माँ बेटी दोनों एक ही लंड से चुदीं-1

माँ बेटी दोनों एक ही लंड से चुदीं-1


दोस्तो, मेरा नाम मोनाली है. लेकिन सभी लोग मुझे प्यार से मोना कहते हैं. आप मुझे प्यार से मोना डार्लिंग कह सकते हो.
अन्तर्वासना पर मैंने काफी सारी कहानियां पढ़ी हैं, तो मैंने सोचा कि क्यों ना मैं भी अपनी ज़िन्दगी के एक बेहतरीन लम्हे को सेक्स कहानी के जरिए आप तक पहुंचाऊं.

दोस्तो, मेरी उम्र इक्कीस साल है. मैं दिखने में काफी हॉट एंड सेक्सी हूँ. मेरे घर में मेरी माँ पिताजी और एक भाई है. मेरा भाई मुझसे छोटा है और वो बाहर हॉस्टल में रह कर पढ़ाई करता है. मेरी माँ बहुत सुन्दर हैं और उनको सज-धज कर रहना काफी पसंद है. मेरी माँ देखने में मेरी बड़ी बहन जैसी ही लगती हैं.

मैं इंजीनियरिंग के तीसरे वर्ष में पढ़ रही हूँ. ये बात तब की है, जब मेरी इंजीनियरिंग के दूसरे वर्ष की परीक्षा ख़त्म हुई थी. इस समय तक मैं इंटरनेट की रंगीन दुनिया से वाकिफ नहीं थी. हां जी रंगीन दुनिया से मेरा मतलब ब्लू फिल्म के साथ साथ सोशल मीडिया आदि से है.

मेरी परीक्षा ख़त्म होने के बाद मेरी एक सहेली ने मुझे फेसबुक सोशल नेटवर्किंग साइट से रूबरू करवाया. पहले तो मुझे ये सब काफी बोरिंग लगता था. लेकिन धीरे धीरे मेरी नए नए लोगों से दोस्ती होने लगी और मुझे काफी मजा आने लगा.

अब मेरे दिन का ज्यादातर समय फेसबुक पर बीतने लगा था. इसी के चलते फेसबुक पर मेरी मुलाक़ात शान से हुई. वो मुझे काफी आकर्षक लगता था. शान की उम्र 24 वर्ष थी. वो दिखने में साधारण सा ही था. शान एक साढ़े पांच फिट के कद का, औसत जिस्म वाला लड़का था. अब आप सोच रहे होंगे कि इतने साधारण से लड़के से मैं क्यों आकर्षित हुई. मैं बताना चाहूंगी कि वो दिखने में भले ही साधारण सा था, लेकिन वो था काफी दिलकश.

वो काफी अच्छी बातें करता था. कुछ अलग ही अंदाज़ था उसकी बातों में. और यही वजह थी कि मैं उसकी तरफ आकर्षित हुई थी. वो किसी को भी अपनी बातों से झट से पटा लेता था. उसके अन्दर बात करने की गजब की क्षमता थी.

हम हर रोज कम से काम एक घंटा तो बात करते ही थे. हम दोनों एक दूसरे से इतने खुल चुके थे कि अब हमारी ज्यादातर बातें सेक्स को लेकर होने लगी थीं. मैं तो जब भी सेक्स के बारे में सोचती या सुनती थी, तो मेरी चूत एकदम से गीली हो जाती.

शान अपनी बातों से मुझे काफी उत्तेजित करता था. वो मुझे इतना अधिक उत्तेजित कर देता था कि मैं बिना अपनी चूत में उंगली किए सो नहीं पाती थी.

एक दिन हम दोनों बात कर रहे थे, तो मैंने उससे पूछा- शान एक बात बताओ तुम्हें सबसे ज्यादा किस में दिलचस्पी है? लड़की में या औरत में?
उसका झट से जवाब आया- औरत में.
मैं- औरत में ऐसा क्या होता है, जो लड़की में नहीं? तुम लड़के लोग औरतों में इतनी रूचि क्यों रखते हो?
शान- यार ऐसी बात नहीं है. मुझे लड़कियों में भी दिलचस्पी है, लेकिन एक औरत जो मज़ा देती है, वो ज्यादातर लड़कियां नहीं दे पाती हैं.

