मस्त फ़ीगर वाली पड़ोसन भाभी की मस्त चुत चुदाई
मित्रो नमस्कार.. आज मैं आपको मेरी जीवन की वो सेक्स कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जिसने मेरी जिन्दगी को बदल दिया था।
मेरा नाम बंसत है.. मैं मुम्बई में रहता हूँ। मेरी आयु 27 वर्ष की है। मुझमें सबसे खास बात मेरे लंड की साईज है, जो 7.4 इंच लम्बा व काफी मोटा है अगर किसी को इस बात पर विश्वास ना हो तो मुझे मेल करे.. मैं दिखा दूँगा।
यह हिंदी सेक्स कहानी मेरी पड़ोस की भाभी के साथ हुई घटना है।
मेरे यहाँ फ्लैट सिस्टम है.. जहाँ मैं रहता हूँ। मेरे पास वाले फ्लैट में एक भैया-भाभी रहते हैं, उनके दो बेबी भी हैं। भाभी की फिगर की तो आप पूछो मत.. पूरे 34 नाप के चूचे व 36 इंच की उठी हुई गांड है। भाभी की फिगर में वो ताकत है कि वो किसी का लंड भी खड़ा कर सकती हैं।
एक बार की बात है, भैया किसी काम से नेपाल गए हुए थे। शाम को भाभी नीचे गार्डन में घूमने के लिए निकलीं.. मैं नीचे ही बैठा था।
भाभी भी मेरे पास ही आकर बैठ गईं और बोलीं- आजकल दिखते नहीं हो?
मैंने कहा- भाभी मैं तो दिखता हूँ, आप ही दिखाई नहीं देतीं!
वो बात बदलते हुए बोलीं- आज भैया नेपाल गए हुए हैं।
उस समय मैंने नाईट सूट पहन रखी थी जैसा कि मैं आपको बता चुका हूँ कि मेरे लंड का साईज काफी बड़ा है.. तो नाईट सूट के पजामे से लंड का आकार साफ-साफ दिखता है। मैं नोट कर रहा था कि भाभी भी मेरे लंड की ओर चोरी-चोरी देख रही थीं।
फिर उसी रात को मैंने भाभी को मैसेज किया व काफी देर तक सामान्य बातचीत की.. इसी में रात के बारह बज गए थे।
मैंने कहा- भाभी लगता है आपको नींद नहीं आ रही है!
वो बोलीं- हाँ.. नहीं आ रही है और मन भी नहीं लग रहा है.. अकेली हूँ ना!
मैंने भी मौका पाकर बोल दिया- मन नहीं लग रहा है.. तो मैं आ जाऊँ.. मन लगाने!
वो भी रोमांटिक व उत्तेजित होने लगीं।
मैं भी रोमांटिक बातें करने लगा।
मैं समझ गया कि भाभी गर्म हो रही हैं, मैंने भाभी को बोल दिया- आप बहुत सुन्दर लगती हैं।
वो बोलीं- कैसे?
‘भाभी आपकी सुन्दरता की पहचान आपके फिगर से होती है।’
इतने में भाभी बोलीं- फिगर तो आपकी भी काफी अच्छी है।
मैं समझ गया कि भाभी सेक्स की भूखी हैं व वह मेरे लंड की प्यासी हो चुकी हैं।
मैंने बोल दिया- भाभी.. ये सब कुछ आपके लिए ही तो तैयार किया है।
भाभी बोलीं- अच्छा मेरे लिए.. वो कैसे?
मैंने कहा- भाभी मैं आपसे मिलना चाहता हूँ, मिल कर ही बताऊँगा।
उन्होंने कहा- तो मना किसने किया है.. आ जाओ।
मैंने कहा- गेट खोलो।
भाभी के घर पर उनके अलावा और कोई नहीं था। मैंने अपने घर में बाहर से ताला लगा दिया ताकि मम्मी पापा जागें नहीं।
अब मैंने भाभी के फ्लैट की तरफ देखा तो भाभी गेट पर ही खड़ी थीं, वो मुझे देखकर हँस दीं। वो इशारे से मुझे अपने घर में अन्दर आने को बोलीं।
मैं लपक कर अन्दर घुस गया, मेरे अन्दर घुसते ही भाभी ने भी झट से दरवाजा बन्द कर दिया।
मैं भाभी के कमरे में भाभी के पास उनके बेड पर बैठ गया व हम दोनों बातें करने लगे, हमारी बातें रोमांटिक होने लगीं।
मेरा लंड खड़ा तो था ही.. कड़क भी होने लगा। अब भाभी भी समझ गईं व गर्म होने लगीं।
वो धीरे-धीरे मेरे पास को खिसकने लगीं। इतने में मैंने बोला- भाभी.. अगले बच्चे का क्या प्लान है?
भाभी गरम होते हुए बोलीं- जब आप बोलो!
मैंने कहा- मेरा मन करे तो अभी कर डालूँ भाभी!
तो भाभी ने खुलते हुए बोला- तो रोका किसने है?
