बेटे जैसे जमाई ने सासू माँ की जम कर चुदाई की
संगीता नाम की विधवा औरत की चुदाई की कहानी है यह. उनकी उम्र 45 साल की है और केवल 26 साल की उम्र में उनके पति उन्हें छोड़ कर इस दुनिया से चले गए थे. संगीता की एक बेटी आपरेशन से हुई थी, उसका नाम स्वाति है. स्वाति की शादी भी 20 साल की उम्र में हो गई थी और वो पटना के एक बैंक में काम करती है. स्वाति के पति का नाम चन्दन है और वह 25 साल का है. स्वाति जैसी लंबी, गोरी एंव सुंदर है, वैसे ही चन्दन भी गोरा, चौड़े सीना वाला, छरहरा शरीर का गोरा लड़का है और वह भी एक बैंक में कार्य करता है.
संगीता, स्वाति और चन्दन तीनों दो कमरों वाले एक फ्लैट में रहते हैं. स्वाति की शादी को हुए अभी दो महीना ही हुआ है और रोज रात में चन्दन उसे एक बार जरूर से चोदता है. चन्दन का लंड लंबा और काफी मोटा है और जब वह स्वाति की चुत में अपना हैवी लंड घुसाता है तो वह प्राय: ज़ोर से बोलती है, “आह दर्द होता है.. धीरे घुसाओ ना..”
उसकी सास बगल वाले कमरे में रोज स्वाति के चुदने की एहसास करती है और बीच-बीच में खिड़की से देखती भी रहती है. पर विधवा होने के कारण उदास हो जाती है. चन्दन का इतना बड़ा लंड देख कर उसकी भी चुत में खुजली होने लगती है. संगीता के मम्मों का साइज 32 इंच का है और वो दुबली-पतली है. वह अपने फिगर को मेंटेन करके रखती है इसलिए वह स्मार्ट और सुंदर भी दिखती है.
एक दिन की बात है, उनके पड़ोस में रहने वाली स्वाति की एक सहेली की शादी होने वाली थी और उसे रात भर उसके साथ रहने के लिए बार-बार बोल रही थी. शादी वाले दिन रात में घर में सिर्फ संगीता और चन्दन ही रह गए. इस मौके का लाभ चन्दन भी उठाना चाहता था और उसकी सास भी, पर दोनों एक-दूसरे से बोल नहीं पा रहे थे.
रात के दस बजे खाना खाने के बाद चन्दन अपने कमरे में चला गया और संगीता देवी भी अपने बिस्तर पर चली गईं. दोनों व्याकुल हो चुके थे, पर क्या किया जाए. फिर चन्दन साहस करके अपनी सास के पास चला गया और सास के बगल में लेट गया.
संगीता ने भी चन्दन अपने बगल में लेटते देखा तू वो चन्दन को अपने पास आने को कहने लगी. संगीता देवी ने चन्दन के सर को अपने मम्मों पर रख लिया और उसे प्यार करते हुए उसके बालों को मालिश करने लगीं- जमाई राजा, स्वाति के बिना नींद नहीं आ रही है क्या?
चन्दन- हाँ, सासू माँ.. जब तक उसे पकड़ कर नहीं सोता हूँ, मुझे नींद नहीं आती है.
संगीता- तुम मुझे ही स्वाति समझ कर पकड़ लो ना, हर्ज ही क्या है. तुम चाहो तो मुझे पकड़ कर सो सकते हो.
यह कहकर संगीता ने चन्दन के होंठों को चूम लिया.
चन्दन- आप बहुत प्यारी हैं.
ये कह कर चन्दन अपनी कोहनी को संगीता के चूचों पर टकराने लगा और धीरे-धीरे उनके नजदीक आ गया. संगीता के शरीर पर छोटी चोली होने से उनकी गोरी कमर और सपाट पेट का काफ़ी हिस्सा खुला हुआ था. चन्दन ने उनकी कमर को थाम लिया तो संगीता ने अपनी बांहें चन्दन के गले में डाल दीं. चंदन ने उन्हें अपने पास को खींच लिया. इस तरह उसने अपने सिर को अपनी सास के सीने पर दबा दिया.
इसके बाद चन्दन ने सिर हिला कर उनके स्तनों को टटोला और उनके खुले हुए गोरे पेट पर चुम्बन कर दिया. संगीता को गुदगुदी सी हुई, जिससे वो थोड़ी छटपटाईं, लेकिन चन्दन उन्हें यूं ही जकड़ कर चुम्बन करता रहा. आख़िर उन्होंने चन्दन के बाल पकड़ कर सिर हटा दिया और बोलीं- मुझे बहुत गुदगुदी हो रही है जमाई राजा.