पता नहीं उस वक़्त मेरे मन में न जाने क्या आया, मैंने उससे कहा- ऐसा जरूरी नहीं है. एक जवान लड़की भी किसी तजुर्बेदार औरत से ज्यादा मजा दे सकती है.
शान- अच्छा, तुम तो ऐसे कह रही हो जैसे तुम खुद किसी और से ज्यादा मजा दे सकती हो.
मैं- हां … चाहो तो आजमा सकते हो.

मैंने उससे कह तो दिया था लेकिन मैं सोच में पड़ गई कि मैंने इससे ये क्या कह दिया. साथ ही मैं ये भी सोचने लगी थी कि ये भी मेरी इस बात का क्या जवाब देगा.

अगले दो मिनट तक उसका कोई जवाब नहीं आया. मैं उसको फिर से मैसेज करने ही वाली थी कि उसने एक तस्वीर भेजी.

वो तस्वीर उसके लंड की थी. मैं तो उसे देखती ही रह गई. लंड ज्यादा बड़ा नहीं था. बस सामान्य साढ़े पांच इंच का ही था. ये मोटा कुछ ज्यादा ही था.

उस समय तो मैंने उसका लंड पहली बार ही देखा था लेकिन आज तो मैं ये कह सकती हूँ कि मैंने इससे भी बड़े लंड लिए हैं. लेकिन एक बात अब भी पक्के तौर पर कह सकती हूँ कि शान का लंड खूब मोटा था. अब तक जितने भी लंड मेरी चुत में घुसे हैं, उन सब में शान का लंड सबसे मोटा था. शान के लंड की लम्बाई भले ही कम थी, लेकिन मोटाई उसके लंड को खासियत देती थी.

खैर … उससे मेरी चैट जारी थी. शान ने जब अपने खड़े लंड की फोटो भेजी, तो मैं एक मिनट तक बिना पलक झपकाए उसे देखती रही थी.

फिर मैंने देखा कि उसने एक मैसेज भी भेजा था. उसने लिखा था- क्या तुम इसे ले पाओगी … इसको खुश कर पाओगी?

उसका लंड देख कर मैं एकदम से गरम हो गई थी और मेरी चुदास ने मुझे कुछ अलग ही करवा दिया. मैंने कुछ अलग अंदाज़ में उसे जवाब दिया.

मैंने उसे अपनी चिकनी चूत की तस्वीर भेजी और लिखा- तेरे लौड़े को मेरी चुत बड़े आराम से खा जाएगी.
शान का पलट कर जवाब आया- अच्छा. अब तो लगता है तेरी चुत को आजमाना पड़ेगा. क्या तुम सच में मेरे साथ चुदाई करना चाहोगी?

मैं समझ नहीं पा रही थी कि इस सवाल का क्या जवाब दूँ. शान काफी अच्छा था. मैंने कहा- करना तो चाहूंगी लेकिन कैसे? हम दोनों तो काफी दूर रहते हैं.

दोस्तो, मैं माफ़ी चाहती हूँ मैं आपको हमारे शहर का नाम नहीं बता सकती हूँ आप मान लीजिएगा कि मैं इंदौर से हूँ. मैं आशा करती हूँ कि आप मेरी परेशानी को समझ सकते हैं. जबकि शान कोल्हापुर में रहता था, जो कि महाराष्ट्र राज्य में है. ये शान का असली शहर का नाम है.

शान- उसकी चिंता मत करो. मैं काफी दिनों से इंदौर घूमने आने की सोच रहा था. अब तो वहां आने की एक वजह भी मिल गई.

मैं तो काफी खुश हो गई. ऐसा नहीं था कि मैं शान के साथ सेक्स के लिए उतावली हो रही थी. वैसे मैं थोड़ी उत्साहित तो थी, लेकिन मैं उससे मिलने को ज्यादा बेताब थी.
उसने मुझसे कहा कि वो अगले महीने के सात तारीख को इंदौर आएगा. उसने सारी बुकिंग्स भी कर ली थीं.

फिर क्या था. अगले दिन से तो हम और भी खुल कर बातें करने लगे. लेकिन हमने दोबारा एक दूसरे को कोई भी तस्वीर नहीं भेजी. मैं तो बड़ी बेसब्री से सात तारीख का इंतज़ार करने लगी थी.

