मेरी कामवासना बेटे के लंड से तृप्त हुई
हाय दोस्तो, मैं निशा फिर से आपके लिए सेक्स का नया सफर करने को तैयार हूं.
आप लोगों ने जैसा कि मेरी पिछली कहानी
तीन मर्द और मां की चुदाई
में पढ़ा था कि मेरे बेटे विराट ने तीन मर्दों को बुला कर मुझे उनसे चुदवाया था, उन तीनों ने कामोत्तेजक दवा खिला कर मेरे साथ रासलीला की थी. उनमें से तो मेरे बेटे का दोस्त ही था.
अब हम आगे बढ़ते हैं:
मैं अपनी आपबीती आपको बताती हूँ कि उन सबके जाने के बाद मेरे साथ क्या हुआ.
अब तक नामित, निक और डेविड ने मुझे लगातार धुंआधार चोद डाला था और मैं लस्त होकर निढाल अपने रूम में बेड पर एक घंटे तक बिना होश के पड़ी रही थी.
करीबन 4 बजे मुझे होश आया. मैं नींद से उठी, तो अपने आपको बेड पर पाया. मेरी चूत से खून टपक कर सूख गया था … क्योंकि दस इंच से भी बड़ा लंड वाले डेविड ने पहली बार अन्दर पेल कर मेरी चूत फाड़ दी थी. चूंकि मेरी गांड भी मारी गई थी, इसलिए मेरी गांड भी छिल कर खून से सनी हुई थी.
मैं डर गई और बाथरूम की तरफ भागी. मुझे चलने में काफी दिक्कत आ रही थी. किसी तरह लड़खड़ाते हुए मैं बाथरूम में गई. उधर अपनी चूत और गांड को अच्छे से धोकर साफ किया और नहा भी ली.
फिर रूम में वापस आकर अच्छे से पूरे बॉडी की मालिश की. जब मैंने बॉडी में लोशन लगाने के लिए अपनी चुत और चूचों में मालिश की, तो उस टाइम हाथ फिराते ही मुझे मानो करंट सा वापस दौड़ने लगा क्योंकि एक तो मैंने डबल डोज़ दवाई ली हुई थी और डेविड और नामित ने एक एक राउंड ही चुदाई का खेल किया था. डेविड का लंड डलवा कर तो मेरा जोश और भी बढ़ चुका था.
कामोत्तेजना वाली औषधि के चलते मैं फिर से चुदने को तैयार हो उठी थी.
मैंने नेहा की वो सफेद नेट वाली नाइटी फिर से पहनी और बाहर निकली. मैंने देखा कि घर में कोई नहीं दिख रहा था. न निशा … न नामित …
मैं सोचने लगी कि अब मैं क्या करूँ. मेरी चुत की आग तो लगातार बढ़ रही थी और मैं सेक्स के भूख में सब कुछ भूल रही थी. मुझे इस वक्त सिर्फ लंड दिख रहा था.
जब बाहर नामित नहीं मिला, तो मैं और भूखी हो गयी. मुझे लगा कि वो ऊपर विराट के साथ सोया होगा, तो मैं ऊपर की ओर बढ़ी.
मैंने विराट का रूम के दरवाजा खोला, तो देखा कि अन्दर नाईट लैंप की रोशनी में विराट ही अकेला था. वो भी निक्कर में था … ऊपर से पूरा नंगा था. उसकी चौड़ी छाती के बाल मुझे बड़े मस्त दिख रहे थे. उसके निक्कर से लंड का आकार भी साफ दिखाई दे रहा था.
इस वक्त तो मैं चुदासी थी और लंड की भूखी थी. अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था, किंतु बेटे की मर्यादा को देखते हुए मैं कुछ कर भी नहीं पा रही थी.
तभी मुझे नीचे कुछ आवाज़ सुनाई पड़ी … तो मैं नीचे आ गयी. मैं देखा तो नेहा थी … मेरे बेटे विराट के दोस्त नामित की मम्मी.
उसने मुझसे पूछा- क्या हुआ?
मैंने कहा- बस कुछ अच्छा नहीं लग रहा है.
नेहा तो एक मिनट में समझ गयी. उसने कहा- मेरे साथ आओ.
वो मुझे अपने रूम ले गयी और बोली- खुल कर साफ़ बताओ … क्या बात है?
