दोस्त की गर्लफ्रेंड की चुत चुदाई
दोस्तो, मैं अजमेर से राज फिर आपके सामने अपनी सेक्स कहानी को लेकर हाजिर हूँ.
पिछली सेक्स कहानी
पड़ोसन लड़की होली खेलने आई और चुत चुदवा गई
के लिए आपके कमेंट मिले, उसके लिए आपको धन्यवाद.
दोस्तो, सोमी के चले जाने के बाद मैंने कई लड़कियां चोदी हैं. अब तो मैं पक्का चुदक्कड़ बन गया हूँ. मेरी इस सेक्स कहानी में मैंने दोस्त की गर्लफ्रेंड की चुदाई की कहानी को लिखा है.
ये बात दो महीने पहले की है. उन दोनों में किसी बात को लेकर झगड़ा चल रहा था. हर बार की तरह इस बार भी मैं बीच का काम कर रहा था.
सॉरी मैंने उनका परिचय नहीं कराया. मेरे दोस्त का नाम रमेश है, जो थोड़ा सांवला है, उम्र 25 साल है. उसकी गर्लफ्रेंड नजमा है, जो बहुत ही हॉट और सेक्सी माल है. नजमा एक 22 साल की पक्की चुदक्कड़ लौंडिया थी.
वे दोनों आपस में झगड़ा हो जाने पर एक दूसरे को मनाने के लिए मेरा सहारा लेते थे. नजमा मुझसे फोन पर बात करती थी और रमेश की शिकायत करती थी. मैं उसे बहुत समझाता था.
ऐसे ही नजमा मुझसे बात करने के लिए मेरे घर आ जाती थी. एक दिन नजमा टाइट टी-शर्ट पहन कर मेरे घर आई. इस टी-शर्ट में से उसका गला थोड़ा गहरा था. जिसमें से उसके चुचे साफ दिखाई दे रहे थे. नजमा के चूचों का साइज़ करीब 34 इंच का होगा … वो बहुत हॉट लग रही थी.
मैं तो बस उसे ही देखे जा रहा था.
उसने मुस्कुरा कर कहा- कहां खो गए जनाब!
उसकी आवाज से मैं एकदम से चौंक गया.
वो मुझे देखकर हंसने लगी और बोली- क्या बैठने के लिए भी नहीं कहोगे?
मैं- ओह सॉरी यार … बैठो ना.
मैंने उससे कहा कि तुम बहुत हॉट लग रही हो.
वो मेरी आंखों में आंखें डाल कर बोली- कितनी हॉट लग रही हूँ?
मैंने कहा- अब क्या बताऊं … तू मेरे दोस्त की गर्लफ्रेंड है … इसलिए कुछ ज्यादा नहीं कह सकता.
वो मुझे फट्टू कह कर हंसने लगी.
मैं उसकी बात को समझ कर भी नासमझ बना रहा.
वो मेरे पास आकर बैठ गई और रमेश की बातें शुरू हो गईं. वो रमेश को लेकर कहे जा रही थी … मगर मेरा ध्यान तो उसके चूचों पर ही टिका हुआ था. मेरी हालत ख़राब हो रही थी. मेरे लंड का बहुत बुरा हाल हो गया था. पजामे के अन्दर ही मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था. ऐसा लग रहा था, जैसे लंड पजामा फाड़ कर ही बाहर आ जाएगा.
मैंने लंड को अपने दोनों हाथों से ढक लिया. नजमा ये सब नोटिस कर रही थी.
कुछ देर बाद नजमा जाने लगी और जाते हुए उसके एक कातिल स्माइल दी.
हाय … मैं तो वहीं ढेर हो गया.
उसके जाते ही मैंने बाथरूम में जा कर उसके नाम की मुठ मारी, तब जाकर मुझे शांति मिली. पर मेरी आंखों के सामने तो उसके 34 की चूचियां और 36 की गांड ही घूम रही थी.
दोस्तो, इससे पहले तो नजमा के लिए मेरे मन में ऐसा कुछ नहीं था, आखिर वो मेरे दोस्त की गर्लफ्रेंड थी, पर अब तो मेरा उसे चोदने का मन कर रहा था. मैं उसे चोदने को तड़पा जा रहा था, पर डर भी था कि रमेश को पता चलेगा, तो वो क्या कहेगा.
मैं सेक्सी चुदक्कड़ नजमा को चोदने का प्लान बनाने लगा. कोई पांच छह दिन बाद एक दिन नजमा का कॉल आया. उसने बताया कि वो कुछ ही देर में मेरे घर आ रही है. उस दिन में घर पर अकेला था. शायद नजमा ये पहले से ही जानती थी. मैं आज उसे चोदने के सपने देखने लगा.
