पड़ोस के सलीम भाईजान-4

पड़ोस के सलीम भाईजान-4

कहानी का पिछला भाग: पड़ोस के सलीम भाईजान-3

सलीम ने केबल पर लगी हुई हिंदी ब्लू फिल्म चालू कर दी तो नीतू शर्मा गयी।
उसको शर्माते हुए देख कर सलीम हंसने लगा।

नीतू ने पहले कभी हिंदी ब्लू फिल्म नहीं देखी थी। नितिन भी इतना रोमान्टिक नहीं था कि उनके साथ बैठ कर पोर्न फिल्म देखे। उसकी हमेशा से ही ऐसी फ़िल्म देखने की चाहत थी और सलीम उसकी यह इच्छा भी पूरी कर रहा था।

सोचते सोचते उसे यह अहसास हुआ कि सलीम अपना हाथ कंधों पर से लाते हुए उनके दोनों स्तनों को पकड़ कर दबा रहा है। उसने सलीम की तरफ देखा; उसकी ओर देखते ही नीतू शर्मा गयी, उसके शर्माने से सलीम मचल उठा और नीतू को अपने तरफ घुमाया।
अब उसने नीतू के स्तन मसलने शुरू कर दिए; वह वो गोल गोल मम्मे दबा रहा था, उनको अपने हाथों से तोल रहा था, उसके चॉकलेटी निप्पल्स को मसल रहा था।
उसकी इन हरकतों का नीतू पे असर होने लगा, उसकी सांसें तेज होने लगी।

सलीम अब नीचे झुककर दोनों निप्पल्स को बारी बारी चूसने लगा। नीतू ने अपने शरीर को पीछे ले जाते हुए सोफे पर पीठ के बल लेट गयी, हैंड रेस्ट पर अपना सर रख कर। सलीम छोटे बच्चे की तरह उसके दोनों निप्पल्स को चूस रहा था; मगर इस बार बड़े ही प्यार से, पिछली बार की तरह वहशीपन से नहीं।

नीतू भी अपने हाथों को उसके पूरे शरीर पर घूमा रही थी। उसके सीने के बाल, उसका वो मर्दाना शरीर, कसरती आकार, उसके मसल्स, उसकी कसी गांड सब पर हाथ घुमाकर उसको प्रोत्साहित कर रही थी।
“आह… राजा… तुम को सच में पता है कि मुझे कहाँ कहाँ स्पर्श करना है। तुमसे मिलने के पहले मुझे सच में पता नहीं था कि सेक्स में इतना मजा मिलता है। मैं बहुत खुश हूं यह सब करके। सच में तुम मेरी जिंदगी का पहला प्रियतम हो!”

सलीम ने अपना मुँह निप्पल्स से हटाते हुए नीतू के होठों की तरफ ले जाते हुए उसको एक प्यार भरा किस किया; नीतू ने भी वापस उसको किस किया।
सलीम बोला- जान… जब से तुम्हें देखा है तब से मैं तुम्हें चोदना चाहता था, आज मेरी यह इच्छा पूरी होने जा रही है। तुम बेपनाह हुस्न की मल्लिका हो और तुम्हारे हुस्न की अच्छे से सेवा होनी ही चाहिए। अब मैं तुम्हारी चूत को कभी भी भूखा नहीं रखूंगा, तुम्हारे बदन की सारी भूख मैं शांत करूँगा, जब भी तुम्हें चाहिए और जब भी मुझे चाहिये!
यह कहकर उसने फिर से नीतू को एक लंबा किस किया.

उसके मुँह से अपनी तारीफ नीतू को अच्छी लगने लगी थी; सच में नीतू अब पूरी तरह सलीम से प्यार करने लगी थी।
सलीम ने ऊपर के होंठ छोड़ कर अब नीचे के खड़े होठों को अपने मुँह में लिया। नीतू के दाने को अपने होठों में पकड़कर जीभ से उसके साथ खेल रहा था। उसकी इसी हरकत से नीतू का बांध छुटा, काम रस झरने की तरह बहते हुए सलीम के मुंह के अंदर जाने लगा। वह उत्तेजना में ज़ोरों से सिसकारती हुई सोफे पे गिर गई।

शांत होने के बाद उसने सलीम की तरफ देखा और बोली- सलीम भाई, मुझे यह उधार चुकाना है!

