मेरी मम्मी रंडी निकली-4
शुभ चुदाई दोस्तो! मैं आनंद अपनी ही माँ प्रभा का पति!
मेरी पिछली कहानी के तीनों भाग
मेरी मम्मी रंडी निकली-1
मेरी मम्मी रंडी निकली-2
मेरी मम्मी रंडी निकली-3
आप लोगों ने सराहे, उसके लिए धन्यवाद!
तो अब तक अपने देखा कि कैसे मुझे मेरी मम्मी के रंडी होने के पता चलने के बाद मैंने दूसरे शहर जाकर अपनी ही मम्मी से शादी कर ली और उसके बाद अपनी बहन शीतल और माँ प्रभा को पेलता हूँ. या यूँ कहें कि मैं और शीतल मिलकर मम्मी को चोदा करते हैं!
पिछली कहानी से आप लोगों को पता चला कि मेरी मम्मी ने अपना इतिहास बताया हमें कि उसका जन्म एक रंडीखाने में हुआ था क्यूंकि उसकी माँ एक रंडी थी और उसे खुद नहीं पता कि उस साली का बाप कौन है!
इसी बीच उसने 2 बेटियाँ और 1 बेटा जन्मा अपनी कोख से दूसरे मर्दों का और उसके बाद जब मेरा बाप कोठे पे गया तो इसकी सुंदरता पे मोहित होकर इससे शादी कर ली और फिर मेरा और मेरी बहन शीतल का जन्म हुआ!
अब आगे की कहानी:
जैसे ही प्रभा रंडी ने ये बताया शीतल और मैंने उन 3 बच्चों से मिलने की सोचा!
शीतल ने कहा- भैया, उन सबको भी अपने साथ शामिल किया जाए आखिर हम पांचों तो एक ही माँ के बच्चे हैं भले ही हमारे बाप अलग-अलग हैं! फिर और ज्यादा मज़ा आएगा तुम दो भाई और हम तीन बहनें और एक ये रंडी प्रभा!
मुझे भी अच्छा लगा, मैंने मम्मी से सबका नंबर और पता पूछा, शीतल ने कहा- सुबह बात करके बताते हैं सबको उनकी सच्चाई!
फिर सब लोग सो गए.
सुबह मैं उठा तो बगल में शीतल गांड उठा के सोई थी, मैं उठा और उसकी गांड को किस करके सोफे पे आकर बैठ गया. मम्मी वहीं बैठी थी तो उसने मुझे चाय लाकर दी और वो झट से मेरी जान्घों पे बैठ गयी.
आवाज़ सुनकर शीतल भी जग गयी और हॉल में हमारे पास आकर बैठ गयी!
शीतल ने कहा- भैया, सबको फोन लगाओ और बुलाओ!
मैंने ठीक वैसा ही किया. सबसे पहले बेटे यानि सुनील को फोन किया, किस्मत से वो कोलकाता में ही रहता था तो उसने दोपहर तक आ जाने को कहा! वो लगभग मेरी ही उम्र का था!
बाकी दो बहनें शिवानी और अंजलि दोनों को फोन कर के जब मेरी बहन शीतल ने बताया तो वो मानने को तैयार नहीं हुई. तो फिर उनके पापा जो मम्मी को अब भी चोदा करते थे, उन्हें बताया तो उन्होंने फिर जाकर अपनी बेटियों को सच्चाई बताई! तब उन्हें विश्वास हुआ.
अंजलि तो गुस्से से लाल हो गयी, उसकी उम्र करीब 24 साल थी और शिवानी अभी 23 की हुई थी पिछले महीने में! उन दोनों ने अपने बाप को बहुत सी गालियाँ दी और कहा- हमारी फ्लाइट टिकट बुक करो, हमें मिलना है उस रांड औरत से!
उसके पापा ने टिकट करवा दी और दोपहर तक वो भी दिल्ली से कोलकाता पहुंच गए.
करीब दोपहर के २ बज रहे थे, मैं जीन्स-टीशर्ट पहन कर बैठा था, मम्मी ने साड़ी पहनी थी और शीतल ने सफ़ेद रंग का हॉट पेंट और टॉप पहना हुआ था!
