मराठी मुलगी की प्यासी चूत में लंड की सेक्सी कहानी-3
मराठी मुलगी की प्यासी चूत में लंड की सेक्सी कहानी-2
हम दोनों बात करते हुए एक दूसरे के बदन को सहला रहे थे! जिस्म दोनों के निर्वस्त्र थे हम दोनों के भीतर नई ऊर्जा का संचार हो चुका था, अब मेरी बारी थी..
मैं कोमल के ऊपर आ गया और उसके लब चूसने लगा, साथ ही साथ उसके बदन को सहला रहा था, कोमल अब मचलने लगी थी.
मैंने अपने होंठ उसके होठों पर चिपका दिए और उसके गुलाबी होठों का रसपान करने लगा, कोमल भी मेरे होठों को पीने लगी, मैं उसके कभी ऊपर के होठों को चूसता तो कभी नीचे के होठों को। करीब दस मिनट तक मैं उसके होठों में चिपका रहा यार उसके होंठ थे ही इतने रस से भरे तो कैसे छोड़ देता!
तभी जंगली बिल्ली ने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी और मुझे बेसब्री से चूसने लगी- हुम्म हुम्म्म्म!
मेरे हाथ उसकी चूचियों पर थे, मैं उन्हें दबा रहा था, मसल रहा था, धीरे धीरे मैं नीचे सरक रहा था और जंगली बिल्ली मेरे सर के बालों को पकड़ कर नोच रही थी.
‘आआ आह्ह… स्स स्साआअह्ह उम्म्ह… अहह… हय… याह… ऊह्ह आह…’
उसकी नाभि पे मैंने अपनी उँगलियों को घुमाना चालू किया तो कोमल मचल गई. फिर मैंने अपनी जीभ को नाभि की गहराई में ले जा कर उसे चाटना शुरू किया.
कोमल हर पल मचल रही थी, सिसकारियों से कमरा संगीतमय था- ओह्ह्ह उफ्फ फ्फ्फ़ क्या कर रहे हो आप? रुको ओ ओ ओ ओ बस करो प्लीज!
कोमल के जिस्म का एक एक अंग मैं चूमना चाहता था मैं चाह रहा था कि उस बिल्ली को इतना तड़पा कर मज़ा दूँ कि वो मेरी दूर तक साथी बनी रहे.
मैं जैसे जैसे नीचे आ रहा था, कोमल के दोनों पैर खुलते जा रहे थे, मैं सर उठा कर कोमल को दिन के उजाले में देखने लगा.
उफ्फ्फ… उसका बदन पूर्णतया विकसित 32 साइज की चूची.. पतली कमर, गोरा बदन और चेहरे पे बिखरी जुल्फें…
मेरा लंड भी अकड़ सा गया.
उसकी सफाचट चूत में बहुत हल्के से रोयें जैसे बाल के साथ फूली हुई चूत चूत लबों के बीच में एक लम्बी रेखा… आह्ह्ह्ह क्या नज़ारा है! मैंने झुक कर चूम लिया और जीभ से चाट लिया.
और नीचे आया, कोमल के पैरों को और फैलाया, उसके चूतड़ों के नीचे एक तकिया लगा दिया, चूत अब उभर कर सामने थी और मेरे होंठों ने उसको चूमा तो कोमल एकबारगी उछल सी गई ‘आआहऽऽ …आआऽऽऽ… ऊऊऊऊ… ऊओफ्फ!
मेरे होंठ उसकी गीली और चिकनी चूत के लबों में पहुंच कर उस रस का स्वाद लेने लगे… कोमल की चूत की चिकनाई में वासना से भरे बुलबुले भी उभर आये थे, जैसे चूत में रस का मन्थन हो रहा हो।
चूत से पानी बह रहा था और मैं उस अमृत रस को पी रहा था. कोमल की चूत का मुख खोल कर जीभ मैंने चूत के अन्दर तक चाटना शुरू किया चूत का दाना फूल कर लाल हो गया था। बार बार होंठों से चूसने के कारण कोमल के तन की आग भड़कने लगी थी और वो सेक्सी सेक्सी आवाजें निकालने लगी- आह्ह… आह… ऊऊ ऊऊ… ईई ईश शर… आआआआ… ऊऊओफ़ फफ… ऊऊऊ फफ फअआ ह्ह्ह!