मैंने नेहा को बताया कि पहले मैं 2 साल से नहीं चुदी थी और इधर मुझे न जाने क्यों किसी भी लंड से चुदने का मन हो रहा है.
उसे तो मेरी चुदाई के बारे में सब मालूम ही था. उसने मेरी चुदास समझ ली और कहा- चलो कल सुबह कुछ सोचेंगे.
मैं बोली- नहीं … अभी मेरी आग भड़क रही है. अभी कुछ इंतजाम करो न.
नेहा बोली- अभी कौन का लंड लाऊँ, अभी तो नामित भी नहीं है.
मैं नामित का नाम सुनकर चौंक गयी और डर गई. मैंने पूछी- नामित कैसे … वो तो तेरा बेटा है न?
नेहा बोली- कोई बात नहीं … बेटा से चुदवाना तो और ज्यादा मस्त रहता है. घर का लंड घर में … कोई डर नहीं और पूरा मजा भी आता है. जवान और नया नया लौड़ा होता है. कोई बदनामी का डर भी नहीं रहता.
उसके मुँह से बेटे से चुदने की बात सुनकर मैं विराट को लेकर सोचने लगी.
तभी नेहा ने फिर आगे बोला- विराट तो है ऊपर … उसी से चूत शांत कर ले न.
मैं अन्दर से तो विराट से चुदाई करवाने का मन बना रही थी, पर थोड़ा झिझक रही थी. लेकिन नेहा ने मुझे विराट से चुदने की कह कर मुझे रास्ता दिखा दिया था.
तभी उतने में नेहा एक वाइब्रेटर ले आयी और मेरी ड्रेस के ऊपर से चालू करके मेरे बॉडी पर चलाने लगी. मैं पहले ही लौड़े के लिए तड़प रही थी और अब तो मैं अपने मुँह से सिसकारियां भरने लगी.
मेरे मुँह से ‘उम्म्ह … अहह … हय … ओह …’ की आवाज़ निकलना शुरू हो गयी थी.
मैंने नेहा के मम्मों को अपने हाथों में ले लिए और मसलने लगी. नेहा के होंठ अपने होंठों से चिपका लिए.
पर नेहा बहुत ही अच्छी खिलाड़ी थी. उसने अब भी मेरे शरीर में वाइब्रेटर फेरना चालू रखा. मैं उत्तेजना में मस्त हुई जा रही थी. इसी के चलते मैं एक हाथ से निशा के मम्मों को मसल रही थी और एक हाथ को अपनी चुत में डालने की कोशिश करने में लगी थी.
तभी निशा ने मेरी ड्रेस उतार दी. मैं नंगी होकर वाइब्रेटर के वजह से बिना पानी की मछली की तरह लंड के लिए तड़प रही थी. तभी नेहा ने वाइब्रेटर और खुद को मुझसे दूर कर लिया. मैं बेड पर अकेली रह गई थी. नेहा की इस हरकत से मैं तिलमिला रही थी कि तभी मैंने दरवाजे की ओर देखा, तो वहां विराट सिर्फ निक्कर में खड़ा था और मुझे उसका खड़ा लंड दिखाई दे रहा था.
मैं सेक्स के लिए इतनी भूखी थी कि मैंने उसे देखते ही अपनी दोनों टांगें फैला दीं. अपनी चुत उसके मुँह की तरफ उठाते हुए दिखा दी.
वो मेरी चूत को देख ही रहा था कि तभी निशा ने उसे इशारा कर दिया.
वह अन्दर आया, तो नेहा ने बोला- जा बेटा … अपनी मॉम को खुश कर दे.
यह कहते हुए नेहा ने उसका निक्कर नीचे खींच दिया. विराट का लंड मेरे सामने फुंफकार मारने लगा. उसके लहराते लंड को देख कर मुझसे रहा नहीं जा रहा था.
मैं उसे चिल्लाई- आह बेटा आ जा … डाल दे मेरी चूत में जल्दी से.
नेहा ने बोला- साली कुतिया ऐसे कैसे डाल देगा … पहले इसके लंड को चूस तो … और सुन तुझे ये अपना बेटा दिख रहा हो, तो भूल जा कि ये तेरा बेटा है. ये सिर्फ एक लंडधारी है और तू लंड की प्यासी है. बस जल्दी से जा और चूस ले इसका लंड और अपनी चूत की खुजली मिटवा ले.