चन्दन ने अपनी सास की चूत पर हाथ रखते हुए कहा- अरे अभी तो आपका पेट चूमा है, यहाँ चुम्बन करूँगा तब क्या होगा?
सास ने तुरंत चन्दन का हाथ अपनी चुत से हटा दिया. इसके बाद सासू मां अपनी एक उंगली चंदन के होंठों पर रख कर बोलीं- धत्त, ऐसा नहीं बोलते.
चंदन ने होंठ खोल कर उसकी उंगली मुँह में ले ली और चूसने लगा. वो अब संगीता के रसीली गुलाबी होंठों को चूमने लगा. फ़िर संगीता ने अपनी जीभ चन्दन के होंठों से बीच में सरका कर अन्दर मुँह में डाल दी. चंदन अपनी सास की रसीली जीभ से अपने मुँह को ऐसे चुसवा रहा था, जैसे चन्दन के मुँह में कोई रसीला फल हो.
कुछ देर तक सास और जमाई यूँ ही एक-दूसरे को चूमते रहे.
संगीता- अब ये लाइट बुझा दो ना.
चन्दन ने सास का इशारा पाकर बत्ती को बुझा दिया और सासू को कस कर अपने बाहुपाश में ले लिया. संगीता भी यही चाहती थी.
अब संगीता भी चन्दन को चूमने लगीं और उन्होंने चन्दन को अपने मम्मों से खेलने को बोल दिया. चंदन ने अपना हाथ उठा कर संगीता के एक उभार पर रखा और उनकी छाती को दबा कर बहुत धीरे से मसला. फिर चन्दन चोली के ऊपर से सासू की चूचियों को दबाने लगा. संगीता की चूचियां काफी कड़ी थीं. चन्दन को दबाने में मजा आ रहा था लेकिन चोली में फंसी होने से चन्दन को कुछ दिक्कत हो रही थी तो उसने सास की चोली के बटन खोल दिए.
चोली खुलते ही संगीता की ठोस चूचियां एकदम से उछल कर बाहर खेलने लगीं. उफ… क्या गोरी और सख्त चूचियां थीं और उन पर गुलाबी से निप्पल भी छोटे छोटे से थे. संगीता की चूचियाँ एकदम नारंगी की साइज की थीं.
इसके बाद चन्दन के होंठ फिसलते हुए संगीता के एक चूचुक पर आकर रुके और वो चूचुक को अपने मुँह में लेकर जोर-जोर से चूसने लगा. इससे संगीता के सारे शरीर में एक सिहरन सी दौड़ने लगी और स्तनों से रस निकल कर चन्दन के मुँह में जाने लगा. चन्दन एक स्तन को अपने मुँह में लेकर उसका दूध पी रहा था और दूसरे मम्मे के निप्पल को अपनी उंगलियों में लेकर खेल रहा था.
संगीता भी अपने सिर को उत्तेजना में झटकने लगी और अपने जमाई के सिर को अपनी छाती पर जोर से दबाने लगीं. चन्दन ने अपनी सास के एक स्तन का सारा रस पीने के बाद दूसरे स्तन को अपने मुँह में ले लिया और उसे भी चूसने लगा.
चंदन ने देखा कि पहला चूचुक काफ़ी देर तक चूसने के कारण काफ़ी फूल गया था. इस मस्ती से चन्दन को मानो स्वर्ग मिल गया था. उस तो लग रहा था कि मानो वो किसी 18 साल की कुंवारी लड़की की चूचियों को पी रहा हो.
चन्दन का गर्म हाथ घुंडियों को रगड़ने से संगीता की चुत में सिहरन होने लगी थी- उफ.. उफ.. जमाई रा….जा.. इस्स.. उह…म्म.. ओह.. और जोर से चूसो जमाई राजा!
यह बोलते हुए संगीता ने जमाई के पजामा के ऊपर से ही उसके लंड को पकड़ लिया.
“उम्म्ह… अहह… हय… याह…”
संगीता ने उत्तेजनावश अपना हाथ बढ़ा कर चन्दन के लंड को अपनी मुट्ठी में ले लिया. चन्दन का लंड तना हुआ था और काफ़ी बड़ा लंड था.