तभी घर की घंटी बजी, शीतल ने दरवाज़ा खोला और सामने दो लड़कियाँ दिखाई दी, एकदम कसा हुआ बदन था उनका उनकी उम्र के हिसाब से!
अंजलि ने प्लाज़ो पहन रखा था और शिवानी ने जीन्स टॉप!
शीतल ने दोनों को नमस्ते की उन्होंने भी उसे जवाब दिया और फिर सब गले मिले और शीतल उन्हें अंदर लेकर आयी और सोफे पे बिठाया.
तभी मम्मी आयी तो उन दोनों ने मम्मी को प्रणाम किया! मैंने भी सबसे हाथ मिलाया.
तभी दुबारा घंटी बजी तो शीतल देखने गयी तो सुनील सामने खड़ा था, शीतल ने उसे नमस्ते की और अंदर ले आयी!
अब सब लोग एक जगह बैठे हुए थे तो सबसे पहले अंजलि ने कहा- प्रभा जी, आप मेरी मम्मी हैं… सिर्फ मेरी नहीं, यहाँ बैठे हम सब लोग भाई बहन हैं और तुम हम सबकी मम्मी! लेकिन यह जानकर बहुत बुरा लग रहा है कि हम सब एक रंडी के बच्चे हैं!
इतना कहकर उसकी आँखों में आंसू आ गए तो शिवानी और शीतल ने उसे संभाला!
फिर हम सब बातचीत करने लगे. इसी में 5 बज गए तो बात हुई कि बाहर घूम के आया जाए… सबने हामी भर ली और हम पांचों भाई बहन मम्मी के साथ बाहर निकले!
बाहर घूम फिर के खाना खा के करीब 9 बजे लौट रहे थे, तभी बाजु की मुखर्जी आंटी और उनकी बेटी मिल गए, उन्होंने मम्मी को कहा- क्या बात है मिसेज आनंद, आज साड़ी में बहुत सुन्दर दिख रही हैं आप, आपके हस्बैंड आनंद जी भी खुश लग रहे है मेहमानों के साथ!
इतना सुन कर सब हक्के-बक्के रह गए, मैंने बात बीच में काटते हुए कहा- चलिए घर में चलते हैं, गप्पे मारेंगे!
अंदर आकर सब लोग सोफे पे बैठे और शिवानी ने कहा- आनंद जी, मम्मी की मांग में किसके नाम का सिन्दूर है? वो औरत इन्हें मिसेज आनंद क्यों कह रही थी?
सुनील ने भी पूछा यही सवाल!
फिर शीतल ने मेरी और देखा और कहा- भैया, ये भी हमारे ही भाई बहन हैं तो इन्हें भी सच्चाई बता देती हूँ.
और फिर शीतल ने शुरू से लेकर अभी तक की पूरी कहानी उन्हें सुना दी!
हमारी सच्चाई सुनके सब हक्के-बक्के रह गए. तभी मेरी नज़र सुनील पे पड़ी तो उसका लौड़ा पूरा टाइट था! मैं समझ गया कि वो वासना के चंगुल में है, मैंने शीतल को इशारा किया तो उसने भी देखा. उसके देखते ही सुनील हड़बड़ा गया और शीतल हंसने लगी!
शिवानी का मुँह लाल हो गया था, गुस्से से वो उठी और मम्मी को कस के थप्पड़ मार दिया और बोली- साली छिनार, यहाँ साड़ी पहन के सती सावित्री बन के क्यों बैठी हुई है?
और इतने में सुनील उठा और बोला- तुम ठीक कह रही हो शिवानी, इस साली को नंगा कर के सिटी में घुमाना चाहिए. ये हमारी मम्मी कम और रंडी ज्यादा है!
और इतना कहकर उसने उसके बाल पकड़े और साड़ी खोल दी!
शीतल बोली- तुम लोग बातें करो, मैं कपड़े चेंज कर के आती हूँ.
शीतल अंदर से एक हाफ पैंट पहन कर अपनी गोरी गोरी जान्घें दिखाती हुई बाहर आयी और आकर सीधा मेरी जान्घों पे बैठ गयी.
यह देख कर अंजलि ने कहा- तुम लोग भाई बहन आपस में भी सेक्स करते हो?
