भाभी की चूत और गाण्ड फाड़ कर उनका मन बहलाया
दोस्तो.. मेरा नाम रवि है मैं हरियाणा का रहने वाला हूँ.. मेरी उम्र 19 साल है।
बात बस एक हफ्ते पहले की ही है.. मैं कॉलेज पढ़ने जाने के लिए हॉस्टल जाने वाला था.. तो पहले अपने मामा के घर गया ताकि वहाँ सबसे मिल लूँ।
उनके घर में सिर्फ़ मामा-मामी उनका एक लड़का और भाभी रहती हैं, भैया और भाभी को एक 2 साल की बेटी भी है। जब मैं भाभी के घर गया तो तो भैया ऑफिस में थे.. और मामा-मामी और भाभी घर पर ही थे।
भाभी ने ब्लैक कलर का सूट पहना हुआ था.. बिल्कुल टाइट फिटिंग वाला..
उन्हें देखते ही मेरा लंड खड़ा होने लगा और मुझसे रुका नहीं गया, मैंने जाते ही उन्हें गले से लगा लिया।
इससे पहले मैंने कभी ऐसा नहीं किया था.. उन्हें भी थोड़ा अजीब सा लगा.. लेकिन वो बस हल्का सा मुस्कुरा के मुझे अन्दर आने के लिए कहने लगीं।
मामी अपने कमरे में सो रही थीं, भाभी मुझे अपने कमरे में ही ले गईं और मेरे लिए पानी लेने गईं।
यार उनके चूतड़ क्या लग रहे थे.. जिन्हें मैं पीछे से घूर रहा था।
उनका फिगर भी कमाल का था.. लगभग 36-26-38 का रहा होगा। उनकी मोटी और मुलायम सी गाण्ड देख कर तो मेरा लंड बैठ ही नहीं रहा था.. ऊपर से उनका कातिल हुस्न.. भाभी एकदम गोरी-चिट्टी.. और सेक्सी थीं। उनकी उम्र भी 25 साल की ही है.. फिर भाभी मेरे लिए पानी लाईं और पानी देने के लिए झुकीं.. तो मुझे उनका क्लीवेज दिख गया।
हाय.. क्या बताऊँ दोस्तो.. क्या मखमली मम्मे लग रहे थे.. मन कर रहा था इनका पूरा रस निचोड़ लूँ..
मैंने भाभी को एसी का तापमान बढ़ाने को कहा.. क्योंकि मुझे ठंड लगने लगी थी।
फिर मैं और भाभी बातें करने लगे, भाभी कहने लगीं- तुझे तो हमारी याद ही नहीं आती.. हमारे घर आता ही नहीं है?
मैंने कहा- ऐसा कुछ नहीं है भाभी.. आप सब लोगों की तो याद आती ही है..
वो मुस्कुरा कर रह गईं।
फिर मैंने भाभी को कहा- भाभी आप आज इस ब्लैक सूट में बहुत सेक्सी लग रहे हो..
भाभी ने कहा- सेक्सी..! क्या बात है बेटा.. बहुत बिगड़ गया लगता है..
मैंने हँस कर कहा- हाँ भाभी.. थोड़ा बहुत..
फिर वो बोलीं- चलो किसी को तो सेक्सी लगती हूँ.. तेरे भैया तो ढंग से देखते भी नहीं है मुझे..
मैंने कहा- कैसी बात करती हो भाभी.. आप झूठ बोल रही हो.. ऐसा हो ही नहीं सकता.. इतनी सुन्दर वाइफ हो और हसबैंड ध्यान ना दे.. मेरी होती तो मैं तो ऑफिस ही ना जाता.. बस ‘आपके’ साथ चिपका रहता..
यह अचानक से मेरे मुँह से अपने आप से निकल गया.. लेकिन भाभी ने माइंड नहीं किया।
फिर भाभी ने कहा- अच्छा बेटा.. और क्या करता तू?
मैंने कहा- शादी होती तो तभी बताता ना.. अब क्या फायदा..
भाभी ने कहा- काश तुझसे ही हो जाती यार.. कोई प्यार तो करता मुझे भी.. ऐसे बोर तो ना होना पड़ता..
मैं भाभी का इशारा समझने लगा.. मुझे समझ आ गया था कि भैया उन्हें प्यार नहीं करते.. मैंने कहा- शादी तो नहीं भाभी.. लेकिन प्यार तो अब भी कर सकता हूँ..
फिर भाभी ने हँसते हुए कहा- चल हट.. बेशरम..!
और मैं भी हँस पड़ा।
फिर मैंने भाभी से कहा- बेशरम नहीं.. सच बोल रहा हूँ..
