नौकरानी के पति से तन की आग बुझाई
एक दिन मेरी नौकरानी रोती हुई आई, मैंने पूछा तो कहने लगी- क्या बताऊँ बीबी जी, मेरा पति बहुत जालिम है, मैं इतना काम करके थक जाती हूँ पर मेरा पति रात को मेरी जरूर लेता है, कितना भी मना करूँ, मानता नहीं, एक तो वो मेरे मुकाबले में इतना हट्टा कट्टा है कि मेरा बदन टूट जाता है, इतनी हालत खराब हो जाती है कि अगले दिन काम करने का मन ही नहीं करता है।
उसकी बातें सुनकर मेरा मन मचल उठा, एक तो जब से मेरे पति को शुगर हुई थी, मेरे तन की आग बुझी नहीं थी! पहले भी वो मेरी कामाग्नि को शांत नहीं कर पाते थे, जब इसके पति के बारे में सुना तो तन बदन में हलचल सी मच गई, एक तो हट्टा कट्टा और हालत खराब करने वाला! मैं तो यही चाहती थी कि कोई मेरी इस तरह ले कि मेरी हालत खराब कर दे।
मुझे एक आइडिया आया, मैंने नौकरानी से कहा- कल अपने पति को मेरे पास भेज देना, मैं उसे समझाऊँगी पर उसे भेजना 11 बजे के बाद, और तुम भी कल काम पर मत आना! नहीं तो उसे लगेगा तुमने उसकी शिकायत की है मुझसे!
11 बजे मैं घर पे अकेली होती हूँ, मेरी उम्र 35 साल की है, शादी को लगभग 11 साल हो गए थे, मेरा एक 9 साल का बेटा भी है, आप मेरी फीगर के बारे में जानना चाहेंगे तो बता देती हूँ कि मेरी ब्रा का साईज है 36″ और मेरी पेंटी का 34″
मेरी नौकरानी ने कहा- अच्छा बीबी जी, कल मैं उसे भेज दूँगी, आप बहुत अच्छी हैं।
इतना कह कर वो अपना काम ख़त्म कर के चली गई। उस रात मुझे सारी रात नींद नहीं आई, उसके पति के सपने लेती रही।
मेरा बेटा 7 बजे स्कूल चला जाता है, 10 बजे करीब मेरे पति घर से चले गए, मैं घर में अकेली थी और 11 बजने का इन्तजार कर रही थी। मैंने पारदर्शी नाईटी पहन रखी थी जिसके अंदर मेरी गुलाबी रंग की ब्रा साफ़ दिख रही थी।
ठीक 11 बजे दरवाजे की घण्टी बजी, मैंने अंदर से ही कहा- आ जाओ, दरवाज़ा खुला है!
वो जैसे ही अंदर आया मेरा दिल जोर से धड़क उठा, वाकई बहुत हट्टा कट्टा था था, चौड़ा सीना!
मैंने उससे कहा- दरवाज़ा अंदर से बंद कर दो!
उसने वैसे ही किया, वो अंदर आ गया।
मैं अपने कमरे में बिस्तर पर लेटी थी, मैंने कहा- कमरे में आ जाओ!
मैंने नाईटी को टांगों से थोड़ा ऊपर उठाया हुआ था ताकि मेरी नंगी टाँगें उसे दिखें, उसने अंदर आकर पूछा- बीबी जी, आपने बुलाया था?
मैंने कहा- हाँ, तुम अपनी पत्नी को क्यों तंग करते हो? वो बेचारी कितना काम करती है, उसे रात में चैन ले लेने दिया करो!
वो बोला- बीबी जी मैं कहाँ जाऊँ, मेरा भी तो मन करता है।
मैंने कहा- नज़र दौड़ाओ! कोई यहीं आस पास मिल जायेगी, बिल्कुल तुम्हारे सामने!
वो भी समझ गया और मेरी नंगी टांगों को घूरते हुए बोला- आस पास बिल्कुल सामने तो आप हो मेमसाब!
मैंने कहा- तो फिर आओ ना मेरे राजा, जब समझ ही गए हो तो देर किस बात की!
बस फिर क्या था, वो मेरे ऊपर कूद पड़ा- ओह मेमसाब मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि इतना मक्खन माल चोदने को मिलेगा!
उसने मेरी नाईटी को ऊपर सरका दिया, मैं उसके सामने सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी, वो अपना हाथ सारे बदन पर फेरता हुआ मेरी ब्रा तक ले आया। पहले ब्रा के ऊपर से मेरी चूचियों को सहलाया और फिर झटके से मेरी ब्रा खोल दी। मेरे चूचे उसके सामने नंगे थे, जिनसे वो खेलने लगा, बारी बारी से उन्हें चूस चूस कर लाल कर दिया। मेर उभारों के दाने पूरी तरह से तन चुके थे और योनि भी गीली हो गई थी। कोई 15 मिनट तक वो मेरे उभारों के साथ खेलता रहा, चूसते हुए काट भी देता, मैं दर्द से ऊऊउईईई कर देती थी। मैं पूरी तरह से गर्म हो गई थी और झड़ने वाली थी।
तभी उसने मेरे मम्मों को छोड़ दिया और खुद नंगा होने लगा! उसका हथियार देख कर मैं सहम गई, सचमुच बहुत मोटा और लम्बा था!
