नेटवर्क ने मारी मेरी गांड में पिचकारी
दोस्तो, आप सबको जैसन का प्यार भरा नमस्कार.. आपके प्यार और चाहत का सबूत मुझे आपके बहुत सारे ईमेल ने बता दिया है।
मैं उन सबकी मेल का बहुत शुक्रगुज़ार हूँ और उन सबकी ईमेल में यही लिखा रहता था कि मैं अपनी नई कहानी कब लिख रहा हूँ।
तभी न जाने क्यूँ कुछ लिखने को मन किया कि अपने मन के दरवाजे को खटखटा लूँ अपने अपनों की चाहत को दिल से लगा लूँ।
ना ग़ालिब ना कबीर को याद करूँ..
बस अपने लफ़्ज़ों से दिलों को जोड़ता रहूँ..
मेरे दोस्तो.. ये कहानी मेरे साथ 6 महीने पहले हुआ था, जो एक अचानक होने वाला वाकिया था और बड़ा ही आनन्दित करने वाला अनुभव बन कर मेरी यादों में बस गया।
मैं अपने स्नातक के दूसरे वर्ष में हूँ। मैं एक दो कमरे वाले फ्लैट में अकेला रहता हूँ और उसी के साथ मैंने ब्रॉडबैंड कनेक्शन भी ले रखा है।
एक दिन मेरे नेट कनेक्शन में कुछ दिक्कत हुई, उस दिन बार-बार नेट कट रहा था।
मैंने शिकायत दर्ज करा दी.. तो अगले दिन उनका एजेंट कनेक्शन चैक करने आया।
मैं तब वासना की अग्नि में बहुत ज्यादा बेचैन हुआ पड़ा था.. और जैसा भी रुक-रुक कर इन्टरनेट चल रहा था.. उसी से एक ‘गे’ पोर्न देख रहा था।
तभी एकदम से दरवाजे की घन्टी बजी और मैंने जल्दी-जल्दी सारी साईटें बंद की, पर शायद गलती से कुछ इमेजिज को हटाना भूल गया।
उस समय जल्दीबाजी में जो हाथ लगा वो पहना और उसी चक्कर में मैंने अपनी एक टाइट बॉक्सर शॉर्ट्स पहन लिया, जिसमें मैं कमाल का सेक्सी लगता हूँ।
साथ में ऊपर बिना बाँह की टी-शर्ट डाल ली।
जब दरवाज़ा खोला तो एक सवा छह फुट का लम्बा लड़का.. जो कम से कम 27-28 साल का होगा, मेरे सामने खड़ा था।
उसने मुझसे कहा- हैलो.. मैं कनेक्शन चैक करने आया हूँ।
मैंने उससे कहा- अन्दर आइए..
मैं जैसे ही मुड़ा.. मुझे ऐसा लगा जैसे वो मेरी गोल-गोल गांड को नजरों से टटोल रहा है।
फिर मुझे लगा ये शायद मेरा वहम है।
उसने मॉडेम चैक किया और मुझसे लैपटॉप देने को बोला।
मैंने उसे दिया और उतने में ही उसने मुझसे पीने के लिए पानी माँगा।
मैं गया और पानी लेकर वापस आया।
जैसे ही मैंने उसे पानी दिया, उसने मेरी तरफ देखा और हाथ से गिलास लिया। मैंने महसूस किया कि उसने कुछ अजीब तरीके से मेरे हाथ से गिलास लिया.. जैसे कुछ इशारा कर रहा हो।
पर मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया और मैं वैसे ही खड़े होकर उसके काम को देखने लगा।
तभी उससे मुझे कहा- बैठ जाओ ना..
मैं वहीं बैठ गया.. अब वो थोड़ा फ्री होकर मुझसे बात करने लगा। मैं भी जो वो पूछता, उसका जवाब देने लगा।
तभी एकदम से उसने मेरी जांघ पर हाथ रखा.. तो में थोड़ा डर सा गया और मैंने उसका हाथ हटा दिया।
लेकिन उसने बड़ी तेजी से एकदम से नीचे से मेरे शॉर्ट्स के अन्दर हाथ डाल दिया।
मैं एकदम से उठ गया और उस पर चिल्लाने लगा ‘यह क्या हरकत है?’
