मेरी बहन और जीजू की अदला-बदली की फैंटेसी-3
अब तक की मेरी इस मस्त सेक्स कहानी में आपने पढ़ा कि मैं जीजा जी की बहन की चुत मारने के बाद मैं अपनी बहन के मदमस्त जिस्म को वासना से देख रहा था. ये जीजा जी ने देख लिया था.
अब आगे:
जीजा जी ने मेरी आंखों की वासना को पढ़ते हुए कहा- मेरी बहन तो बाथरूम में है, लेकिन तुम अपनी दीदी के साथ दूसरा राउंड शुरू कर सकते हो.
तभी दीदी ने मेरे हाथ से गिलास ले लिया.
दीदी ने मुझे सिगरेट देते हुए कहा- राज तुम्हें मजा तो आ रहा है न?
मैंने सिगरेट पीते हुए कहा- हां बहुत मजा आ रहा है.
मैंने दीदी की चूचियों को देखे जा रहा था. ये देख कर दीदी शायद गर्म हो गईं और उन्होंने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया. मेरे हाथ से सिगरेट ले कर जीजा जी को देते हुए वो मेरे ऊपर चढ़ गईं और मेरे होंठों को चूमने लगीं.
दीदी के चुम्बन से मेरा लंड एंटीना की तरह खड़ा हो गया और मैं भी दीदी का साथ देने लगा. मैं दीदी के होंठों को चूमते हुए अपने दोनों हाथों से उनकी गांड को सहलाने लगा.
अगले ही पल दीदी ने अपनी टी-शर्ट निकाल दी, जिससे उनकी प्रिन्टेड ब्रा और 36 बी साइज के कातिलाना चुचे दिखने लगे. मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि मेरी बहन इस समय मेरे ऊपर बैठी है और आज वो मुझसे चुत चुदवाएगी.
कुछ ही देर में दीदी मेरे बदन को चूमने लगीं. मैंने भी दीदी को बेड पर पटक दिया और उनके ऊपर चढ़ गया. उधर जीजा जी नंगे होकर कुर्सी प्यार बैठकर अपने लंड को सहलाते हुए अपनी बहन के आने का इन्तजार कर रहे थे.
मैं दीदी के बदन को चूमने लगा और उनकी ब्रा को निकाल कर उसके रसीले मम्मों को मसलने लगा. दीदी गर्म होने लगी थीं. मैं उनके पूरे बदन को चूम रहा था.
तभी बाथरूम से आलिया बाहर निकल आई और वो अपने भाई को लंड सहलाते देखने लगी.
उसे बाहर आता देख कर जीजा जी खड़े हो गए और आलिया के पास आ गए. जीजा जी ने अपनी नंगी बहन को गले से लगा कर चूमा और उसके मम्मों को सहलाने लगे.
अविनाश- तैयार हो न मेरी प्यारी बहना!
आलिया- भाई इस समय में बहुत थकी हुई हूँ और मुझे नीचे बहुत दर्द हो रहा है.
तभी जीजा जी आलिया के होंठों को चूमने लगे और उसकी बात को शायद जीजा जी ने अनसुना कर दिया था.
इधर मैं अपनी दीदी के बदन को चूमकर गर्म कर रहा था. कुछ पल बाद मैंने दीदी का शॉर्ट और पैंटी भी निकाल दी. अब मेरी दीदी पूरी नंगी मेरे साथ थी.
अब तक मेरी बहन और आलिया की भाभी की चुत गीली हो गई थी. मैं दीदी की चुत चाटने लगा. उधर जीजा जी ने आलिया को बेड पर लेटा दिया और खुद अपनी बहन के ऊपर चढ़ गए. दीदी जीजा जी को देखकर मुस्कुरा दीं और आलिया की तरफ सेक्सी नजर से देख कर उसे आंख मार दी.
मैं अपनी दीदी की चुत चाटने में मशगूल था और जीजा जी भी आलिया के होंठों को चूम रहे थे. कुछ देर बाद आलिया भी उनका साथ देने लगी.