‘नीतू को क्या चाहिए’ यह समझ में आते ही सलीम सोफे के पास उठ कर खड़ा हुआ; उसका खड़ा लंड नीतू के मुँह पर टकरा रहा था; नीतू ने भी अपने दोनों हाथों से सलीम के लंड को जड़ से पकड़ा और पिछली बार जहाँ से ख़त्म किया था वही से अपनी शिक्षा ग्रहण करनी शुरू कर दी। पिछली बार की तुलना में वह अब अधिक अच्छी तरह से लंड को चूस रही थी।
उसके मुँह का नर्म, गर्म स्पर्श पाते ही उसका लंड और फूल गया। नीतू भी उसका लंड ज्यादा से ज्यादा अंदर ले रही थी; आधे से ज्यादा लंड अपने मुह में ले कर कर चूस रही थी, उसके आकार की अब आदि हो रही थी।

थोड़ी देर की चुसाई के बाद सलीम ने नीतू को रोका और नीतू को अपने ऊपर इस तरह सोने को बोला कि नीतू की चुत बराबर उसके मुंह के सामने हो और सलीम ला लंड नीतू के मुख के सामने- जान इसे 69 पोजीशन कहते हैं, इसमें हम दोनों को मजा आएगा।

सामने शोकेस में दोनों की छवि देख कर उसको समझ में आ गया कि 69 क्यों कहते हैं। नीतू अब सलीम का लंड जितना हो उतना मुँह में लेकर चूसने लगी; वह कुछ भी कर के अपने प्रियतम को खुश करना चाहती थी। सलीम भी उतनी ही मेहनत कर रहा था। दोनों में कम्पीटीशन होने लगा था कि कौन किसको पहले खुश करता है।

सलीम ने नीतू की गोल गोल गोरी गोरी गांड हाथों में पकड़ कर फैला दी थी और चुत में जीभ डाल कर चोद रहा था।
सलीम की अनुभवी जुबान नीतू को अपने अंजाम तक पहुँचा रही थी पर सलीम झड़ने के करीब भी नहीं था। नीतू को सलीम का स्टैमिना देख कर आश्चर्य लगा, नितिन तो अब तक झड़ कर सो भी चुका होता।

सलीम ने एक उंगली नीतू की चुत में डाल कर अंदर बाहर करनी शुरू कर दी तो दूसरी उंगली से उसके गांड के छेद की मालिश करने लगा। फिर हल्के से वह उंगली उसकी गांड में डाल कर अंदर बाहर करने लगा। उसका चूसना और उंगली से चुत और गांड को चोदना नीतू के लिए बहुत था अपने मुकाम तक पहुँचाने के लिए। अपने मुख से सलीम का लंड निकालकर वह जोर से सिसकारियाँ भरने लगी। उसकी चुत का रस ज़ोरों से बहते हुए सलीम के मुंह में जा रहा था।

नीतू थक कर सलीम के शरीर पर गिर गयी, उसका मुंह सलीम की जांघों के बीच था।
सलीम ने भी चूसना रोक दिया।

शांत होने के बाद नीतू उठ कर साइड में बैठ गयी; सलीम भी उठ कर बैठ गया और नीतू की और देख कर मुस्कुराने लगा- हा हा हा… तुम हार गई!
उस पे नीतू बोली- तुम्हारी जुबान का कोई मुकाबला ही नहीं… मेरा उसके सामने टिक पाना असंभव था.
सलीम का लंड अभी तक खड़ा था।

“तुम इसको और कितनी देर खड़ा रखने वाले हो, यह बच्चों का खेल बहुत हुआ अब हमको बड़ों का खेल खेलना चाहिए.” नीतू ने बेशर्मी से बोला।
“हा हा हा रानी… मुझे अच्छा लगा तुम्हारा खुल कर बोलना। तुम तेल लेकर बैडरूम में आओ, अब मैं तुम्हें स्वर्ग की सैर करवाता हूँ.”

