड दबाई और उसके पीछे चला आया.
हमने डिनर ख़त्म किया. मैं अपने घर के लिए निकलने लगा. कामिनी और मैं स्माइल किए जा रहे थे. फिर राज ने कहा- चलो मैं तुम्हें बाहर तक छोड़ देता हूँ.
मैंने कामिनी को बाय बोला और बाहर आ गया. पर ऐसा सूखा-सूखा बाय मुझे अच्छा नहीं लगा. तो मैंने राज से कहा- अरे मैं अपना पैकेट अन्दर ही भूल गया हूँ.. जरा रूको, लेकर आता हूँ.
मैं अन्दर घुसा और कसके कामिनी को किस करने लगा. फिर मैंने कहा- चलता हूँ.
उसने मेरा हाथ पकड़ के अपनी ओर खींचा, उसने मेरी पेंट में कुछ रखा और कहा- तुम्हारे लिए गिफ्ट है, घर जाके देखना.
फिर हमने स्मूच करके बाय बोला. मैंने घर जाकर पहले अपनी पेंट उतार कर देखा कि क्या गिफ्ट है.
मैंने देखा कि वो कामिनी की पैंटी थी और उस पर उसने अपना मोबाइल नम्बर लिपस्टिक से लिख कर दिया था.
उस रात मैं सो नहीं पाया. अगले दिन का इंतजार करने लगा.
जानिए अगले दिन क्या और कैसे हुआ. आपको मेरी सेक्सी स्टोरी अच्छी लगी या नहीं, मुझे मेल कीजिए.
जैसे ही मुझे एक भी मेल मिलेगा, मैं अगले दिन की स्टोरी पोस्ट कर दूँगा.
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