आखिर कर इंतज़ार ख़त्म हो गया. सात तारीख की सुबह उठते ही मैंने पहले अपना फ़ोन देखा. उसका मैसेज आया हुआ था कि वो नौ बजे तक इंदौर पहुंच जाएगा. उसने अपने होटल का पता बताया. होटल पहुंचने का बाद वो फ्रेश होकर थोड़ा आराम करना चाहता था इसलिए उसने सीधा मुझे दोपहर एक बजे मिलने की इच्छा जताई. उसने आगे लिखा कि वो दोपहर का खाना मेरे साथ मेरे पसंदीदा रेस्टोरेंट में करेगा.

मैं काफी खुश थी … और उससे मिलने को अब और भी बेताब थी. मैंने बारह बजे घर से निकलने का सोचा.

फ्रेश होकर मैंने माँ से कहा- आप मेरे लिए दोपहर का खाना मत बनाना. मैं आज अपनी सहेली के घर जाने वाली हूँ, उसी के घर खा लूंगी.

आपको तो पता ही होगा कि ऐसी परिस्थिति में वक़्त जल्दी से कटता नहीं है. मेरे साथ भी वैसा ही हुआ. वक़्त काफी धीरे धीरे कट रहा था.

आखिरकार बारह बज गए. मैं ज्यादा सजधज कर तैयार नहीं हुई थी. मैंने एक सिंपल सलवार कमीज पहनी ताकि माँ को शक न हो.
मैंने माँ से कहा- मैं अपनी सहेली के घर जा रही हूँ और अभी अभी रात में भी खाना खाने का प्लान बना है, तो मैं रात का खाना खाकर ही आऊंगी.

मैं तो मन ही मन कह रही थी कि खाना तो खाऊंगी ही … लेकिन साथ में अपनी चूत को शान का लंड भी खिलाऊंगी. चुत लंड का ख्याल आते ही मेरा हाथ मेरी चूत पर आ गया.

तभी माँ ने कहा- अरे बेटी, तुम्हारे पिताजी तो आज घर देरी से आने वाले हैं. तुम्हें आने में देर भी हो जाए, तो कोई चिंता नहीं है. बस खाना खाने घर ही आ जाना.
मैं- नहीं माँ … अभी दोस्तों के साथ बाहर खाने का प्लान बना है. आज रात का खाना मैं उनके साथ ही खाऊंगी … प्लीज!

मेरे काफी मनाने के बाद माँ मान गईं. इन सब बातों में मेरे दस मिनट चले गए थे. अब मुझे जल्दी जाना था. मैंने जल्दी से ऑटो ली और उसके बताये हुए होटल के बाहर रुक गई. मैंने ऑटो वाले को रुकने को कहा और शान को फ़ोन किया.

फोन उठते ही मैंने कहा कि मैं होटल के नीचे तुम्हारा वेट कर रही हूँ.
उसने कहा- ओके मैं आ रहा हूँ.

मैं होटल के गेट की तरफ देखते हुए उसके आने का इंतज़ार कर रही थी. कुछ पांच मिनट बाद शान गेट से बाहर आया. उसने मुझे सामने खड़ा पाया और वो मेरी तरफ आने लगा. जैसे जैसे वो मेरे पास आ रहा था, वैसे वैसे मेरी दिल की धड़कनें तेज़ हो रही थीं. वो मेरे पास आया और उसने मुझे बड़े प्यार से हाय कहा.

जैसा कि मैंने पहले भी कहा था कि शान दिखने में ज्यादा हैंडसम नहीं था. साधारण सा दिखने वाला था. लेकिन उसकी आंखें किसी को भी आकर्षित कर करने वाली थीं. चेहरे पर एक दिलकश मुस्कान थी.

मैंने भी उसे हाय कहा. चूंकि हम वहां खड़े रह कर बातें नहीं कर सकते थे, इसलिए मैंने उसे ऑटो में बिठाया और मैं उसे नजदीक के ही अपने पसंदीदा रेस्टोरेंट में ले गई. वहां हमने अच्छे से खाना खाया और ढेर सारी बातें भी की. बिल पे करने के बाद जब हम बाहर आए, तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया.

