सहकर्मी लड़की अपनी बुर चुदाई के लिए उतावली थी

सहकर्मी लड़की अपनी बुर चुदाई के लिए उतावली थी

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को नीटू का नमस्कार, मेरी उम्र 25 साल है और मैं जयपुर का रहने वाला हूँ. ये मेरी पहली चुदाई स्टोरी है. जब से मैंने अन्तर्वासना पर कहानी पढ़ना शुरू की, तब से ही मेरा मन था कि मैं अपनी सेक्स स्टोरी आप सभी के साथ शेयर करूँ.

यह तब की कहानी है, जब मैं 22 साल का था और जयपुर आया था. तब मैं एक कम्पनी में जॉब करता था. उसी कंपनी में मेरे साथ एक श्वेता नाम की लड़की भी जॉब करती थी. मेरी कम्पनी के सभी कर्मचारियों में मैं ही सबसे अलग और स्मार्ट लगता था और लड़कियों से हमेशा से ही मित्रतापूर्वक बात करता था. अपने इसी स्वभाव के कारण मैं श्वेता से जल्द ही घुल-मिल गया.

एक बार 26 जनवरी को ऑफिस की छुट्टी थी और मैं घर पर बोर हो रहा था तो श्वेता से फोन पर बातें करने लगा. श्वेता ने भी कहा कि वो भी घर पर बोर हो रही है, तो मैंने कहा कि चलो कहीं बाहर घूम आते हैं.

तो उसने तुरंत ‘हाँ’ कर दी, मैं अपनी गाड़ी लेकर उसे चोमू पुलिया पर मिला. उसके बाद उसके साथ हाइपर सिटी मॉल में आ गया. वहाँ थोड़ी देर इधर-उधर घूमने के बाद मैंने कहा कि यहाँ कुछ मज़ा नहीं आ रहा है, क्यों न हम ड्रिंक करें.
मैंने कोल्ड ड्रिंक की कहा था पर उसने तो दारू की बात समझ ली और कहा- यहाँ सब लोग देखेंगे, आपके घर ही चलते हैं.
ये सुन कर मैं बड़ा खुश हो गया और एक ब्लैक डॉग की बोतल, कुछ खाने का सामान लेकर हम दोनों रूम पर आ गए.

उसके बाद मैंने घर को लॉक किया और दो गिलास लाकर रखे. मैं नमकीन और सोड़ा के साथ बॉयल अंडे भी ले आया.
उसने कहा- तुम पैग बनाओ, जब तक मैं फ्रेश हो कर आती हूँ.

मैंने उसे बाथरूम दिखाया और मैं खुद भी कपड़े उतार कर केवल लोअर में ही बैठ गया. कोई 5 मिनट बाद वो बाहर आई तो मुझे देख कर बोली- अरे वाह.. मुझे भी कोई लोअर टी-शर्ट दे दो ताकि ड्रेस ख़राब न हो.
तो मैंने उसे एक लोअर और टी-शर्ट दे दी, जिसे वो बाथरूम में पहन कर आ गई.

उसके बाद हमने एक-एक पैग उठा कर चीयर्स बोला और ऑफिस की बातें करने लगे.
थोड़ी देर बाद मैंने डीवीडी पर रोमांटिक गाने लगा दिए.
दोस्तो, इस वक्त तक मेरे दिमाग में कोई भी गलत भावना नहीं थी.

दूसरे पैग को पीने के बाद श्वेता को हल्का नशा हो गया और वो बोली- मैं तो डांस करूँगी.
वो म्यूजिक की आवाज तेज करके डांस करने लगी. मैं तीसरा पैग बना कर धीरे-धीरे पीने लगा. वो बार-बार मुझे बुला रही थी, पर मैं दारू ही पीना चाह रहा था. चौथे पैग पीने के साथ ही मुझे भी नशा होने लगा और मैं उसे नाचते हुए देखने लगा.

दोस्तों टी-शर्ट पहने होने के कारण उसके दोनों चूचे खूब उछल रहे थे और लोअर में होने के कारण उसकी टांगें और पीछे चूतड़ों के उभार हिलते थिरकते हुए साफ़ नज़र आ रहे थे.

आखिर एक 20 साल की पटाखा टाइप की युवती, जो मोटे-मोटे बोबों की मालकिन हो, उसे यूं मस्त नाचता हुआ देख कर किसी भी आदमी का मन क्यों न ख़राब हो जाए. मैं भी एक मर्द ही तो हूँ.

