भाभी की गीली पैन्टी -4
कहानी का पहला भाग : भाभी की गीली पैन्टी -1
कहानी का तीसरा भाग : भाभी की गीली पैन्टी -3
अब तक आपने पढ़ा..
मैं- मैं क्या कर रहा हूँ भाभी..?
भाभी- आआअहह.. स..ससस्स.. सस्स.. सेक्शकशकश..
मैं- हिन्दी में बोलो न..
भाभी- इसस्स्स्स्स्शह.. तुम मुझे चोद रहे हो..
भाभी के मुँह से ये सब सुनते ही मैंने ‘घाप’ से पूरा लंड भाभी की चूत में घुसा दिया।
अब आगे..
मैंने भाभी के झूलते बोबे पकड़ लिए और ‘घपाघप’ बिना रुके भाभी की चूत को पेलता रहा।
भाभी- आअह.. आआह.. इसस्स्स्स्शह.. राहुल्ल्ल्ल.. आआअहह..
पूरी रसोई में मेरी जाँघों और भाभी के चूतड़ों के भिड़ने की आवाज़ गूँज रही थी। करीब 7-8 मिनट की लगातार चुदाई के बाद मैं ज़ोर से चीखा और भाभी के अन्दर ही झड़ गया।
कुछ पलों बाद मैंने अपना लौड़ा भाभी की चूत से खींचा और हांफता हुआ मैं नंगा ही बाहर सोफे पर जाकर बैठ गया।
थोड़ी देर बाद भाभी नाश्ता लेकर आ गईं।
मैंने और भाभी ने नाश्ता किया।
मैं- आपने किससे पूछ कर दुबारा टॉप पहना है? इसकी सज़ा मिलेगी.. बराबर मिलेगी..
यह कहते हुए मैंने भाभी के पेट को अपने जाँघों पर पटक लिया और उनकी स्कर्ट पूरी ऊपर उठा दी।
भाभी ने दुबारा पैन्टी नहीं पहनी थी.. मैंने भाभी के चूतड़ों के ऊपर एक ज़ोरदार थप्पड़ मारा.. भाभी की चीख निकल गई।
मैंने भाभी की गाण्ड पर अपने चांटों को मारना चालू रखा।
मैं- भाभी तुमने मुझे बहुत तड़पाया है.. अब आज पूरे दिन मैं तुम्हें मेरी रंडी बना कर रखूँगा।
करीब 15-20 ताबड़तोड़ ‘लप्पड़ों’ के बाद मैंने उनकी गाण्ड की धुनाई रोक दी।
भाभी की गाण्ड पूरी लाल हो चुकी थी। मैंने भाभी को रसोई में जाकर ब्रा-पैन्टी भी पहन कर आने को कहा।
भाभी वापिस पूरे कपड़े पहन कर आ गईं।
मैंने मोबाइल पर ‘चिट्टियाँ कलाइयाँ’ वाला गाना चलाया और भाभी को अपने कपड़े उतारने को कहा।
भाभी डान्स करने लगीं, फिर भाभी ने पहले अपनी टी-शर्ट उतारी.. फिर भाभी ने पीछे झुकते हुए अपनी स्कर्ट उतारी।
अब भाभी ने पीछे मुड़े-मुड़े ही अपना हुक खोल दिया और सामने की तरफ पलट गईं।
मैं कामुकता से उन्हें देखता ही रहा और अब भाभी ने अपनी ब्रा की एक शोल्डर पट्टी नीचे की.. फिर दूसरी.. और फिर हाथों से अपने मम्मों को ढकते हुए ब्रा खोल कर मेरे मुँह पर फेंक दी।
मैंने भी ब्रा को सूँघकर उनका अभिवादन किया।
फिर भाभी वापिस पीछे मुड़ गईं और झुक कर अपनी पैन्टी नीचे करने लगीं।
भाभी की गाण्ड अब भी लाल थी.. फिर भाभी वापिस सामने घूम गईं और हाथ हटा कर पूरी नंगी होकर डान्स करने लगीं।
गाना खत्म हो गया और मैंने भाभी को सोफे पर बैठने बुला लिया। सामने टेबल पर ‘न्यूटैला’ पड़ा था. मैंने भाभी को कहा- न्यूटैला खाओगी क्या?
तो भाभी ने ‘हाँ’ कहा.. मैंने न्यूटैला का डब्बा खोल कर एक उंगली से न्यूटैला निकाला और अपने मुँह में डाल लिया। फिर मैंने अपना मुँह खोल कर भाभी को इशारा किया।
भाभी ने कातिलना मुस्कराहट दी और जीभ निकाल कर मेरे मुँह में डाल दी।
कुछ मिनट तक हमने तगड़ा स्मूच किया। फिर मैंने वापस न्यूटैला का डब्बा उठाया और मेरे खड़े लंड को उसमें डुबा कर निकाल लिया।
भाभी हँसने लगीं और बोलीं- पागल है तू पूरा..
