विधवा की चुत चुदाई: क्या यह मेरा चरित्र पतन है?

विधवा की चुत चुदाई: क्या यह मेरा चरित्र पतन है?

आज मैं अपनी पहली कहानी लेकर उपस्थित हुआ हूँ, आशा है कि मेरी कहानी पाठकों को पसंद आएगी।

मैं एक 35 साल का साधारण परिवार का सदस्य हूँ, मेरी पत्नी की सेक्स में कोई रुचि नहीं है जबकि मैं सेक्स के लिए रोज उसे आमंत्रित करता हूँ परंतु मेरी पत्नी संभोग के प्रति इतनी उदासीन है कि मेरी तमाम मिन्नतों के बाद पंद्रह-बीस दिन में एक बार तैयार होती है वो भी इतने ठंडे तरीके से कि संभोग होना न होना एक ही बात होती है।

बात आज से पाँच वर्ष पहले की है, मैं सोशल साइट पर चैट कर रहा था कि मुझे एक महिला की फ्रेंड रिक्वेस्ट मिली। मैंने एक्सेप्ट कर लिया।
चैटिंग के दौरान उसने बताया कि वो विधवा है। हम दोनों में रोज बात होने लगी। फिर एक दिन उसने मिलने की इच्छा प्रकट की, मैंने स्वीकृति दे दी, उसने मेरा नंबर माँगा जो मैंने दे दिया।

शनिवार के दिन सुबह उसने फोन किया कि वो आ रही है मेरे पास!
मैंने बताया कि मेरे पास जगह नहीं है तो उसने मुझे रेस्टोरेंट में आने को कहा। निर्धारित समय पर मैं उसके बताए रेस्टोरेंट में पहुँच गया।

मिलने पर मैंने देखा कि वो लगभग 45 साल की साधारण दिखने वाली औरत थी।
हम वहाँ लगभग डेढ़ घंटे रहे, उस दौरान हमने एक दूसरे के बारे में बातें कीं। जैसे मैं कई वर्षों से सेक्स के लिए प्यासा था, वैसे ही वो विधवा होने के कारण संभोग के लिए तड़प रही थी।

बातों के बाद वो मुझे अपने फ्लैट पर ले गई, हम एकांत पाते ही एक दूसरे की बाहों में समा गए। मैंने उसके रसभरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया और वो मेरी शर्ट के बटन खोलने लगी।

फिर हमने एक दूसरे को पूर्ण नग्न कर दिया। मेरा लंड ज्यादा बड़ा नहीं है मगर लंड देखते ही वो सहलाने लगी।
मेरा लौड़ा पूरा खड़ा हो चुका था और उसके आगे से प्रिकम भी निकल रहा था।

उसने लंड को मस्त हिलाना चालू कर दिया और एक मिनट हिलाने के बाद उसने इसे सीधा मुँह के अंदर भर लिया।
मुझे भी बहुत मजा आने लगा और मैं आँखें खोल इस 45 साल की औरत की चुसाई को देखने लगा। उसके गले तक लौड़ा घुसा हुआ था और वह मेरे गोलों को हाथ से सहला रही थी।

मुझसे रहा नहीं गया और मैं उठ खड़ा हुआ। उसके स्तन सही में बहुत कड़े थे जैसे नई जवान हुई लड़की की चुची!
मैं दोनों हाथों से उसकी चुची से खेलने लगा और वह अपना हाथ मेरे लंड के ऊपर रख कर सहलाने लगी।

मैंने उसकी चुची को और भी जोर से दबाना चालू कर दिया। वह लंड से मस्त खेले जा रही थी।

फिर हम 69 की पोजीशन में आ गए, मैं उसकी चुत चाटने लगा, वो तड़प उठी।
हमने बहुत देर तक फोरप्ले किया, उस दौरान वो दो बार झड़ी उत्तेजना में… वो मेरा लंड इतनी ज़ोर से दबा कर चूसने लगी कि मेरा पानी निकल गया, जिसे वो बाथरूम में जा कर थूक आई।

फिर उसने चाय बनाई और हम नंगे ही चाय पीने लगे।
चाय पीने के बाद वो मेरे मुरझाए लंड को चूसने लगी जिससे मेरा लंड फिर खड़ा हो गया मैं उसकी चुची को चूसने व काटने लगा।

वो इतनी उत्तेजित हो गई कि मुझे नीचे लिटा कर मेरे लंड पर बैठ गई। उसकी गीली चुत में मेरा लंड समा गया वो मेरे लंड पर उछलने लगी।
उत्तेजना के मारे उसके मुँह से आवाजें निकलने लगीं ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’

फिर मैंने उसे कुतिया बना कर पीछे से उसकी चुत में लंड पेल दिया और ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा। मैं उसकी दोनों चुची को मसलते हुए उसे चोद रहा था।
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वो मस्ती में चूर होकर कह रही थी- चोदो.. चोदो.. मेरे राजा.. आज मेरी चूत का भोसड़ा बना दो.. कहाँ थे इतने दिनों से.. मेरी चूत कब से प्यासी थी.. तुम्हारे लंड की.. आज इसका पूरा कचूमर निकाल दो आह.. आह.. उह्म्म.. उह्म्म.. आह..

लगभग 5-7 मिनट की चुदाई के बाद उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया। फिर मैंने उसकी चुत से लंड निकाल कर उसके मुँह में डाल दिया।
वो मेरा लंड चूसने लगी, मेरा निकलने वाला था तो मैं उसकी चूचियों पर झड़ गया और अपने वीर्य से उसका मसाज किया। फिर हम साथ ही नहाने चले गए, नहा कर हमने कपड़े पहने और मैं वापस आने लगा तो उसने मुझे किस किया और फिर मिलने का वादा किया।

ये मेरे पतन की पहली दास्तान थी मगर मुझे अपने इस पतन पर कोई ग्लानि नहीं है क्योंकि मुझे लगता है कि मैंने अपने और उसके शरीर की एक जायज जरूरत को पूरा किया था।
आज मैं इस रास्ते पर इतना आगे निकल चुका हूँ कि लड़कियों और औरतों के अलावा कई लड़कों (bottams) की प्यास भी बुझा चुका हूँ।

अगर वास्तव में यह मेरा पतन है, अगर मैंने गलत किया है, अगर मैं दोषी हूँ आप सबकी नज़र में तो निःसंकोच आप [email protected] पर और कमेंट्स में मेरी निंदा कर सकते हैं!
आपकी राय के इंतज़ार में आपका सच्चा साथी

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