फिर उन्होंने कहा- बेटा अभी तू बच्चा है..
मैंने कहा- टेस्ट करके देख लो.. यह बच्चा अब बच्चे पैदा कर सकता है..
भाभी ज़ोर से हँस पड़ीं।
फिर भाभी ने कहा- चल दिखा.. क्या क्या आता है तुझे..
इशारों-इशारों में हम दोनों ने ही बात क्लियर कर दी थी कि क्या करना है।
फिर मैंने कहा- डोर लॉक कर दो.. सब दिखाता हूँ..
भाभी डोर लॉक कर रही थीं और मैंने उन्हें पीछे कमर से पकड़ लिया.. और उनके बाल हटा कर गर्दन को चूमने लगा..
भाभी ने कहा- बड़ी जल्दी है तुझे..
मैंने भाभी को ऐसे ही बिस्तर पर धकेल दिया और उनके होंठ चूसने लगा।
आह्ह.. यारो.. क्या मस्त एहसास था..
भाभी ने मुझे कस कर पकड़ लिया और मेरे बालों में हाथ फिराने लगीं.. मैं फिर भाभी को बाईट करने लगा और कमीज के ऊपर से उनके मम्मों को मसकता रहा।
वाह.. क्या मम्मे थे.. कोमल कोमल..
फिर मैंने भाभी को मेरे कपड़े निकालने के लिए कहा और उन्होंने मेरे सारे कपड़े निकाल दिए और मैं सिर्फ़ अंडरवियर में रह गया था।
मैंने भाभी का शर्ट निकाल दिया.. और भाभी सिर्फ़ ब्रा में थीं। मैं फिर भाभी को किस करने लगा और ब्रा के ऊपर से मम्मों को दबाता रहा।
भाभी भी पूरा मजा ले रही थीं और मेरे होंठों को काट रही थीं।
मैंने भाभी से कहा- भाभी.. बहुत प्यासी लगती हो?
भाभी ने कहा- तेरी सोच से भी ज्यादा.. मेरी जान.. एक औरत को और चाहिए ही क्या होता है..
मैंने कहा- फिर तो आज आपको मज़े करा दूँगा..
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मैंने फिर भाभी की ब्रा निकाल फेंकी और उनके मम्मों को बेतहाशा चूसने लगा। भाभी भी ऐसे तड़पने लगीं जैसे उनके पूरे बदन में आग लगी हो।
मैं फिर उनके पेट..गर्दन.. होंठ.. कमर.. हर जगह को चूमने लगा। भाभी सिसकारियाँ भरने लगीं.. पैरों को बिस्तर पर घिसने लगीं।
फिर भाभी ने मुझसे कहा- अब तू नीचे आ जा.. मुझे भी कुछ मज़े लेने दे।
वो मेरे ऊपर चढ़ कर मेरे पूरे शरीर को चाटने लगीं।
सच यार.. कितना मज़ा आ रहा था.. उनके नंगे शरीर से लिपट कर..
मुझे चाटते हुए वो मेरे लंड पर पहुँच गईं और ऊपर से उसे पकड़ कर बोलीं- कितना मोटा है रे..
मैंने कहा- तेरा ही है मेरी जान.. निकाल कर चूस ले..
और वो मेरा लंड पागलों की तरह चूसने लगीं।
मुझे तो मानो जन्नत ही मिल गई.. कितने मज़े आ रहे थे यारों.. में बता नहीं सकता।
मैंने तो उनके मुँह में उनके सर को पकड़ कर एक-दो झटके भी मार दिए.. और मैं झड़ भी गया, वो मेरा सारा रस पी गईं.. और लंड को चाटने लगीं।
लगभग 5 मिनट तक मेरा लंड चूसने के बाद वो मेरे ऊपर फिर लेट गईं.. मेरे होंठो को चूसने लगीं।
मैं भी उनसे कसकर चिपक गया। अब मैंने भाभी की दोनों टाँगों को फैला दिया और उनकी चूत पर हाथ फेरने लगा।
फिर पैन्टी के ऊपर से ही लंड घिसने लगा। मेरा मन तो कर रहा था कि अभी घुसा दूँ पूरा का पूरा..
भाभी बहुत आवाजें निकालने लगीं- आअहह.. आअहह…उम्म्म..
वो अपनी उंगली मेरे मुँह में देने लगीं और टाँगों तो हिलाने लगीं, भाभी ने बोला- अब और आग मत लगा बहनचोद.. मर जाऊँगी.. जल्दी डाल दे..
मैंने कहा- अभी नहीं.. अभी थोड़ा इंतज़ार करो..