दोनों ही सोफे से उठे, सलीम बेडरूम की तरफ जाने लगा, नीतू ने वहीं पास में टेबल पे रखी तेल की शीशी ली, घड़ी की तरफ देखा तो 2:30 बजे थे, मतलब दूसरा राउंड भी दो घंटे तक चला था।
अब उसे यकीन था कि तीसरा राउंड सुबह तक चलेगा।
यह सोचकर ही वह हँसने लगी, वह खुद भी सोच रही थी कि उसने इतनी टाइम यह सहन कैसे किया है।

टेबल के पास खड़ी होकर वह सोच रही थी, उसी वक्त सलीम बैडरूम से बाहर देखने को आया के इतना टाइम क्यों लग रहा है। नीतू के पास जाते ही सलीम ने नीतू को अपनी तरफ घुमाया और जोर से गले लगाकर ऊपर उठाया।
नीतू ने भी अपने पैरों से उसकी कमर को पकड़ा और अपनी बांहों से उसके गले को पकड़ लिया। सलीम नीतू को उसी अवस्था में होठों पे चूमते हुए बैडरूम में ले गया, उसे धीरे से बेड पर लिटाते हुए खुद भी बेड पर चढ़ गया।

कुछ समय उसको चूमने, स्तनों से खेलने के बाद उसने नीतू को नीचे लिटाया, उसके दोनों पैर अपने हाथों से पकड़ कर फैलाते हुए उसके पैरों के बीच में आ गया। उसका लंड अब नीतू की जांघों से टकरा रहा था- चलो नीतू, अब हम दोनों जन्नत की सैर करके आते हैं.

सलीम ने एक हाथ की उंगलियों से नीतू की चुत की पंखुड़ियों को अलग किया तो दूसरे हाथ से अपने लंड का टोपा उसकी चुत में फंसा दिया। तेल की शीशी हाथ में लेकर के उसने तेल की धार अपने लंड पर छोड़ी फिर हाथ से तेल अपने काले लंड पर फैला दिया।

थोड़ा तेल नीतू की चुत पर छोड़ते हुए उसने चुत को भी चिकना बना दिया। तेल की शीशी साइड में रखते हुए उसने नीतू के पैर और फैला दिए और नीचे झुकते हुए वह नीतू के एक निप्पल को मुँह में भर कर चूसने लगा।
धीरे धीरे वह अपना लंड नीतू की चुत में दबाने लगा; तेल की वजह से चिकनी हुई चुत में धीरे धीरे लंड अंदर घुसने लगा। लंड की वजह से नीतू की चुत की दीवारें पहले कभी जितनी नहीं तनी थी उतनी तन गयी थी। नीतू को अपनी चुत तनने का अहसास हो रहा था, नितिन का लंड 5.5 इंच का जरूर था पर इतना मोटा नहीं था। उस वजह से आधा लंड अंदर जाने के बाद सलीम को कोई कुंवारी चुत जैसा ही कसाव महसूस हो रहा था, उसको हर धक्के के लिए जोर लगाना पड़ रहा था।

हर धक्के पर नीतू चिल्ला उठती, उसको होने वाले दर्द का अहसास सलीम को भी था, वह भी उतने ही दर्द में था। पर दर्द के बावजूद मिलने वाला सुख अवर्णनीय था।

नीतू ने खुद ही अपने पैर और फैला दिए ताकि सलीम को और जगह मिल जाये। सलीम ने भी अब नीतू के दोनों स्तनों को अपने हाथों में पकड़ते हुए धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिये।

उसका लंड अंदर लेने में नीतू को बहुत दर्द हो रहा था। उसकी आँखों से आंसू निकलने लगे थे, उसकी चुत तो मानो फट ही गयी थी। उसका लंड बिल्कुल मूसल की तरह लग रहा था, अभी भी आधे से थोड़ा ज्यादा अंदर घुसा था। इसके आगे की नीतू की चुत बिल्कुल कोरी थी।

सलीम ने अपने दोनों हाथों से नीतू की चुचियों को ज़ोरों से भींचा, नीचे झुकते हुए उसके होठों को अपने होठों में कैद किया और अपनी कमर का एक झटका जोर से नीतू की कमर पर मारा। नीतू की चीख सलीम के मुख में ही दब गई।
सलीम का पूरा लंड नीतू की चुत में समा गया था। नीतू को जोर से पकड़ते हुए सलीम उसके शरीर पर ही पड़ा रहा। नीतू का तो पूरा शरीर थरथराने लगा था, उसकी आँखों से आंसू की धारा बह रही थी। सलीम अब उसके पूरे चेहरे पर किस कर रहा था।

अपनी कमर को जरा भी ना हिलाते हुए उसने अपना सर नीचे किया और नीतू के निप्पल चूसने लगा। एक निप्पल को बड़े ही प्यार से चूसते समय दूसरे स्तन को दबा रहा था।

नीतू की चुत का रस अब कम हो रहा था। सलीम की कामुक हरकतों की वजह से उसका बदन फिर से तैयार हो रहा था, उसकी चुत में अब आग लग गयी थी, वह आग अब सलीम के लंड के पानी से ही बुझेगी।

सलीम की पीठ को पकड़े हुए उसके हाथ अब ढीले पड़ गए थे, वह अब उसके बालों को सहलाने लगे।
सलीम को यह इशारा काफी था, उसने मुँह ऊपर कर के नीतू से पूछा- बहुत दर्द हो रहा है क्या?
“नहीं मेरे राजा… तुम जो सुख दे रहे हो, उसके सामने यह दर्द कुछ भी नहीं है… अब मैं तुम्हें रोकूंगी नहीं… सिर्फ सुख ही दूंगी.”

