सलमा ने बनाया बलमा
दोस्तो, मेरा नाम मकबूल खान है और मैं आपको आज अपना सेक्स अनुभव बताने जा रहा हूँ. मैं राजस्थान का रहने वाला हूँ और अभी 29 साल का हो गया हूँ. मैंने अपने लौड़े की सील किशोरावस्था में ही तोड़ ली थी. कैसे पहली चुदाई की थी, वो कहानी में आपको बाद में बताऊंगा. मैंने बहुत सी भाभी और आंटी और लड़कियों के साथ चुदाई की है और हालत ये हो गई है कि मैं अब सेक्स के बिना नहीं रह सकता. मैं एक हफ्ते में कम से कम 4 बार चुदाई ज़रूर करता हूँ.
अब आपको मैं सलमा और मेरी चुदाई का एक्सपीरियंस बताने जा रहा हूँ. ये बात दिसम्बर महीने की है. हमारे घर के पास एक खाली घर था, जिसमें एक परिवार आकर किराये से रहने लगा. उस परिवार में सलमा, उसकी बड़ी बहन शमीम और छोटा भाई वसीम और उसके अम्मी अब्बू थे. सलमा की बड़ी बहन तलाकशुदा थी, भाई कुंवारा था और सलमा भी कुंवारी थी.
जब मैंने सलमा को देखा तो में उसको पहचान गया कि वो 5 साल पहले मेरे साथ कंप्यूटर क्लास में पढ़ती थी. सलमा चश्मा पहनती थी और मुझसे ज्यादा लम्बी थी. मेरी लम्बाई 5.7 है और सलमा 5.10 की है. उसका रंग सावला है, उम्र 31 साल है. उसके होंठ मोटे हैं और दिखने में कोई खास नहीं हैं. मगर उसके मम्मे 36 साइज़ के हैं. गांड भी कुछ खास नहीं है, बस नार्मल ही है. इसलिए अभी तक उसकी शादी नहीं हुई.
उसके आने के बाद ऐसे ही एक महीना गुज़र गया. एक दिन की बात है, मैं अपनी शॉप पर जा रहा था तो देखा कि सलमा टेम्पू स्टैंड पर खड़ी थी.
मैंने अपनी बाइक उसके पास रोकी और कहा कि पहचाना मुझे सलमा?
तो उसने जवाब दिया- हां पहचान लिया, आप मकबूल हो.
मैंने कहा- कहां जा रही हो?
तो उसने बताया कि वो एक स्कूल में पढ़ाती है और टेम्पू का इंतज़ार कर रही है.
मैंने कहा- चलो मैं स्कूल तक छोड़ देता हूँ.
उसने कहा- मैं अकेली नहीं हूँ मेरी बहन भी साथ है.
मैंने कहा- कोई बात नहीं, आप दोनों मेरी बाइक पे बैठ जाओ.
तब मैंने उन दोनों को बाइक पे बैठाया और रवाना हो गया. उसकी बहन को मैंने बाज़ार में छोड़ दिया और उसको स्कूल छोड़ा.
जब बहन उतर गई तब उसने पूछा- आजकल क्या कर रहे हो?
तो मैंने बताया- मैंने मोबाइल और कंप्यूटर की एक शॉप खोली है.
उसने पूछा- कहां पे?
मैंने उसे अपनी शॉप का एड्रेस बताया, फिर उसने कहा कि मेरे मोबाइल में कुछ एरर आ रही है.. तो मैं स्कूल खत्म होने के बाद आऊंगी.
मैंने कहा- ओके.
फिर उसे स्कूल छोड़ कर मैं अपनी शॉप पे आ गया. शाम को 6 बजे वो मेरी शॉप पे आई और उसने अपना सेल फ़ोन ठीक करवाया.
उसने कहा- मेरा लैपटॉप भी कुछ ख़राब सा हो गया है.
मैंने कहा- आप ले आना, मैं ठीक कर दूंगा.
उसने कहा- आप शाम को घर आना, वहीं देख लेना.
मैंने कहा- कितने बजे?
तो उसने कहा- मतलब 8 बजे तक आ जाना और फ़ोन करके आना.
मैंने कहा- मेरे पास आपके मोबाइल का नम्बर नहीं है.
तो उसने मुझे अपना नम्बर दिया और कुछ देर बात करके चली गई.