भाभी ने झुक कर मेरा लंड चाटने लगीं। भाभी ने जब लंड से पूरा न्यूटैला खा लिया तो मैंने वापिस लंड डब्बे में डुबाया और मेरे लंड से न्यूटैला भाभी के मम्मों पर लगा दिया और चाटने लगा।
मैंने दोबारा लंड न्यूटैला में डुबाया और भाभी की चूत पर न्यूटैला लगाया और फिर मैंने भाभी की चूत से न्यूटैला खाया। मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था।
फिर मैं भाभी को गोदी में उठा कर बाथरूम में ले गया.. फुव्वारे को चला कर मैंने भाभी को साबुन दे दिया।
भाभी मेरे बदन पर साबुन लगा रही थीं और मैं भाभी के कामुक जिस्म को साबुन लगते हुए सहला रहा था।
थोड़ी देर बाद मैंने भाभी को दीवार के सहारे से चिपका कर खड़ा कर दिया और भाभी के सामने की तरफ से लंड को चूत में डाल दिया। पानी की वजह से ‘छप्प-छप्प’ की आवाज़ आ रही थी। थोड़ी देर बाद मैंने भाभी को घोड़ी बनाया और पीछे से भाभी को चोदने लगा।
थोड़ी देर डॉगी स्टाइल में चोदने के बाद मैंने भाभी को पीठ के बल नीचे लेटा दिया और भाभी को मिशनरी स्टाइल में चोदने लगा।
करीब 5 मिनट तक चूत में झटके मारने के बाद मैं भाभी के अन्दर ही झड़ गया।
अब मैं भाभी के साइड में लेट गया, पानी हमारे ऊपर बह रहा था.. भाभी बोलीं- राहुल ऐसे सपने देखता था तू.. मेरे साथ?
मैं- अभी तो सिर्फ़ ट्रेलर है भाभी.. पिक्चर तो अभी बाकी है..
फिर मैं बाथरूम से बाहर आ गया।
काफ़ी देर बाद भाभी बाथरूम से नंगी कमरे में आईं.. मैंने कमरे के पर्दे लगा रखे थे और सिर्फ़ एक लाल रंग का बल्ब जला रखा था।
मैंने पंखे वाले हुक से एक रस्सी टाँग रखी थी।
भाभी- यह रस्सी किस लिए राहुल?
मैं- अभी बताता हूँ भाभी.. आप इस रस्सी के नीचे खड़े हो जाओ।
भाभी रस्सी के नीचे खड़ी हो गईं। मैंने भाभी के दोनों हाथ ऊपर करके रस्सी से बाँध दिए और भाभी की आँखों पर पट्टी बाँध दी।
फिर मैंने एक मोरपंख उठाया और भाभी के जिस्म पर धीरे-धीरे फेरने लगा। मैंने भाभी के चेहरे से मोरपंख को फेरते हुए भाभी के निपल्स पर फेरा और फिर नाभि से होते हुए भाभी की जाँघों पर फेरने लगा।
भाभी बुरी तरह कसमसा रही थीं। फिर मैंने भाभी की चूत पर मोरपंख फेरा.. भाभी बुरी तरह सिसकियाँ ले रही थीं ‘आआह.. रर्राहुल्ल्ल.. आआहह.. इसस्स्शह..’
फिर मैंने मोरपंख एक तरफ रख दिया और एक रेशमी कोड़ा उठा लिया.. फिर मैं भाभी के पीछे गया और कोड़े को भाभी की गाण्ड पर फेरने लगा.. फिर मैंने एकदम से एक जोरदार शॉट मारा.. भाभी चीखीं.. फिर मैंने कोड़ा को भाभी के मम्मों पर फेरना शुरू किया और मम्मों के नीचे एक शॉट मारा।
भाभी फिर चीखीं.. अब मैंने भाभी की जाँघों पर कोड़े को फेरा और एक जोरदार शॉट भाभी की चूत पर मारा।
अब भाभी बहुत तेज चीख पड़ीं।
मैंने भाभी के होंठ अपने होंठों से दबा लिए.. और भाभी के हाथ खोल दिए।
भाभी को बिस्तर पर लेटा दिया.. बिस्तर पर भाभी एक ज़िंदा लाश की तरह पड़ी थीं।
फिर भी मैंने भाभी को बिस्तर पर मिशनरी स्टाइल में चोदा। दस मिनट धक्के लगाने के बाद मैं भाभी के अन्दर ही झड़ गया और भाभी के साइड में लेट गया।
थोड़ी देर में थकान की वजह से हम दोनों को नींद आ गई।
मैं शाम के 5 बजे उठा.. भाभी अभी भी सो रही थीं। मैंने पजामा पहना और भाभी के लिए एक शाटिन की पैन्टी और एक लोंग शर्ट निकाल कर बिस्तर पर रख दिया।
अब मैंने नीचे जाकर रसोई में मैगी बनाई। जब मैं मैगी तैयार करके डाइनिंग टेबल पर बैठा.. तब भाभी सीढ़ियों से नीचे आईं। भाभी लोंग शर्ट में किसी ‘विक्टोरिया सीक्रेट’ की मॉडल से कम नहीं लग रही थीं।
भाभी ने मुझे स्माइल दी और मेरे बिना कहे मेरी जाँघों पर बैठ गईं।
मैं- भाभी आप थक गई होंगी.. आप आराम से दूसरी सीट पर बैठ सकती हैं।
भाभी ने मुझे चूमते हुए कहा- नहीं.. मुझे तो मेरे प्यारे देवर की गोद में ही बैठना है।
मैं- कैसा लगा आपको?