वो बोला- मेरी जान.. मैंने तुम्हारी सारी हरकतें तुम्हारे लैपटॉप पर देख ली हैं।
उसकी इस बात से मैं शर्म से पानी-पानी हो गया और उससे थोड़ा दूर होकर पीछे जाने लगा।
मैं जैसे ही सिंक के पास जाकर मुड़ा तो एकदम से उसने मुझे पीछे से पकड़ लिया.. और दीवानों की तरह मेरी गर्दन को चूमने लगा, काटने लगा।
मैं भी उसकी इस हरकत से पागल होने लगा.. मानो मैं जैसे ज़मीन पर बस खड़ा ही हूँ और हवा मुझे ऊपर उड़ा ले जा रही है।
तभी उसने मुझे पलटा और कहा- जान कहाँ था तू अभी तक..
यह कह कर वह अपने होंठों को मेरे होंठों पर रख कर पागलों की तरह चूमने लगा।
उसने मेरे होंठों को इतनी बुरी तरीके से चूमते हुए काटा कि मेरा खून निकल आया।
जैसे-जैसे मैं उससे छूटने की कोशिश करता.. वो उतना ही मुझे अपनी बांहों में जकड़ता जा रहा था।
अब उसके हाथ मेरी गांड की तरफ बढ़ने लगे और उसकी जुबान मेरे होंठों को चूमने के बाद मेरे निप्पलों तक पहुँच गई।
वो उन्हें चूसने और काटने लगा.. जिससे मेरी दीवानगी हर हद तोड़ने लगी।
उधर पीछे उसके हाथ मेरी शॉर्ट्स के अन्दर से गांड को दबाने लगे।
मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं दर्द में सिसकियाँ ले रहा था या चुदने की मदहोशी में आवाजें निकाल रहा था।
पर जो भी था.. मैं सब कुछ भूल कर सिर्फ उसका हो चुका था.. और वो एक भूखे शेर की तरह मुझ पर टूट पड़ा था।
एकदम से उसने मुझे पलटा और सिंक के सामने खड़ा कर दिया। वो खुद मेरे पीछे खड़ा हो गया और मेरी गांड में ज़ोर से एक थप्पड़ मारा।
इसके बाद उसने मेरी टाइट शॉर्ट्स को पूरी तरह से दो टुकड़े करते हुए फाड़ दिया और मुझे नंगा कर दिया।
बस फिर क्या था.. मेरी नंगी गांड देखकर वो कुछ पागल सा हो गया और मेरी गांड में तीन-चार थप्पड़ रसीद दिए। मैं एकदम से चिल्ला उठा.. तो उसने मेरे बालों को पकड़ कर मेरा सिर घुमाया और मुझे होंठों पर एक गहरा चुम्मा लिया और फिर मेरे होंठों को काट लिया।
वो बोला- जान, यह तेरे चिल्लाने की सजा है।
मेरे होंठों से खून निकल रहा था.. जिसे वो पूरी तरह से चाट गया।
फिर वो नीचे होकर मेरे चूतड़ों को दोनों तरफ करके अपने हाथों से दबाने लगा और मुझे काटने लगा।
फिर उसने अपने दोनों हाथों से मेरी गांड के छेद को टटोला और एकदम से अपनी जुबान को मेरी गांड के छेद में डाल दिया।
अब वो मेरी गांड के छेद को अपनी जुबान से चोदने लगा।
उसकी इस हरकत से मैं दीवाना हुए जा रहा था।
बहुत देर तक उसने मेरी गांड चाटी और फिर खड़ा हुआ। अब उसने मुझे पलटा और मुझे फिर से होंठों पर चूमा करने लगा।
इसके बाद उसने मुझे नीचे तरफ धकेल दिया और एकदम से अपनी जीन्स का बटन खोला, फिर धीरे से ज़िप खोली और उसकी अंडरवियर में उसका लंड अलग ही अंदाज में खड़ा हुआ दिख रहा था।
उसने अपनी चड्डी बिना उतारे नीचे से अपना लंड बाहर निकाल कर मेरे सामने कर दिया।
वो देखते ही मैं बस चुप हो गया।
एक लम्बा मूसल जैसा लंड मेरे सामने ताल ठोक रहा था। उसने बिना कुछ कहे ही अपने लौड़े को मेरे मुँह में दे दिया.. और मैं भी उसे मस्त लॉलीपॉप के जैसे चूसने लगा।
वो अपने पूरे लंड को मेरे गले तक उतारने लगा.. जिससे मुझे उल्टी सी आने लगी, पर उसने नहीं निकाला। काफी देर तक वो मेरे मुँह को चोदता रहा और जोर-जोर से ‘आहें..’ भरता रहा।