कोमल की आवाज़ तेज़ होती गई और मेरी जीभ चूत के अंदर जाकर गोल गोल घूम कर उसकी चुदाई कर रही थी. कोमल मचल रही थी, काँप रही थी, सिसकारियाँ भर रही थी- अय्य… उम्म्ह… अहह… हय… याह… आईई ईई, ऊऊ युयुयु ऊऊऊयू हाआआ अहा हह उफ्फ शस हेहः ओह आह आहः
कोमल मचली जोर से कांपी और शांत हो गई.. मेरे मुँह पे एक अमृत रस की फुहार रह रह कर आने लगी जिसको मैं आराम से चाट चाट कर पी रहा था.
कोमल शांत हो चुकी थी.
मेरा लंड तैयार था और उसकी चूत लंड लंड पुकार रही थी, मैंने उसके ऊपर आकर उसके होंठों को चूमना शुरू कर दिया, कोमल ने भी साथ दिया, एक हाथ नीचे ले जा कर लंड को चूत की दरारों में घिसना चालू किया तो कोमल के तन में भी जान आ गई, उसकी कमर उचकने लगी, मैं समझ गया कि वो अब तैयार है.
मैंने नीचे आकर उसकी चूत में लंड को रगड़ा फ़िर कंडोम चढ़ाने लगा ही था कोमल ने मना कर दिया- नहीं ये नहीं.. बाद में… मेरे सेफ दिन हैं.
मैंने कोमल के बात मान कर लिंग को चूत के द्वार पर टिका दिया. लंड को रगड़ते हुए एक बार फिर से कोमल को देखा, हमारी नज़रें मिली पर उसने शर्मा कर अपनी आँखें बंद कर ली.
अगले पल मैंने उसके कंधे पकड़े और थोड़ा दबाव बढ़ाया, लंड का टोपा अंदर प्रवेश किया था कि कोमल के चेहरे का रंग बदलने लगा, मुँह खोल कर वो जोर से साँस लेने लगी, मेरा लंड धीरे धीरे चूत की गुफा में प्रवेश करता गया.
कोमल- उफ्फफ्फ अह्ह्ह थोड़ा धीरे… आह्ह..सी.. सीअ.. अह ह उम्म्ह
उसने कस कर एक हाथ से चादर को पकड़ लिया और दूसरे हाथ से मेरे कंधों को पकड़ा.
आप सभी लोग जानते हैं कि यदि चूत में काफी दिन तक लंड का प्रवेश न हो तो चूत पुनः अपना आकार वापस लेने लगती है, यह कुदरती है.
धीरे धीरे मेरा दबाव बढ़ता गया, लंड चूत में जाने लगा, कोमल की बंद आँखों से पानी आ गया था, वो जोर जोर से साँस ले रही थी, चेहरा लाल हो गया था और फिर कुछ पलो में मेरा लंड चूत में पूरा अंदर चला गया.
कुछ पल को रुक कर मैंने अपनी स्थिति को एडजेस्ट किया और कोमल को भी संभालने का मौका दिया. अब तक चूत मेरे लंड के हिसाब से अपने को एडजेस्ट कर चुकी थी.
मैंने एक बारगी लंड निकाला और इस बार चूत पे एक दमदार झटका दिया और लंड एकबारगी पूरा चूत के अंदर..
