पहली बार मौसी के साथ सेक्स

पहली बार मौसी के साथ सेक्स

आपने अब तक की मेरी मौसी की चुदाई की कहानी के पिछले भाग
तलाकशुदा मौसी की चूत कैसे मिली-1
में पढ़ा था कि मेरी मौसी मेरे साथ डांस कर रही थीं और उनका मादक बदन मेरे जिस्म से रगड़ रहा था. मौसी के साथ सेक्स करने के विचार से मेरे लंड में तनाव आने लगा था.

अब आगे:

मौसी ने मेरे लंड का तनाव महसूस कर लिया था. उन्होंने कहा- आज के लिए बस.
मैं उनकी तरफ देखते हुए पूछने लगा- मैंने कैसा डांस किया?
मौसी- तूने अच्छा किया, काफी जल्दी सीख जाएगा.

मैं मुस्कुरा दिया.

मौसी- कल से कॉस्ट्यूम में करेंगे.
मैं- कॉस्ट्यूम?
मौसी- हां. और अपनी पार्टनर को भी ले कर आना.
मैं- मौसी मुझसे कपड़ों का जुगाड़ नहीं हो पाएगा. आप ही कुछ करो न!
मौसी- सारे काम मैं ही करूंगी, तो तू क्या करेगा?
मैं- आपका साथ दूंगा न मौसी.
मौसी- उफ्फ ओह … ठीक है, कल देखते हैं.

मैं उन्हें देखने लगा.

मौसी- पहले हम रेंडम कॉस्ट्यूम पर प्रेक्टिस करेंगे … फिर प्रॉपर कॉस्ट्यूम में … ओके!
मैं- ओके मौसी.

फिर वहां से निकल कर मैं अपने बाथरूम में गया. उधर मैंने अपना लोअर निकाल कर देखा, तो लौड़े ने पैंट में उत्पात मचा रखा था. मेरा मौसी का हॉट डांस देख प्रीकम निकल गया था. मैंने लंड की मुठ मारकर खुद को शांत किया.

अगले दिन फिर डांस सीखने मैं मौसी के कमरे में गया. म्यूजिक नहीं बजा … एक गाने का कोरस बजा.

‘फैशन का है ये जलवा..’

सांग प्ले करके आते हुए मौसी ने अपनी लैदर जैकेट निकाल फैंकी और स्टाइल से कमर लचकाते हुए मेरे पास आ गईं.

आगे के स्टेप्स मेरे थे, मुझे उन्हें कमर से पकड़ कर घूमना था. स्पोर्ट्स ब्रा और शॉर्ट्स में उनका सेक्सी बदन मेरे बदन से टच होता, तो मैं मन्त्रमुग्ध होने लगता.

डांस में एक स्टेप ऐसा आया. मौसी मेरे बदन से लगभग चिपकी हुई थीं. उनके बालों से आती खुशबू मन्त्र-मुग्ध करने वाली थी. मैंने मौके का फायदा उठाया और अपनी नाक मौसी की गर्दन के पास ले जाकर उनके बदन की खुशबू ली. उनकी परफ्यूम की खुशबू नशीली थी.

मैंने उनके पेट पर दबाव बढ़ाया, मौसी मेरे जिस्म से चिपक गईं. उन्हें सूंघते हुए मैंने उनकी कनपटी को चूम लिया. मैंने दूसरा चुम्बन उनकी गर्दन पर जड़ दिया.

अब मौसी डांस करना बंद कर चुकी थीं. नीचे मेरे हाथ उनके पेट के कोमल त्वचा को महसूस कर रह थे. उनके पेट की स्किन को उमेठता हुआ मैं उनकी गर्दन और कंधे पर चुम्बन कर रहा था.

इस पर मौसी ने कुछ असहज महसूस किया. वो मुझसे छूटने की कोशिश करने लगीं … लेकिन वो मेरी मजबूत पकड़ से निकल नहीं पा रही थी.

इस पर वो झल्ला कर बोलीं- विशाल क्या कर रहा है, छोड़ मुझे!
मैं- मौसी आप बहुत हॉट हो.
मौसी- चुपकर … क्या बोले जा रहा है, पागल हो गया है क्या?
मैं- हां आपके हॉट लुक ने मुझे पागल कर दिया है मौसी.

मैं लगातार अपने काम में लगा हुआ था. मैं बेतहाशा उनके गर्दन कंधे कनपटी पर चूमे जा रहा था. वो लगातार मुझसे छूटने के लिए विरोध कर रही थीं. और मैं मौसी के साथ सेक्स करने को बेताब था.