उस दिन मुझे शॉप में देर हो गई तो मैं घर भी देर से लौटा. मैंने सलमा को रात को 10 बजे फ़ोन लगाया तो उसने कहा कि आप कल आना, आज तो रात बहुत हो चुकी. कल सन्डे भी है.
मैंने कहा- ओके…
फिर मैंने उसको बताया आज शॉप पे काम ज्यादा था, इसलिए जल्दी नहीं आ पाया.
उसने कहा- कोई बात नहीं.
फिर हमने फ़ोन पे थोड़ी देर बात की और मैं खाना खाकर सो गया.
सुबह मैंने 10 बजे सलमा को फ़ोन लगाया तो उसने कहा- आप आधा घंटे में आ जाओ.
मैं आधा घंटे बाद उसके घर गया तो वो अपने बाल सुखा रही थी. मुझे देखते ही उसने मुझे बैठाया और अपना लैपटॉप आकर मुझे दे दिया. उसके बाद मैंने उसका लैपटॉप ठीक किया.
तब तक वो मेरे लिए चाय बना कर ले आई. हमने साथ चाय पी और थोड़ी देर बात की. तभी उसकी माँ भी आ गई. उसने अपनी माँ से मुझे मिलवाया और कुछ देर यूं ही बातचीत होती रही.
फिर मैं अपनी शॉप पे चला गया. अब मैं रोज़ उसको अपनी बाइक पे बैठा कर स्कूल छोड़ने जाता.. जिससे हमारी फ्रेंडशिप अच्छी हो गई.
इस तरह 20 दिन गुज़र गए और फ़रवरी महीना शुरू हो गया. अब वो बाइक पे मेरे साथ चिपक कर बैठा करती थी और उसके मम्मे मेरी पीठ में लगते थे. अब हम दोनों फ़ोन पर भी बहुत देर तक बातें किया करते थे और हंसी मज़ाक किया करते थे. वो मेरी शॉप पर भी आने लगी थी और हम साथ में शॉपिंग और फिल्म देखने भी जाने लगे थे.
ऐसे ही 14 फरवरी आ गई और मैंने उससे काफी शॉप में मिलने का प्रोग्राम बनाया. उस दिन वो ठीक 11 बजे वो काफी शॉप में आ गई. हमने साथ में काफी पी और मैंने उसे एक रिंग दी.
उसने थैंक्स बोला.
फिर मैंने उसे आई लव यू कहा, जिसका उसने जवाब नहीं दिया.
मैंने उससे जवाब माँगा तो उसने कहा कि आप मेरी पहली ज़िन्दगी के बारे में नहीं जानते.
मैंने कहा- तो आप बता दो.
तब उसने कहा- मेरा दो साल पहले एक बॉयफ्रेंड था. उसका नाम समर था.
तो मैंने कहा- अभी तो नहीं है न?
उसने कहा- नहीं हमारा ब्रेकअप हो गया है.
तो मैंने कहा- इट्स ओके.. मुझे पुरानी बातों से कुछ लेना देना नहीं है.
तो उसने कहा कि मुझे उसने धोखा दिया था. उसका किसी और के साथ भी अफेयर था.
मैंने कहा- कोई बात नहीं.
उसके बाद मैंने फिर से उसका जवाब माँगा तो उसने मुस्कुरा कर ‘आई लव यू टू..’ कहा.
उसके बाद हम वहां से फिल्म देखने गए और मैंने उसके साथ किसिंग की उसके मम्मे दबाए. पूरी फिल्म में हमारी चुम्मा चाटी चलती रही. फिर मैंने उसे घर के पास छोड़ दिया. रात 11 बजे हमने फ़ोन पे बात की और हमारी बातें 1 बजे तक चलती रहीं.
मैंने उससे उसके और उसके बॉयफ्रेंड के बीच क्या क्या हुआ, वो पूछा. तो उसने बताया कि उसने उसके बॉयफ्रेंड के साथ 8 बार सेक्स किया और अब वो उंगली से काम चलाती है.
मैंने कहा- अब आपको उंगली से काम नहीं चलाना पड़ेगा.
उसने कहा- इसका क्या मतलब हुआ?
मैंने कहा- अब आपके पास मैं हूँ.
तो उसने हंस कर कहा कि ओके.
फिर हम सो गए.
