भरपूर प्यार दुलार के साथ कुँवारी सील तोड़ी
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम काल्पनिक फिटनेस ट्रेनर है, उम्र 22 साल, शरीर फुर्तीला गठीला, मैं गुड़गांव दिल्ली एनसीआर में फिटनेस ट्रेनर हूँ जिसके कारण मुझे बॉडी की अच्छी जानकारी है कि किस प्रकार की एक्सरसाइज़ से फिगर अच्छा होता है, कौन से अंगों को छूने से सबसे ज्यादा उत्तेज़ना होती है और किसको कैसे तृप्त करना है, मैं अच्छी तरह जानता हूँ।
अगर आपको चुदाई का पूरा मजा लेना और देना है तो लड़की को एड़ी से चोटी यानि माथे से टखने तक चूमना जरूरी है.. और मेरा मानना है कि हमें हर काम प्यार से करना चाहिए।
मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ, बहुत सी कहानियाँ पढ़ीं, आज सोच रहा हूँ कि अपनी एक कहानी आप सभी के साथ शेयर कर लूँ।
करीब एक साल पहले की बात है, रुड़की, हरिद्वार, ऋषिकेश मेरा काफी आना जाना लगा रहता है। अचानक ही प्रोग्राम बन जाने के कारण ट्रेन से जाना मुश्किल था, तो मैंने बस से जाना ही ठीक समझा।
मुझे रात का सफ़र करना आरामदायक लगता है, इसलिए उस दिन भी रात में ही जाना ठीक समझा, पर नहीं मालूम था कि इतना आनन्ददायक होगा।
मैंने टिकट लिया और अपनी सीट पर जाकर बैठ गया और हेडफोन लगा कर गाने सुनने लगा।
बस कुछ ही देर में चलने वाली थी, केवल मेरे बाजू वाली सीट खाली थी।
जैसे ही बस चलने लगी, एक सुन्दर सी लड़की बस पर चढ़ी और मेरे बाजू में आकर बैठ गई।
औरत की मैं हमेशा से ही इज्जत करता आया हूँ और उनकी भावनाओं को समझता हूँ, मैंने उसे खिड़की वाली सीट दे दी और खुद उसकी सीट पर बैठ गया।
बदले में मुझे प्यारी सी मुस्कराहट और ‘थेंक यू’ मिल गया था।
रात के 9 बज चुके थे और बस चलने लगी थी।
हम दोनों भी आपस में बात करने लग गए थे।
लड़की का नाम प्रिया था और वो किसी रिश्तेदार के घर ऋषिकेश ही जा रही थी।
लड़की का फिगर देखने लायक था, बिल्कुल अप्सरा जैसी… लम्बे बाल, 5 फुट 6 इंच, वक्ष 34 इन्च, कमर 28 और नीचे से उसके उठे हुए नितम्ब, बहुत ही मस्त थी, बिल्कुल बॉलीवुड की हीरोइन लग रही थी।
उम्र 18 साल… जवानी में नया नया कदम रखा था, मेरा भी मन थोड़ा डगमगाने लगा था।
हमने हँसी मजाक शुरू कर दिया और वो मेरे साथ खुद घुलमिल गई।
मैं उसके करीब चिपक कर बैठ गया, वो भी सरक कर मेरे करीब आ गई।
हम दोनों ही थके हुए थे, नींद भी हावी हो रही थी।
प्रिया मेरे कंधे पर सर रख कर सो गई और मैंने उसके पीछे से हाथ डाल कर उसे थाम लिया।
उसे सोने में थोड़ी दिक्कत हो रही थी तो थोड़ी ही देर में प्रिया ने मुझे उसे अपनी गोद में सर रख कर सुलाने को कहा।
अंधा क्या मांगे, दो आँखें… तो मैंने उसे अपनी गोद में सर रख कर लिटा लिया।
रात का करीब एक बज रहा था, बस के अन्दर की लाइट भी ऑफ हो चुकी थीं।
अचानक मुझे महसूस हुआ कि मेरी पैंट में हलचल हो रही है। मेरा लण्ड धीरे धीरे कड़क होता जा रहा था क्योंकि प्रिया मेरे लंड के ऊपर ही सर रख कर सोई थी।
मेरा मन प्रिया को जकड़ने का हुआ, पर हिम्मत नहीं हुई।
फिर किसी तरह मैंने हिम्मत करके उसकी पीठ को सहलाना शुरू किया।
शायद उसे अच्छा लगने लगा था तो मैं अपने हाथ उसके पूरे बदन पर फेरने लगा।
अब वो भी मेरे पैर को अपने हाथों से सहला रही थी।
मैं समझ गया कि आग दोनों तरफ बराबर लगी है, मैंने अपने हाथ उसकी छाती के ऊपर रख दिया।
वो जोर जोर से सांसें लेने लगी, जिससे उसकी छाती का फूलना मैं महसूस कर सकता था।
मैं अब उसके उरोज मसलने लगा।
उसके चूचों के क्या कहने मैंने अन्दर दूध भरा हो, एकदम मुलायम!
मैं जोर से दबाने लगा। तभी वो अपने हाथ से मेरे लंड को छेड़ने लगी।
हम दोनों ही अब एक दूसरे में खो जाना चाहते थे पर बस में होने की वजह से कुछ नहीं कर पा रहे थे।
हम दिल्ली से 9 बजे चले थे, तो ऋषिकेश 3 बजे करीब पहुँच जाते, इसलिए मैंने उससे पूछा- अगर आपको कोई प्रोब्लम ना हो तो क्यों न हरिद्वार रुक लिया जाये?