लेकिन इस खेल में एक बात बड़े मजेदार हो रही थी. जब भी मैं उन्हें चुम्बन करता … उनके मुख से सिसकारियां निकल जातीं. लेकिन दूसरे ही पल खुद को सम्भालतीं और मुझे छूटने के विरोध करना शुरू कर देतीं.

मैंने मौसी के कानों के लव को मुँह में भर के चाटते हुए कहा- मैं जानता हूँ मौसी आप चुदाई के लिए कितनी तड़प रही हैं … मैंने आपकी गीली पैंटी देखी है. मुझे भी तो वही चाहिए.

ये बात सुन कर उनका विरोध कुछ देर के लिए बंद हुआ. उस समय का मैंने लाभ लिया और अपने हाथ उनके उरोजों पर ले आया. मैंने उनके उरोजों पर हाथ फेरा और उन्हें धीरे धीरे दबाने लगा.

अब मौसी आंखें बंद करके जोर जोर से आहें भर रही थीं.

मैंने मौसी की गर्दन पर चुम्बन जारी रखे. मुझे स्पोर्ट्स ब्रा के नीचे मौसी के कड़क निपल्स ऐसे महसूस हो रहे थे. जैसे किसी वासना से गरम महिला के हों. मौसी के मुख से निकलती आहें कामुक थीं.

अब स्थिति ये थी कि विरोध तो मौसी नहीं कर रही थीं … लेकिन साथ भी नहीं दे रही थीं. हालांकि उनके चेहरे से साफ था कि उन्हें मजा आ रहा था.

मैंने मौसी की स्पोर्ट्स ब्रा ऊपर कर दी और उनके नंगे चुचों पर हाथ फेरा.

इससे मौसी ‘आहहहह उम्मम..’ करके मचल गईं. मैंने उनके निप्पलों पर हाथ फेरा, उनके बड़े बड़े चुचूकों को दोनों हाथों से दबाने लगा. मेरा कड़क लौड़ा उनके गांड में घुसा जा रहा था.

मौसी ने इस स्थिति में मुझे उन्हें छोड़ने को कहा लेकिन वो लगातार कामोन्माद में कामुक आवाजें भी निकाल रही थीं- अहहह ऊमम्म हहह विशाल ह्म्म्म अहह प्लीज छोड़ दे … अहहह हम्म इसस.
मैंने मौसी का एक दूध मसलता हुआ बोला- हां.

ये कह कर मैंने झटके से मौसी की ब्रा निकाल दी. उन्होंने भी निर्विरोध हाथ खड़े कर दिए. मैंने कमर पकड़ कर उन्हें अपनी तरफ खींचा और खुद से चिपका लिया. मैं उनके होंठों को चूमने लगा. लेकिन उनकी तरफ से पूर्ण सहमति नहीं थी.

हुआ कुछ यूं; मैंने उनके होंठों पर होंठ रख दिए. मौसी ने मुझसे पहले ही मेरे होंठों को अपने होंठों तले दबा लिए और चूसने लगीं. लेकिन दूसरे ही पल वो मुझसे अलग हो गईं.

मौसी फिर से वही राग अलापने लगीं- आह विशाल ये ठीक नहीं है … मुझे छोड़ दो.

लेकिन उनकी गर्म सांसों से जाहिर था कि मौसी लंड के लिए उत्तेजित थीं. उनकी इस प्रतिक्रिया पर मुझे हंसी आ गयी.

मैं मौसी के होंठों छोड़ कर नीचे की तरफ बढ़ गया. उनके गले के भाग पर चुम्बन करने लगा. इसी बीच मैंने अपनी टी-शर्ट निकाल फैंकी और उन्हें अपने नंगे बदन से चिपका लिया. उनकी सांसें ऐसे अटक गयीं, जैसे उन्हें करंट लग गया हो. उनका विरोध एकदम से बंद हो गया.

मैं उन्हें चूमने चाटने लगा. उनके होंठों को चूसने लगा. मौसी गर्म हो चुकी थीं, ये बात मैं महसूस कर सकता था. वे अपने नाखूनों को मेरी पीठ में गड़ा रही थीं.

मैं उन्हें कंधों पर चूमते हुए उनकी लैंगिंग्स के ऊपर से ही उनके बड़े चूतड़ों को दबा रहा था. उनके मस्त चूतड़ों को देख कर मुझे मस्ती छाई हुई थी. मैंने हाथों से मौसी की गांड को पकड़ा और उनकी पतली लैंगिंग्स फाड़ डाली. मौसी ने सिर्फ आह भरी और वे मेरे गले से लटक गईं.