अब उसने मुझे खड़ा किया.. फिर से किस किया और मुझे फिर सिंक पर पलट दिया। वो खुद मेरे पीछे खड़ा हो गया। इस वक्त मैं सिर्फ एक टी-शर्ट में था। वो भी शॉर्ट थी और सिर्फ मेरी कमर तक थी। उसके नीचे से मैं पूरा नंगा था। दूसरी ओर उसकी जीन्स और अंडरवियर दोनों उसके घुटने तक थी।
वो फिर से झुका और मेरी गांड में फिर अपना मुँह ले गया और मेरी गांड चाटने लगा.. जिससे मैं और बेकाबू हो गया।
मैं मस्ती में अपनी एक अलग दुनिया में चला गया।
उसी बीच वो उठा.. उसने अपने लंड बहुत सारा थूक लगाया और मुझे बिना कुछ बोले मेरी गांड में अपना लंड पेल दिया।
अभी आधा लौड़ा ही अन्दर गया था.. और मैं उसके मोटे लौड़े के झटके से बेसुध सा हो गया।
कुछ पल बाद जब मैं होश में आया तो महसूस हुआ कि मेरी गांड में उसका दानव प्रवेश कर चुका है। मैंने चिल्लाने की कोशिश की.. पर उसने मेरा मुँह अपने हाथों से बंद कर दिया।
अब उसने एक और धक्का मारा और इस झटके से उसका पूरा लंड मेरी गाण्ड में अन्दर तक चला गया।
अब मुझे दर्द भी हो रहा था और बेहद मज़ा भी आ रहा था.. क्यूंकि मेरी गांड की प्यास बुझ रही थी।
अचानक मुझे ख्याल आया कि उसने कंडोम तो पहना ही है।
मैंने उसका हाथ हटाते हुए कहा- सुनो प्लीज़ दो मिनट रुक जाओ और कंडोम पहन लो।
पर उसने मेरी एक बात नहीं सुनी और कहने लगा- चुप कर छिनाल.. भोसड़ी वाले मैं तुझे अपना बनाना चाहता हूँ। आज तू सिर्फ मेरा है.. उसका सबूत मेरे लंड का रस तेरी गांड में निकाल कर होगा और इससे अगर तू मेरे बच्चे की माँ भी बन जाए.. तो मुझे कोई दिक्कत नहीं होगी।
वो चुदास के जोश में अनाप-शनाप बड़बड़ाता हुआ मुझे बेतहाशा चोदता रहा.. और मैं मज़े से उसका साथ देता रहा।
सच कहूँ दोस्तो.. आधे कपड़े पहने हुए मर्द से चुदने में मज़ा ही कुछ और है।
उसको चोदते हुए काफी वक्त हो गया था और वो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था। अब उसने मेरी एक टांग को सिंक के ऊपर रख दी और मुझे दबादब चोदने लगा।
उसने अपनी स्पीड उसी पोजीशन में तेज़ कर दी और कुछ और धक्कों में मेरे अन्दर ही झड़ गया.. और उतने में ही मैं भी अपना लौड़ा हिलाता हुआ झड़ गया।
कुछ पलों तक हम वैसे ही खड़े रहे और उसका रस मेरे गांड से बाहर निकल कर मेरी टांगों पर आ गया। इतना सार रस कि क्या बताऊँ..
अब मुझसे खड़ा हुआ नहीं जा रहा था.. तभी उसने मुझे गोद में उठा लिया.. और बाथरूम में ले गया। उधर हम दोनों पूरे नंगे हो गए। उसने मुझे बच्चों की तरह नहलाया और प्यार से किस किया।
वो बोलता रहा- सॉरी जान तुझे इतना दर्द दिया.. मुझे तू इतना पसंद है.. सिर्फ इसलिए ऐसा किया आई एम सॉरी जान।
सच में मेरी आंखें भर आईं.. बस फिर हम बाहर आए।
उसने कपड़े पहने और जाने लगा।
उसने दरवाज़ा खोला और मुड़ा तो मैं उसे ही देख रहा था.. तभी उसे अचानक क्या हुआ.. उसने दरवाज़ा बंद किया और मुझे किस करने लगा।
कुछ देर किस करने के बाद उसने मुझे फिर नीचे धकेला और अपनी जीन्स खोल कर अपना लंड फिर से मेरे मुँह में दे दिया.. और फिर से मेरा मुँह चोदने लगा।
कुछ देर बाद वो मेरे मुँह में ही झड़ गया और लंड बाहर ही नहीं निकाला, जिससे मुझे उसका पूरा रस पीना पड़ा।
फिर लंड बाहर निकाला और मुझे उठा कर किस करने लगा और थोड़ा रस उसके मुँह में भी चला गया। इसके बाद वो चला गया और उसके बाद कई बार वो कनेक्शन सही करने बहाने आता रहा और हम बहुत कुछ और सही करते और खुश रहने लगे।
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