मामा की बेटी के साथ सुहागरात
हैलो फ्रेंड्स.. मेरा नाम विशाल है. मेरी उम्र 18 साल है और मेरा लंड 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है. मैं कोटा का रहने वाला हूँ. अन्तर्वासना सेक्स स्टोरी.कॉम पर यह मेरी पहली फैमिली सेक्स स्टोरी है जिसमें मैं आपको बताऊंगा कि कैसे मैंने अपने मामा की बेटी को उसकी शादी के कुछ दिन पहले चोदा.
यह बात एक साल पहले की है, जब मैं उनकी शादी में उनके घर गया हुआ था. जब हम सभी उनके घर पहुंचे तो लगभग सारे रिश्तेदार आ चुके थे. घर पहुँचते ही मेरी नजरें तो मेरी कजिन निधि को ही ढूँढ रही थीं क्योंकि वो बहुत सेक्सी थी. मन ही मन में मैं उससे प्यार भी करता था. वो दिखने में बहुत हॉट है, उसका चमकता हुआ चेहरा, उसके बड़े-बड़े चूचे किसी का भी लंड खड़ा करने के लिए काफी हैं.
मैंने जब उसे देखा तो मेरे होश उड़ गए, उस वक्त वो किसी जन्नत की परी जैसी लग रही थी. उसके बाद तो मैं दिन भर उसको चोदने का सपना देखता रहा और दो बार उसके नाम की मुठ भी मारी. फिर जब रात हुई तो सभी सोने की तैयारी करने लगे. सबने तो अपनी जगह चुन ली, पर मेरे सोने के लिए जगह ही नहीं बची.
मैंने मामी से पूछा- मैं कहाँ सोऊँ?
तो मामी बोलीं- तू निधि के कमरे में सो जा.
यह सुनते मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा.
मैं जब निधि के रूम में गया तो उन्होंने पूछा- क्या बात है?
मैं बोला- बाहर जगह नहीं है इसलिए मामी ने मुझे आपके रूम में सोने के लिये बोला है.
वो बोली- ठीक है आओ सो जाओ.
मैं ख़ुशी-ख़ुशी जाकर उनके साथ सो गया. पर डर के कारण मैं उन्हें छूने की भी हिम्मत नहीं कर पाया. कुछ देर इधर-उधर की बातें करके वो सो गईं और मैं भी उनके बारे में भी सोचते-सोचते सो गया.
फिर अचानक 1 बजे रात को मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि दीदी की आधी चूचियाँ उनकी नाइट ड्रेस से दिख रही थीं. दीदी की चूचियाँ देखते ही मेरा लंड तो मानो लोहे की रॉड की तरह खड़ा हो गया. मैंने कोशिश करके अपनी टांगें उनकी टांगों पर रख दीं और अपने हाथों को उनके मम्मों पर रख कर धीरे-धीरे सहलाने लगा. ऐसे ही करते-करते मैं उनके बहुत करीब आ गया. तभी मुझे लगा कि वो उठ गई हैं तो मैं सोने का नाटक करने लगा.
पर उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया और वे मुझे डांटते हुए पूछने लगीं- ये क्या कर रहे हो तुम?
डर के कारण मेरी हालत खराब हो गई और मैं उन्हें सॉरी बोलने लगा.
दीदी बोलीं- तुम क्या चाहते हो?
मैंने सीधा बोल दिया कि मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ.. आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो.
फिर वो मेरी तरफ़ देखने लगीं, पर पता नहीं उस वक्त मुझे क्या हुआ मैंने उन्हें पकड़ा और किस करने लगा. दीदी अपने आपको छुड़ाने के लिए मुझे धक्का देने लगीं, पर मैंने उन्हें कसके पकड़ा हुआ था. मैं उन्हें किस करता रहा और एक हाथ उनकी नाइट पैंट में डाल दिया. दूसरे हाथ से मैं दीदी के मम्मों को दबाने लगा. जैसे ही मैंने उनकी चूत को हाथ लगाया, दीदी एकदम से हिल सी गईं.
मैंने उन्हें पकड़े रखा और उनकी चूत पर हाथ फेरने लगा. धीरे-धीरे उनकी पकड़ भी ढीली होने लगी और वो भी मुझे किस करने लगीं. मैंने भी किस करते-करते दीदी को नंगी कर दिया और दीदी की चूत चाटने लगा.
अब दीदी भी ‘आह आह..’ करके सिसकारियाँ भरने लगीं और जल्द ही उन्होंने अपना पानी छोड़ दिया. मैं उनका सारा पानी पी गया. फिर वो थोड़ी ढीली पड़ने लगीं तो मैं उन्हें किस करते हुए उनके दोनों मम्मों को दबाने लगा.
