बायोलॉजी टीचर ने स्टूडेंट से सेक्स किया
दोस्तो मैं अमन शर्मा, मेरा कद साढ़े पांच फुट का है. मेरी उम्र 20 साल है. मैं गुजरात का रहने वाला हूँ.
यह कहानी उस वक़्त की है, जब मैं कक्षा 12 का स्टूडेंट था, हालांकि मेरे कक्षा 10 में बहुत अच्छे नंबर आए थे, तो घरवालों ने मेरा एडमिशन साइंस में करा दिया और मुझे भी इस बात से कोई ऐतराज नहीं था.
पहला सेमेस्टर जल्द ही खत्म हो गया और मुझे हर सबजेक्ट में बढ़िया मार्क्स मिले थे, सिवाय बायोलॉजी, जिसके वजह से मेरे रिजल्ट बिगड़ गया था.. क्योंकि मुझे बायोलॉजी में बहुत ही कम मार्क्स मिले थे, जिसकी वजह से मेरे ओवरआल परसेंटेज ज्यादा नहीं आए थे. ये जानकर मेरी जो बायोलॉजी टीचर थी, उसने मुझे स्टाफ रूम में बुलाया. मैं उसके केबिन में उसकी आज्ञा लेकर अन्दर गया. उधर बाकी सब टीचर्स भी अपना लंच कर रहे थे.
मीनल मैडम चेयर पे बैठी थी, ओह्ह सॉरी मैंने आपको उसका नाम नहीं बताया. उसका नाम मीनल था, वो हमारी बायोलॉजी टीचर के साथ ही वो ही हमारी क्लास टीचर भी थी. वो कद में थोड़ी छोटी थी, पर उसकी गांड की तो क्या बात करूँ दोस्तो. बड़ी ही मस्त फुदकती मटकती हुई गांड थी. पूरा स्कूल उनकी गांड पे जान देता था.
उसकी उम्र होगी कई 30-32 के आसपास और उसका एक 5 साल का बेटा भी था.
मैं मैडम के फ़ेवरिट स्टूडेंट में से एक था. क्योंकि मैडम जानती थी कि मैं होशियार स्टूडेंट हूँ.
वैसे भी स्कूल में मैडम का हर छोटा मोटा काम वो मुझे ही देती थी. मैं कई बार कुछ ना कुछ काम की वजह से उसके केबिन में चला जाता और वो हमेशा चेयर पर झुक कर बैठकर मुझे काम बताती थी. जिससे मुझे उसके मम्मों की झलक दिख जाती थी. इसी के साथ जब भी मुझे मेरे सबजेक्ट का कुछ प्रॉब्लम होता था, तो मैं उसके केबिन में चला जाता था. वो झुक कर समझाती, तो में ठीक उसकी चेयर की साइड में खड़ा रहकर उनके बड़े बड़े चुचे देखता रहता. चूंकि उस वक्त वो बैठी होती और मैं खड़ा होता था, इसलिए ऊपर से मुझे बहुत अच्छी तरह से उसके चुचे दिखाई दे जाते थे.
आज भी परिस्थित कुछ ऐसी ही थी. वो मुझे सामने देख कर समझा रही थी और मैं उसकी चुचियों को घूर रहा था. आज उसने ब्राउन कलर की ब्रा पहनी थी और उसके दो दो किलो के चुचे उसमें से साफ दिखाई दे रहे थे. उसी वक्त मेरे पेण्ट में तंबू बन गया था.
मैं उसे काफी देर से घूर रहा था, शायद उसको इस बात का पता चल गया था. इसलिए मैंने तुरंत अपना ध्यान हटाया और उसकी हां में हां करने लगा.
मीनल मैडम- फिजिक्स और केमिस्ट्री में तो तुम्हारे बहुत अच्छे मार्क्स हैं.. फिर बायोलॉजी में इतने कम क्यों आते हैं. मैं अच्छा नहीं पढ़ाती क्या?
मैं- नहीं मैडम, ऐसी कोई बात नहीं है, मैं पहले से ही बायोलॉजी में थोड़ा वीक हूँ.