तो उसने सहमति प्रकट की तो खुशी के मारे उसके लिप्स पर एक प्यारा सा चुम्बन मैंने जड़ दिया।
करीब 2 बजे बस हरिद्वार पहुँची और हम दोनों बस से उतर गए, दोनों ही एक दूसरे को देखे जा रहे थे।
मैंने पास में ही एक होटल मैं सिंगल बेड रूम बुक किया और हम दोनों वहाँ चल दिए।
अब हम दोनों के बीच कोई नहीं था।
जैसे ही हम रूम में पहुँचे, मैंने उसे बेड़ पर लेटाया और कस कर पकड़ लिया और उसके होंठ चूसने लगा।
वो मुझे कस कर पकड़े हुई थी और मेरा पूरा साथ दे रही थी।
इसी बीच मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए, वो ब्रा पेंटी में रह गई। फिर 3-4 मिनट की चूमाचाटी के बाद उसकी ब्रा और पैंटी भी उतार दी और उसे पूरी नंगी कर दिया और मैंने उसके माथे पर प्यार भरा चुम्बन किया, उसके बाद उसके पूरे गाल को चूमा फिर कानों और गर्दन को… ये लड़की को उत्तेजित करने के प्रमुख पॉइंट होते हैं।
वो बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थी। गर्दन को एक मिनट चूम कर मैं उसके दूध चूसने लगा तो वो पागल होने लगी और ‘आह आह’ की मस्त कर देने वाली आवाजें निकालने लगी।
कुछ देर उसके मम्मे चूसने के बाद मैं उसके बदन को चूमते हुए नाभि तक पहुंच गया और साथ में एक हाथ से उसके मम्मे दबा रहा था।
फिर नाभि से सीधे उसके पैर के टखने के पास से चूमने लगा और फिर पिंडलियों को चूमते हुए घुटनों और फ़िर जांघों को चूमने लगा।
वो बहुत ज्यादा कामुक आवाजें निकाल रही थी और पानी छोड़ चुकी थी।
बोल रही थी- प्लीज़ कुछ करो… अब कंट्रोल नहीं हो रहा!
लेकिन मुझे उसे तड़पाने में मजा आ रहा था।
मैं दोबारा उसके पूरे बदन को चूमने लगा और 69 की पोजीशन में आ गया। वो मेरा लण्ड मुँह में लेकर चूसने लगी, मैं जन्नत की सैर कर रहा था। मैं जीभ उसकी चूत पर रगड़ने लगा तो वो आनन्द के मारे कांपने लगी, उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और मेरा भी छूट गया, वो मेरा सारा वीर्य पी गई और फिर लण्ड के टोपे को चाटने लगी।
थोड़ी देर में लण्ड दोबारा अपने स्वरूप में आ गया तो वो मेरा लंड खींच कर अपनी चूत पर लगाने लगी।
तभी मैंने अचानक अपना लंड पकड़ कर उसकी चूत के ऊपर रखा और एक जोर का धक्का मारा तो वो फिसल गया। मुझे अंदाजा हो गया कि मैं एकदम नई चूत को फाड़ रहा था।
मैंने उसके लबों को अपने लबों में जकड़ लिया और उसका ध्यान चुम्बन की तरफ होते ही अच्छी सी टाइमिंग के साथ जोरदार झटका मारा और मेरा करीब 4 इंच आधे से ज्यादा अंदर चला गया जिस वजह से प्रिया चीख पड़ी, वो रोने लगी तथा बाहर निकालने को बोलने लगी।
उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे, मुझे धक्का मार कर किनारे करने की कोशिश करने लगी।
लेकिन मैंने उसको चूमा चाटा और प्यार किया तब जाकर वो सामान्य हुई और फिर धीरे धीरे प्यार से अंदर बाहर करने लगा। धीरे धीरे पूरा 7.5 इंच लण्ड उसकी चूत में उतार दिया।
अब वो भी मेरा साथ देने लगी, अपनी कमर हिलाने लगी, मैंने स्पीड बढ़ा दी और 7-8 मिनट बाद झड़ने को हुआ तो उसने कहा- अंदर ही छोड़ दो!
उसने देखा कि उसकी चूत से काफी वीर्य और खून बह रहा है तो मैंने उसे माथे पर किस किया और समझाया की पहली बार में ऐसा होता है।
मैं उसे सहारा देकर बाथरूम में ले गया, उसने तौलिये से अपनी चूत साफ की।
फिर हम दोनों दोबारा शुरू हो गए और उसके बाद मैंने उसे दीवार के सहारे चोदा।
4 बज गए थे, हम बाहों में बाहें डालकर नंगे ही सो गए, सुबह 9 बजे उठे और फ्रेश होकर नाश्ता किया।
तब तक करीब 10 बज चुके थे, हमने 2 बार और चुदाई का आनन्द लिया, 11:30 बजे होटल से निकल लिए।
उसके बाद मैंने उसे फिर से मिलने को कहा तो वो बोली- मेरा एड्मिशन विदेश में हो चुका है, इसलिए दोबारा नहीं मिल पाऊँगी लेकिन तुम्हारी यादें हमेशा मेरे दिल में रहेगी।
दोस्तो, तब से मैं प्यासा हूँ, आपको मेरी कहानी कैसी लगी, ज़रूर बताना।
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