फ़ेसबुक पे पटा कर चंडीगढ़ में चोदा-1
दोस्तो, मैं संचित ठाकुर तलवाड़ा, होशियारपुर पंजाब से… कैसे हो आप सभी?
आपके लिए एक नई सेक्स कहानी लेकर आया हूँ। आपने मेरी पिछली चुदाई कहानियों को पढ़ा और बहुत सराहा, ढेर सारे मेल मुझे किये, तारीफ़ की मेरी कहानियों की… इसके लिए धन्यवाद।
ज़्यादा इंतज़ार करवाना और पकाना मुझे खुद को ही पसंद नहीं तो चलिए चलते है मेरी नयी आपबीती की तरफ..
यह बात थोड़े ही टाइम पहले की है, एक दिन ऐसे ही फ़ेसबुक अकाउंट में लॉगिन किया तो मेरे पास एक लड़की की फ्रेंड रिक्वेस्ट आई हुई थी जिसका उसके फ़ेसबुक अकाउंट पर नाम आरुषि (बदला हुआ) लिखा था। वो 23 साल की युवती (शादीशुदा, जो मुझे उससे आमने सामने मिलने के बाद चला था) दसुहा पंजाब की रहने वाली थी।
आरुषि से मैंने चैट शुरू की और उसका परिचय जाना। उसने मुझे बताया कि उनका परिवार दसुहा का रहने वाला है पर अभी वे चंडीगढ़ में रह रहे हैं और वो एक कॉलेज की छात्रा थी।
बात इसी तरह आगे होती रही और हम दोनों एक सप्ताह के भीतर ही अच्छे दोस्त बन गये और हमने आपस में मोबाइल नंबर्स भी एक्सचेंज कर लिए. लेकिन नंबर देने से पहले उसकी एक शर्त ये थी कि मैं कभी भी अपनी तरफ से पहले फोन कॉल या मेसेज नहीं करूँगा और ना ही कभी उससे उसकी फोटो देने को लेकर ज़िद करूँगा, हालाँकि इस से पहले मेरी फोटो मुझसे ले ली थी उसने. जब भी उसकी तरफ से कोई संकेत आए काल करने के लिए सिर्फ़ तब मैं उसे काल कर सकता था! मुझे भी इस बात से कोई आपत्ति नहीं थी इसलिए हम दोनों का ये रिश्ता धीरे धीरे आगे बढ़ने लगा.
लेकिन वो कभी भी रात को मुझसे देर तक बात नहीं करती थी.
एक दिन पूछने पर उसी ने बताया कि मम्मी उसके साथ सोती हैं, इसलिए वो रात को बात नहीं कर सकती.
ऐसे ही एक दिन रात के करीब 11 बजे व्टसऐप पर मुझे उसका मैसेज आया, हमने काफी देर तक बात की और उसने बताया कि हम कल दसुहा आ रहे हैं. चूँकि अब हम काफ़ी अच्छे दोस्त बन चुके थे तो मैंने उस से मिलने की अपनी इच्छा ज़ाहिर की थोड़ी देर ना नुकुर करने के बाद मेरी ज़िद के आगे वो मान गयी और हमारा मिलना मुकेरियाँ में तय हुआ.
बताई गई जगह और समय पर मैं पहुँच गया तो वो अब तक नहीं आई थी। इसलिए मैं उस रेस्तराँ के अंदर सामने टेबल पर बैठ कर ही मैं उसका इंतज़ार करने लगा. यहाँ से बाहर की तरफ आसानी से देखा जा सकता था.
कुछ देर प्रतीक्षा करने के बाद एक काली आल्टो कार आकर वहाँ पर रुकी, उसका दरवाजा खुला तो मैंने देखा कि उसमें से एक समुद्री हरे रंग का पाजामी वाला सूट पहने दूधिया रंग की कोई 23/24 साल की बला की खूबसूरत लड़की उतरी.
गौर से देखने पर मालूम हुया कि उसने हाथों में चूड़ा पहना हुआ था, मतलब उसकी नयी नयी शादी हुई थी.
उसको देखते ही मेरे दिल ने कहा ‘हे भगवान… काश आज ये ही मुझसे मिलने आई होती…!’
कार से उतर कर शायद वो भी किसी को ढूँढ रही थी, तभी वो वापिस कार में बैठते हुए मुझे दिखी, और तभी मेरे फोन की घंटी बजी और देखा तो आरुषि का ही काल था,
आरुषि- कहाँ हो आप संचित…??
मैं- जहाँ आपने बुलाया था.
आरुषि- लेकिन आप तो यहाँ नहीं हो, मैं भी तो वहीं हूँ.
मैं- मैं रेस्तराँ के भीतर हूँ, आप अंदर ही आ जाओ.