मीनल मैडम- तो ऐसे कैसे चलेगा, तुम्हें अब अगले सेमेस्टर में अच्छे नंबर लाने हैं, तुम एक काम करो एक्स्ट्रा कोचिंग के लिए रोज शाम को मेरे घर पर आओ.
मैं- जी ओके मैडम.. मैं पापा से पूछ कर बताता हूं.
मीनल मैडम- अरे डोंट वरी … मैं तुमसे कोई फीस नहीं लूँगी.
मैं- जी ओके मैडम.. मैं कल से आऊंगा.
तभी उसने ऐसे ही अंगड़ाई लेते हुए अपना हाथ पीछे किया और वो सीधा मेरे खड़े हुए लौड़े से टकरा गया. मैंने महसूस किया कि उसने लंड को पकड़ने की कोशिश सी की. लेकिन अगले ही पल उसने तुरंत सॉरी बोल दिया. पर मैं शर्म से लाल हो गया था. शायद उसे ये पता चल गया था. फिर उसने मेरे को वापिस क्लास में जाने को बोला.
दूसरे दिन क्लास में उसने मेरे को उसका घर का पता बता दिया और बोली- ठीक 6 बजे आ जाना.
मैं बोला- ठीक है मैडम.
आज उसने हरे रंग की साड़ी पहनी थी, जिसमें उसकी चुचियां बहुत ही बड़ी लग रही थीं.
ठीक छह बजे मैं उसके बताये हुए पते पर साइकिल लेकर पहुंच गया. घर के बाहर मैंने साइकिल टिकाई और घंटी बजाई तो उसने दरवाज़ा खोला. उसने अभी तक साड़ी ही पहनी हुई थी, शायद स्कूल से अभी अभी आयी होगी.
वो मुस्कुरा कर बोली- ओह्ह अमन तुम.. आओ आओ.. मैं तेरा ही इन्तजार कर रही थी.
यह कहकर वो आगे चलने लगी और मैं उसके पीछे. उसकी गांड ऐसे मटक रही थी कि बस जी चाहता था कि अभी फाड़ ही दूँ. पर मैंने अपने आप पे कंट्रोल किया.
मीनल मैडम- अमन तुम मेरे बेडरूम में वेट करो.. मैं अभी आयी.
मैं- ओके ठीक है मैडम.
ये कहकर मैं बैग लेकर सीधा अन्दर चला गया, वो आयी तो मैं अभी तक बेडरूम में खड़ा था.
उसने बोला- अरे खड़े क्यों हो? बैठो बैठो.
मैं वहीं बेड पे बैठ गया, वो भी ठीक मेरे पास आकर बैठ गयी और मुझे अच्छे से पढ़ाने लगी.
उसकी ब्रा में से उसके चुचे लटक रहे थे. मैं ऊपर से मजा ले रहा था और अब तो मेरा पढ़ाई में बिल्कुल भी ध्यान नहीं था.
मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया और अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो पा रहा था. मैंने एक दो बार अपने लौड़े को हल्के हल्के ऊपर से ही दबाया. शायद वो इस बात को नोटिस कर रही थी. उसके पैर मेरे पैर को टच कर रहे थे और जांघें भी रगड़ खा रही थीं.
अब उसे पता चल गया कि मेरा ध्यान भटक गया है. उसने थोड़े गुस्से से कहा- अमन किधर ध्यान है तुम्हारा?
मैं बोला- कहीं नहीं मैडम.
मीनल मैडम- नहीं.. मैं तुम्हें काफी दिनों से नोटिस कर रही हूँ, आज तो मैं ये जानकर ही रहूंगी.
मैं- नहीं मैडम ऐसी कोई बात नहीं है.
मीनल मैडम- नहीं अमन.. कुछ तो बात है?
ऐसा कहकर उसने अपना हाथ सीधा मेरे लौड़े पे रख दिया.
आह.. दोस्तो.. क्या फीलिंग थी वो.. मैं आपको बता नहीं सकता, मैं कितना खुश हुआ था.