मैंने उसे चोदने का प्लान बना लिया. प्लान के अनुसार मैंने दरवाजा खुला छोड़ दिया और बाथरूम में चला गया. थोड़ी देर बाद नजमा आ गई, दरवाजा खुला होने से वो सीधे ही अन्दर आ गई.
उसने मुझे आवाज दी- राज कहां हो तुम?
मैं तो कब से उसका इंतजार कर रहा था. मैंने बाथरूम से ही आवाज दी- ओह नजमा … तुम बैठो, मैं अभी आया.
एक मिनट बाद मैं बाथरूम से एक तौलिया लपेट कर बाहर आ गया. मैंने जैसे ही बाथरूम का गेट खोला, नजमा सामने ही खड़ी थी.
मैं तो उसे देखता ही रह गया. अब क्या बताऊं … वो काले कलर के टॉप में सेक्स की मल्लिका लग रही थी, जिसमें से उसके चुचे साफ दिख रहे थे. उसने ब्रा नहीं पहनी थी. ऐसा लग रहा था कि वो पहले से ही चुदाई की तैयारी के साथ आई है. उसे देखकर मेरा लंड सलामी देने लगा. मैं बता दूं कि मैंने उस टाइम चड्डी नहीं पहनी थी. उसने मेरे खड़े लंड को देख लिया.
वो मेरे पास आकर सेक्सी तरीके से अनजान बनते हुए बोली- राज तुम्हारा तौलिया इतना ऊपर कैसे हो रहा है … देखूँ तो क्या है इसके पीछे!
ऐसा कह कर उसने तौलिया खींच दिया. मेरा 7 इंच का लंड पूरे जोश में उसके सामने खड़ा था. मेरे लंड को देखते ही उसके मुँह से सिसकारी निकल गई- इस … स…स … आह राज … इतना मोटा लंड कहां छुपा रखा था?
ऐसा बोलती हुई वो नीचे बैठ गई और लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी. मेरा तो जैसे सपना पूरा हो रहा था. धीरे धीरे उसने मेरे लंड को चाटना शुरू कर दिया. और कुछ ही पलों में उसने मेरे पूरे लंड को गले में उतार लिया और रंडी की तरह मेरा लौड़ा चूसने लगी.
आह कितना मजा आ रहा था. मैंने भी उसके बाल पकड़ कर उसके मुँह को करीब दस मिनट तक चोदा. फिर मैंने उसे उठा कर बिस्तर पर पटक दिया और उस पर टूट पड़ा. उसके रसीले होंठों को चूसने लगा और साथ ही उसके टाइट मम्मों को मसलने लगा.
नजमा मेरा पूरा साथ दे रही थी ‘आह ओह … निचोड़ दो मेरे बूब्स को … आह … आ स स … आ..’
मैंने जोश में आकर उसके टॉप को फाड़ दिया. उसके मोटे चूचे उछल कऱ मेरे सामने आ गए थे. मैं तो जैसे पागल ही हो गया था और जोर जोर से उसके मम्मों को चूस रहा था.
नजमा काफी गर्म हो गई थी और कामुक सिसकारियां ले रही थी- ईश सआ स … स … खा जाओ मेरे बूब्स को … आंह निचोड़ कर चूस लो … अह … आआह … चूसो और जोर से चूसो आई लव यू राज.
मैं भी मदहोशी में बक रहा था- हां रंडी तुझे आज पूरा खा जाऊंगा साली … तूने बहुत तड़पाया है..
नजमा- हां राज … मैं तुम्हारी रंडी हूँ … आह … अम्म..
कुछ मिनट उसके मम्मों को चूसने के बाद मैंने उसे पूरा नंगा कर दिया और उसके पांवों को चौड़ा करके उसकी चूत को चाटने लगा. जैसे ही मैंने उसकी चूत पर जीभ लगाई, वो तड़प उठी और गांड उठा उठा कर चूत चटवाने लगी.
उसकी चूत से पानी की धारा लगातार बह रही थी … क्या मस्त पानी था उसका … एकदम नमकीन … आह मजा आ रहा था चूत चाटने में.
नजमा तो चुत चटाई से पागल हो रही थी. उसने अपने दोनों हाथों से मेरे सर को चूत पर दबा दिया और गांड उठा उठा कर बक रही थी- आंह मादरचोद चाट इस रंडी की चूत … आह भोसड़ी के चाट जोर से चाट … मिटा दे इसका गुरुर … आज आह … चाट रंडीबाज!
थोड़ी देर बाद उसका शरीर अकड़ने लगा और वो झड़ गई. मैंने उसका सारा पानी चाट लिया. चुत को चाट चाट कर मैंने पूरी साफ कर दी … साथ में एक उंगली उसकी चूत में डाल कर हिलाने लगा.
