पड़ोसन भाभी की चूत चुदाई और बिन ब्याहा बाप

पड़ोसन भाभी की चूत चुदाई और बिन ब्याहा बाप

आज मैं आपके सामने अपनी एक सच्ची कहानी पेश कर रहा हूँ.. जो कि मेरी पड़ोस की पंजाबन भाभी के बारे में है। मैंने उनके साथ सम्भोग किया और उन्हें गर्भवती भी किया। इसी घटना को कहानी का रूप देकर आज मैं आपसे शेयर कर रहा हूँ।

मेरे पड़ोस में एक भाभी रहती हैं.. उनका नाम है कशिश.. वो दिखने में बहुत ही मस्त हैं.. पंजाबन गोरी लम्बी और भरी-पूरी हैं, गजब की खूबसूरत हैं.. उनका कामुक फिगर तो बहुत ही मस्त है।
मम्मों की तो क्या बताऊँ यारों.. बस उनके एकदम उठे हुए मम्मों को तो देखते ही मेरा लण्ड सलामी देने लगता है।
जब उनकी शादी हुई.. तब वो बहुत छोटी 19 साल की थीं.. उसका पति 21 साल का था।

तब मैं छोटा था.. तब वो मेरे साथ थोड़ी गंदी बातें करती थीं.. मुझे बार-बार टच करती थीं.. पर उस वक्त मैंने इन बातों पर कभी ऐसे गौर नहीं किया था।
फिर धीरे-धीरे जैसे-जैसे मेरी उम्र बढ़ती गई.. मैं इस बात को समझने लगा और अब तो उनके हरेक टच पर मुझे सिहरन होने लगी थी।
मैं लगभग रोज उनके नाम की मुठ्ठ मारने लगा और मुठ्ठ मार कर उन्हें चोदने के सपने देखता हुआ सो जाता।

मैं अब 22 का हो गया था और वो भी पूरी औरत बन गई थीं। मैं रब से रोज कहता कि रब कुछ दया कर दे..
दोस्तो.. मैं भाभी के बारे में एक बात बताना ही भूल गया कि अभी तक उनको कोई बच्चा नहीं हुआ है.. क्योंकि उनका पति शराबी और कमजोर है।
मैं उनके करीब जा-जा कर उनसे बातें करता था.. ताकि मैं उनके शरीर को महसूस कर सकूँ, उनके सामने मैं गर्लफ्रेंड और हॉट अभिनेत्री की बातें करता था।

उन्हीं दिनों उन्होंने एक एंड्राइड फ़ोन लिया था.. अब तो फोन में जब भी कोई दिक्कत आती.. तो वो मुझे बुला कर उस फोन को ठीक करने के लिए कहती थीं।
मैं उनका मोबाइल ठीक करने के बहाने उनकी पिक्स भी अपने मोबाइल पर सेंड कर लेता था.. कि मुठ्ठ मारने के समय काम आएगी।

एक दिन गर्मियों के दिन में सुबह 5 बजे उठ कर छत पर गया.. तब उनके घर में कुछ काम चल रहा था।
उन्होंने अपना बाथरूम तुड़वा दिया था.. तो वो छत पर ऐसे कपड़ा लगा कर नहाने लगीं। क्योंकि मेरा घर काफ़ी उँचा तो मुझे ऊपर से साफ़ दिखाई दे रहा था। उन्होंने कपड़े खोले और नहाने लग गईं..

क्या बताऊँ.. दोस्तो.. मेरा तो मन खुश हो गया.. मेरी प्यारी हॉट भाभी के सेक्सी शरीर के दीदार हो रहे थे.. मेरा मन कर रहा था कि उनको पकड़ कर यहीं चोद दूँ..
मैं उन्हें देखने में इतना खो गया कि मैं भूल ही गया कि वो भी मुझे देख रही हैं।

उन्होंने जब कपड़े पहने.. तो मुझे देख लिया.. मैं डर गया, अब तो लगा कि वो अपने पति को बता देगी और वो मेरे पापा को खबर लग जाएगी।
मेरी पूरे दिन फटी रही.. लेकिन उस दिन कुछ नहीं हुआ।

फिर कुछ दिनों बाद व्हाट्सप्प पर एक सन्देश आया कि क्यों तुम मुझे छत पर नहाते हुए देख रहे थे.. क्या ऐसे कोई चोरी-छुपे किसी को नहाते देखते हैं क्या?
मैं- भाभी माफ़ करना.. अगर आपको बुरा लगा हो तो मैं आपसे उस हरकत के लिए शर्मिन्दा हूँ।
कशिश- बुरा तो लगा.. पर आप आगे से इस बात का ध्यान रखना.. पर यह बता दो.. कि देख क्यों रहे थे?
मैं- भाभी आप बहुत ही खुबसूरत और सेक्सी हो..
कशिश- तू मजाक करना बंद कर दे।

फिर हमारी मोबाइल से बात स्टार्ट हो गई, मैं रोज उन्हें जोक भेजता।
एक दिन मैंने एक पूरा गंदा वाला जोक भेज दिया.. पर उस पर उन्होंने कुछ नहीं कहा।

कशिश भाभी का एक दिन कॉल आया, बोलीं- मुझे तुमसे बात करनी है।
तो मैंने कहा- हाँ बोलो?
कशिश- क्या आप मुझे प्यार करते हैं?
मैं- हाँ भाभी.. आई लव यू..
कशिश- क्या आप मेरे साथ सेक्स करेंगे?
मैं- भाभी आप मज़ाक तो नहीं कर रही हो?
कशिश- नहीं.. देखो सूरज मुझे बच्चा चाहिए और तुम्हारे भैया ना ही सेक्स करते हैं और ना ही उनसे बच्चा हो सकता है.. वो तो रोज शराब के नशे में पड़े रहते हैं। क्या तुम मेरी यह ख्वाइश पूरी कर दोगे?