कोमल- उफ्फ फ्फ्फ धीरे आ आ आ आ शू शू उफ्फ फ्फ्फ उम्म्ह… अहह… हय… याह…
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फिर तो बिना रुके मेरी स्लो स्पीड से मेरा लंड कभी चूत के अंदर तो कभी बाहर… अब कोमल भी मदहोश हो कर सिसकारी भर भर पागल हो रही थी, उसके चूतड़ भी मेरे साथ मेरे साथ उछल रहे थे, मैं भी जोर सी सांसें ले रहा था- ओह्ह ओह्ह्ह आह!
वो कामुक आवाजें निकालने और कहने लगी- सी.. सीअ.. अह ह उम्म्ह… अहह… हय… याह… अह उअह उउउ..
मैं दम साधे शॉट पे शॉट लगाए जा रहा था.
कोमल मुझे खींच कर मेरे होंठ को चूम कर चूसने लगी, दूसरा हाथ मेरी कमर को कस के पकड़े थी- फक्क मी.. आआह.. आह.. म्म्म्म्म्म और तेज .. अअह.. अअअर!
कोमल का शरीर बार बार झटके लेने लगता था, मेरा अनुभव बता रहा था कि वो दो बार पानी छोड़ चुकी थी.
मैं उसको लेते हुए पलट गया और अब कोमल मेरे ऊपर थी.. मैंने उसके चूतड़ को पकड़ा और ऊपर उछाला…
और मेरा लंड बाहर.. और उतनी तेज़ी सी उसे नीचे खींच लिया.
‘मर गई ई ई ई ई धी ई रे आशू ओफ़्फ़्फ़ मर गई मैं… धीरे आशू! मेरा लंड एकबारगी अंदर तक मुझे और उसको दोनों महसूस हुआ. कोमल भी चूतड़ उछालने लगी थी मेरे हाथों का सपोर्ट उसके रिदिम को बरकार रखे था ‘आ…ह आआआ आआआ… हुम्म हुम्म्म्म!’
फच्च फच्च फच्च फच्च फच्च फच्च की कुछ आवाज़े कमरे में गूंजने लगी… कभी फच्च फच्च फच्च तो कभी पट पट पट… एक न थमने वाला शोर!
मैंने उसको थोड़ा अपनी ओर खींचा ओर थोड़ा उठ कर उसकी चूची को मुँह में भर के चूसने लगा. उफ्फ्फ़… उछलती चूचियों को मुँह में भरना आअह्ह!
कोमल की सांसें उखड़ने लगी तो मैंने उसको फिर से पलट दिया, उसके ऊपर आकर मिशनरी स्टाइल में चूत में लंड घुसा दिया.
मैंने फिर शॉट पे शॉट कभी अंदर कभी बाहर ‘ओह्ह कोमल आह्ह आह उफ्फ्फ्फ़ उफ्फ्फ ये ये हुम्म हुम्म्म्म…’
कोमल भी मस्त हो कर चुदवा रही थी
मैं कभी उसकी चूची चूसता तो कभी चूत पर हाथ ले जाकर चूत का किनारा रगड़ता ओर इसका नतीजा यह हुआ कि अब कोमल फिर से झड़ने को तैयार थी.
कोमल की मदमाटी आवाज़ ‘अय्य… उम्म्ह… अहह… हय… याह… आईई ईईईई, ऊऊऊ युयुयु ऊऊऊयू हाआआ अहा हह औय्या शहस हेहः ओह आह अहह… याह… हाय हाय रे… आऽऽऽह ओऽऽऽह ओह्ह्ह आशु … हाऽऽऽय… जोर से मेरा हो जायेगा!