ये सब बात अभी हो ही रही थी कि विराट मेरे करीब आ गया. मैं बिस्तर से उठी और उसके गले से झूल गई.
विराट ने मुझे वापस बिस्तर पर धकेला और 69 के पोज़ आकर मेरे मुँह में अपना लंड और मेरी चुत अपने मुँह में ले ली और चाटने लगा.
एक मर्द की जीभ को अपनी चूत पर पाते ही मेरी सीत्कारें निकलने लगीं- आहाह … अअहह … ऊऊम्म …
विराट की चूत चटाई में मुझे बहुत आनन्द आने लगा. मैं भी अपने मर्द बेटे के लंड को बहुत बेरहमी से चूस रही थी.
कोई पांच मिनट की लंड चूत की चटाई के बाद मैंने उससे कहा- बेटा अपना लंड मेरी चूत में डाल दे.
ये सुनते ही उसने मेरी दोनों टांगें अपने कंधों पर लीं और एक करारा धक्का मार कर अपना लंड मेरे अन्दर घुसेड़ दिया.
मैं विराट के मर्द लंड को अन्दर पाते ही चीख उठी- ऊऊऊईई मॉम मर गई … अअअहह क्या मजेदार लंड है तेरा … ऊऊफ़्फ़ रोज चोदना मुझे …
उसके बाद मैं भी उसका साथ देने लगी और अपनी गांड उछाल उछाल कर अपने बेटे से चुदने लगी.
विराट भी मुझे स्पीड में धक्के मारने लगा. विराट मुझे चोदते समय मेरी चूचियों को मसले जा रहा था. मेरे गालों पर अपने गाल रगड़ते हुए मुझे हर तरफ चूम चाट रहा था. उसके हाथ कभी मेरी गांड पर आ जाते और कभी मेरे मम्मों को मसलने लगते. कभी वो मेरी चूचियों के निप्पलों को चूसते हुए मुझे तेज तेज धक्कों से चोदने लगता.
मैं मस्त हो कर ‘ऊऊऊह आआह ओह …’ कर रही थी और वो मुझे एक रंडी समझ कर चोदते हुए गाली दे रहा था- साली कुतिया रंडी … तेरी चुत अब मेरी है … भैन की लौड़ी रांड … साली तुझे अब मैं रोज चोदूंगा मादरचोदी … ले लौड़ा खा … आआह … क्या मजा है तेरी चुत में!
वो अंधाधुंध मुझे चोदने लगा.
कोई 15 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए और बिस्तर पर निढाल होकर लेट गए.
निशा भी लेट गयी.
आगे की कहानी मेरे बेटे विराट की जुबानी:
करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद मैं और मेरी मम्मी दोनों एक साथ झड़े और थक कर बिस्तर पर लेट गए.
मेरी मम्मी निशा भी लेट गयी.
अभी सुबह के दस बज रहे थे. मैंने मॉम से कहा- मुझे आगे के काम के लिए दो दिन बाद विदेश जाना पड़ेगा, तो मैं आज आपको पापा के पास घर में छोड़ देता हूं … फिर वहीं से निकल जाऊँगा.
मॉम बोलीं- नहीं अब मैं उस आदमी के साथ नहीं रह सकती और अब मैं बिना चुदे भी नहीं रह सकती. तू मुझे अपने साथ ले चल … या फिर यहीं छोड़ दे.
यह सुनकर नेहा बोली- विराट, मेरी विदेश जाने की बहुत दिनों से इच्छा है, तुम कहां जा रहे हो?
मैंने बोला- कनाडा.
नेहा बोली- हाँ मुझे जाना है. वहां मेरी एक पंजाबी फ्रेंड शीला रहती है. वो उधर अपने बेटे के साथ ही रहती है. वो भी खुल कर सेक्स का मजा लेती है.
नेहा के मुँह से उसकी सहेली की चुत की बात सुनकर मैं खुश हो गया. मॉम भी खुश थीं. उन्हें पता था कि अब वो पंजाबी जवान लड़के से चुदने वाली है.
मैं तो इसलिए खुश था कि मैं कनाडा में तीन चुदक्कड़ों को एक साथ चोदूंगा.
मैंने उन दोनों को हां बोल दिया.