चन्दन ने संगीता की दूसरी चुची को चूसने के बाद उन्हें अपने से अलग किया और एक हाथ बढ़ाकर बिस्तर के पास लगे बिस्तर लैंप को रोशन कर दिया. हल्की सी रोशनी कमरे में फ़ैल गई. चन्दन ने भी सारे कपड़े उतार दिए और सासू माँ को नंगी कर दिया.
सारे कमरे में हल्की सी रोशनी थी, जिसमें सिर्फ़ उन दोनों के नग्न शरीर चमक रहे थे. उस रोशनी में सासू माँ ने चन्दन को अपने से अलग करके अपने जमाई के नग्न शरीर को निहारा, चंदन ने भी उनके गठीले शरीर को भूखी नजरों से देखा.
“बहुत खूबसूरत हो..” चन्दन ने सासू माँ के शरीर की तारीफ़ की तो सासू माँ एकदम किसी कमसिन लड़की की तरह शरमा गईं.
फ़िर चन्दन ने अपनी सासू माँ को कन्धों से पकड़ कर नीचे की ओर झुकाया.. सासू माँ अपने जमाई के सामने घुटनों के बल बैठ गईं. अब सासू माँ ने लैंप की रोशनी में पहली बार अपने जमाई के बड़े लंड को अपने मुँह के सामने तन्नाते हुए देखा. जमाई का लंड देख कर सासू माँ के मुँह से ‘हाय..’ निकल गई- ये काफ़ी बड़ा है जमाई बाबू.. मैं इसे नहीं ले पाऊँगी.. फट जाएगी मेरी!
“अभी से घबरा गईं. आप तो पिछले 20 सालों से चुदी नहीं हो ना.. इसलिए आपको ऐसा लग रहा है. मालूम है ना कि किसी लंड से कोरी चूत तक नहीं फटती, फिर आपकी तो बच्चे तक जन्म चुकी है. चूत होती ही ऐसी है कि लंड के हिसाब से अपने को सैट कर लेती है. आप घबराइये मत, आपको तो मैं बहुत प्यार से चोदूँगा. बहुत तड़पाया हैं आपने, कितने दिनों से मैं सोच रहा था कि सासू माँ को कैसे चोदा जाए. आज तो आप खुद ही तैयार हैं.”
अब जमाई चन्दन ने सासू माँ संगीता को झुकने को विवश कर दिया. संगीता घुटनों के बल बैठ कर कुछ देर तक अपने चेहरे के सामने चन्दन के लंड को पकड़ कर आगे-पीछे करती रहीं. सासू माँ जब हाथ को पीछे करतीं तो लंड का मोटा सुपारा अपने बिल से बाहर निकल आता. चन्दन के लंड के छेद पर एक बूँद मोती सी चमक रही थी. संगीता ने अपनी जीभ निकाल कर जमाई राजा के लंड पर चमकते हुए उस मोती को अपनी जीभ पर ले लिया और मुँह में लेकर उसका स्वाद लिया.. जो उन्हें बहुत भाया. फ़िर सासू माँ ने अपनी जीभ अपने दामाद के लंड के सुपाड़े पर फिरानी शुरू कर दी.
जमाई बाबू “आ आआ अह ऊ ओ ह्ह्ह..” करते हुए अपनी सासू माँ के सिर को दोनों हाथों से थाम कर अपने लंड पर दबाने लगे.
“इसे पूरा मुँह में ले लो माँ!!” चन्दन ने कहा.
संगीता- उम्म्म्मऽऽ.नहींऽऽऽ पहले कभी नहीं लिया है.. कैसे ले लूँ.. उम्म्हा..
जमाई- ले लो सासू माँ, जमाई की बात मान लो.. आह.. कैसा लग रहा है!
संगीता ने अपने होंठों को हल्के से अलग किया तो चन्दन का 9” का लंड सरसराता हुआ संगीता की जीभ को रगड़ता हुआ अन्दर चला गया. अब सासू माँ ने जमाई के लंड को हाथों से पकड़ कर और अन्दर तक जाने से रोका मगर जमाई बाबू ने सासू माँ के हाथों को अपने लंड पर से हटा कर उनके मुँह में एक जोर का धक्का दे दिया.
सासू माँ को लगा कि आज यह लौकी जैसा लम्बा लंड मेरे गले को फाड़ता हुआ पेट तक जा कर मानेगा.
सासू माँ दर्द से छटपटा उठीं, उनका दम घुटने लगा था. तभी चन्दन ने अपने लंड को कुछ बाहर निकाला और फ़िर वापस उसे गले तक धकेल दिया. चन्दन अपनी सासू माँ के मुँह में अपने लंड से धक्के लगाने लगे.