उसने कहा- मेमसाब, मुंह में लोगी इसे?
मैंने कहा- नहीं मेरे राजा फिर किसी दिन! आज तो इसे वहीं डाल दो जो बहुत दिनों से तड़प रही है!
उसने कहा- अच्छा मेमसाब!
और जैसे ही उसने अपना लिंग मेरी योनि में डाला, मैं एक चीख के साथ झड़ गई- आआअह्ह्ह ह्ह्हऽऽ!
उससे जोर से लिपट गई और उसको बेतहाशा चूमने लगी। उसके झटके अभी भी मेरी जान ले रहे थे, उसका लिंग जोर जोर से योनि के अंदर बहर जा रहा था।
कुछ देर बाद मैं फिर गर्म होने लगी। अब वो नीचे लेट गया और मुझे ऊपर आने को कहा। वैसे भी उसका हट्टा कट्टा बदन मेरे बदन को तोड़ गया था, पर मुझे मजा बहुत आया था वाकई उसने मेरी हालत खराब कर दी थी वो नीचे से मेरी ले रहा था और मैं दर्द के मारे आआआह्ह ऊऊओह्ह्ह ओह मेरे राजा बस, बोलती जा रही थी।
मैं दोबारा झड़ गई पर वो मर्द थमने का नाम ही नहीं ले रहा था! उसने फिर मेरी घोड़ी बना के ली, मैं अब तीसरी बार झड़ने वाली थी! मैंने उससे कहा- ओह्ह्ह मेरे राजा अपनी बीवी की जगह मेरी ले लिया करो! रोज़ इस वक़्त आ जाया करो!
उसने फिर मुझे नीचे लिटा दिया और बोला- बीबी जी, आप रात को मुझे थोड़े ना दे सकती हो!
और उसने फिर से अपना लिंग मेरी योनि में घुसेड़ दिया और जोर जोर से मेरी लेने लगा।
यह मेरा तीसरी बार था और मैं पागल हो चुकी थी! मैं उससे जोर से लिपट गई और कहने लगी- मुझे कहीं भगा के ले चलो, फिर दिन रात मुझे चोदते रहना!
अब तक उसने भी सारा वीर्य मेरी योनि में उड़ेल दिया। मेरी योनि ने उसके गर्म वीर्य का अहसास किया!
कुछ दिनों तक वो ऐसे ही रोज़ दिन को 11 बजे आके मुझे चोदता रहा। इस दौरान उसने अपना लिंग भी मुझसे चुसवाया।
फिर मैंने अपने पति से उसकी सिफारिश करके उसे रात को अपने यहाँ चौकीदार रखवा लिया।
अब जब भी मेरे पति सो जाते थे, मैं उसके कमरे में चली जाती थी और उससे जी भर के चुदवाती थी।
पर एक रात मेरे पति जाग गए और मुझे ढूँढते हुए चौकीदार के कमरे में आ गए। चौकीदार ने मेरी टाँगे फैलाई हुई थी और मुझे बेतहाशा चोद रहा था। मैंने अपने पति को देखा और एकदम झटके से चौकीदार को हटा दिया और उनके सामने चादर ले के मुजरिम की तरह खड़ी हो गई।
इससे पहले कि मैं कुछ बोलती मेरे पति ने कहा- रूचि, कोई बात नहीं, तुम अपने को दोषी मत समझो! मैं तुम्हारी मजबूरी समझ सकता हूँ!
फिर बोले- इसे अपने घर में ही ले आओ, यहाँ अच्छा लगता है क्या!
मैंने कहा- मुझे माफ़ कर दो!
वो बोले- कोई बात नहीं!
फिर चौकीदार से बोले- वहीं आ जाओ, जो कुछ करना है मेरे सामने करना!
वो मुझे कपड़े पहनवा कर वहाँ से ले आये, पीछे पीछे वो भी आ गया।
कमरे में आकर वो बोले- चलो, अपने कपड़े उतार लो!
मैंने कहा- नहीं राज़, मुझे माफ़ कर दो! अब ऐसा नहीं होगा!
मैं उनके सामने कैसे किसी और से करवा सकती थी, फिर पति चौकीदार को बोले- जाओ इसके कपड़े उतार दो!
उसको कहाँ शर्म थी, वो झट से मेरे कपड़े उतारने लगा। मैंने मना भी किया पर उसने मुझे उनके सामने नंगी कर दिया।
पूरी बातचीत रुचि के मुख से ही सुन कर मजा लीजिये.
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