इधर दीदी भी गर्म होकर कामुक आवाजें निकाल रही थीं. वो जल्दी से चुत में लंड पेलने की कह रही थीं.
मैंने भी देर करना उचित नहीं समझा और दीदी की चुत पर लंड सैट कर दिया.
लेकिन उसी पल दीदी ने मुझे रोक दिया- भाई पहले कंडोम तो लगा लो, अपनी दीदी को ही प्रेग्नेंट करोगे क्या?
मैं- ओके.
मैंने खड़े होकर ड्रावर खोला तो देखा कि उसमें कंडोम के कई सारे पैकेट रखे थे. हर तरह के फ्लेवर्स के कंडोम थे और कुछ दूसरी टेबलेट भी रखी थीं. उनमें से में एक स्ट्राबेरी फ्लेवर्स का कंडोम लेकर लंड पर चढ़ाया और वापस दीदी के ऊपर चढ़ गया.
मैंने अपने लंड को अपनी बहन की चुत पर सैट किया और एक धक्का लगा दिया मगर मेरा लंड फिसल गया. मैंने फिर से चुत की दरार में लंड को सैट किया और इस बार जोर से धक्का लगा दिया, जिससे मेरा आधा लंड दीदी की चुत में घुस गया.
दीदी के मुँह से आवाज निकल गई- उम्म्ह… अहह… हय… याह…
मैं रुका नहीं और पूरे लंड को अन्दर बाहर करने लगा. दीदी दर्द के मारे छटपटाने लगीं. दीदी की चिल्लपौं सुनकर वो दोनों भी हम दोनों को देखने लगे थे.
दीदी- आहह राज … यू आर सो हार्ड … आह मर गई … आ उह.
दीदी की मादक आवाज सुनकर मैंने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी.
तो दीदी बोली- राज, यू आर सो फास्ट … जरा धीरे करो मेरे भाई … आहह ओह राज … प्लीज राज स्लो करो … मुझे दर्द हो रहा है.
दीदी की आवाजें सुनकर मुझे अहसास हो गया था कि मेरा लंड जीजा जी के लंड से बड़ा है. मैं जीजा जी के लंड को देखने लगा. सच में जीजा जी का लंड मेरे लंड से छोटा था.
जीजा जी और आलिया दोनों नंगे होकर किस करने में मशगूल थे.
मेरे लंड से मेरी दीदी को दर्द हो रहा था. फिर भी वो मेरे हर धक्के को झेल रही थीं क्योंकि वो मुझसे आज पूरी तरह से चुदना चाहती थीं.
कुछ ही देर में दीदी को मजा आने लगा और अब वो कामुक आवाजें निकाल रही थीं. दीदी अपने दोनों पैर हवा में उठाए हुए अपने दोनों हाथों से मेरी पीठ पकड़ कर अपने भाई के लंड से चुदाई का मजा ले रही थीं.
दीदी- आहह राज … तेरा लंड बहुत बड़ा है रे.. … आहह आ चोद दे मुझे … आंह फक मी हार्ड.
मैं दीदी की बात सुनकर मैं उनकी चुत में और जोर जोर से धक्के मारने लगा.
तभी मुझे आलिया की आवाजें सुनाई दी. मैंने उसकी ओर देखा. उधर जीजा जी ने भी अपनी बहन आलिया को चोदना शुरू कर दिया था.
आलिया को दर्द हो रहा था, वो ना चाहते हुए भी अपने भाई से चुद रही थी. जीजा जी आलिया को धीमे धीमे चोद रहे थे.
जीजा जी- साले साहब अपनी बहन को चोदने में मजा आ रहा है न?
मैं- बहुत ज्यादा … और आपको?
जीजा जी- हां बड़ी मक्खन माल है आलिया.
इस समय कमरे में दोनों की कामुक आवाजें और फच फच फच की आवाजें गूंज रही थीं. इस समय एक ही बेड पर दो बहनें, अपने भाइयों से चुद रही थीं.
कुछ ही देर में दीदी झड़ गई थीं, लेकिन मैं अभी भी अपनी बहन को जोरों से चोदे जा रहा था.
