मेरी गांड चुदाई की शुरूआत : गे सेक्स स्टोरी

मेरी गांड चुदाई की शुरूआत : गे सेक्स स्टोरी

दोस्तो, मेरी गांड चुदाई की जे सेक्स स्टोरी में आप सभी का स्वागत है।
मेरा नाम राज है.. मेरी उम्र 22 साल की है। मेरे लंड का साइज 7 इंच का है.. जो किसी भी महिला के हर छेद के लिए और पुरूष की गांड मारने के लिए काफ़ी है।

मेरी पढ़ाई ज़्यादातर बाहर हुई है। मेरा पहला अनुभव उस समय का है, जब मैं हॉस्टल में था। उन दिनों सर्दियों का समय था.. मैं अपनी रजाई में सोया हुआ था। मेरे पास मेरे दो सीनियर बैठे हुए थे। थोड़ी देर बात करते-करते मुझे नींद आ गई.. रात को मुझे महसूस हुआ कि कोई मेरे लंड को पकड़े हुए है।

मैंने देखा वो सीनियर कृष्ण था, वो बहुत स्मार्ट था.. मुझे पसंद भी था, वो मेरे लंड को हिला रहा था, मुझे भी मजा आ रहा था।
थोड़ी देर बाद वो अपना लंड मेरी गांड में डालने लगा.. पर मेरी अनछिदी गांड में लंड अन्दर नहीं गया।

अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मेरे मुँह से ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ की आवाजें आने लगीं। वो समझ गया कि मैं गांड मराने के लिए उतावला हूँ, पर उसका लंड अन्दर नहीं जा रहा था।
मैं ज़्यादा गर्म हो गया.. तो मैंने वहाँ रखी तेल की बोतल उठाई और बहुत सारा तेल उसकी गांड पर और अपने लंड पर लगा लिया।

फिर मैंने उसे ही उल्टा पटक कर अपना लंड एक ही झटके में आधा अन्दर पेल दिया।
उसके मुँह से चीख निकल गई, पर मैंने उसका मुँह बंद कर दिया और थोड़ी देर ऐसे ही पड़ा रहा।

थोड़ी देर उसने अपनी गांड ऊपर उठा कर इशारा कर दिया तो मैंने धीरे-धीरे झटके लगाना शुरू कर दिए। अब उसे भी मजा आने लगा था, वो कहने लगा- अह.. मजा गया.. और जोर से कर राज.. आहह.. ओह जोर से पेल भोसड़ी के..

मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी। इतनी रात में हमारी आवाज तेज-तेज निकल रही थी.. मुझे लगा कि कोई जाग ना जाए। तब भी चुदास डर पर भारी थी.. सो मैं पूरी रफ़्तार से उसकी गांड की चुदाई करता रहा।

तभी मेरी नजर मेरे बिस्तर के पास के बेड पर लेटे लड़के पर पड़ी.. वो मेरी तरफ देख रहा था और अपने लंड को अपने हाथ में लेकर हिला रहा था।

पहले तो मैं डर गया.. फिर मैं कृष्णा की गांड में और जोर से धक्के देने लगा। कुछ ही देर में मेरा माल निकलने वाला था, मैंने कृष्णा से पूछा- रस किधर निकालूँ?
उसने कहा- गांड में ही डाल दे।

मैंने अपना सारा माल उसकी गांड में डाल दिया.. और उसके ऊपर ही पड़ा रहा।

मैंने देखा कि कृष्णा का लंड भी पूरा तना हुआ था.. और छत को सलामी दे रहा था।

उसके लंड को देख कर मुझसे रहा नहीं गया और मैं लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा। उसके मुँह से ‘ओह.. आहह..’ की आवाजें आने लगीं।

मैं और तेज चूसने लगा.. थोड़ी ही देर में ‘अह.. गया..’ की आवाज के साथ उसने अपना माल मेरे मुँह में डाल दिया। मैंने उस माल को थूक दिया.. क्योंकि मैंने पहले किसी का माल मुँह में नहीं लिया था।

उस रात सेक्स करने के बाद मेरे अन्दर सेक्स करने की इच्छा ज़्यादा बढ़ गई। मेरा हर पल सेक्स करने का मन करने लगा। पर मैं बेबस था.. कोई नहीं मिलता तो मैं अपने हाथ से लंड हिलाकर खुद को ठंडा कर लेता।

एक दिन मुझसे रहा नहीं गया और मैं कृष्णा के बिस्तर पर जाकर सो गया और धीरे से उसके लोवर में हाथ डाल कर उसके लंड को पकड़ लिया। लंड को पकड़ते ही मेरे शरीर में करंट सा दौड़ गया। मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसके लोवर को एक झटके में नीचे उतार कर उसके लंड को मुँह में भर लिया।

वो भी जाग गया और ‘अहह.. उह..’ की आवाज निकालने लगा।
‘अह.. यार बहुत मजा आ रहा है और जोर से चूस..’