मैंने भाभी की पीठ पर हाथ रख दिया और उनसे चिपक कर बैठ गया। भाभी ने भी मेरे पेट पर हाथ रख दिया व मेरे पेट को मसलने लगीं।
मैंने देखा कि भाभी चुदासी और गर्म हो चुकी हैं तो मैंने भाभी के मम्मों पर हाथ रख दिया। भाभी के मुँह से ‘आहह..’ की आवाज निकल गई.. वो मुझसे ऐसे चिपक गईं.. जैसे बहुत दिनों से भूखी हों।
मैं भाभी के मम्मों को धीरे धीरे सहलाने लगा और गर्म होने के कारण भाभी भी मेरा साथ देने लगीं।
मैंने अगले ही पल उनकी साड़ी का पल्लू नीचे कर दिया व ब्लाउज के अन्दर हाथ डाल दिया, फिर धीरे से ब्लाउज को खोल दिया, मैंने देखा कि भाभी ने लाल रंग की ब्रा पहन रखी थी।
धीरे धीरे भाभी भी मेरे लंड को सहलाने लगीं, मैंने उनकी ब्रा निकाल कर फेंक दी और उनके मम्मों पर टूट पड़ा व भाभी के रसीले मम्मों को जोर-जोर से मसलने लगा।
वो मस्त हो कर ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ की आवाजें निकालने लगीं।
मैंने अपना मुँह उनके मम्मों पर लगा दिया व उनके मम्मों को पीने लगा।
फ़िर भाभी ने अपने होंठ मेरे होंठों से लगा दिए व 5 मिनट तक हम दोनों किस करते रहे।
अब भाभी काफी उत्तेजित हो चुकी थीं। उन्होंने मेरे पजामे के नाड़े को खींचना चालू कर दिया व कुछ ही पलों में उसको अलग करके मेरी चड्डी को खींचने लगीं। मैंने भी उन्हें सहयोग किया और भाभी ने मेरी चड्डी को भी उतार दिया। चड्डी के उतरते ही वो मेरे लंड को हैरानी से निहारने लगीं व लंड को मुँह में लेने के लिए आगे को हुईं।
मैंने भी लंड उनके मुँह की तरफ बढ़ा दिया तो वो अपने हाथ से लंड को ऊपर-नीचे करके अपने मुँह में लेने लगीं। अब लंड भाभी के मुँह से स्पर्श कर चुका था.. इसी के साथ मेरे मुँह से भी ‘आहह.. आहह.. की आवाजें आने लगीं, मैंने सीत्कार भरते हुए कहा- आह्ह.. भाभी जरा धीरे!
परन्तु वो काफी गर्म होने के कारण कुछ भी नहीं सुन रही थीं।
मैं भी काफी गरम हो गया था। पांच मिनट लंड चूसने के बाद मैंने भाभी की साड़ी को जोर से खींचा व निकाल दिया और उनके पेटीकोट को खींचने लगा।
भाभी का पेटीकोट खींचने के चक्कर में भाभी का पेटीकोट फट गया। मैंने देखा कि भाभी ने काली पेंटी पहन रखी है। अब मैंने भाभी को अपने नीचे खींचा व उनकी पेंटी को उतार फेंका।
मैंने देखा भाभी की चुत पर एक भी बाल नहीं है..मेरे मुँह से निकल पड़ा- वाव भाभी.. आपकी तो चिकनी चमेली है!
तो भाभी शर्माते हुए बोलीं- हाँ.. दो दिन पहले ही बाल साफ किए थे।
मैंने अपना मुँह भाभी की चुत पर लगा दिया व जोर-जोर से चुत चूसने लगा। भाभी सीत्कारने लगीं- आहह.. ओह माई गॉड.. ओहहह..
वो काफी तड़पने लगीं व मुझे अपने ऊपर खींचने लगीं।
मैंने भी देर ना करते हुए अपना लंड को ठिकाने पर लगते हुए भाभी की चुत में डाल दिया व तेज-तेज धक्के मारना चालू कर दिया।
मेरे इस एकदम से हुए एक्शन से भाभी जोर से चिल्लाने लगीं- उह.. मर गई.. आहह.. ओहह.. बंसत धीरे करो.. धीरे.. बंसत धीरे करो.. मेरी मारो.. पर आराम से यार.. आहह.. मर गई रे.. तूने तो मार दिया।
मैंने भाभी को घोड़ी बनाया व पीछे से उनकी चूत में लंड पेल कर वापस धक्के मारने लगा।
वो जोर से चिल्लाने लगीं- आहह.. मार दिया रे.. आहह रे..
कुछ मिनट बाद मुझे लगा भाभी का हो गया है क्योंकि भाभी की चुत से गरम पानी निकलने लगा व ‘पच.. पच..’ की आवाजें आने लगी थीं।
अब मुझसे भी नहीं रहा गया और मैं भी जोर-जोर से धक्के लगाने लगा, भाभी जोर से ‘आहह.. आहह..’ करने में लगी हुई ही थीं।
तभी मैंने जोर के धक्के से अपना पानी भाभी की चुत में छोड़ दिया। मैं भी पानी निकालते समय ‘आहहह.. आहह..’ करने लगा और भाभी के ऊपर ही ढेर हो गया।
हम दोनों एकदम से निढाल हो गए थे.. और हम दोनों की आँखें मुंद गईं.. कब नींद के आगोश में चले गए, कुछ पता ही नहीं चला।
दो घन्टे बाद भाभी की बेबी जागी.. तो उसके रोने की आवाज से हमें होश आया व हम दोनों ने अपने कपड़े पहने व मैं अपने घर जाने लगा।
भाभी को मैंने एक लम्बी किस दी व अपने घर चला गया।
जैसा कि आपको पता ही है भाभी मेरी पड़ोसी हैं और भैया के ना होने पर जब भी मन होता है.. मैं व भाभी सेक्स करते हैं। यह सिलसिला आज तक जारी है। एक बार तो मैंने भाभी की गांड भी मारी।
मुझे पार्लर का और मसाज का काम आता है.. जिसके कारण भाभी ने मुझसे अपनी व अपनी सहेलियों की मसाज करवाती हैं, जिससे मेरी भी काफी आमदनी भी हो जाती है.. और उनकी सहेलियों की हसरतें भी पूरी हो जाती हैं।
मेरी कहानी आपको कैसी लगी, प्लीज़ मुझे मेल करके जरूर बताएं..
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