मैंने भाभी की पैन्टी निकाल फेंकी और उनकी चिकनी चूत मेरे सामने आ गई.. जिस पर बिल्कुल बाल नहीं थे। मैं उनकी चूत में उंगली करने लगा।
भाभी थोड़ा चिल्लाने लगीं- आह.. ऑश..
मैं उनकी चूत चाटने लगा.. अब तो मानो भाभी पागल ही हो गईं.. वो मेरा सर अपनी छूट में बहुत ज़ोर से दबाने लगीं.. और सिसकारियाँ भरने लगीं।
मैं उनकी चूत को मज़े चाटता रहा.. अब उनकी चूत से पानी आने लगा और भाभी बार-बार चोदने के लिए कहती रहीं।
मैं भी समझ गया कि भाभी अब बिल्कुल गर्म हो चुकी हैं, मैंने देर ना करते हुए उनकी चूत पर अपना लंड रख दिया और एक ही झटके में पूरा लौड़ा घुसा दिया।
भाभी की तो जान ही निकल गई और बहुत तेज़ से चिल्ला पड़ीं- आआहह.. माँ चोद दी.. बहन के लौड़े.. मुझे नहीं चुदना तुझसे..
मैंने उनके मुँह पर जल्दी से हाथ रख दिया और उनके ऊपर ही पड़ गया..
भाभी के आँसू आने लगे और मैं एकदम शांत होकर उनके ऊपर लेटा रहा, उन्हें किस करता रहा.. फिर 5 मिनट बाद मैंने लंड अन्दर-बाहर करना शुरू किया और भाभी आवाजें निकालने लगीं- आ.. आहह.. अहह.. मररर गई..
फिर मैंने स्पीड बढ़ाई और ज़ोर-ज़ोर से भाभी को चोदने लगा..
भाभी को अब बहुत मज़े आने लगे और मुझे और ज़ोर से चोदने के लिए कहने लगीं। मैं उन्हें 20 मिनट तक चोदता रहा और भाभी ने मेरी पीठ पर अपने नाख़ून चुभा दिए..
भाभी तो मानो मेरी दीवानी हो गईं.. बोलने लगीं- आज तू मेरी चूत ऐसी फाड़ दे.. कि मुझे कोई होश ना रहे.. बस चोदता जा!
मैंने भी ऐसा ही किया और बोला- मेरी जान.. चिंता ना कर.. आज तू क्या तेरी माँ भी चुद जाएगी।
कुत्तों की तरह मैं उन्हें चोदने लगा और भाभी बहुत मज़े लेने लगीं, अपनी गाण्ड को ऊपर-नीचे करने लगीं।
अब मैंने भाभी को घोड़ी बनने को कहा और उनकी गाण्ड मारने की बात की।
भाभी ने कहा- आज तो तू चाहे मार दे मुझे.. अब मैं बस तेरी हूँ.. हमेशा के लिए..
मैंने भाभी की गाण्ड पर थोड़ा सा तेल लगाया और अपने लंड पर भी.. और अपना लंड उनकी गाण्ड पर रख कर एक ज़ोर का झटका मार दिया.. लंड आधा अन्दर चला गया।
भाभी ज़ोर से चिल्लाईं- आअहह.. ओह..
उनकी गाण्ड बहुत टाइट थी.. शायद कभी पहले उन्होंने गाण्ड नहीं मरवाई थी.. और उनके चूतड़ बहुत मुलायम थे।
मुझे तो जैसे जन्नत मिल गई.. मैंने एक और झटका मारा और पूरा लंड उनकी गाण्ड में डाल दिया। भाभी ने फिर से आवाज़ निकाली। अब मैं भाभी की गाण्ड को बुरी तरह बजाने लगा.. पूरे कमरे ने ‘पट्ट..पट्ट..’ की आवाज़ आने लगी।
भाभी की सिसकारियों से मेरा मूड बन गया.. और गाण्ड मार मार कर मैंने उनका पूरा छेद खोल दिया, मैं उनकी गाण्ड पर थप्पड़ मारने लगा..पट्ट.. पट..
भाभी हँसने लगीं और मुझसे कहा- मेरे राज़ा आज तूने जीना सीखा दिया… अबसे मैं बस तेरी हूँ.. जब चाहे जो चाहे कर लिओ..
मैंने फिर भाभी की गाण्ड काफ़ी देर तक मारी.. और उनकी गाण्ड में ही झड़ गया।
अब मैं थक चुका था.. और लेट गया।
अगली बार बताऊँगा.. मैंने किस तरह वापिस आकर भाभी की बहन को चोद कर अपनी आग बुझाई।
अगर आपको ये कहानी अच्छी लगी हो तो मुझे ईमेल कीजिएगा।
आपका हंक।
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