मदमस्त नौकरानी की चूत का चोदन
मेरे प्यारे दोस्तो, मैंने अपनी मदमस्त नौकरानी की चूत का चोदन किया… किस तरह मैंने उसे चोदा, आइए जानते हैं.
मेरा नाम अक्षय पाटिल है, मेरी उम्र 22 वर्ष है. मैं बी.ई. सेकंड ईयर का छात्र हूँ और मैं देवास शहर म.प्र. का रहने वाला हूँ. मेरे परिवार में तीन सदस्य हैं. मेरी माँ की उम्र 42 वर्ष है जो कि एक सरकारी स्कूल में टीचर हैं. पिताजी की उम्र 45 वर्ष है जो कि एक निजी कंपनी में मार्केटिंग की जॉब करते हैं और मैं हूँ.
बात दरअसल दो महीने पुरानी है. हमारे घर पर एक लड़की खाना बनाने वाली आती है, उसका नाम रानी है. वो हमारे पड़ोस में ही रहती है, वो एक गरीब परिवार से है. कुछ आय हो जाए, बस इसलिए वो हमारे यहाँ ही खाना बनाने आती है.
रानी एक शादीशुदा लड़की है, जिस की उम्र करीब 24 साल होगी. उस की अभी एक साल पहले ही शादी हुई है. वो दिखने में आज भी एक जवान लड़की की तरह लगती है. उस की गांड इतनी प्यारी है कि हर कोई बस उसे चोदने के बारे में सोचे और उसके चूचे मानो ब्लाउज से बाहर निकलने को बेताब रहते हैं. सच कहूँ तो उसके मम्मों का आकार बहुत प्यारा है, वो एक क़यामत की तरह लगती है.
मैं उसे उसके नाम से ही पुकारता हूँ और वो मुझे भैया कह कर बुलाती है.
एक दिन की बात है, जब मेरे घर पर मैं अकेला था. माँ और पिताजी कहीं दूर के रिश्तेदार के यहाँ शादी में गए हुए थे, रात को मैं पढ़ाई कर रहा था तो देर से सोया था.
तभी सुबह सुबह हमारे दरवाजे की घंटी बजी और मैंने बाहर जा कर दरवाजा खोला तो सामने रानी खड़ी थी. मैं एकटक उसे देखता ही रह गया, वो आज सच में एक रानी की तरह लग रही थी.
तो मैंने उससे पूछा कि आज क्या बात है, कहीं शादी में जाना है क्या?
उसने हंस कर कहा- हाँ.. पर आपको कैसे पता चला?
तो मैंने कहा- आप आज सच में बहुत अच्छी लग रही हो.
यह सुनते ही उसने एक हल्की सी मुस्कान दी और रसोई में आ कर काम करने लगी.
तब तक मैं भी फ्रेश हो गया और रसोई में आकर चाय बनाने लगा, घर में सब को पता है कि मैं रोज चाय खुद बना कर ही पीता हूँ.
वो रोटी बना रही थी, तभी मैं चाय पीते पीते वहीं पर उससे कुछ बातें करने लगा.
उसने मुझसे पूछा- आप को खाना बनाना आता है क्या?
मैंने कहा- क्यों आप हो तो सही? फिर मुझे किस बात की फ़िक्र करना?
तो वो कहने लगी- अभी तो आ गई हूँ, पर शाम को मुझे अपने पति के साथ शादी में जाना है.. तो तब मैं नहीं आ पाऊँगी.
तभी मेरे दिमाग में एक आइडिया आया कि क्यों न आज रानी को चोदने की कोशिश की जाए.
फिर मैंने रानी से कहा- ठीक है, तो फिर आप ही मुझे खाना बनाना सिखा दो. जब कभी आप नहीं आओगी, तब मैं खुद ही बना लिया करूँगा.
रानी ने कहा- ठीक है.. मैं आपको सबसे पहले रोटी बनाना सिखाती हूँ कि कैसे बनाते हैं.
वो मुझे सिखाने लगी, पर मैं तो उसे चोदना चाहता था, तो मैं किसी न किसी बहाने उसे छू रहा था. पर वो मेरी हरकतों से अनजान थी. तभी रानी ने आटा गूँथ कर तैयार कर लिया, फिर रोटी बनाने लगी और मुझे भी सिखाने लगी कि कैसे बनाते हैं.
उसने मुझ से कहा- अब आप बनाओ.
तो मैं रोटी बनाने लगा पर मुझ से रोटी गोल नहीं बन रही थी.
उसने कहा- रुको.. मैं एक बार और बताती हूँ कि कैसे बनाते हैं.
वो रोटी बनाने लगी, तभी मैंने एक योजना बनाई. जब वो रोटी बना रही थी, तो मैं उस के पीछे चला गया वो हाईट में मुझसे छोटी है तो मैं ऊपर से ही उस के ब्लाउज के बीच की गहराई को देखने लगा.
अब मेरा लंड जो 6 इंच का है, मेरे पजामे में से बाहर निकलने को बेताब हो रहा था. मैंने पीछे से ही रानी के हाथों से बेलन ले लिया और चकले पर बेलन चलाने लगा.