संगीता पहली बार किसी लंड को चूस रही थीं और कुछ ही देर में उन्हें मजा आने लगा था. फिर जमाई को खुश भी करना था, सो सासू माँ मजे से लंड चूसने लगीं. उनके गले से “गों..गों. गों..” की आवाज निकल रही थी और जमाई बाबू मुंह में धक्के लगा रहे थे.
पंद्रह मिनट तक लंड चूसने के बाद सासू माँ ने लंड को बाहर निकाल दिया और बोली- अब बस करो बेटा… मुंह में दर्द हो रहा है.
जमाई का हाथ धीरे-धीरे सरकता हुआ जब सास की चुत के ऊपर पहुँचा तो उनका चुपचाप पड़े रहना मुश्किल हो गया. सास के होंठों से एक दबी सी सिसकारी निकल गई, जमाई ने अपना हाथ हटा लिया.
फिर चंदन ने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और चंदन ने बिना वक्त गंवाए अपनी सासू माँ की चूत पर मुँह लगा दिया और चुत को चूसने लगा. सासू माँ जमाई के सर को जोर-जोर से अपनी चुत पर दबाने लगीं और जमाई भी जोश में आकर सास की चूत को चूसने लगा.
चुत चुसाई के बाद अब चन्दन अपने आपे से बाहर हो रहा था. वो लंड पेलने के मूड में आ गया और अपना मुँह संगीता की चूत के पास लेकर गया और उस पर चूम लिया. संगीता ने अपनी टाँगें चौड़ी कर दीं, अब चन्दन सासू माँ की चूत को अच्छी तरह देख सकता था, उनकी चूत मस्त गुलाबी, बिना बालों की एकदम फूली हुई थी, जिसमें से जमाई के लिए परिचित सी खुशबू आ रही थी.
अपनी सास की चूत को देख कर जमाई को साफ़ पता लग रहा था कि सास ने अपनी चुत के बाल आज ही साफ़ किए थे, मतलब आज वो पहले से इसके लिए तैयार थीं. चंदन ने एक बार फिर से अपनी जीभ अपनी सास की चूत में डाल दी और उसको चाटने और चूमने लगा. सास की चूत के उभरे होंठ मानो मर्द के स्पर्श के लिए तरस गए थे. उनकी चूत आग की तरह भभक रही थी.
फिर सासू माँ कहने लगीं- अह.. आग को भड़काओ मत.. इसको चूसो, चाटो, चोदो लेकिन देर मत करो.. मैं मरी जा रही हूँ.
जमाई अपनी सास की जलती हुई चूत में जीभ घुसाकर चूसने लगा. सास के मुंह से उत्तेजक आवाजें निकलने लगीं- सी.. सी..ई.. ई.. उह..
अब सास ने अपनी जांघें पूरी तरह से खोल दीं, जिससे जमाई बाबू को सास की चुत चूसने में आसानी हो गई.
जमाई ने अपनी जीभ नुकीली करके अपनी सास की जलती हुई चूत में डाल कर उनकी चूत की मलाई को पीने लगा. सास की चूत पानी छोड़ने लगी थी और जमाई चुत का रस पी रहा था. सास की चूत पूरी गीली हो गई थी और बेटे जैसे जमाई के लंड को लेने के लिए तरस रही थी. सासू माँ ने जमाई बेटे के लंड को पकड़ लिया और अपनी चूत पर रगड़ने लगीं.
सासू माँ की नशीली आँखें अपने जमाई के चेहरे को बड़ी कामुकता भरी प्यास से निहार रही थीं, उनका ध्यान चूत से सटे जमाई के लंड पर लगा था. सास संगीता इंतज़ार कर रही थी कि कब जमाई बाबू का लंड उनकी चुत की तृष्णा को शांत करेगा. उत्तेजना से सासू माँ की चुत के भगोष्ठ अपने आप थोड़े से खुल गए थे.
“इसे अपने हाथों से अन्दर लो!” जमाई चन्दन ने सरसराते हुए कहा.
संगीता ने फ़ौरन चन्दन के लंड को पकड़ कर अपनी खुली चूत को और खोल कर उसमें रखवा लिया, उसी वक्त जमाई राजा ने एक जोर का झटका मारा और लंड का सुपाड़ा “फक्क..” की आवाज के साथ सास की चूत में जाकर अटक गया.
“ऊऽऽ ऊऊ फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ आऽऽऽ आआ ह्ह्ह्ह्ह…” सास चीख उठीं.