दूसरे दिन मैंने फ़ोन पर कहा कि मुझे सेक्स करना है.
उसने कहा- किस जगह?
मैंने कहा- मेरी शॉप के पीछे वाले रूम में आ जाओ.
उसने कहा- कल 11 बजे आ जाऊंगी.
दूसरे दिन वो ठीक 11 बजे मेरी शॉप पे आई. मैंने उसको पिछले रूम में भेज दिया और मेडिकल से कंडोम और दारू की दुकान से दो बियर व कुछ नाश्ता भी ले आया. फिर मैंने शॉप का गेट अन्दर से बंद किया और क्लोज का साइन बोर्ड लटका दिया.
अन्दर कमरे में वो सोफे पर बैठी थी. और मैंने बियर के दो पैग बनाए और हम दोनों पीने लगे. हमने आधा घंटे में बियर ख़तम कर दी. मैंने देखा कि वो थोड़ी नशे में हो गई थी.
मैंने उसकी जांघ पर हाथ फेर कर पूछा- रेडी हो?
तो उसने सीना तानते हुए कहा- हां.
फिर मैंने उसका दुपट्टा उतार कर एक तरफ फेंक दिया और उसको किस करने लगा. वो भी मेरा साथ देने लगी. मैंने उसकी गर्दन पर, गालों पे और सीने पर लगातार खूब चूमा. मैंने उसको 10 मिनट फ्रेंच भी किस किया. कभी वो मेरे होंठ वो चूसती तो कभी मैं चूसता. कभी हम दोनों एक दूसरे की जुबान चूसते.
फिर मैंने अपनी शर्ट और उसकी कमीज़ और ब्रा को उतार दिया. अब मैं उसके मम्मे दबाने लगा और चूसने लगा. उसके मम्मे गोल मोटे और एकदम दूध की तरह गोरे थे.. बहुत मुलायम और बड़े चूचे थे.
मैंने उन्हें मसल मसल कर लाल कर दिया, जिससे उसके मम्मे तन गए और निप्पल लाल हो गए.
वो चुदास भरी आहें भरने लगी- ओह ओह सस स्सस्सस्स आह..
कुछ देर बाद मैंने उसकी सलवार उतारी. मैं उसकी दूधिया जांघें देख कर पागल हो गया. मोटी और चिकनी जांघें थीं. मैं बेतहाशा उसकी जांघें चाटने लगा और मसलने लगा. फिर मैंने उसकी लाल रंग की पेंटी उतारी, जिससे उसकी चूत साफ़ दिखने लगी. उसकी चूत पे छोटी छोटी झांटों के बाल थे. उसकी झांटें सुनहरे बालों की थीं. मैं उसकी चुत को सहलाने लगा और चाटने लगा. चुत चाटते हुए मैंने एक उंगली उसकी चूत में डाल दी. अचानक चूत में उंगली करने से वो पूरी हिल गई और तड़पने लगी.
करीब 15 मिनट चूत चुसाई के बाद मैंने अपना 7 इंच का लंड बाहर निकाला और उसके हाथ में दे दिया. उसने कुछ देर मेरी मुठ मारी और फिर मेरे लाल सुपारे को चाटने लगी. फिर मेरा पूरा लौड़ा अपने मुँह में लेकर चूसने लगी. मैं उसका मुँह चोदने लगा.
दस मिनट की चुसाई के बाद मैं झड़ने वाला था, मैंने कहा- रस निकालूँ?
तो उसने कहा- हां मेरे होंठों पर निकाल दो.
फिर मैंने अपने वीर्य से उसका पूरा चेहरा भिगो दिया.
अब हम फिर से किसिंग करने लगे. बस 15 मिनट बाद मेरा लौड़ा वापस किसी लोहे की रॉड की तरह खड़ा हो गया.
मैंने कहा- कंडोम लगा कर चुदाई करूं या बिना कंडोम के?
उसने कहा- कंडोम पहन लो!
मैंने कंडोम का पैकेट उसके हाथ में दिया. उसने उसमें से कंडोम निकाला और मेरे लौड़े पे चढ़ा दिया. अब मैंने उसे लेटाया और उसकी कमर के नीचे अपने कपड़े व उसकी कमीज़ और सलवार को रख दिया, जिससे उसकी चूत उभर गई. मैंने उसकी चूत पे अपना लौड़ा रगड़ना शुरू किया.