हमारी पोजीशन कुछ इस तरह थी कि मैं उसके पीछे खड़ा था और वो मेरी बांहों में थी, मैं रोटी बनाने की एक्टिंग करने लगा.
उसने कसमसाते हुए कहा- मुझे बाहर तो निकलने दो, आप तो सीखने के लिए बहुत उतावले हो रहे हो.
मैंने कहा- आप ऐसे ही सिखाओ, कहीं कुछ गलती होगी तो बता भी अच्छे से दोगी.
उसने कहा- ठीक है.
पर मैं तो आज बस उसे चोदना चाहता था और ये सब एक नाटक कर रहा था. मेरा लंड बार बार उसकी गांड को छू रहा था और शायद अब उसे भी इस बात का अहसास हो गया था.
तभी उसने मुझसे कहा कि बस आज के लिए इतना काफी है.
मैंने कहा- अगर आप पूरा नहीं सिखाओगी तो मैं शाम को खाना कैसे बनाऊंगा?
वो कुछ पल रुकी.. फिर कहा- ठीक है…
मुझे पता था कि अब वो पूरी तरह मेरे जाल में फंस गई है. मेरा लंड जो कि रानी की गांड में सैट होने की जुगाड़ में बार बार फुदकने में लगा था.
तभी अचानक से मैंने देखा कि वो भी अपनी गांड को पीछे की ओर धकेलने लगी थी. शायद उसे भी अब इसमें मजा आने लगा था.
मैंने उसे बेलन दिया और बोला- अब तुम बनाओ!
तो वो रोटी बनाने लगी.
मैंने अपने दोनों हाथ उसकी कमर पर रख दिए तो उसने इसका कोई विरोध नहीं किया. अब वो भी गर्म होने लगी थी और मैं उसकी कमर को सहला रहा था और धीरे धीरे उसके मम्मों को मेरा हाथ छू रहा था.
मैं समझ गया कि वो भी अब अपनी चूत का चोदन करवाने के लिए तैयार है तो मैंने उस को मेरी तरफ घूमने के लिए कहा और जैसे ही वो घूमी, मैंने अपने होंठों को उस के होंठों पर रख दिया. उस ने इस का भी कोई विरोध नहीं किया, अब वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.
तभी मैंने उससे कहा- चलो मेरे कमरे में चलते हैं.
हम दोनों कमरे में आकर एक दूसरे को पागलों की तरह किस करने लग गए. फिर धीरे से मैंने उस की साड़ी को उतार दिया और ब्लाउज के हुक भी खोल दिए. मैंने उसके ब्लाऊज को उतारा, नीचे काले रंग की ब्रा थी जिसमें से उसके आधे आधे चूचे मुझे दिखाई दे रहे थे. मैंने उन पर हाथ फिराया और फिर मैंने ब्रा का हुक खोल दिया. उसके दोनों चूचे उछल कर मेरी नज़रों के सामने आ गए. मैंने उसकी ब्रा को उसकी बाजुओं से निकाल कर एक तरफ फेंक दिया और अब मैं पागलों की तरह उसके बड़े बड़े मम्मों को मुँह में लेकर रसपान कर रहा था और वो अजीब सी सिसकारियां निकाल रही थी- अह्ह ऊह्ह्ह… उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओह्ह्ह.. आह्ह..
उसकी चूचियां कड़क हो गई थीं, मैं आपको बता नहीं सकता दोस्तो कि मुझे इस खेल में कितना मजा आ रहा था. मैं काफी देर तक उसकी चूचियां मसलता रहा, चूसता रहा और वो आहें भरती रही. वो भी पूरा मजा ले रही थी.
फिर मैंने उस के पेटिकोट का नाड़ा पकड़ कर खींच दिया तो उसका पेटीकोट उसकी जांघों से सरकता हुआ नीचे उस के पैरों में गिर गया. अब वो मेरे सामने सिर्फ काली पेंटी में खड़ी थी.
मैंने उस की पैंटी को भी उस की चिकनी जांघों पर से खिसकाना शुरू किया और उस की नंगी चूत मुझे दिखाई देने लगी. मेरी नौकरानी की चूत पर छोटे छोटे बाल था, जैसे उसने 3-4 दिन पहले ही चूत के बाल साफ़ किये हों.
जब उसकी चूत पूरी नंगी हुई तो जैसे उसे शर्म सी आई और उसने अपने दोनों हाथ अपनी चूत पर रख कर उसे ढकने लगी. मैंने उसके दोनों हाथ हटा दिए और उसकी चूत को देखने लगा.
जब मैंने रानी को पूरी नंगी कर दिया तो मैंने अपने पजामे और टी शर्ट को भी उतार दिया.
अब हम दोनों बिना कुछ बोले एक दूसरे में खोये हुए थे. मैं अपना लंड उसके मुँह के पास ले गया तो उसने बिना देर किए मेरा लंड पूरा का पूरा अपने मुँह में ले लिया.