मैंने उन दोनों के जाने के कागज आदि रेडी करवाए. फिर तय रात को मैं, नेहा और मॉम निकल गए. दूसरे दिन हम सभी कनाडा पहुंच गए. वहां एयरपोर्ट में हमें लेने कार आई हुई थी. ड्राइवर ने हमें पिक किया. वो ड्राइवर भी विदेशी था. एक मस्त गोरा 6 फिट का जवान आदमी था. उसकी उम्र लगभग 40 साल की रही होगी. वो हमें कार में बैठा कर घर ले आया.
शीला का घर बहुत ही अच्छा घर था. वहां नेहा की फ्रेंड शीला ने दरवाजा खोला. मैंने उसे देखा कि उसकी बॉडी बड़ी मस्त थी. वो नाटे कद की लगभग 5 फिट की औरत थी. उसका शरीर गदराया हुआ था. थोड़ी मोटी जरूर थी मगर मस्त फिगर 42-36-48 का था. एकदम गजब की पंजाबन थी. उसकी उम्र 42 साल की थी.
फिर शीला ने हमें हॉल में बैठाया. मैंने उससे पूछा- आंटी आपकी फैमिली के बाकी और सब कहां हैं?
तो शीला ने बताया कि उसके हस्बैंड दुबई में जॉब करते हैं और घर में वो उसका बेटा और उसके गांव का एक नौकर रहता है और ये ड्राइवर.
मुझे खेल समझ आने लगा.
फिर उसने बोला- तुम सब फ्रेश हो जाओ.
उसके बाद मॉम और नेहा एक रूम में और मैं एक रूम में घुस गया. मैं नहाने गया और फ्रेश होकर आया, तो बाहर शीला आंटी थीं. मैं सिर्फ टॉवल में था और उन्हें देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया.
उन्होंने मेरे लंड की हरकत को नोटिस कर लिया. फिर मैंने अपने लंड को हाथ में पकड़ लिया.
आंटी हंस कर बोलीं- कोई बात नहीं … मुझे नेहा ने फ़ोन पर सब बता दिया था. अब तो इसे मुझे अन्दर लेना ही है. अभी एक बार दिखा दो.
शीला की बात सुनते ही मैंने टॉवल उतार दिया. उन्होंने मेरे लंड को हाथ में पकड़ लिया और हिलाने लगीं.
मैं भी उनके मम्मों को मसल रहा था. वो एकदम से गरम हो गयी थीं. उन्होंने मेरे सीने को चाटना शुरू कर दिया और एक हाथ से अपने चुत को कुरेदने लगीं.
मैंने उन्हें वह बेड पर पटक दिया और उनके कपड़े उतार दिए. अब मैं उनके पैरों को चाटने लगा और चाट कर मैं चुत तक पहुंच गया. मैं अपनी जीभ से लगातार चुत चाट रहा था.
शीला की कामुक आवाजें ‘अअअ हहह ऊऊम्म्म ऊउफ़्फ़..’ कमरे में गूंजने लगी थीं.
कुछ देर बाद मैं अपने हाथ से शीला के मम्मों को मसल रहा था. उनकी आवाज़ भी तेज हो गयी थी और वो भी तेज स्वर में चिल्लाने लगी थीं- अअह … उहहह और जोर से … हां लगे रहो.
अब मैंने 69 में होकर अपना लंड शीला के मुंह पर लगा दिया तो उसने झट से मेरा लंड मुंह में लिया और चूसने लगी.
थोड़ी देर बाद वो चरम सीमा पर आ चुकी थीं और मेरी झमाझम चुत चटाई के बाद झड़ गईं. मैं भी उनके मुंह में ही झड़ गया.
फिर मैं वहां से रेडी होकर काम के लिए निकल पड़ा.
अब मेरे यानि विरत की मॉम निशा के शब्दों में:
मैं कमरे के बाहर खड़ी थी. विराट और शीला की चूत लंड की चुसाई और चटाई को देख रही थी. इसके आगे क्या हुआ, वो अगली चुदाई की कहानी में मैं आप सभी को लिख कर बताऊंगी.
आप अपने मेल मुझे करते रहिएगा, मैं सभी के मेल पढ़ती हूँ … तो बहुत अच्छा लगता है.
आपकी निशा और विराट.
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