मैंने उन्हें अपनी बांहों में उठाया और पास की टेबल पर लिटा दिया. मैं उनके पैरों के बीच आ गया और उनकी फटी हुई लैगी को निकाल फैंकी.

मौसी बिल्कुल नंगी सिर्फ पिंक कलर की पैंटी में मेरे सामने पड़ी थीं. उनके चेहरे और आंखों में हवस साफ नजर आ रही थी.

मैंने मौसी की चूत का मुआयना किया.
उनकी पैंटी गीली हो चुकी थी. ये देख कर मैं मुस्कुरा दिया. मौसी के साथ सेक्स के लिए पूरी तरह से आतुर था मैं!

मैंने अपनी नाक को मौसी की चूत पर रखा और उनकी चूत की खुशबू ली. क्या मादक खुशबू थी … बिल्कुल दीदी की चूत की तरह.

मैंने मौसी की पैंटी निकाल फैंकी और उन्हें चूमते हुए अलग हो गया.

अब मैंने अपना लोअर भी निकाल फैंका. मेरा फुंफकारता लंड मौसी की आंखों के सामने था.
मैंने देखा तो वो बड़े ध्यान से मेरे लंड की तरफ ही देख रही थीं. मुझे अपनी तरफ देख कर मौसी ने नजरें फेर लीं.

मैंने देर न करते हुए मौसी की चूत की फांकों में लंड फंसाया और जब तक मौसी संभलतीं, मैंने एक ही झटके में अपने लंड को उनकी चूत में पेल दिया.

एकदम से लंड घुसा तो वो चिल्ला उठीं.
मैं रुक गया और पास में पड़ी उनकी ब्रा उठा कर उनके मुँह में ठूंस दी. फिर मौसी के गले को दबाए धक्के लगाना शुरू कर दिया.

मौसी की आंखों में आंसू थे … शायद उन्हें पहले झटके में दर्द हुआ था.

मैंने कुछ धक्के लगाने के बाद उनकी कमर पकड़ ली और पूरा लंड उनकी चूत में पेलने लगा. मैं पूरे जोश में धक्के लगा रहा था. मौसी बस गूँ गूँ की आवाज कर रही थीं.

इधर मौसी की हॉट चुदाई चल रही थी, उधर बैकग्राउंड में हॉट सांग रिपीट पर रिपीट चल रहा था.

फिलहाल एक बात सोचने वाली थी. मौसी के दोनों हाथ ऐसे खुले थे, जैसे फुल मस्ती ले रही हों. वे चाहतीं तो अपने मुँह में फंसी स्पोर्ट्स ब्रा निकाल सकती थीं … लेकिन उन्होंने ये करने की कोशिश तक नहीं की.

रोने व्यथित होने का नाटक तो वो कर रही थीं … पर उनकी आंखों में आंसू नहीं थे. बस एक मचलती हुई हवस थी.

फिर वो अपना हाथ चूत की तरफ ले जाने लगीं, तो मैंने उनका हाथ पकड़ कर अपने मुँह के पास लाया और उनकी उंगलियां चूसने लगा.

ये देख कर वो आश्चर्य में थीं. मैं मौसी की चूत में लंड के लगातार धक्के लगाए जा रहा था. वो भी पूरे जोश में आ गई थीं … लेकिन वो किसी अनुभवी की तरह मेरे लंड से मजे ले रही थीं.

उन्हें आश्चर्य से देखते हुए मैं धक्के लगाना रोका और झुक गया. मैं उनके गले से चूमते हुए चुचियों के ऊपर के आया. फिर चुचियों के नग्न भाग को चूमते हुए मैंने उनके हाथ को उठा कर उनकी कांख चाट ली. उनकी आर्मपिट्स की खुशबू बिल्कुल दीदी की तरह ही थी. इतनी समानता कैसे हो सकती है … ये सोच कर मैं हैरान था.

मैंने मौसी की एक चूची को मुँह में भर लिया और दूसरी को दबा के पहली को चूसते हुए धक्के लगाना जारी रखा. मौसी की टांगें भी हवा में उठ गई थीं, जिससे मैं अब अपना पूरा लंड चूत में अन्दर तक पेलने लगा था. उनकी चुचियों को मसलता और चूसता हुआ मैं मौसी की चुदाई में लगा था.

कुछ ही समय में मैं हद से ज्यादा उत्तेजित हो गया था … मैं ज्यादा देर तक टिक नहीं पाया और स्खलित हो गया.

फिर भी मैंने 20 मिनट तक जमकर मौसी की चुदाई की.

झड़ने के बाद मैं उन्हें चूमने चाटने लगा. मैंने उनके कानों में थैंक्यू बोला, लेकिन ‘गलती हो गई..’ ये मैंने मौसी से नहीं बोला.