मैंने जोर जोर से शॉट लगाने शुरू किया अपने मन को एकाग्र किया जिससे मैं भी उसके साथ झड़ जाऊँ…
दो नग्न जिस्म पसीने से सराबोर… कोमल के बिखरे बाल उसके चेहरे पर… कुछ और शॉट… कुछ और चुम्बन…
मैं उत्तेजना में धक्के लगाये जा रहा था और उनकी चूत का पानी फ़च फ़च की आवाज कर रहा था।
कोमल मुझे जकड़े जा रही थी, हर पल कोमल की पकड़ बढ़ती जा रही थी… मुझे लगा कि कोमल अब झड़ने वाली हैं… मैंने उनकी चुची से हाथ हटा दिया।
तभी कोमल ज़ोर से चिल्लाई- जल्दी… आऽऽऽह… मैं गई… आह रे… मैं गई… आशू … मुझे कस लो…
कह कर उसने मुझे जकड़ने की कोशिश की ओर मैंने भी उसी जकड़न में दो ओर धक्के मारे ओर अह्ह्ह उफ्फ्फफ्फ्फ़… आऽऽऽह के आवाज़ करते हुए अपना सारा अमृत उसकी चूत में छोड़ दिया.
हम दोनों एक दूसरे को जोर से जकड़े हुए थे… उसकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी छोड़ रही थी… मेरा लंड रह रह कर फूलता ओर अमृत को छोड़ता!
कुछ पलों तक यह सिलसिला चलता रहा.
मेरी सांसें काबू में नहीं थी… मैं जोर जोर से सांसें ले रहा था, कोमल तो निढाल सी मेरे को जकड़े हुए पड़ी थी.
कुछ पल और बीत गए, कुछ जान वापस आई… कुछ हरकत हुई हम दोनों के नग्न जिस्म में… लंड के पास से कुछ बहता सा लगा… ओह्ह्ह चूत ओर लंड के रस अद्भुत संगम.. इतना अमृत तो आज बहुत दिन बाद निकला था!
मैं थोड़ सा उठा था कि लंड सिकुड़ कर बाहर आ गया बेचारा लंड बेजान सा, जो एक जीत के बाद भी हारा हुआ सा लग रहा था.
मैं कोमल के बगल में गिर गया, वो भी गहरी सांसें ले रही थी…
हम दोनों एक दूसरे की बाहों में थे… आँखें बंद किये हुए… सिर्फ एक दूसरे की तेज़ धड़कन को सुनते रहे!
थोड़ी देर बाद…
मैं- कोमल तुम ठीक तो हो न?
कोमल- हम्म!
कह कर मेरे होंठों पे चुम्बन देकर अपनी मौजूदगी का अहसास कराया उसने!
मैं- चुप क्यों हो?
कोमल- आप कुछ पूछो मत… बस मुझे आनन्द के इस समुन्दर में गोते लगाने दीजिये! आप बहुत कमाल के हैं… मैंने ऐसा कुछ भी नहीं सोचा था पर आपने मुझे न जाने कितने सारे अहसास करा दिए..
मैं- सच.. क्यों ऐसा क्या कर दिया मैंने?
कोमल- क्या नहीं किया आपने… आपने मुझे वो करने दिया जो मैं करना चाहती थी!
मैं- ओह्ह्ह… और?
कोमल- आपने मुझे इतनी बार डिस्चार्ज करवाया, इतना तो मैं अपने पति के साथ एक बार में नहीं हुई.
मैं- सच में… वो दिख रहा था, महसूस हुआ मुझे!
कोमल.. थैंक्स आपका!
मैंने बिना कुछ बोले एक फ्रेश टॉवल लिया और वाशरूम में गर्म पानी से गीला करके सबसे पहले उसकी चूत को अच्छे से साफ किया, फिर अपने लंड को भी ठीक से साफ किया.
सम्भोग के बाद साफ टॉवल से चूत ओर लंड को ठीक से साफ करना चाहिए गर्म पानी में डूबी टॉवल से, अगर वो उपलब्ध न हो तो वाशरूम में जाकर साफ पानी से धो लेना चाहिए. यह आपको किसी भी यौन संक्रमण से बचाता है.
चूत में लंड की यह सेक्सी कहानी अगले भाग में समाप्त होगी।
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मराठी मुलगी की प्यासी चूत में लंड की सेक्सी कहानी-4
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