पर मैं एक ही सेकंड में संभल गया और उसका हाथ हटाकर बोला- मैडम, ये आप क्या कर रही हो?
मीनल मैडम- ओए चूतिये.. ज्यादा सीधा बनने की कोशिश मत कर, मुझे पता है ये सब.. तू आज सुबह स्कूल में क्या घूर रहा था और तेरे लंड पर भी सुबह में जानबूझ कर ही अपना हाथ मारा था.
मैडम के मुँह से ऐसे शब्द सुनकर मेरे तो होश उड़ गए. फिर मैंने बोला- अब के बाद ऐसी गलती नहीं करूंगा.. प्लीज मुझे माफ कर दो.
मीनल मैडम- साले भड़वे.. तुझे तो मैं जरूर माफ करूँगी, चूतिया साला.
इस बार तो मैं डर के थोड़ा पीछे हट गया.
मीनल मैडम- अरे मैं तो मज़ाक कर रही हूँ, डरो मत.. मेरे पास आओ.
मैं जैसे ही पास आया, उसने मुझे खींच के तुरंत अपनी बांहों में भर लिया. मैं उसी वक्त सारा खेल समझ गया और मन ही मन खुश हुआ कि आज तो इसको चोदने का मौका मिलेगा. दो मिनट मैं यूं ही उसकी बांहों में ही पड़ा रहा. वो लंबी लंबी सासें ले रही थी. फिर वो बेड पे से उठी अपने कपड़े ठीक किए और दरवाजा खुला था, वो बंद करने जाने लगी. मुझे लगा ये जा रही है. मुझसे अब कण्ट्रोल नहीं हो रहा था. मैं सीधा दौड़ता हुआ गया और उसको पीछे से जकड़ लिया.
एक सेकंड के लिए मुझे लगा मैं स्वर्ग में हूँ. मेरा लंड और उसकी गांड का मिलन हो गया था. उसकी गांड बहुत ही टाइट और मोटी थी.
थोड़ी देर बाद उसने मुझे पीछे धक्का दिया और बोली- छोड़ो मुझे, ये क्या कर रहे हो.. कोई देख लेगा.
उसके बाद उसने दरवाजा बंद कर दिया और बोली- अब जो करना है करो.
उसके मुँह से ये सुनते ही मैंने फिर से उसे जकड़ लिया और उसकी गांड पर ऊपर से ही हल्के हल्के शॉट मारने लगा.
दो मिनट तक ऐसे ही मैं वहीं उसे जकड़कर खड़ा रहा. मैं अपना लंड उसकी गांड की दरारों की बीच में डालने की कोशिश कर रहा था, पर उसने बहुत ही टाइट साड़ी पहनी हुई थी, इसलिए मैं ऐसे ही लंड को उसकी गांड पर रगड़ रहा था.
अब तो वो भी आंखें बंद करके मजे लेने लगी थी और वो मेरे लंड को ऊपर से धीरे धीरे दबाने और सहलाने लगी थी,
हम दरवाज़ा बंद करके अभी तक वहीं खड़े थे. फिर वो पीछे घूमी और नीचे बैठ गयी और मेरी पेन्ट की ज़िप खोलने लगी. तुरंत से मेरा 8 इंच का हथियार बाहर आ गया, उसने मेरे लौड़े को अपने हाथों में पकड़ लिया और खड़ी होकर मेरा लंड पकड़ कर आगे बेड की ओर चलने लगी. मैं भी उसके पीछे पीछे उसकी गांड पर हाथ फिराता चला गया.
फिर बेड पे जाके हम दोनों लेटकर एक दूसरे को किस करने लगे. एक हाथ से वो मेरा लंड सहलाते सहलाते हुए वो मुझे किस कर रही थी. मैं सचमुच पागल सा हो गया था. मैं भी किस करते करते उसकी चुचियों को ऊपर से दबा रहा था, उसकी आंखें बंद थीं.