इस पर शीतल हंसी और बोली- ये मेरे भैया से ज्यादा मेरे पति हैं, जब मम्मी के पेट में भैया अपना बच्चा टिका देंगे तो भैया फिर मुझसे शादी कर लेंगे. और यकीन मानो… एक बार भैया के साथ बिस्तर पे चुद गई तो कभी इन्हें छोड़ने का नाम नहीं लोगी!
और बोली- देखो, हम सब भाई बहन है और इस रंडी प्रभा के बच्चे हैं. तो क्यों न हम लोग भी मस्ती करें, टेंशन लेकर क्या फायदा! सब लोग मिलकर मम्मी को नंगी कर के खूब मज़े लेंगे और फिर भैया इसकी कोख में अपना बच्चा भी टिकायेंगे!
इतना कहकर शीतल सुनील की गोदी में में जाकर बैठ गयी! उसने भी झपट लिया उसे और शीतल की जाँघें सहलाने लगा.
इस पर शीतल ने कहा- देखो सुनील भाई, सब लोग तैयार हों तो चलो करते हैं मिलकर कुछ मजे वाला काम!
अंजलि बोली- आपस में हम जो भी करें… लेकिन जब एक भाई ने मम्मी से शादी की है तो दूसरा भी करेगा!
इस पर सुनील भड़क गया और बोला- मैं शादी नहीं करूँगा इस रंडी से, तुम लोग जवान हो तुम लोग चोदने दो मुझे!
इस पर अंजलि और मेरी बहन शीतल भड़क गयी और बोली- साले, जब तू हमारे हिसाब से नहीं चल सकता तो भाग जा यहाँ से!
और करीब एक घंटे बहस चली, फिर गुस्सा होकर सुनील वापस चला गया!
अब मर्दों में मैं अकेला बचा था, बाकी मेरी तीन बहनें और एक मेरी रखैल प्रभा थी! सुनील ने सबका मूड ख़राब कर दिया तो शीतल बोली- यार, सबका मूड ख़राब कर दिया इस रंडी के बच्चे ने… मैं बियर लाती हूँ, तुम में से कौन-कौन पियेगा?
मैंने हामी भर दी, मम्मी ने भी सर हिलाया, अंजलि से शीतल ने पूछा तो कहा- मेरे और शिवानी के लिए भी लेती आओ!
शीतल अंदर गयी और काफी सारी बियर लेती आयी और बोली- चलो सब लोग अब मूड बनाते हैं.
तभी अंजलि ने कहा- क्यों न हम सब अच्छे से तैयार हो जायें पहले, फिर बाहर भी चलेंगे.
इतना कहकर अंजलि शिवानी शीतल और मेरी मम्मी अंदर गए और जब बाहर आये तो उन्हें देख कर मेरा लौड़ा सातवें आसमान तक खड़ा हो गया था.
अंजलि और शिवानी दोनों ने एकदम पतले कपड़े वाली टाइट स्कर्ट पहनी थी उनकी गोरी गोरी टाइट जान्घें चमक रही थी, उस पर हाई हील्स पहना था और ऊपर स्लीवलेस टॉप, शीतल ने एकदम ढीली माइक्रो स्कर्ट पहनी और ऊपर सिर्फ ब्रा… और मम्मी ने बस ब्रा और पैन्टी पहनी थी!
उन्हें देख कर मैंने सबसे कहा- तुम सब लोगों ने तो मेरा लौड़ा टाइट कर दिया.
इस पर शीतल बोली- भैया, तुम शिवानी दीदी की पैन्टी पहनो न… बड़ा मज़ा आएगा!
मैंने तुरंत ही शिवानी से उसकी पैन्टी मांगी, उसने अपनी लाल रंग वाली पैन्टी दी जिसे पहन कर मैं सोफे पे बैठ गया और फिर चखने में मूंगफली और ड्राई फ्रूट्स रखा और कहा- चलो अब पीना शुरू किया जाए… माहौल मस्त बनाओ!
इस पर शीतल ने कहा- भैया सब लोग बैठो और क्यों न मम्मी की पीठ को टेबल बना दिया जाए? उसी पर बियर रख के पीते हैं!
अंजलि ने तुरंत हामी भर दी और मैंने प्रभा से कहा- चल रे हरामी रखैल, कुतिया बन के बैठ जा!