“फिर शुरू करें खेल?” सलीम हँसते हुए बोला।
“किसने रोका है, तुम ही कितनी देर से बिना कुछ किये पड़े हो.” नीतू चिढ़ाते हुए बोली।

तब सलीम ने फिर से पोजीशन ली, नीतू की चुत में धंसा लंड उसने बाहर खींचा। चुत की दीवार लंड के साथ ही बाहर खिंची चली आई, यह अहसास दोनों को हुआ। इस बार सलीम ने नीतू की कमर को अपने हाथों से पकड़ा और बोला- चलो जानेमन, अब… दोनों स्वर्ग की सैर करके आते हैं।

नीतू अपने दोनों हाथों से बेड को पकड़ कर झटके के लिए तैयार हुई। सलीम ने एक ही झटके में अपना लंड पूरी गहराई में उतार दिया। नीतू उसके लिए तैयार थी, दांत होंठ भींच कर उसने वह दर्द सहन किया।
सलीम ने अब राजधानी एक्सप्रेस की स्पीड पकड़ ली, हर धक्के के साथ उसकी स्पीड बढ़ रही थी, नीतू को तो बेड भी हिलता लग रहा था, उसका लंड हर धक्के के साथ नीतू की बच्चेदानी को जा टकराता था।

नीतू चीख रही थी, सिसकारियाँ ले रही थी, चिल्ला रही थी, पर यह दर्द के साथ मिलने वाले सुख का असर था; यह उसकी जिंदगी का सबसे बढ़िया सेक्स था- आआह… मेरे रा..जा… चोद… चोदो मुझे… जोर से… और जोर से… बहुत अच्छा लग रहा है… मुझे ऐसे ही चोदते रहो… जिंदगी भर… मेरे राजा… तुम मेरे जिंदगी के पहले सच्चे मर्द हो…

नीतू की सिसकारियों की वजह से उत्तेजित होकर सलीम ने और जोर से चुदाई शुरू कर दी। शुरू से ही टॉप स्पीड में चल रही गाड़ी स्पीड कम करने का नाम ही नहीं ले रही थी। नीतू के स्तन इतनी ज़ोरों से हिल रहे थी कि देखने पर एक कि जगह दो का आभास होता था।
सलीम के चुदाई शुरू करने के बाद से नीतू दो बार झड़ गयी थी।

अब सलीम ने भी अपनी स्पीड कम कर दी और रुक गया, अपना लंड उसकी चुत में गड़ाकर उसके ऊपर ही लेट गया। वह नीतू के गर्दन पर, होठों पर, निप्पल्स को चूमता और काटता। पर नीतू को उसकी परवाह नहीं थी, उसको तो बस वही सुख चाहिए था जो सलीम के लंड से उसे मिल रहा था।

बेडरूम में बेड के पास एक बड़ा सा आईना था, सलीम ने नीतू को उठने को बोला और बेड पर डॉगी पोजीशन में होने को बोला, उसका सर आईने की तरफ रखा। फिर उसके पीछे जाकर उसने अपना लंड नीतू के चुत के दरवाजे पे लगाया। दोनों ने आईने की तरफ देखा, सामने का नजारा बिल्कुल मनोहर था। नीतू के गोले बड़े मम्मे नीचे लटक रहे थे, गांड ऊपर उभरी हुई थी। उस नाजुक परी के पीछे सांवला, बिल्कुल विद्रूप नहीं पर ठीक ठाक दिखने वाला, लंबा चौड़ा सलीम अपने घुटनों पर खड़ा था।

उस दृश्य से उत्तेजित हो उठे सलीम ने एक ही झटके में अपना लंड पूरा का पूरा नीतू की चुत में पेल दिया।
नीतू उस धक्के से बैड के नीचे गिर जाती पर सलीम ने उसकी कमर को मजबूती से पकड़ रखा था।