वो कुछ ही देर में गर्म हो गईं तो मैंने उनके दूध पकड़ लिए, क्या मस्त-मस्त सेब की तरह चूचे थे. मैं दीदी के मम्मों को दबाने लगा और बीच-बीच में उनके निप्पलों भी खींच देता तो वो ‘आह्ह्ह्ह..’ करके मादक सिस्करियाँ भरने लगतीं, जिससे मेरा जोश और बढ़ता जा रहा था.
इधर मेरे लंड की हालत खराब हो रही थी, मुझे ऐसा लग रहा था मानो लंड अब पैंट फाड़ कर बाहर आ जाएगा. मैंने अपना पैंट और शर्ट उतार दी और निधि दीदी को मेरा लंड चूसने को कहा तो वो मना करने लगीं.
पर मैंने थोड़ा प्रेशर दिया तो मान गईं और मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर किसी लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं. दोस्तो, मैं बता नहीं सकता कि मुझे उस वक्त कितना अच्छा लग रहा था. कुछ मिनट तक लंड चुसवाने के बाद मुझे लगा कि मेरा माल निकलने वाला है. मैं चाहता था कि पहली बार अपना माल उनकी चूत में ही निकालूं इसलिए मैंने अपना लंड उनके मुँह से निकाल लिया.
अब मैं फिर से उनकी चूत चाटने लगा ताकि चूत पूरी तरह से गीली हो जाए.
दो मिनट तक चूत को चाटने के बाद मुझे लगा कि अब मौके पर चौका मार ही देना चाहिए, मैं खड़ा हो गया, मैंने एक सेक्स स्टोरी में पढ़ा था कि पहली बार सेक्स करने वक्त कमर के नीचे तकिया लगा देना चाहिए, तो मैंने उनकी कमर के नीचे तकिया लगा दिया. इसके बाद मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रखा और एक जोर का झटका लगा दिया. मेरे लंड का सुपारा उनकी चूत में घुस गया, वो चिल्लातीं, इससे पहले मैंने उनके होंठों को अपनी होंठों में कैद करके किस करने लगा. पर वो दर्द के कारण तड़फ रही थी.
फ़िर जब वो थोड़ी शांत हुई तो मैंने एक जोरदार झटका दिया और मेरा आधा लंड उनकी चूत में घुस गया. उनकी चूत इतनी गर्म थी कि मुझे लग रहा था कि मेरा लंड किसी ज्वालामुखी में घुस गया हो. वो दर्द के कारण तड़फ रही थी और उसकी आंखों से आंसू निकल रहे थे. थोड़ी देर रुकने के बाद मैं अपना लंड थोड़ा आगे-पीछे करने लगा और अब उनका दर्द भी कम हो ग्या था.
कुछ ही पलों में दीदी को भी मज़ा आने लगा.. तो वो भी गांड उठा-उठा कर मेरा साथ देने लगीं. तभी मैंने पूरी ताकत से एक झटका मारा और पूरा लंड चूत के अन्दर जड़ तक चला गया और इसी के साथ दीदी की चूत की सील भी टूट गई. वो जोर से चीख पड़ीं.. उनकी चूत से खून निकलने लगा.
मैं उनके ऊपर आकर उनको किस करने लगा. जब वो थोड़ा शांत हुईं तो मैंने फिर से धक्के देना स्टार्ट किया. अबकी बार वो भी पूरे जोश में आ गई थीं तो मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी. वो चिल्ला रही थीं- आह्ह्ह विशाल आह्ह्ह चोदोओओ.. ओओह फाड़ दो मेरी चूत आह्ह्ह्ह..
मैंने भी कई मिनट तक दीदी की जबरदस्त चुदाई की. अब तक वो दो बार झड़ चुकी थीं और अब मैं झड़ने वाला था.
मैंने उनसे बोला- मैं झड़ने वाला हूँ.
तो वो बोलीं- मेरे अन्दर ही डाल दो.. अब मैं भी झड़ने वाली हूँ.
फिर मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई और हम दोनों एक साथ ही झड़ गए.
पहली चुदाई होने के कारण हम दोनों बहुत थक चुके थे.. इसलिए हम दोनों ने एक-दूसरे को किस किया और कपड़े पहन कर सो गए.
उसके बाद उनकी शादी के होने तक मैंने हर रात उनकी चुदाई की और शादी से पहले ही दीदी को चोद कर उन्हें सुहागरात का सुख दे दिया.
दोस्तो, तो ये थी मेरी रियल फैमिली सेक्स स्टोरी… आपको कैसी लगी आप जरूर बताइएगा.
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