पड़ोसन की चूत की आग
सबसे पहले आप सभी प्रेम के रसिकों को मेरा प्रणाम। मैं अन्तर्वासना का बहुत ही पुराना पाठक (सन 2004 से अब तक लगातार) हूँ.. इसमें बहुत ही अच्छी और सच्ची कहानियाँ होती हैं।
दोस्तो, यह मेरी पहली कहानी है.. जो बिल्कुल सत्य है। मैं जिला फिरोज़पुर पंजाब का रहने वाला हूँ। अब मेरी शादी हो चुकी है.. यह बात तब की है.. जब मैं कुँवारा था.. मैं अपनी बहन के पास लुधियाना में रहता था और वहीं काम करता था।
वहाँ घर के सामने एक बहुत ही सेक्सी पड़ोसन रहती थी.. जिसका नाम नीरू था। वो दो बच्चों की माँ थी.. जो अपने पति और बच्चों के साथ रहती थी।
जब भी कभी मैं सामने आ जाता.. तो मुझे देख कर मुस्कुराती थी। मैंने कभी ध्यान नहीं दिया.. मैं अपना काम करता रहता था।
मैं केबल टीवी का काम करता था। एक बार उनकी केबल बंद हो गई.. तो उसने मुझसे अपनी केबल लगाने को बोला.. तो मैं लगाने चला गया। उस समय उसके घर पर कोई नहीं था.. वो अकेली थी।
केबल लगा कर मैं फ्री हुआ ही था कि वो मुझसे बात करने लगी.. मेरे बारे में पूछने लगी।
कुछ देर उससे इधर-उधर की बातें होती रहीं।
फिर मैंने उससे पूछा- आप मुझे क्यों देखती रहती हैं।
तो वो मुस्कुरा कर बोली- क्यों.. देखना कोई गुनाह तो नहीं है..
मैं उसकी अदा से खुश हो गया। मैं भी उसको पटाने में लग गया।
मैंने कहा- आप भी मुझे बहुत सुंदर लगती हो.. पर मैंने कभी डर की वजह से आपसे इस बारे में कुछ भी कह नहीं पाया.. मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूँ।
मैं अभी अपनी गोटियाँ फिट करने में लगा ही था.. कि इतने में खाना खाने उसका पति आ गया।
तो मैं मन मसोस कर चला आया.. पर जाते मैं अपना मोबाइल नम्बर उसको दे आया।
फिर मेरी उससे रोज़ बात होने लगी।
एक रात एक बजे उसका फोन आया कि वो घर पर अकेली है।
मैं बोला- फिर तो मैं आ जाता हूँ।
वो डरने लगी- कोई देख लेगा..
‘कोई नहीं देखेगा..’
मैं उसके घर चला ही गया। मैंने सोचा जो डर गया.. वो मर गया!
जब मैं उसके घर गया.. तो वो मेरा इंतज़ार कर रही थी। मैं घर के अन्दर घुस गया उसने दरवाजे बन्द किए और वो मुझसे लिपट गई।
मैं उसको चूमने लगा.. तो बोली- मुझे तुमसे बहुत सारी बात करनी है।
मैं बोला- बात बाद में कर लेंगे.. पहले मेरे पास बैठ..
वो बात करने लगी.. मैं उसको चूमने लगा और धीरे-धीरे हाथ फिराने लगा।
अब वो थोड़ा गर्म होने लगी। मैंने एक-एक करके उसके कपड़े उतार दिए।
आप तो जानते ही हो.. पंजाबी औरत का बदन कितना मस्त होता है.. मैं उसको देख कर होश ही भूल बैठा।
मैंने उसके 36 इंच के मम्मे चूसने लगा और एक हाथ को उसकी चूत पर फेरने लगा।
वो भी मेरे कपड़े उतारने लगी। मैं नीचे उसकी चूत की तरफ आ गया।
क्या मस्त फुद्दी थी उसकी.. एकदम साफ़.. चिकनी और मुलायम..
मैंने ज़िंदगी में पहली बार ऐसी चूत देखी थी। उसकी फुद्दी देख कर मेरा 7 इंच का लण्ड तनतना गया।
मैं उसकी फुद्दी चूसने और चाटने लगा। वो मेरा सर अपनी फुद्दी पर दबाने लगी, उसकी सिसकारियाँ निकलने लगीं।
मैं उसकी चूत का रस चाटने लगा और अपनी जीभ उसकी गांड में फिराने लगा।
वो बेकाबू होने लगी.. मेरा लण्ड पकड़ कर अपने ऊपर खींचने लगी।
मैंने अपना लण्ड उसके होंठों की तरफ कर दिया.. तो वो बड़े आराम से उसको चूसने लगी।
हम लोग 69 की स्थिति में आ गए।
अब वो मेरा लण्ड पूरी मस्ती से चूस रही थी और मैं उसकी फुद्दी को चचोर रहा था।
पांच मिनट तक चूसने के बाद वो मुझे चोदने को कहने लगी।
मैं अभी उसकी चुदाई करना नहीं चाहता था.. क्योंकि मेरा जल्दी निकलता नहीं 20-25 मिनट आराम से लग जाते हैं।
उसके बार-बार कहने पर.. मैंने उसकी टाँगें उठा कर अपने कंधे पर रख ली और अपना लण्ड उसकी चूत पर रख दिया..
वो नीचे से धक्का देने लगी.. पर उसका पानी निकलने की वजह चूत फिसलनी हो गई थी और लौड़ा छेद से फिसल जा रहा था।
फिर मैंने अपना सुपाड़ा उसकी फुद्दी के ऊपर रख कर ज़ोर से धक्का मारा.. तो उसकी चीख निकल गई.. आँखों से पानी निकल गया..
उसको बहुत दर्द हो रहा था.. मैं उसके चूचे चूसने लगा.. तो कुछ देर बाद उसकी चूत का दर्द ठीक हो गया।
फिर उसने मेरे लौड़े से मस्ती से चुदते हुए मुझे बताया- मेरे पति का सिर्फ़ चार इंच का है.. और उसका काम भी जल्दी हो जाता है.. उसके कारण मैं प्यासी रह जाती हूँ। इसलिए मैं तुमसे चुदवाना चाहती थी..
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मेरा लण्ड उसके पति से लंबा और मोटा है.. ये सुन कर मैं और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा। मेरा लण्ड उसकी गर्भाशय में जाकर ठोकर मारने लगा.. तो वो डिसचार्ज हो गई.. पर मेरा अभी काम नहीं हुआ था।
मैं धकापेल चोदने लगा.. तो उसको दर्द होने लगा.. वो मुझसे लौड़ा बाहर निकालने के लिए मुझसे मिन्नतें करने लगी।
मैं उससे पीछे डलवाने को बोला.. तो बोली- मैंने कभी पीछे नहीं किया है..
फिर उसने मेरा लण्ड मुँह में ले कर चूस कर मेरा माल निकाला और मुझे डिसचार्ज किया।
उस रात मैंने सवेरे तक 4 बार चुदाई की.. फिर घर आ कर सो गया।
दोस्तो, यह मेरी पहली सच्ची कहानी है.. मैं मानता हूँ कि इसमें ग़लतियां भी बहुत होंगी.. पर मेरी आपसे विनती है कि मेरी पहली ग़लती समझ कर माफ़ कर दें और मेरी कहानी कैसी लगी.. मुझे जरूर बताइएगा।
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