करीब 10 मिनट तक हम एक दूसरे को ऐसे किस करते रहे फिर…
अचानक से किसी ने दरवाज़ा खटखटाया. मैं थोड़ा घबरा गया. उसी वक्त हम दोनों अलग हो गए. मैंने तुरंत अपना लंड अपने पैंट में वापिस डाल दिया. उसने अपनी साड़ी ठीक की और मुझसे बोली कि बुक्स पढ़ने का नाटक करो, ताकि किसी को शक ना हो.
मैं चुपचाप बुक पढ़ने लगा. उसने जाके दरवाज़ा खोला तो उसकी बुड्डी सास थी. तब जाके मुझे थोड़ी राहत हुई, शायद वो अपनी दवा भूल गयी थी, वही लेने आई थी.
कुछ देर में वो चली गयी.
मीनल मैडम ने फिर से दरवाज़ा बंद किया और अन्दर से लॉक कर दिया. फिर से आकर वो मुझे वो जोर जोर से किस करने लगी. मैं पीछे से उसकी गांड को दबा रहा था. अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था. मैंने पहले पूछा कि क्या वो अम्मा फिर से आ सकती हैं?
उसने कहा- नहीं अब वो नहीं आएँगी. नींद की दवा दे दी है, अब तक तो वो खाकर सो भी गई होगी.
यह सुनते ही मैंने सीधा उनको बेड पे लिटा दिया और धीरे धीरे उनकी साड़ी और ब्लाउज निकालने लगा. वो भी मेरा साथ देने लगी. मैंने उसके सारे ऊपर के कपड़े निकाल दिए.. अब वो सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी.
अहह दोस्तो, वो क्या माल लग रही थी. जी चाहता था कि अभी उसकी चूत फाड़ दूँ.
इस बार मैं सीधा उसको लेकर बेड पे लेट गया. वो औंधी होकर मेरे नीचे थी और मैं उसके ऊपर था. मैं अब सिर्फ अंडरवियर में था. मैंने लंड उसकी गांड पर पैंटी पे रगड़ रहा था और पीछे से उसके बूब्स दबा रहा था. वो भी हल्की हल्की सिसकारियां भर रही थी.
फिर मैंने धीरे से अपनी एक उंगली उसकी पैंटी के अन्दर से चूत में घुसा दी. उंगली घुसाते ही पता चल गया कि क्या मस्त क्लीन शेव्ड चुत थी.
उसकी चुत में उंगली घुसी तो वो थोड़ी सी चिल्लाई. मैंने नोटिस किया कि उसकी चूत का छेद बहुत छोटा था. वो अपनी पति से बहुत ज्यादा चुदी नहीं थी.
वो शायद थोड़ा शर्मा रही थी, इसलिए ज्यादा बात नहीं कर रही थी. फिर मैंने उसकी पैंटी भी उतार के फेंक दी. आहा दोस्तो, क्या मक्खन चूत थी उसकी. मैंने अब तक की जिंदगी में उससे बढ़िया चूत नहीं देखी थी.
मैंने भी एक सेकंड की देर ना करते हुए सीधा अपना मुँह उसकी चुत पे लगा दिया और वो एकदम जोर जोर से सिसकारियां भरने लगी ‘आह ओह.. हया अमन.. प्लीज मुझे और मत तड़पाओ.’
उसके मुँह से ये सुनते ही, मैंने तुरंत अपना लंड निकाल कर उसकी चुत पे रख दिया. तो उसने बोला- रुको रुको.. अभी हमारी फैमिली प्लानिंग चल रही है. अगर गलती से मैं प्रेग्नेंट हो गयी तो सब गड़बड़ हो जाएगी.
तो मैंने कहा- अब क्या करें?
उसने बोला- वो मेरी टेबल के नीचे वाले ड्रावर में कॉन्डोम का पैकेट है, वो लेकर आओ.
मैं तुरंत दौड़ के गया और लेकर आया. मैं बड़ी बेताबी उसे खोलने लगा. इससे पहले मैंने कभी कंडोम पहना नहीं था. मेरी हड़बड़ी देख कर उसने बोला- लाओ मैं खोल देती हूं.
ऐसा बोलकर मेरे हाथ में से कंडोम का पैकेट खींच लिया और अपने हाथों से मुझे कॉन्डोम पहना दिया. अब मैं उसे चोदने के लिए पूरी तरह से तैयार था. उसने बाकी के कंडोम और पैकेट नीचे रख दिए.