तभी अचानक वो कार भी आगे की तरफ निकल गयी, लेकिन ये क्या… एक मिनट के बाद अचानक ही वही कार वाली लड़की रेस्तराँ के अंदर दाखिल हुई, और मैं तो जैसे उसे देखते ही जड़वत हो गया, तभी उसने मुझे देखा और मेरे पास आकर हेलो करने के प्रयास से अपना हाथ आगे बढ़ाया, मैं तो मानो अपनी ही दुनिया में खोया था.
तभी उसकी आवाज़ आई- ओ हेलो जनाब… कभी लड़की नहीं देखी क्या?
तभी उसका हाथ पकड़ते हुए मन में सोचा कि लड़कियाँ तो बहुत देखी है पर तुम्हारे जैसी हॉट और बोल्ड आज तक नहीं देखी, तेरी फुद्दी (चूत) तो लेकर ही रहूँगा.
उसके गुलाबी होंठ जैसे चूसवाने के लिए बेताब थे, उसकी 28″ की पतली कमर और 34″ के मम्मे देखकर एक बार तो मन किया कि यहीं सबके सामने उसको किस कर दूँ, फिर किसी तरह खुद को कंट्रोल करते हुए उससे हाथ मिलाया और उसको बैठने को बोला.
इसके बाद हम बैठ गए और मैंने जल्दी से कुछ खाने को और कोल्डड्रिंक आर्डर किया।
उसके अगले ही पल मैंने पूछा- आप शादीशुदा हो, लेकिन आपने बताया नहीं?
तभी आरुषि ने कहा- सॉरी यार, मैंने ये सोच के नहीं बताया कि आप पता नहीं क्या सोचोगे मेरे बारे में…
उसकी बात काटते हुए मैंने पूछा- अब सोच सकता हूँ क्या?
उसने कातिल मुस्कान देते हुए बात को ख़त्म कर दिया और बताया कि अभी 4 महीने पहले ही उसकी शादी हुई है और शादी के 1 महीने बाद ही उसके पति यू एस चले गये और अब थोड़े समय बाद वो भी चली जाएगी. उनके जाने के बाद अकेले बोर होने से बचने के लिए फ़ेसबुक पर आई तो आपसे दोस्ती हो गयी.
फिर मैंने भी उसको पटाने के लिए तरकीब लगाते हुए कह दिया कि पता नहीं कैसे लोग इतनी सुंदर सुंदर लड़कियों को अकेला छोड़ कर चले जाते हैं.
आरुषि- अच्छा जी, बहुत बातें आती है आपको!
फिर हमने कुछ खाया पिया और उस दिन आरुषि को जल्दी के कारण और कोई ख़ास बात नहीं हो पाई. फिर शाम को व्हाट्सअप्प पर मेसेज में उसने कहा- मुझे आपसे मिल कर अच्छा लगा!
मैंने भी फौरन जवाब दिया- आप भी बहुत अच्छी और खूबसूरत हो.
फिर क्या था धीरे धीरे हमारी दोस्ती वाली बातचीत प्यार और सेक्स की चैट में बदलने लग गयी, क्यूंकि जिसको एक बार लंड का चस्का लग जाए वो फिर ज़्यादा दिन तक लंड लिए बिना नहीं रह सकती.
इस दौरान हमने एक दूसरे के नंगे फोटो भी शेयर करे।
उसका नंगा बदन देख कर मुझे तो उसको चोदने की लत सवार हो गई, उसके मम्मे देख कर तो दिल करता कि बस इन्हें अभी चूस कर निचोड़ लूं.
धीरे धीरे हम कॉल कर के सेक्स की बातें करने लगे और फिर हमने मिलने का प्लान चंडीगढ़ में बनाया।
पिछले महीने हमारी मुलाकात चंडीगढ़ में हुई, मैं भी किसी जॉब इंटरव्यू का बहाना लगा कर निकल आया और उसने भी घर पर अपनी किसी सहेली की शादी का बहाना बनाया और हम दोनों सेक्टर 17 के बस स्टैंड पर मिले, कार्यक्रम हमारा पहले से ही तय था कि दिन में घूम फिर कर मौज मस्ती और रात को पलंग तोड़ मस्ती.
पहले हमने खाना खाया और वहाँ से हमने फिल्म देखने का प्लान बनाया और फिल्म देखने चले गए।
मूवी हाल में पहुँच कर अपनी सीट्स पर बैठने के बाद मैंने उसके हाथों को ज़ोर से पकड़ लिया और दबाने लगा और थोड़ी देर बाद ही मैंने अपने होंठ उसके होठों पर रख दिए।
वो भी जोरों से मेरा साथ देने लगी, ऐसा लग रहा था जैसे कि वो महीनों की नहीं बल्कि सदियों से प्यासी हो!