कुछ देर बाद मैं भी झड़ गया और हांफते हुए दीदी के ऊपर ही गिर गया. दीदी भी सीत्कार करते हुए शांत हो गई थीं.
उसके बाद मैं लंड से वीर्य भरा कंडोम निकाल कर डस्टबिन में फेंक कर दीदी के पास लेट गया.
दीदी अपनी चुत में उंगली कर रही थीं. मेरे बाजू में जीजा जी अपनी बहन आलिया की चुदाई में अभी भी लगे हुए थे.
आलिया की कामुक आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थीं.
तभी वो दोनों भी झड़ गए. जीजा जी ने खड़े होकर कंडोम को डस्टबिन में डाला और नंगे ही लंड हिलाते हुए मेज के पास जाकर एक पैग बनाने लगे. पैग का एक घूँट लिया और एक सिगरेट जला कर गिलास लिए बाथरूम में चले गए.
दो बार चुदने के कारण आलिया की चुत पूरी तरह से लाल हो चुकी थी और उसे दर्द भी हो रहा था. हालांकि मेरा लंड भी थोड़ा दर्द कर रहा था.
आलिया मेरी बहन के साथ सट कर बोली- भाभी बहुत दर्द हो रहा है.
चित्रा- होता है यार.
फिर दोनों किस करने लगीं और मैं थकान की वजह से चुपचाप पड़ा था.
तभी जीजा जी बाथरूम से बाहर निकल कर आलिया के पास लेट गए. बेड इतना बड़ा था कि हम चारों आराम से लेट गए थे.
फिर दीदी मेरी ओर घूमीं और हम दोनों किस करने लगे. उधर जीजा जी आलिया की चुत को सहला रहे थे ताकि आलिया को कम दर्द हो जाए.
मैं- आई लव यू दीदी.
दीदी- आई लव यू टू हनी.
तभी जीजा जी ने लाइट ऑफ़ कर दी और हम चारों सो गए. मेरा एक हाथ दीदी के मम्मों पर था और एक पैर उनकी नंगी टांगों के बीच फंसा हुआ था.
दूसरे दिन मैं सुबह उठा, तब वहां कमरे में मेरे अलावा कोई भी नहीं था. मैं बेड से उठकर अपने कपड़े पहन कर अपने रूम में चला गया. फिर फ्रेश होकर कपड़े चेंज करके रूम से बाहर आया.
जीजा जी सोफे पर बैठकर लैपटॉप में अपना काम कर रहे थे.
मैं- गुड मॉर्निंग जीजा जी.
जीजा जी- गुड मॉर्निंग.
मैं रसोई में गया, जहां दीदी नाश्ता बना रही थीं.
दीदी- गुड मॉर्निंग राज.
मैं- गुड मॉर्निंग दीदी.
फिर मैंने दीदी को पीछे से बांहों में ले लिया. दीदी घूम गईं और हम दोनों किस करने लगे. उसके बाद मैंने पानी पिया और हॉल में चला गया.
वहां सोफे पर बैठकर मैं फोन इस्तेमाल करने लगा. तभी आलिया वहां पर आ गई. रात में दो बार की चुत चुदाई की वजह से उसे दर्द हो रहा था और दर्द की वजह से उसकी चाल बदल गई थी.
आलिया- गुड मॉर्निंग भाई.
अविनाश- गुड मॉर्निंग डॉल.
मैं- गुड मॉर्निंग आलिया.
आलिया ने मेरे साथ चिपकते हुए कहा- गुड मॉर्निंग राज जी.
तभी दीदी ने नाश्ता करने के लिए बुलाया … और हम तीनों नाश्ता करने के लिए चले गए. दीदी नाश्ता सर्व करने लगीं और हम चारों ने नाश्ता खाना शुरू कर दिया.
चित्रा- आलिया अब कैसा लग रहा है?
आलिया- पहले से बैटर फील हो रहा है.
चित्रा- गुड.
मैं- आज का क्या प्लान है?
दीदी- कल रात तुम दोनों ने मजा किया था, आज हम दोनों मजा लेंगी.
आलिया- मतलब.