मम्मी तुरंत ही बैठ गयी और शीतल आकर मेरी जान्घों पे बैठ गयी और मुझे पिलाने लगी अपने हाथ से!
मेरी लौड़ा खड़ा था तो शीतल की पतली स्कर्ट से सीधा उसकी गांड पे टच हो रहा था. हल्का हल्का नशा अब चढ़ने लगा था, मैं शीतल की जान्घें सहला रहा था, अंजलि और शिवानी देख रहे थे और उनकी आँखों से चढ़ता हुआ जोश मुझे साफ़ दिख रहा था!
मैं शिवानी की जान्घें ताड़ रहा था और शीतल के कान में कहा- शीतल इन दोनों को भी चुदवा मुझसे!
इस पर शीतल ने कहा- भैया क्या अंजलि और शिवानी दीदी की जान्घों से बहती हुई बियर पीना चाहोगे?
मैंने हामी भर दी.
और तभी शीतल ने कहा- अंजलि दीदी, आप तो बस पी रही हो, इस प्रभा के साथ कुछ कर भी नहीं रही हो, अरे जो दिल करे वो करिये आप दोनों, अपना ही माल समझ के!
अंजलि सोचने लगी.
तभी मम्मी बोली- मुझे भी बियर पिला मादरचोद… ऐसे ही कुतिया बना के बैठा रखा है!
इस पर मैं उठा और अंजलि की हील्स पकड़ के उसके हील्स प्रभा के मुँह में डालता हुआ बोला- इस पर शीतल बियर गिराती जाएगी, तू कुतिया बने रहते ही चाट और चूस अंजलि के सैंडल को… एकदम ब्रांड न्यू है!
अब शीतल धीरे धीरे बियर गिराती जा रही थी अंजलि की हील्स पर जिसे प्रभा जीभ से चाट रही थी.
तभी शीतल ने शिवानी के पैर उठा कर मम्मी की पीठ पे रखवा दिए और उसकी जान्घों पे बियर गिरा कर बोली- आनंद भैया, आ जाओ, अपनी इस बहन की जान्घों को चाटो बढ़िया से! चिकनी हैं, एकदम अच्छा लगेगा तुम्हें और शिवानी दी को भी!
मैं अपने घुटनों पे बैठ गया और शिवानी की गोरी जान्घों से बियर चाटने लगा उसकी कमर पकड़ कर!
शिवानी ने सिस्कारियां भरनी शुरू कर दी, इस पर शीतल नीचे बैठ गई और अंजलि की चूत में अपने मुँह घुसा दिया उसके स्कर्ट के अंदर अपना सर ले जा कर और पैंटी के ऊपर से चाटने लगी. जिस पर अंजलि भी सिसकारी भरने लगी!
तभी शीतल ने शिवानी की स्कर्ट उठा कर बियर उड़ेल दी जिससे शिवानी की पैंटी गीली हो गयी और मुझे बोली- भैया, अब आगे बढ़ो और पूरी पैंटी चाटो!
मैंने शिवानी की स्कर्ट उठा कर उसकी चूत पैंटी के ऊपर से चाटनी शुरू कर दी. मम्मी लगातार सैंडल से बियर चाट रही थी!
अब मैं उठा और शिवानी को अपनी गोदी में बिठा लिया और मम्मी को कहा- प्रभा रांड अब तू उठ के बैठ जा!
मैंने अपनी बहन शिवानी की पैंटी उतर दी और मम्मी को कहा- तेरी जवान बेटी की पैंटी है, इसे सूंघ और चाट अच्छे से!
इतना कहते ही शीतल ने अंजलि की चड्डी भी उतार दी और मम्मी को दे दी और दोनों चड्डी में बियर उड़ेल दी.
मम्मी भी चूसने लगी और मैंने शिवानी का टॉप उतार दिया और उसके बूब्स मसलने लगा, निप्पल चूसने लगा और मम्मी को बोला- शिवानी की चुत में जीभ घुसा के चोद इसे!
मम्मी ने शिवानी की चुत जीभ से कुतिया जैसे चाट के जीभ अंदर घुसा दी.