मैं बोला- थैंक्यू मौसी … यू आर सो हॉट.
लंड को झाड़ने से पहले मैंने उनकी चूत से बाहर निकाल लिया था. मेरा सारा माल मौसी के पेट पर पसर गया था. जो एकत्रित होकर उनकी नाभि पर आ रहा था.

मैं उनसे अलग हुआ और मोबाइल उठा कर ऐसे कामुक पोज में मैंने उनकी एक फोटो ले ली.

‘थैंक्यू वन्स अगेन..’ बोल कर कमरे से बाहर चला गया.

जो कुछ भी हुआ था. इस स्थिति में दो चीजें हो सकती थीं. या तो मौसी जाकर मम्मी को ये सब बता देतीं, जो हमारे बीच हुआ था … या फिर वो दोबारा मुझसे चुदने की इच्छा जाहिर करें.

हालांकि पहले विकल्प के चांसेस 5% ही थे. क्योंकि जो कुछ भी हुआ … उससे लग ही नहीं रहा था कि मैं मौसी के साथ कोई जबरदस्ती की हो. उनके साथ चुदाई में ऐसा लग रहा था कि यह एक प्लान किया हुआ सेक्स हुआ हो. क्योंकि मौसी भी इसका भरपूर मजा ले रही थीं.

मेरा एक्सपेरिएंस भी यही कहता है, जिस लड़की से सेक्स किया जाता है, वो खुद ही दोबारा चुदने की इच्छा जताती है. लेकिन मानव स्वभाव के अनुसार हम नकारात्मक विचार को ज्यादा तूल देते हैं. इसीलिए ये सोच सोच कर मेरी गांड फटी जा रही थी कि कहीं मौसी मम्मी से जाकर सब कुछ न बता दें.

सुबह से शाम होने को आई थी. दिन भर मैं अपने कमरे में ही था. मुझे मौसी को फेस करने की हिम्मत नहीं थी.

शाम के सात बजे होंगे. मैंने मौसी को घर आते हुए देखा … तो मेरी चिंता और भी बढ़ती जा रही थी. मैं खाना खाने भी नहीं गया … इसी तरह सो गया.

करीब रात के 12 बजे होंगे मेरे कमरे के दरवाजे पर किसी की दस्तक हुई … जैसे मेरे तो टट्टे हाथ में आ गए. मैंने उठ कर दरवाजे खोले. सामने मौसी को देख मैं और डर गया.

मैंने हड़बड़ा कर पूछा- कक.. क्या हुआ मौसी?

उन्होंने सफेद रंग की फुल स्लीव का अनारकली सूट पहन रखा था. घर में अकसर वो सलवार कमीज में ही रहती थीं.

वो आगे बढ़ते हुए कमरे के बीच आकर खड़ी हो गईं. मैं उनके पीछे था. मैंने पीछे से गला साफ करते हुए कहा- मौसी, जो कुछ भी सुबह हुआ … मैं आवेग में कर गया. उसके लिए मैं माफी चाहता हूँ.

मौसी मेरी बातों से एकदम अनजान मेरे कमरे को निहार रही थीं. उनके कुछ ना बोलने पर, मैं और भी डर गया.
मैं- मौसी सॉरी.

मौसी मेरी तरफ घूम गईं. उनकी नजरों में अजीब सी कशिश थी और वो मुझे रंडियों की तरह देख रही थीं. चूंकि मैं इस नजर से वाकिफ हूँ. दीदी की आंखों में मैंने कई बार ये चाहत देखी है.

वो मेरी तरफ देखते हुए बोलीं- ऐसा क्या कर दिया रे तूने?
मैं उन्हें ऐसा बोलता देख थोड़ा कन्फ्यूज था. मैंने सोचा था कि मौसी मुझ पर गुस्सा होंगी.

मौसी ने मेरी बात को किस लिए नकार दिया था … मैं समझ ही नहीं पा रहा था. क्या मौसी को मुझसे चुदना पसंद आया था, इसलिए वो ऐसा कह रही थीं, या वो ये जाहिर कर रही थीं कि कुछ हुआ ही नहीं था. मैं जो कह रहा हूँ, वो शायद मेरा सपना था.

जो भी हो. मैं उनकी तरफ चूतियों सा अपनी आंखों को झपका रहा था.

आगे क्या हुआ … इसको मैं अगले पार्ट में लिखूंगा. मौसी के साथ सेक्स कहानी के लिए आपके मेल की प्रतीक्षा रहेगी.

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मौसी की चुदाई की कहानी जारी है.

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