सासू माँ को ऐसा लगा कि जमाई का तगड़ा लंड उनके पूरे शरीर को चीर कर रख देगा. सास संगीता ने अपनी टांगों से जमाई की क़मर को जकड़ रखा था, उनके मुँह से चीख निकल रही थी मगर टांगों की जकड़न चन्दन की क़मर को अपनी चूत की तरफ खींच रही थी.
“आह.. धीरे जमाई बाबू.. चुत में दर्द कर रहा है.. आपका ये बहुत बड़ा है!”
जमाई- बीस साल के बाद चुदवा रही हो तो दर्द तो होगा ही.. लेकिन डोंट वरी आपकी चूत फटेगी नहीं.. माँ जी आप बस अपनी चूत की चुदाई का मजा लो.. थोड़ा तो सहन करो.. नहीं तो बोलो, मैं निकाल लेता हूँ.
सास- जब तुमने घुसा ही दिया है तो चुदवाऊंगी पक्का, पर थोड़ा-थोड़ा घुसाकर मजा लो.. तो मेरी चुत में दर्द भी उतना नहीं होगा.
जमाई ने ओके बोल कर धीरे-धीरे करके अपना लंड सास की चूत से बाहर तक खींचा और फिर एक धक्का दे दिया.
“ऊऽऽ ऊऊ फ़्फ़्फ़्फ़ आऽऽ आआ ह्ह्ह्ह…”
ऐसा लगा कि जमाई का लंड पिस्टन की तरह अन्दर जाते हुए अपने साथ सास के चूत-रस को समेटते हुए चला जा रहा हो.
अब जमाई ने एक तकिया लेकर सास की क़मर के नीचे रख दिया, ऐसा करने से सास की चुत खुलते हुए और ऊँची हो गई थी- “देखना अब कैसे जाता है मेरा लंड तुम्हारे अन्दर!”
यह कह कर चन्दन अपना लंड अपनी सास की चूत से सटा कर बहुत धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करने लगा और फिर एक ही झटके में पूरा घुसा दिया.
“आऽऽआअह्ह्.. ऊऊऊऊह् ह्ह्ह्छ.. आपका यह मोटा लंड स्सास्सह्ह.. मार दिया.. ऊम्ममा.. आह्हह्ह..”
“मजा आया मेरी जान..” चन्दन ने लंड को सास की चुत में दबाते हुए कहा.
इस पर सास के मुँह से बस यही निकला- आह पूरा डाल दिया ना.
“हाँ मेरी जान.. पूरा घुस गया.”
फ़िर चन्दन जोर-जोर संगीता की चुत में धक्के मारने लगा. सास की चूत पूरी तरह से फ़ैल गई थी. ऐसा लग रहा था मानो कोई मोटा बांस सास की चूत में डाला जा रहा हो.
पूरी तरह लंड को संगीता की चुत में अन्दर करने के बाद चन्दन बहुत तसल्ली से अपनी सासू माँ को चोदने लगा. सासू माँ भी नीचे से क़मर उठा कर जमाई का साथ देने लगीं.
काफ़ी देर तक इसी तरह चोदने के बाद जमाई बाबू ने बिस्तर के किनारे पर बैठ कर अपनी सासू माँ को अपनी गोद में बिठा लिया और चोदने लगे.
“आआह्हह्हह जमाई जीई.. अह.. मजा आ गया.. अह और जोर्रर्रर सेई.. हन्नन्न जोरर्रर जोरर्र से.. अह धक्कक्का.. दो.. अह और्रर्रर जोरर सेई चोदिईईए अपनी सास की चूत्तत्त को आह.. मुझेई बहुत्तत्त अच्छाअआ लग्गग रअहा हैईइ.. ऊऊओह्ह्ह और जोर से चोदो मुझे आआह्हह और अन्दर तक.. अह जोर से..”
फ़िर चन्दन ने संगीता को दीवार से सटा कर बिस्तर से उठा लिया, चंदन ने अपनी टांगें अपनी सासू माँ की क़मर पर बाँध दीं और अपने लंड को सास की चूत में घुसेड़े रखा.
कई तरह से अपनी सासू माँ को चोदने के बाद जमाई ने संगीता को वापस बिस्तर पर लिटा कर सासू माँ की चूत में अपना रस डाल दिया.
सासू माँ ने जमाई को चूम लिया और बोली- बेटा, ऐसे ही मुझे रोज चोदा करो.
उसके बाद सास और जमाई थक कर नंगे ही लिपट कर सो गए.
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