मुझे तो जैसे जन्नत मिल गई हो… क्योंकि ये सब मेरे साथ पहली बार हो रहा था, इससे पहले मैंने कभी किसी को नहीं चोदा था… पर अन्तर्वासना पर लगभग सारी कहानियां पढी हैं तो मुझे पता था कि कैसे चोदना है.
अब वो मेरे लंड को अन्दर तक ले कर चूस रही थी. मैंने काफी समय तक अपने लंड को उसे चुसवाया.
फिर मैं उस के सामने अपने घुटनों पर आ गया और उस की चूत में अपनी जीभ डाल कर उस की चूत का रसपान करने लगा. वो नहा कर आई थी तो उस की चूत में से भीनी भीनी सी खुश्बू आ रही थी, जब मेरी जीभ उस की भगनासा को चाटती तो उस के मुँह से जोर से सिसकारियां निकलने लगती. मुझे भी उस की चूत चाटने में बहुत मजा आ रहा था. उस की गुलाबी सी चूत मुझे अपनी ओर आकर्षित कर रही थी.
वो मुझसे अपनी चूत चुसवाते हुए सीत्कार रही थी- आह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह ऊह्ह्ह ओह्हह्ह मेरा राजा ये तुम क्या कर रहे हो.. आज तक मुझे ऐसा मजा किसी ने नहीं दिया.
मैंने उससे पूछा- क्यों.. तुम्हारा पति तुम्हारी चूत नहीं चाटता है क्या..
वो बोली- नहीं, वो बस अपना लंड मेरी चूत में डाल देते हैं.. बस और कुछ नहीं करते.
मैंने उससे कहा- घबराओ मत, मैं आज तुम्हें सारा सुख दूंगा जो तुम्हें आज से पहले कभी नहीं मिला होगा.
अब मैं उसकी चूत में उंगली डाल कर चूत को चाट रहा था.
वो भी अपनी गांड को ऊपर उठा उठा कर मेरा पूरा साथ दे रही थी और पूरा कमरा ‘आअह ओह्ह उह्ह्ह…’ की मादक आवाजों से गूंज रहा था.
तभी उसने कहा- प्लीज अब और मत तड़पाओ.. जल्दी से चोद दो मेरी इस चूत को.. पेल दो अपना लंड इसमें…
मैंने भी ज्यादा देर ना करते हुए उसे अपने दोनों हाथों से चूत के पट खोलने को कहा. वो घुटने मोड़ कर जांघें खोल कर अपने दोनों हाथों से अपनी चूत खोल कर लेट गई और मैंने अपना लंड उसकी चूत पर सैट किया और एक झटका दे दिया तो उसकी गीली हुई पड़ी चूत में मेरा पूरा का पूरा लंड जड़ तक समां गया. उसके मुँह से दर्द भरी आवाज आई- उई माँ मर गई.. प्लीज रहने दो.. बहुत दर्द हो रहा है. तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है..
पर मैं कहाँ कुछ सुनने वाला था. मैंने अपने होंठों को उसके होंठों पर रख दिया और उसे हचक कर चोदने लगा. अब धीरे-धीरे उसे भी मजा आने लगा था और वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.
वो अपनी कमर उठा कर सिसिया रही थी- आह.. आओ मेरे राजा.. ओह.. चोद दो मुझे.. और अन्दर तक पेल कर चोद दो.. आह.. चोदो.. चोदो.. आअह्ह्ह्ह ओह्ह्ह… आज तो तुमने मार ही डाला मेरे राजा… चोद दो मुझे.. चोदो.. फाड़ दो मेरी इस चूत को.. आह..
फिर मैंने उसे घोड़ी बनने को कहा तो वो झट से बन गई. मैंने पीछे से अपना लंड उसकी चूत पर सैट किया और उसे चोदने लगा.
“आअह्ह्ह ओह्ह्ह्ह.. तुम बहुत प्यारे हो मेरे राजा अह्ह्ह् उह्ह्ह्ह..”
इधर मुझे तो जैसे आज जन्नत ही मिल गई थी इस चोदन से… क्या टाइट लंड जा रहा था उस की चूत में.. शायद उस का पति उसे कम ही चोदता होगा, खैर मुझे क्या.. मैं तो बस उसे लगातार चोदे जा रहा था.
वो भी बार-बार कह रही थी- आह.. चोदो… और जोर से चोदो…
उस की चूत पूरी गीली हो चुकी थी. शायद वो झड़ चुकी थी.
करीब पांच मिनट तक चोदने के बाद मैं चरम सीमा पर पहुँच गया और उस से बिना कुछ बोले उसकी चूत में ही झड़ गया.
उसके बाद उसी दिन मैंने उसे एक बार फिर चोदा और अब तो मैं रानी को जब भी मौका मिलता.. उसे चोदता रहता हूँ. उसने मुझे कभी मना नहीं किया, शायद उसे मेरे लंड से चुदाने में आनन्द मिलता है जो उसे उसके पति से नहीं मिलता होगा.
मेरी यह पहली हिंदी में देसी चोदन की कहानी है, जो मैंने अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज के माध्यम से आप सभी को बताई, आप चाहें तो मेरी कहानी पर मुझे अपने सुझाव मेल कर सकते हैं.
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