होठों के साथ साथ मेरा एक हाथ उसके शर्ट के ऊपर से ही उसके मम्मों को सहला रहा था। उसकी गर्म गर्म सांसों को मैं महसूस कर रहा था, उसकी तेज चलती धड़कनें मुझे साफ़ सुनाई दे रही थी।
पूरी फिल्म के दौरान हमने एक दूसरे को जी भर कर चूमा और चूसा, और फिल्म ख़त्म होने के बाद हमने बाहर निकल कर थोड़ी शॉपिंग की और फिर आइस्क्रीम खाने के बाद पहुँचे अपने होटल के कमरे में…
होटल रूम में पहुँचते ही हम दोनों ने समान रखा और आरुषि बाथरूम में फ्रेश होने के लिए चली गयी, मैं भी जीन्स और टी शर्ट उतार कर ऐसे ही बेड पर लेट गया.
थोड़ी देर बाद आरुषि जब बाथरूम से निकली तो उसने काले रंग की कैपरी ओर सफेद खुले गले वाली टी शर्ट पहने थी,
आरुषि को देख कर मेरे लंड महाराज ने भी कच्छे में हरकत की जिसे आरुषि ने देख लिया था और वो कातिल मुस्कान देते हुए मेरे तरफ़ बढ़ी.
मैंने उसका हाथ पकड़ कर उसे अपने ऊपर गिरा लिया और उसके चेहरे से बालों को हटाते हुए उसकी आँखों में देखते हुए कहा- आरुषि वाक़यी में तुम बहुत खूबसूरत हो!
और फिर कब हमारे होंठ आपस में जुड़ गये कोई पता नहीं चला. आरुषि को अपनी बांहों में भरते हुए दोनों हाथों से उसके नर्म नर्म चूतड़ों को दबाने लगा.
इसके बाद मैंने आरुषि की गर्दन पर चुम्बन करते हुए उसकी टीशर्ट को उतारना चाहा और आरुषि ने अपनी दोनों बांहें ऊपर करके मुझे टॉप उतारने में सहयोग दिया।
उसके नीचे उसने डोरी वाली ब्रा पहन रखी थी जिसमें आरुषि के मम्मे बाहर आने को बेताब लग रहे थे और बहुत ही हॉट और सेक्सी लग रही थी।
जब मैंने उसकी ब्रा की डोरी को खोला तो उसके मम्मे आजाद हो गए और मैंने पलटी लेते हुए आरुषि को अपने नीचे ले लिया, कभी मैं उसके गुलाबी होठों को चूसता, कभी कंधों पर काटता, कभी गर्दन पर और कभी मम्मों को मुँह में भर लेता. फिर धीरे धीरे मैं उसके नाभि की तरफ बढ़ा और उसकी गहरी नाभि में अपनी जीभ फिरा कर चूमने लगा, जिससे वो और भी उत्तेजित होकर मेरे सिर पर अपने हाथ फिराने लगी.
फिर मैंने आरुषि की कैपरी को उतारा तो अंदर मैंने देखा कि उसने काले रंग की ब्रा जैसी डोरी वाली पैंटी पहनी हुई थी जो सामने से गीली हो रही थी मतलब उसकी चूर कामुकता से पानी छोड़ रही थी. इसके बाद मैंने उसकी पेंटी को निकाल कर उसे पूरी नंगी कर दिया।
आरुषि की पूरी नंगी चूत मेरे सामने थी, वो बिल्कुल साफ थी, उस पर झांट के बालों का नामोनिशान नहीं था, कसम से कहता हूँ दोस्तो… आज तक मैं बहुत सी लड़कियों, भाभी को चोद चुका हूँ लेकिन आरुषि को भगवान ने सच में बहुत ही फ़ुर्सत से बनाया था, बहुत ही खूबसूरत…
फिर मैंने उसकी चूत पर अपनी जीभ से चाटना शुरू किया तो वो आनन्द के वशीभूत होकर मेरे बाल नोचने लगी। मैं कभी उसकी चूत के दाने को अपने दांतों से पकड़ लेता तो उसकी चीख निकला जाती. कभी मैं उसकी चूत के छेद में अपनी जीभ घुसा देता. आरुषि की चूत टाइट लग रही थी, वो ज्यादा नहीं चुदी थी. मैंने उसकी चूत में अपनी एक उंगली घुसा कर देखी तो वो कसी कसी जा रही थी.
लगातार आनन्द से भरी सिसकारियाँ लेते हुए थोड़ी देर में ही आरुषि ने अचानक मेरा सिर अपनी टाँगों में जकड़ लिया और कमर उठा कर एक तेज सिसकारी के साथ अपना यौवन रस मेरे मुंह पर छोड़ दिया जिसका स्वाद बहुत ही बढ़िया था, जिसे मैंने पूरा चाट कर साफ कर दिया.
मेरे दोस्तो, मेरी चुदाई की कहानी अगले भाग में जारी रहेगी. कैसे लग रही है आपको ये सेक्स स्टोरी, आप मुझे निम्न इमेल आईडी पर मेल करके अपनी राय दे सकते हैं.
आपका संचित ठाकुर
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कहानी का अगला भाग: फ़ेसबुक पे पटा कर चंडीगढ़ में चोदा-2
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