नौकरी में मस्ती-3

नौकरी में मस्ती-3

प्रेषक : विक्रम शर्मा

फिर घोड़ी बना कर उसके मम्मे दबाते हुए उसकी चूत में मैंने अपना सारा माल निकाल दिया और उसके ऊपर लेट गया। हम दोनों की ऐसी हालत हो गई थी कि हमारा हिलने का भी मन नहीं कर रहा था।

फिर हम दोनों पास में लेटे-लेटे कब सो गये, पता भी नहीं चला।

अब तक आपने पढ़ा कि कसिए सोनाली और मैंने रात को प्यार किया। अब आगे :

सुबह जब मैं और सोनाली उठे, हमारा बदन दर्द कर रहा था, हम दोनों बिल्कुल नंगे पड़े थे।

मैं उठा, सोचा नहा लूँ !

बाथरूम गया, शॉवर के नीचे जाकर खड़ा हो गया, शॉवर चालू किया और पानी की मस्त मस्त बूँदों का एहसास लेने लगा।

तभी सोनाली भी मेरे पीछे पीछे बाथरूम में आ गई, मुझसे लिपट गई, बोली- मुझे आज तक कभी ऐसा मज़ा नहीं आया, जैसा तुम्हारे साथ आया ! तुम इतने प्यार से करते हो कि मन ही काबू में नहीं रहता !

और वो मेरे नंगे जिस्म से लिपट गई। वो भी नंगी थी। वो मेरा लण्ड पकड़ने लगी, मेरा लण्ड फिर खड़ा हो गया तो मैंने उसके चूतड़ पकड़ कर उसे बाहों में ले लिया और उसके होंठ चूसने लगा। वो मेरे लण्ड को अपने हाथों से हिलाने लगी। मैं उसके होंठों को चूसता हुआ उसके मम्मों से खेलने लगा। तभी उसने साबुन उठाया अपने मम्मों पर रख लिया और अपने मम्मों से मेरी छाती रगड़ने लगी।

हम लोग बॉडीबाथ लेने लगे, उसने अपने मम्मों से मेरे मुंह पर साबुन लगया, मैंने अपने मुँह के झाग उसकी चूत पर साबुन लगाया, अपने लण्ड से उसकी गाण्ड में !

मेरा मूड बन चुका था, मेरा लण्ड खड़ा हो गया था, मैं नीचे बैठा और उसकी चूत चाटने लगा, उसकी चूत के ऊपर गिरते पानी को भी पीने लगा।

वो भी पागल होने लगी, लेट गई और मेरा लण्ड चूसने लगी। मैंने अपनी उंगली से उसकी चूत खोली, उसकी चूत में अपनी जीभ डाल दी, चाटने लगा। ज़ब वो झड़ चुकी तो मैंने उसका बदने तौलिये से पौंछा, गोदी में उठा कर उसे बिस्तर पर लाया उसके होंठ चूसते हुए फिर उसे घोड़ी बनाया उसकी कमर पर अपनी छाती रख कर दोनों हाथों से उसके मम्मे पकड़े, उसकी चूत में लण्ड डाला तो उसकी चीख निकल गई।

मैंने उसके कान जीभ से चाटते हुए उसे चोदा, फिर वो मुझे लित कर मेरे ऊपर बैठ गई, मेरा लण्ड अपनी चूत में लेकर धक्के मारने लगी। मैं उसके मम्मे दबा रहा था। स्वर्ग का सा मज़ा आ रहा था। तभी हम दोनों झड़ गए, कुछ देर वहीं लेटे रहे।

दिन के 12 बज चुके थे, भूख लगी, वो उठी, फ्रिज़ खोला उसमें से जूस निकाला, पीने लगी।

मैंने कहा- अकेले अकेले पियोगी?

वो बोली- तुम भी पी लो !

उसने जूस मेरे हाथ में दे दिया तो मैं बोला- ऐसे नहीं पीना !

“तो कैसे पीना है?”

मैंने कहा- अपने मुँह में लेकर अपने होंठों से मुझे पिलाओ !

वो बोली- तुम भी ना ! निकिता आ गई होगी दिल्ली, हमें ऑफिस जाना है, वरना वो यहाँ घर आ जायेगी।

मैंने कहा- तुम्हें छोड़ने का मन नहीं है, तुम्हें जूस नहीं पिलाना तो मत पिलाओ ! मैं जा रहा हूँ लेटने !