चित्रा- मतलब आज ये दोनों घर का सारा काम करेंगे और हम दोनों के आदेश का पालन करेंगे. आज रात तक नो सेक्स.
आलिया- गुड आईडिया. कल मुझे बहुत तड़पाया, अब मेरी बारी है.
अविनाश- ठीक है.
मैं- ओके.
अविनाश- लेकिन आज की रात हमारी होगी.
चित्रा- ओके.
फिर हम सभी नाश्ता खत्म करके बातें करने लगे … और वो दोनों हॉल में चली गईं.
चित्रा- सुनो बर्तन साफ कर देना.
अविनाश- ओके मेरी जान.
मैं- जीजा जी मैं कर लूंगा … आप अपना काम करें.
जीजा जी- ठीक है.
फिर मैं बर्तन साफ करने लगा और काम खत्म करने के बाद मैं उन लोगों के पास चला आया.
आलिया- राज, प्लीज़ मेरे लिए पानी लेकर आना.
मैं- अभी लाया.
जब मैं पानी लेकर गया और वहां सोफे पर बैठने लगा.
दीदी- सुनो तुम दोनों घर की साफ सफाई कर लेना और कपड़े वाशिंग मशीन में डाल देना. आज कोई स्टाफ नहीं आने वाला है … सभी को छुट्टी दे दी थी.
अविनाश- चलो साले साहब काम पर लग जाते हैं.
हम दोनों खड़े हो गए. उसी समय मुझे शरारत सूझी और मैं आलिया के गालों पर किस करके भागने लगा. आलिया कुछ बोले, उसे पहले मैं वहां से भाग गया.
आलिया हंसते हुए बड़बड़ाने लगी.
इसके बाद हम जीजा-साले ने मिलकर पूरे घर की सफाई कर दी, वाशिंग मशीन में कपड़े डाल कर धो लिए, उन्हें सुखाने का काम पूरा किया. ऐसे ही करीब एक घंटे बाद हम दोनों ने घर का पूरा काम खत्म कर दिया.
इस पूरे समय वो दोनों आराम से टीवी देख रही थीं और हम काम कर रहे थे.
जब हम दोनों अपना काम खत्म करके वहां गए. तो उन दोनों ने फिर से हमें काम सौंप दिया.
आलिया- राज मेरे पैर दर्द कर रहे हैं, जरा मसाज कर देगा.
चित्रा- हां यार अविनाश … तुम मेरे पैरों की मसाज कर दो.
उन दोनों के पैर दर्द नहीं कर रहे थे, फिर भी वो हमें परेशान कर रही थीं. वैसे भी हमारे पास कोई चॉइस नहीं थी. इसलिए हम दोनों उनके पैरों को दबाकर मसाज करने लगे.
चित्रा- आलिया, तुम्हारा भाई तो बहुत अच्छी मसाज करता है.
आलिया- और आपका भाई भी.
हम दस मिनट तक उन दोनों के पैरों की मसाज करते रहे. फिर उन दोनों ने हमें रोक दिया. हम दोनों भी सोफे पर बैठकर फिल्म देखने लगे. अभी दिन के ग्यारह बजे थे.
दीदी- खाना बनाने का टाइम हो गया है.
अविनाश- ओके.
इसके बाद हम दोनों साले जीजा रसोई में गए और खाना बनाना शुरू कर दिया. वैसे मुझे ओर जीजा जी दोनों को खाना बनाना आता है. इसलिए कोई मुश्किल नहीं आने वाली थी.
मैं- जीजा जी, हमने हां कहकर बहुत बड़ी गलती कर दी है.
जीजा जी- बात तुम सही कह रहे हो, पता नहीं आगे और कितना परेशान करेंगी.
मैं- अब कर भी क्या सकते हैं.
अविनाश- आज की रात तो हमारी है, तब सारा हिसाब चुकता करेंगे.
दोस्तो, इस मस्त सेक्स कहानी को अगले कई भागों में पूरे विस्तार से लिख कर आपके लंड चुत गर्म करूंगा. तब तक आप मुझे मेल कीजिएगा.
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कहानी जारी है.
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