तभी मैंने देखा कि शीतल और अंजलि एकदम मदहोश होकर एक दूसरे को चूम रही हैं, मैंने तुरंत ही शीतल को कहा- जाकर अपने डिलडो ले आओ.
वो अपने तीनों डिलडो (नकली लंड) लेकर आ गयी.
फिर शीतल ने कहा- भैया, सबसे पहले मम्मी को चोदा जाए… हम सब मिलकर और आज दुनिया के सामने चोदते हैं सड़क पे इस रंडी को!
इधर शिवानी की हालत ख़राब थी कामुकता से… वो बोली- मुझे पहले चुदवा लेने दो! बहुत जोश आया हुआ है, बर्दाश्त के बाहर है!
इस पर अंजलि ने कहा- मेरी भी हालत शिवानी से भी ज्यादा भयानक है, हमें अपनी चुत में कुछ चाहिए!
इतना कहकर उसने शीतल के सारे कपड़े उतर दिए और बोली- बहन डिलडो पहन के चढ़ जा मेरे ऊपर!
और तभी शिवानी ने भी मेरी पैंटी उतार दी और बोली- मुझे भी अपनी रखैल बना लो यार… खूब सेक्स करो मेरे साथ! अब हमेशा तुम्हारे साथ ही रहेंगी हम दोनों!
इतना कहकर मेरा लौड़ा उसने अपनी चुत में ले लिया और कूदने लगी.
उधर शीतल ने डिलडो पहना और लौड़ा पेल दिया अंजलि की चुत में!
मम्मी चुपचाप एक डिलडो से अपनी चुत चोद रही थी, मैंने कहा- अबे साली प्रभा, खुद से क्या मज़ा ले रही है? मेरी बहन शीतल अंजलि की चुत चोद रही है, तू जाकर शीतल की चुत में डिलडो घुसा और उसे भी मज़ा दे!
वो गयी और शीतल की चुत में डिलडो पहन के पीछे से घुसा दिया, शीतल सिसकारी भरने लगी और बोली- आह भैया, भाई हो तो तुम्हारे जैसा हरामज़ादा… अपनी बहन का कितना ख्याल रखता है! आह साली रंडी प्रभा… कस कस के चोद रांड… जैसे तू चुदती थी हमारे बाप से!
अब जितना तेज़ प्रभा शीतल को पेल रही थी, उतनी ही तेज़ी से शीतल अंजलि को चोद रही थी.
और ये देख कर मैंने भी स्पीड बढ़ा दी और शिवानी को ऐसे चोदने लगा जैसे आज उसकी चुत फाड़ ही डालूंगा!
तभी मैंने एक डिलडो लिया और प्रभा की गांड में डाल के हाथ से ही उसकी गांड मरने लगा.
अब हम सब लोग भयानक जोश में थे, एक दूसरे को गालियाँ दे रहे थे जिसे सुनकर हम सबका जोश और बढ़ता जा रहा था.
“आह्ह ह्हह्ह आनंद भैया… शिवानी कैसा मज़ा दे रही है आपको?” अंजलि ने पूछा.
मैंने कहा- जन्नत का!
तो अंजलि बोली- अब बदल के चुदाई करते हैं, आप मेरे भी भाई हैं, इस नाते मेरी चुत में भी आपका लंड जाना चाहिए!
शीतल ने कहा- आअह्ह… एकदम सही कह रही हो अंजलि दी, एक बार भैया का लौड़ा ले लो, फिर देखना कितना मज़ा आता है!
यह कहकर शीतल ने मम्मी को पीछे हटाया और डिलडो निकल के शिवानी को पटक के उसकी चुत में पेल दिया और पीछे से मम्मी ने एक डिलडो शीतल की चूत में!
मैंने अंजलि को गोदी में उठाया, किस किया और फर्श पे पटक के उसकी टांगें उठायी और उसकी चुत में एक ही झटके में अपना लौड़ा पेल दिया.
वो जोर से चिल्ला पड़ी- आअह्ह आनंद चोदो मुझे भी कस कस के अपनी बहन समझ कर!
मैंने उसे कस कस के चोदना शुरू कर दिया!
तभी शीतल ने कहा- भैया, अब प्रभा की बालकनी में लेकर चलो, वहां हम सब मिलकर इसे चोदते हैं, हमारी आपसी चुदाई तो हो गयी!