कुछ ही पलों में वो फिर गर्म हो गई और सिसकने लगी- सी … आ … आ … आह … अब मत तड़पा कुत्ते … चोद दे मुझे … फाड़ दे इस रंडी की चूत को माँ के लौड़े … आह … अब नहीं सहा जाता … प्लीज फाड़ दे भोसड़ा बना दे रे … आह.
“तेरे जैसी गरम लड़की को तड़पा के चोदने का मजा ही कुछ और है रंडी कुतिया … फाडूंगा तेरी चूत को … पहले इस लंड को कौन चूसेगा रंडी!”
“मैं चूसूंगी तेरी रंडी … हां मैं राज की रंडी हूँ … 24 घंटे तेरा लंड चूसूंगी … पर अभी मुझे चोद दे … मैं मर जाउंगी.”
वो मेरा लंड ग़पागप मुँह में लेने लगी उसके इस रंडीपन को देखकर मैं जल्दी ही उसके मुँह में झड़ गया. वो रंडी मेरा सारा पानी मलाई की तरह चाट गई, जैसे कहीं बरसों की वीर्य की प्यासी हो. उसने चूस चूस कर मेरे लंड को फिर खड़ा कर दिया और पैर चौड़े करके गिड़गिड़ाने लगी.
नजमा- मादरचोद रंडीबाज … अब तो चोद दे अपनी इस रंडी कुतिया को.
मैंने देखा कि लोहा गर्म से भी ज्यादा गर्म है … अब इसे चोदने का मजा आएगा. मैं- हां रंडी … अब तेरी चुत फाड़ता हूँ.
मैं उसकी चूत पर लंड को घिसने लगा.
वो तड़पने लगी- साले कुत्ते डाल ना तेरा लंड फाड़ दे रे..
ऐसा सुन कर मुझे गुस्सा आ गया. मैंने एक ही झटके में पूरा लंड चूत में डाल दिया.
वो चिल्लाने लगी- मादरचोद फाड़ दिया रे … कुत्ते मैं यहीं हूँ … कहीं भाग नहीं रही हूँ. धीरे नहीं पेल सकता था.
मैं- साली रंडी कबसे बोल रही थी कि चुत फ़ाड़ दे … ले रंडी कुतिया ले … मेरा मूसल ले.
‘हां मैं तेरी रंडी हूँ कुतिया हूँ … जब चाहे तब लंड डाल कर चोद लेना मुझे … आह … चोद..’
कुछ ही पलों में चुदाई का मजा आना शुरू हो गया. वो मुझे अपने दूध पिलाते हुए लंड ले रही थी. उसकी चूचियों की नोकें इतनी शानदार थीं कि मेरे लंड में आग लगी जा रही थी.
कुछ देर मेरे नीचे चुदने के बाद वो मेरे ऊपर चढ़ गई और अपने मम्मों को हिलाते हुए मेरे लंड पर कूदने लगी. मैं उसके उछलते मम्मों को दबोच कर नीचे से गांड उठा कर उसकी चुत को अन्दर तक पेला. मेरे लंड की हर ठोकर पर उसकी मदमस्त कराह निकले जा रही थी. उसकी आंखें बेहद नशीली हो गई थीं और वो चुत को लंड से कुछ यूं रगड़ रही थी, जैसे खीरा को कद्दूकस कर रही हो.
वो गांड उठा उठा कर चुदवा रही थी. मैंने उसे अलग अलग तरीके से चोदा. करीब 40 मिनट तक मैं उसे चोदता रहा. इस दौरान वो चार बार झड़ चुकी थी.
कुछ देर बाद मैं भी झड़ने वाला था. मैंने उससे पूछा- रस कहां निकालूं?
वो- मेरी चूत में ही डाल दे … मैं आज तेरे पानी को महसूस करना चाहती हूँ.
मैंने तेज धक्कों के साथ सारा माल उसकी चूत में निकाल दिया और वो भी साथ ही फिर झड़ गई. हम दोनों निढाल होकर पड़े रहे.
थोड़ी देर बाद नजमा उठी और बोली- आज तक मुझे इतना मजा कभी नहीं आया … तेरे लंड में तो बहुत ताकत है. अब तो मैं रोज तुझसे ही चुदूँगी.
हम दोनों साथ में नहाए. उस टाइम भी मैंने उसे फिर से चोदा और एक बार गांड भी मारी.
अब रमेश के लंड को वो भूल गई. उसे मेरा लंड पसंद आ गया था.
तो दोस्तो, मेरी सेक्स कहानी कैसी लगी … मुझे मेल करें. मैं जल्द ही आपके सामने मेरी अगली चुदाई की कहानी लेकर आऊंगा.
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