वो बोली- बुरा मान गए?

मैंने बोला- नहीं !

उसने कुछ जूस मुँह में लिया और अपने होंठ मेरे होंठों पर लगा दिए, मैं उसके होंठों से जूस पीने लगा।

फिर मैं बोला- भूख लगी है।

बोली- क्या खाओगे?

मैंने कहा- कुछ भी !

वो बोली- चोकलेट केक है फ़्रिज़ में, खाओगे?

मैंने कहा- हाँ !

उसने केक निकाला और उसकी क्रीम उंगली पर लेकर अपनी चूत पर लगा ली और बोली- लो खा लो !

मैं उसकी चूत पर से केक खाने लगा। उसने अपने मम्मों पर लगाया फिर बोली- ये भी खाओ !

मैं उसके मम्मों से केक खाने लगा।

वो बोली- सारा खुद ही खाओगे क्या?

मैंने बोला- तुम भी खा लो !

उसने केक उठाया मेरे लण्ड के ऊपर मसल दिया, मुझे लेटा दिया और चाटने लगी। मेरी हालत खराब होने लगी। उसने चाट-चाट कर मेरे लण्ड का माल निकाल दिया। वो उसे भी चाटने लगी, बोली- मज़ा आ गया !

तभी पीछे से आवाज़ आई- बहुत बढ़िया !

हमने पीछे देखा तो निकिता खड़ी थी, बोली- कभी मेरी चूत चाटते हुए तो नहीं बोला ‘बढ़िया’ और तुझे कब से लण्ड पसंद आने लगे? तू तो कहती थी मुझे लड़कियाँ ही पसंद हैं।

तभी मुझे पता लगा कि सोनाली को लड़कियां ही पसंद थी वो उनसे ही सेक्स करती थी और सोनाली और निकिता आपस में भी करती थी।

तभी सोनाली बोली- यह औरों जैसा नहीं है, बहुत अलग है, सेक्स तो इसकी रग-रग में भरा है, इसमें लड़कियों से भी ज्यादा सेक्स और जान है ! अभी तक मुझे चार बार चोद चुका है, मेरी जान निकाल चुका है, इसका लण्ड भी देख, हमारे नकली लण्ड से बड़ा है, देख इसका लण्ड पूरा 8″ लम्बा 3.5″ मोटा है हमारा नकली लण्ड तो बस 2.5″ मोटा है, इसका देख !

तभी निकिता बोली- तुम दोनों को देख देख कर मेरी चूत में पहले से ही खुजली हो रही है, मुझे और मत तड़पा बोल बोल कर !

तभी मैं बोला- आ जाओ, मैं तुम्हारी चूत की खुजली चाट कर शांत कर देता हूँ।

उसने वहीं अपनी मिनी स्कर्ट में से अपनी पैंटी उतारी, मेरे मुंह के सामने आकर खड़ी हो गई। मैं बैठा था तो उसकी चूत चाटने लगा, उसकी चूत चिपचिपी हो रही थी। शायद वो पहले ही झड़ी हुई थी। सोनाली उसके कपड़े उतारने लगी, मैं अपनी जीभ से उसकी चूत साफ करने लगा।

तभी उसने मेरे मुंह पर शू-शू कर दिया, मैंने उसकी चूत चाट कर साफ कर दी।

वो बोली- मुझे नहाना है।

अब हम तीनो नंगे थे, एक साथ बाथरूम में गए। सोनाली नहाते हुए निकिता की चूत चाटने लगी, मैं निकिता के होंठ और जीभ चूसता हुआ उसके मम्मे दबाने लगा।

वो मेरे लण्ड से खेलने लगी, फिर नहाने के बाद हम तीनों बेड पर आये, निकिता ने सोनाली की चूत चाटी, मैंने निकिता की चूत में अपने लण्ड डाला।

वो चीख पड़ी- लण्ड है या डण्डा? मार डालोगे क्या? आराम से डालो ! पूरी चूत फाड़ दी !

सोनाली उठी और निकिता के मम्मे चूसने लगी, मैं सोनाली के मम्मे दबाने लगा।

हमने पूरा दिन और रात लण्ड-चूत का खेल खेला।

अब आगे की कहनी अगले भाग में कि कैसे मैं कॉलबॉय बन गया।

आपको कहानी कैसी लगी जरूर बताएँ।

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