वो अब तक ब्रा में थी. मैं उसकी ब्रा निकालकर उसके मम्मों से खेलने लगा और वो मेरे लौड़े को कंडोम के ऊपर ऊपर से सहलाने लगी.
मैं बोला- मैडम, अब आप सीधी लेट जाओ.
वो बोली- मेरी चूत पर तिल है.. देखा!
यह कह कर वो मुस्कुरा दी और उसने अपनी टांगें खोलते हुए चूत पसार दी.
उसकी तरफ से मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया और और भी जोश चढ़ गया. मैंने कंडोम थोड़ा और ऊपर किया और अपना लंड उसकी चुत के मुँह पे रख दिया. बस 1,2,3 बोलते ही मैंने एक ही धक्के में अपना पूरा का पूरा लंड उसकी चुत में घुसा दिया. वो थोड़ा चिल्लाई, शायद थोड़ा दर्द महसूस हुआ होगा उसको. पर अब कौन रुकने वाला था.
मैंने फिर से अपना लंड थोड़ा बाहर निकाला और तेज धक्के के साथ वापिस डाल दिया. अब वो हल्की हल्की सिसकारियां भरने लगी. शायद उसे अब मजा आने लगा था. वो अब ऊपर उठ उठ के सामने से चुद रही थी.. तो मेरा जोश और बढ़ गया और मैं भी डबल जोश से चोदने लगा.
वो बोलने लगी- अमन थोड़ा धीरे करो.. मैं पूरी की पूरी तुम्हारी हूँ.
मैं बोला- ठीक है मैडम.
मैंने अपनी गति थोड़ी धीरे की, पर शायद अब मैं आने वाला था और इसलिए मुझसे कंट्रोल नहीं हो पा रहा था.
इसके बाद मैं करीब 10 -15 मिनट उसे ऐसे ही धक्के लगाता रहा और वो और जोर जोर से सिसकारियां भरके बोलने लगी- आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… अमन.. मैं तुम्हें रोज दूंगी.. और तुम ऐसे ही चोदना.. आह ओहहिया.. तुम कितने अच्छे चोदू हो..
मुझे पता चल गया था कि अब वो झड़ने वाली है. उसके कुछ देर बाद मुझे पता चल गया कि मेरा भी आने वाला है. मैंने एक शॉट मारा और उसके ऊपर जाके गिरा, उसने भी मुझे अपनी बांहों में कसके जकड़ लिया. शायद वो भी झड़ गयी थी.
उसके बाद हम दोनों 5 मिनट तक ऐसे ही एक दूसरे से चिपके नंगे पड़े रहे. फिर वो उठी, मेरा लंड अभी तक उसकी चुत में ही था. उसने खींच के बाहर निकाला और बाथरूम में फ्रेश होने के लिए चली गयी.
कुछ देर बाद बाहर आकर अपनी ब्रा, पैंटी और साड़ी पहनने लगी. मैं अभी तक वैसे ही लेटा था. उसने मेरे लंड पर से कंडोम निकाला और उसे कचरे के डिब्बे में फेंक दिया. मेरे लंड पर कुछ वीर्य लगा हुआ था. उसने अपने हाथों से लंड साफ किया और बोली- उठो अब तुम्हें घर जाना है.. लेट हो जाओगे.
उसके बाद मैं उठा, फ्रेश हुआ. अपने कपड़े पहने, अपना बैग लगाया और जाते जाते उसकी गांड में साड़ी ऊपर से उंगली की.
वो हँसने लगी और बोली- शायद मैं आने वाले शनिवार को घर पे फिर से अकेली हूँ, आ जाना.
मैंने हामी भरते हुए उसे एक लिप किस की और फिर उसने दरवाज़ा खोला और बाय बाय बोला.
मैं मैडम को चोद कर वापिस अपने घर आ गया.
तो दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरी स्टूडेंट टीचर सेक्स कहानी, मुझे मेल करके जरूर बताइयेगा.
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