दो मिनट की रगड़ाई के बाद सलमा ने कहा- अब मत तड़पाओ.. डाल दो लौड़ा चूत में.
फिर मैंने एक झटका लगाया और पूरा लौड़ा उसकी चूत में घुसेड़ दिया. कंडोम की चिकनाहट और उसकी चूत के रस की वजह से एक ही झटके में पूरा लौड़ा चूत की गहराइयों में उतर गया. चूंकि वो पहले भी सेक्स कर चुकी थी, इसलिए लौड़ा अन्दर डालने में कोई परेशानी नहीं आई.
जैसे ही लौड़ा चूत में गया, सलमा के मुँह से ‘आह्ह्ह.. मर गई..’ की आवाज़ आई और वो कुछ ऊपर की ओर सरक गई. फिर मैंने अपने दोनों हाथों को उसकी पीठ के नीचे से ले जाकर उसके बाल पकड़ लिए और धक्के लगाने लगा. मैं कभी उसके मम्मे चूसता, कभी होंठ चूसता. साथ ही नीचे से धक्के मारता रहा. हर धक्के में उसके मुँह से आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह की आवाज़ निकलने लगी.
शायद मुझसे ज्यादा सलमा को चुदवाने में मज़ा आ रहा था. उसका मज़ा देखकर मैं और जोश में आ गया और मैंने धकापेल चुदाई करनी शुरू कर दी. दस मिनट तक ऐसे ही चोदने के बाद मैंने उसको उठाया और बिठा दिया.
अब मैं सोफे पे बैठ गया और अपने पाँव नीचे लटका दिए और सलमा से कहा- मेरे ऊपर आओ.
उसने ऐसा ही किया, वो मेरे ऊपर बैठी और दोनों पाँव मेरे अगल बगल डाल दिए. फिर उसने अपने हाथ से मेरा लौड़ा अपनी चूत के छेद पे रखा और लंड पर बैठ गई. मेरा लौड़ा फिर से उसकी चूत में घुस गया.
अब वो खुद उछल उछल कर खुद को चुदवा रही थी. उछलने से उसके मम्मे भी खूब जोर से उछल कूद कर रहे थे. मैं उसकी गांड पे थप्पड़ मार रहा था. वो बहुत मस्ती से मेरे लौड़े पे उछल रही थी. दस मिनट बाद मैंने उसे घोड़ी बनाया और उसके पीछे जा के लौड़ा चूत में डाल दिया.
करीब 20-25 धक्कों के बाद वो झड़ गई, जिससे उसका कामरस उसकी जांघों से बह निकला. मगर मैं अब भी उसकी चुदाई कर रहा था. उसके 5 मिनट बाद मैं भी झड़ गया और उसके ऊपर ही निढाल होकर गिर गया. हम 20 मिनट तक एक दूसरे पे पड़े रहे.
फिर मैंने कपड़े पहने और कुछ नाश्ता ले आया. हम दोनों ने नाश्ता किया. सलमा नाश्ता करते हुए बहुत खुश दिखाई दे रही थी. उसके चेहरे पे एक अलग सी चमक थी. उसने मुझसे कहा कि थैंक्यू मकबूल.. मैं कब से प्यासी थी. आज आपने मेरी चूत चुदाई की प्यास पूरी तरह बुझा दी.
हमने बातें की.. आधा घंटे बाद हम फिर चुदाई के लिए तैयार हो गए थे. हम दोनों फिर से शुरू हो गए.
मैंने कहा- मुझे तुम्हारी गांड मारना है.
उसने कहा- फिर किसी दिन मार लेना, आज मेरी चूत को अच्छी तरह से रगड़ दो.. साली निगोड़ी बहुत परेशान करती है.
मैंने ऐसा ही किया और मैंने उसकी पूरी चूत की खुजली मिटा दी. उस दिन मैंने सलमा की 4 बार चुदाई की. शाम को 5 बजे वो घर चली गई.
उसके बाद हमारी चुदाई का मज़ा आज तक चल रहा है. हम एक हफ्ते में 4 बार चुदाई करते हैं.
बाद में मैंने उसकी गांड भी मारी. वो कहानी मैं आपको बाद में सुनाऊंगा. आप मेरी सेक्स स्टोरी पर अपनी राय देने के लिए मेरी मेल आईडी पे लिख सकते हैं.
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