मैं तो कब से तैयार बैठा था.. मैंने ‘हाँ’ कह दी।
कशिश- चल.. कल जब तुझे कहूँगी घर आ जईओ..
मैं- ठीक है..

कशिश भाभी का मुझे शाम को कॉल आया कि उसकी सास और ससुर शादी पर जाने वाले हैं.. भैया दुकान पर हैं.. तू आ जा..
मैं भी फटाफट बिना देर किए भाभी के घर जा पहुँचा।
मैं अन्दर गया और उन्हें पकड़ लिया और अपने होंठों को उनके होंठ पर धर के चुम्बन करने लगा।
वो मदहोश होने लगीं.. आँखें लाल-लाल.. होंठ गुलाबी हो गए थे। उसके बाद उन्होंने मुझसे कहा- चलो.. बैडरूम में चलते हैं।

उन्होंने मुझे बैठाया और कहा- सूरज.. देखो यह सब मैं मजबूरी में कर रही हूँ और ये बात किसी को बताना मत.. नहीं तो मैं कहीं की नहीं रहूँगी..

मैं- भाभी आप चिंता मत कीजिए.. यह राज़ आपके और मेरे बीच में रहेगा।

मैंने उन्हें बिस्तर पर लेटा दिया और ज़ोर से लिप-किस करने लगा.. वो भी मेरा साथ देने लगी थीं। उनकी बेताबी इतनी अधिक थी.. जैसे वो कई जन्मों की प्यासी हों।

मैंने उनका कुर्ता उतारा और उनकी ब्रा खींच दी.. आह्ह.. मस्त कबूतरों का जोड़ा मेरे आँखों को पुरसुकून देने लगा।
फिर मैंने उनके चूचों को सहलाते हुए एक निप्पल को अपनी जीभ से स्पर्श करना आरम्भ किया।
वो वासना से पूरी गर्म जो चुकी थीं.. और कह रही थीं- सूरज चोद दो.. अब मुझे!

मैंने उनकी सलवार निकाली.. और अधीरता से उनकी पैन्टी को खींच दिया।

उनकी चिकनी चूत को अपनी जुबान से कुरेदना चालू किया ही था कि वो तड़पने लगीं.. कहने लगीं- सूरज प्लीज.. मत तड़फा.. चोद दे मुझे.. प्लीज चोद दो मुझे..
मैंने भी अपना कड़क लण्ड निकाला और उनकी चूत के छेद पर रख दिया, लौड़े को सैट करने के बाद एक करारा धक्का मारा.. तो वो उछलने लगीं और कहने लगीं- आआह.. यस्स.. और ज़ोर से यस्स.. आअह.. उफ्फ्फ्फ़..

मैंने 10 मिनट तक धकापेल चुदाई की और अपना माल चूत में ही छोड़ दिया.. वो भी निढाल हो गई थीं।
उसके बाद मैंने 2 घंटों में उन्हें 3 बार और चोदा और मैंने उनसे अपना लण्ड भी काफी चुसवाया था।

सच बता रहा हूँ.. वो क्या मस्त लौड़ा चूस रही थीं यारों.. मुझे उस वक्त ऐसा लगता था.. मानो मैं जन्नत में होऊँ। वो मेरे लौड़े को एकदम आइसक्रीम की तरह चूस रही थीं।

तभी भाभी बोलीं- क्या आप मुझे ऐसे ही प्यार करोगे?
मैं- भाभी मैं हूँ ना.. अब मैं आपको पूरा संतुष्ट करूँगा।
उन्होंने भरी आँखों से मुझे गले से लगा लिया और बोलीं- आपके भैया आने वाले हैं.. अब आप चले जाओ।
मैं वापस अपने घर चला गया।

ये सिलसिला कई महीने तक चला और एक दिन उन्होंने मुझे कहा- थैंक्स..
मैंने कहा- किस बात का?
तो वो बोलीं- मैं प्रेग्नेंट हूँ.. मैं आपके बच्चे की माँ बनने वाली हूँ..
वो उस दिन काफी खुश लग रही थीं। मैं भी पहली बार बाप बनने की खबर सुन कर अचंभित सा था।

फिर भाभी को एक लड़की हुई.. उन्होंने उसका नाम करीना रखा।

जब मैं एक दिन उनके घर गया तो उन्होंने कहा- देख देख कौन आया है.. आपके पापा जी..
वे हँसने लगी.. और मैं बिन ब्याहा बाप करीना को दुलारने लगा।

आशा करता हूँ कि आपको मेरी सच्ची कहानी अच्छी लगी होगी। आपको बहुत बहुत धन्यवाद।
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