उसने कहा- तो क्या तुम अब अपनी बात को साबित करना चाहोगी?
मैंने उसकी तरफ देखा और अपनी कोहनी मारते हुए उससे कहा- अच्छा तुम्हें इतनी जल्दी है. अभी तो खाना खाया है … कुछ देर रुक तो लो. मैं कहीं भागी थोड़ी जा रही हूँ.

मेरी इस बात पर वो भी मुस्कुराया और सहमति दिखाई. हमने फिर से ऑटो लिया और उसके होटल में आ गए. वो मुझे अपने कमरे में ले गया.

शान- अगर तुम फ्रेश होना चाहती हो, तो हो सकती हो.
मैं- नहीं, मैं फ्रेश ही महसूस कर रही हो.
इतना कह कर मैं बेड पर लेट गई.

शान ने अपनी कमीज के दो बटन खोलते हुए मुझे देखा. मैंने उसकी नग्न होती छाती पर अपनी मादक नजर टिका दी. वो कपड़े उतार कर धीरे धीरे मेरे ऊपर आने लगा. मेरे ऊपर आने के बाद उसने मेरे आँचल पर पड़े दुपट्टे को हटाया … और बड़ी नफासत और प्यार से मेरे माथे को चूमा.

उसके होंठों का स्पर्श मुझे अन्दर तक सनसनी दे गया. फिर धीरे धीरे नीचे आते हुए उसने मेरे ऊपरी होंठ को अपने दोनों होंठों के बीच में दबाया और मेरे होंठों को चूमने लगा. या यूँ कहूँ कि वो मेरे होंठ चूसने लगा. वो बड़े प्यार से मेरे होंठ चूस रहा था. मुझे ऐसा मजा पहले कभी नहीं आया था.

शान पूरी तरह से मेरे ऊपर लेट चुका था. जिसकी वजह मैं उसके खड़े लंड को महसूस कर पा रही थी.

बिना रुके पांच मिनट तक उसने मुझे हर खुले अंग पर चूमा … मेरे होंठों को चूसा. फिर वो खड़ा हुआ और अपने बाकी के कपड़े उतारने लगा.

मैंने उसे रोका. उसे कुछ समझ नहीं आया. वो संदिग्ध नज़रों से मुझे देख कर बोला- क्या हुआ? क्या तुम ये सब करना नहीं चाहती? मेरी जान मैं तुम्हें जबरदस्ती नहीं करूंगा. अगर तुम्हें ये सब ठीक नहीं लग रहा है, तो कोई बात नहीं मैं तुम्हारे साथ कुछ नहीं करूंगा. मैं …
मैंने उसे बीच में ही रोका और कहा- शान ऐसी कोई बात नहीं है. मैं बस ये सब होटल में नहीं करना चाहती. मैं यहां असुविधाजनक महसूस कर रही हूँ. तुम जानते हो होटल में …

मेरे इतना कहते ही वो समझ गया कि मेरे कहने का क्या मतलब है. मुझे होटल में सेक्स करना उचित नहीं लगता.

शान ने अपने दोनों हाथों को मेरे कंधों पर रखा और पूछा- तो मेरी जान, अब हम क्या करें?

मैं उसके पैंट के ऊपर से ही लंड पर हाथ फेरा और उसे जोर से दबाते हुए कहा- चिंता न करो. मैंने सारा इंतजाम कर दिया है. हम दोनों मेरी एक सहेली के घर चलते हैं. उसके घर में अभी उसके अलावा कोई नहीं है.

आपको मेरी ये सेक्स कहानी कैसी लग रही है, प्लीज मुझे मेल जरूर करें और इस गर्म चुदाई की कहानी के शीर्षक को लेकर चिंतित न हों, अगली बार आपको मेरी माँ और मेरी चुत की चुदाई का मजा पढ़ने का मिलेगा, लेकिन उसमें कुछ ट्विस्ट है जो आपको लंड हिलाने और चुत में उंगली करने पर मजबूर न कर दे, तो आप अपनी मोना डार्लिंग की चुत पर थूक देना.

तो फ्रेंड्स मुझे अपनी इस चुदाई की कहानी के लिए आपकी मेल का इन्तजार रहेगा.
आपकी मोना डार्लिंग
[email protected]ahoo.com

कहानी का अगला भाग: माँ बेटी दोनों एक ही लंड से चुदीं-2

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