मैं लंड और जोर से चूसने लगा। अब मेरा लंड खड़ा हो गया था, मैंने कहा- चल गांड मारने दे।
तो उसने मना कर दिया और कहा- मैं तुम्हारा लंड चूस दूँगा, पर आज गांड मत मार.. उसमें दर्द हो रहा है।
मैंने पूछा- क्यों दर्द क्यों हो रहा है?

तो वो हँस गया.. मैं समझ गया कि आज वो किसी और का हब्शी लंड लेकर आया है।
उसके बाद उसने मेरे लंड को मुँह में ले लिया.. मेरे मुँह चीख से निकल गई- अहह.. उहह.. उन्न्नह..
यार मैं बता नहीं सकता.. मुझे ऐसा लगा जैसे मैं आसमान में उड़ रहा हूँ, मजे से मेरी आँख बंद हो गईं, वो बड़े आराम-आराम से लंड चूस रहा था।
मैं उसके बालों को सहलाता रहा।

थोड़ी देर बाद मेरा माल उसके मुँह में झड़ गया.. वो सारा माल चाट गया.. ओर उसने मेरे लंड एकदम साफ कर दिया।

मैंने आँखें खोलीं तो मैं साफ़ लंड देख कर चकित रह गया कि साला रबड़ी खाने का शौक भी रखता है।

ये सब वो बगल वाला लड़का हमें देख रहा था, मैंने उसे एक आँख मारी और लंड दिखाया तो उसने शर्मा कर अपनी चादर सर तक ओढ़ ली।

उसके बाद मैं अपने बिस्तर पर चला गया.. पर अब मुझे बिना गांड मारे रहा ही नहीं जा रहा था।

उस रोज के बाद मैं हर रोज लंड चूसने वाले की.. और गांड मारने के लिए आइटम तलाश करने लगा।

एक दिन मैं रात को सूसू कर रहा था.. तभी पीछे से किसी ने मुझे पकड़ लिया और टॉयलेट में अन्दर खींच कर उसने गेट लगा दिया।
पहले तो मैं डर गया.. फिर मैंने देखा कि वो वही लड़का था, जो हमें रात को सेक्स करते हुए देख रहा था।

उसने इशारे से चुप रहने के लिए कहा, तो मैं चुप हो गया। फिर उसने अपना लंड जबरदस्ती में मेरी गांड में डाल दिया। एकदम से पेलने से मेरी चीख निकल गई.. पर वो साला नहीं माना और बड़ी शान से दे दनादन अपना लंड मेरी गांड में पेलता रहा।

मैंने कहा- यार धीरे चोद.. मैं कहाँ भाग के जा रहा हूँ।
उसने कहा- साले तूने लंड को भड़का रखा है और अब कह रहा है धीरे कर.. ये ले साले.. और ले भोसड़ी के..

वो बड़ी देर तक अपना लंड मेरी गांड में ठोकता रहा, मेरी हालत खराब हो गई थी।

उसके बाद उसने मुझे जबरदस्ती नीचे बिठा दिया और अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया.. मैं अपने मुँह से ‘घुंह.. घुंह..’ की आवाज करता हुआ उसका लंड चूस रहा था।

अब तो साला मेरे गले तक लंड पेल रहा था, मुझे दिक्कत हो रही थी। मैंने उसे इशारे से रुकने को कहा, पर वो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था।

उसने एक हाथ से मेरे लंड को भी पकड़ रखा था। मेरा लंड सख्त हो कर बड़ा होने लगा तो उसकी नजर मेरे लंड पर पड़ी।

अब उसने अपना लंड मेरी गांड से निकाल दिया और मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया। वो लंड को कुल्फी की तरह चूसने लगा। मुझे भी अब राहत मिल रही थी और बहुत मजा आ रहा था। मेरी आँखें बंद हो गई थीं और मैं मज़े से लंड चुसवा रहा था।

थोड़ी देर बाद लंड चूसने के बाद उसने दोबारा अपना लंड मेरी गांड में पेल दिया.. पर इस बार मुझे ज़्यादा दर्द नहीं हुआ और एक ही बार में पूरा लंड गांड में चला गया। वो अपने मुँह से जोर जोर से ‘अहह.. उहह..’ की आवाज करता हुआ मुझे पेल रहा था।

थोड़ी देर बाद उसकी स्पीड बढ़ गई, तो मैं समझ गया कि अब उसका निकलने वाला है। तभी उसने लम्बा झटका मारा और सारा माल मेरी गांड में भर दिया। मुझे उसका गर्म माल बड़ा सुकून दे रहा था।
कुछ पल उसने अपना लंड निकाल लिया, हम दोनों टॉयलेट से बाहर आ गए।

अब मैं अपने बेड पर आया तो देखा कृष्ण और एक अन्य लड़का 69 में मज़े कर रहे थे।

मैंने उस नए लौंडे को देख लिया.. तो वो डर गया। इसका लंड भी मुझे भा गया था।

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