सलीम ने अब धक्के लगाने शुरू कर दिए, इस बार वह प्यार से धीरे धीरे धक्के लगा रहा था। फिर थोड़ी देर बाद उसने धक्के रोके, लंड को चुत से बाहर निकाला, और फिर से ज़ोर से पेल दिया। नीतू इस बात से बिल्कुल अनजान थी। इस तेज धक्के की वजह से उसकी चुत ने फिर से पानी छोड़ दिया।

लेकिन सलीम ने धक्के देने जारी रखे, उसकी बहती चुत में… थोड़ी देर बाद सलीम ने धक्के रोक दिए, नीतू को नीचे उतारकर अपनी तरफ घुमाया, फिर नीतू को उठाया। नीतू ने अपने पैरों से सलीम की कमर को भींच लिया और हाथों से गर्दन को।

सलीम ने उसी अवस्था में अपना लंड नीतू की चुत में डाल दिया और खड़े खड़े ही चोदने लगा। सलीम ने लगभग 10 मिनट नीतू को उसी पोजीशन में चोदा। नीतू तो झड़ने की गिनती ही भूल गयी थी लेकिन सलीम है कि झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था।

इसके बाद सलीम ने नीतू को दीवार से सटा कर, कुर्सी पर, टेबल पर सोफे पर ऐसी बहुत जगह पर चोदा फिर उसे बैड पे लिटाकर उसके ऊपर सवार हो गया। दोनों ही इस दमदार चुदाई से थक गए थे, सलीम फिर भी जोर लगा कर चोद रहा था।

नीतू भी अपने दोनों हाथ उसके पूरे शरीर पर घुमा रही थी, नीतू ने अपने दोनों हाथ सलीम की गांड पर रखे और जोर से अपने भीतर धकेलने लगी। उसी समय नीतू ने सलीम की छाती पर हमला कर दिया, वह सलीम के छोटे छोटे निप्पल्स को अपने होठों में पकड़ कर चूसने काटने लगी।

यह सलीम के लिए ज्यादा हो गया, जोर जोर से चिल्लाते हुए वह रात में दूसरी बार झड़ गया; लावा फटने की तरह उसका लंड अपना पानी नीतू की बच्चेदानी में छोड़ने लगा। उसका गरम लावा चुत में पड़ते ही नीतू का भी बांध छूट गया और वह भी झड़ने लगी, दोनों ने एक दूजे को जोर से भींच लिया था।

थोड़ी देर बाद उन पे वासना का असर कम हुआ। सांसें सामान्य होने के बाद दोनों फिर से किसिंग में खो गए।

सलीम नीतू को बांहों में उठाते हुए बाथरूम में ले गया। नीतू को कमोड पे बिठाते हुए अपना लंड नीतू की मुँह में डाल दिया। नीतू ने भी मूतते हुए सलीम का लंड चाट कर साफ कर दिया। फिर दोनों ने साथ में शावर लिया।

एक दूसरे को साफ करते वक्त सलीम फिर से गर्म हो गया और दोनों ने शावर में ही सेक्स का एक फ़टाफ़ट वाला दौर चलाया। बाथरूम से बाहर आने के बाद नीतू ने घड़ी देखी तो 4 बजे थे। नीतू ने मुस्कुराते हुए सोचा कि जैसे सलीम ने बोला था वैसे उसने नीतू को सुबह तक चोदा।
फिर दोनों एक दूसरे की बाहों में सो गए।

छह सात घंटे की लगातार चुदाई के बाद उनके लिए नींद बहुत जरूरी थी क्योंकि आगे के दो दिन जब तक सलमा वापस नहीं आती, तब तक उनको यही कारना था।

दूसरे दिन दोनों 9 बजे उठे। सलीम ऊपर अपने रूम में जाकर अपना मोबाइल लेकर आ गया। फिर आफिस में कॉल कर के 2 दिन की छुट्टी मांग ली। फिर वो दोनों दिन उसने नीतू के घर की हर जगह पे तीन चार बार चोदा। नीतू भी बड़े प्यार से उसे सब कुछ करने दे रही थी।

नितिन ने शादी के बाद नीतू को इतना नहीं चोदा होगा जितना सलीम ने उसको दो दिन में चोदा था। नीतू की चुत तो सूज के ब्रेड की तरह फूल गयी थी पर फिर भी दोनों की मस्ती कम नहीं हुई थी।
कहानी कैसी लगी मुझे मेल करें.
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