भाभी- सच में.. बहुत मज़ा आया राहुल.. मैंने ये सब कभी ट्राई नहीं किया था।
मैंने सिर्फ़ स्माइल दी, फिर हम मैगी खाकर कमरे में चले गए।
मैंने शाम के लिए खाना भी ऑर्डर कर दिया। मैं भाभी के लिए जितनी भी ब्रा-पैन्टी आदि लाया था.. मैंने भाभी को सब दे दीं।
भाभी ने मुझे ‘थैंक यू’ कहा और बोलीं- चल.. तुझे मैं सारी ट्राइ करके दिखाती हूँ।
भाभी ने सारी ब्रा-पैन्टी मुझे पहन कर दिखाईं।
तभी डोरबेल बजी.. हमारा खाना आ गया था.. हमने साथ में डिनर किया।
फिर भाभी ने पूछा- अब क्या करना है राहुल?
मैं- कुछ नहीं भाभी..
भाभी- बस हो गया तेरा.. चल तुझे सरप्राइज देती हूँ.. तू 20 मिनट बाद मेरे कमरे में आना..
बीस मिनट बाद मैं भाभी के कमरे में गया.. तो मैंने देखा भाभी के कमरे में केवल एक जीरो वॉट का बल्ब जल रहा था। भाभी बिस्तर पर एक लाल साड़ी में बैठी थीं.. और बिस्तर पर गुलाब की पत्तियाँ बिखरी थीं।
मैंने भाभी का घूँघट उठाया और एक लंबा स्मूच दिया.. फिर मैंने भाभी को खड़ा किया और उनकी साड़ी खोल दी।
अब मैंने भाभी के ब्लाउज के हुक खोले और ब्रा ऊपर करके भाभी के मम्मों को चूसा, फिर मैंने भाभी का पेटीकोट खोल दिया और पैन्टी को एक साइड में करके भाभी की चूत चाटी।
फिर मैं उनके बाजू में लेट गया.. भाभी खड़ी हुईं और अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो गईं।
भाभी ने मेरा पजामा उतारा और मुझको ब्लोजॉब देने लगीं।
फिर भाभी मेरे ऊपर बैठ गईं और अपने हाथ से लंड अपनी चूत में डाल के एक चुदक्कड़ रण्डी की अदा में आगे-पीछे होने लगीं।
करीब 5 मिनट ऐसा करने के बाद मैंने भाभी को घोड़ी बनने को कहा और एक कन्डोम लेकर भाभी के सामने आ गया। भाभी ने एक बार मेरा लंड चूसा और कन्डोम को लौड़े पर चढ़ा दिया।
मैं भाभी के पीछे गया और भाभी की गाण्ड के सुराख में जीभ डालने लगा।
भाभी ने पूछा- राहुल क्या कर रहा है तू..?
मैंने- कुछ नहीं..
अब मैं एक तेल की बॉटल उठा कर भाभी की गाण्ड के छेद में तेल डालने लगा।
मैंने अपना लंड भाभी के छेद के ऊपर रखा।
भाभी- प्लीज़ राहुल मत करो.. बहुत दर्द होगा मुझे.. मैं यहाँ से वर्जिन हूँ।
मैंने कुछ नहीं सुना और अपना लंड भाभी की गाण्ड में घुसा दिया। लंड अन्दर जाते ही भाभी और मैं दोनों ही जोर से चीखे। दर्द मुझे भी हो रहा था.. लेकिन मैंने धक्के मारना शुरू किए और भाभी की गाण्ड मारने लगा।
भाभी और मैं दोनों बुरी तरह चिल्ला रहे थे। थोड़ी देर में मैं झड़ गया और कन्डोम हटा कर भाभी के बगल में लेट गया।
मैंने भाभी को एक आखिरी चुम्बन किया और भाभी को बाँहों में भरके सो गया।
मैं सुबह उठा तो भाभी उठ चुकी थीं। मैंने कपड़े पहने और नीचे गया.. भाभी रसोई में थीं। मैंने भाभी को ‘गुड मॉर्निंग’ कहा और हम वापिस एक देवर-भाभी बन गए।
वो दिन मेरे और भाभी के लिए सबसे यादगार दिन था।
मेरी भाभी की कातिल जवानी की यह मस्त कहानी आपको हिला कर रख देगी.. बस आप मुझे अपने ईमेल से लिखते रहिएगा.. मेरा उत्साह बढ़ेगा।
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