मैं उठा और शीतल को गोदी में उठाया, अपना लौड़ा उसकी चुत में डालकर और कहा- पहले तुझे तो पेल लूं मेरी रानी, तू तो बच ही गयी थी!
दस मिनट शीतल को चोदने के बाद मम्मी के बाल शिवानी ने पकड़े और घसीट के बालकनी में ले गयी और अंजलि उसे लात से मार रही थी. तभी शीतल ने मम्मी को वायग्रा लाकर खिला दिया जिसे खा के मम्मी उछलने लगी जोश में चुदने के लिए!
बालकनी ने शिवानी ने कहा- हम तीनों बहनें भी आज इसकी चुत फाड़ेंगी डिलडो लगा कर!
इस पर प्रभा ने कहा- आज बीस लौड़े भी ले लूंगी मैं! बियर के बाद वायग्रा ने मेरा जोश सातवें आसमान पे पंहुचा दिया है, आज तो रोड पे भी चुद जाऊँगी मैं!
अंजलि डिलडो पहन कर मुझे बोली- भैया, लौड़ा डालो इसकी चुत में, मैं डालती हूँ डिलडो इसकी गांड में… और शीतल बहन, तुम अपनी चुत का रस पिलाओ इस साली को!
मैंने प्रभा की चुत में अपना लौड़ा पेल दिया और अंजलि ने डिलडो पेल दिया था. अब मम्मी की चुत में एक लौड़ा, डिलडो गांड में था और शीतल अपनी चुत चटवा रही थी अपनी माँ से!
हम कस कस के मम्मी को पेल रहे थे, मम्मी चिल्लाने लगी जोश में- आअह्ह उह हरामजादो और चोदो मुझे, पूरी दुनिया से पेलवाओ मुझे!
शिवानी ने कहा- रुक साली, आज तेरी चुत फाड़ डालेंगे हम सब भाई-बहन मिलकर!
मैं शिवानी को किस करते हुए उसकी चुत में उंगली भी कर रहा था.
काफी देर तक मम्मी को चोदते गए हम सब तो वो साली बेहोशी की हालत में पहुंच गयी, तब हम सबने उसे वहीं छोड़ दिया बालकनी में और अंदर आ गये!
शिवानी ने कहा- भैया, आप हम तीनों से भी शादी कर लो, या फिर अपनी रखैल बना लो हमने… पर कैसे भी हमें अपने साथ रखो! और चोदते जाओ… आज प्लीज मेरी चुत के अंदर अपना माल गिराओ, मुझे महसूस करना है!
शीतल ने कहा- हाँ भैया, आज शिवानी की चुत में ही माल गिरा दो! मैं अंजलि दीदी की चोद के उसका माल गिरा दूंगी!
इतना कहकर मैं शिवानी के ऊपर चढ़ कर उसे चोदने लगा कस कस के उसके बूब्स मसलते हुए और अंजलि की चुत शीतल कस कस के चोद रही थी. करीब 15 मिनट बाद अंजलि का पानी झड़ गया और वो वही बेहोशी जैसे होकर वहीं नंगी ही सो गयी.
तभी मैंने शिवानी की चुत से लौड़ा निकला और शीतल की चूत में पेल कर उसे कस कस के चोदने लगा और कहा- मादरचोद रंडी बहन, तेरा गिराऊंगा पहले अपने लंड से तुझे चोद कर!
कुछ देर उसे चोदने के बाद उसका भी गिर गया!
उसके माल से सना हुआ लौड़ा फिर से शिवानी की चुत में पेल दिया मैंने और कुछ देर तक उसका बदन को रौंदने के उसका और मेरा दोनों का साथ ही गिर गया.
वो बोली- भैया, मुझे और मम्मी हम दोनों को बच्चा टिका दो!
शीतल ने भी हामी भरी और मैं बिना लौड़ा निकाले ही सो गया शिवानी के ऊपर!
इस तरह से हम सबको बदन में शांति मिली और सब लोग बेसुध होकर सो गए!
यह कहानी आपको कैसी लगी? मुझे मेल करें!
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कहानी का अगला भाग: मेरी मम्मी रंडी निकली-5
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