अब मैं भी उठा और श्वेता के साथ डांस करने लग गया. डांस करते-करते मैं उसे छू भी रहा था. मेरा 6.5 इंच का लंड बिल्कुल कड़क हो गया और आँखें लाल हो उठीं. मेरे जिस्म की गर्मी भी बढ़ गई, पर मैं उससे कुछ कह नहीं पा रहा था.

श्वेता भी अब बहकने लगी और एक रोमांटिक गाने पर उसने अपनी पीठ मेरे सीने पर लगा दी और डांस करने लगी. मेरा लंड उसकी गांड पर लग रहा था. उसके कान के पीछे मैं अपनी गर्म सांसें छोड़ रहा था. अब बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था. मैंने श्वेता को अपनी ओर घुमाया, वो मेरी आँखों में आँखें डाल कर देख रही थी.
वो मस्ती से बोली- क्या सोच रहे हो नीटू.. आज कुछ मत सोचो.

इतना सुनते ही मैं समझ गया कि अब मुझे डरने की कोई जरूरत नहीं है, मैंने उसे कस कर पकड़ लिया और अपने गर्म होंठों से उसके होंठों पर किस करना स्टार्ट कर दिया. वो भी मेरे किस का जबाब ताबड़तोड़ किस करते हुए देने लगी. मेरे हाथ उसकी पीठ पर घूम रहे थे, मैं अपने अन्दर जलती हुई आग को उसके जिस्म की आग से मिला रहा था. मैं उसके कामुक होंठों को छू कर अपने आपको धन्य महसूस कर रहा था.

तभी उसने अपना एक हाथ मेरी नंगी छाती पर फिराते हुए मेरे लोअर में डाल दिया और मेरा लोहे की तरह कड़क लंड को अपने हाथ में ले लिया. मैं बेकाबू हो रहा था, मैंने उसे उठा कर बिस्तर पर लेटा दिया और एक ही झटके में उसकी टी-शर्ट उतार दी.

उसके मोटे-मोटे चूचे, उस पर तने हुए गुलाबी चूचुकों देख कर मैं पागल हो गया. उसकी हर एक सांस पर मम्मों के उठते गिरते देख कर मुझे रहा ही न गया और मैं उसके मम्मों को चूमने लगा. उसे लिप किस करते हुए उसके मम्मों पर हाथ फेरने लगा.
श्वेता तो जैसे आज सब कुछ सोच कर आई थी, वो बोली- नीटू, प्लीज आज मुझे जोर से रगड़ो.. मेरी चूत की सील तोड़ दो.. मुझे फूल से कली बना दो, मेरे जिस्म का हर हिस्सा नोंच लो.

मैं भी अब उत्तेजना में भर गया और उसकी निक्कर उतारने लगा. वो भी अपनी गांड उठा कर निक्कर निकालने में मेरी मदद करने लगी. उसके बाद मैंने उसकी गुलाबी पेंटी को उतार दिया. अब एक 20 साल की कच्ची कली मेरे सामने नंगी पड़ी थी. मैं मदहोश होकर उसकी चूत को चाटने लग गया, उसके मुँह से ‘आआअह ऊऊह्ह..’ की आवाजें आने लगीं. श्वेता बार बार मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी. मैं भी जोर-जोर से उसकी चूत को चाटने लगा. वो तेज-तेज मादक सिसकारियां भरने लगी.

मैंने एक उंगली उसकी चूत में घुसा दी और उसे हिलाने लगा. अब उसकी हालत ख़राब हो रही थी. उसकी बोली भी पूरी तरह से लड़खड़ा रही थी. उसके मुँह से लगातार ‘ऊऊह.. ओहोहह.. नीटू मुझे चोद दो.. नीटू मुझे चोद दो.. मेरी चूत को फाड़ दो.. मेरी गांड फाड़ दो..’ की आवाजें आने लगीं.

मैंने भी सही मौका देखा और उसकी गर्म चूत पर अपना कड़क लौड़ा टिका दिया. पर चुत सील पैक थी और लंड मोटा था तो लंड उसकी चुत के अन्दर नहीं जा रहा था.
उस समय का अहसास का आलम ये था कि मैं सब कुछ भूल कर केवल कामवासना के वशीभूत था. हमारे चारों तरफ के वातावरण पर कोई नज़र नहीं थी, केवल उसकी चूत ही चूत नज़र आ रही थी.

श्वेता बार-बार अपनी गांड ऊपर उठा रही थी. मैंने उसकी आँखों में आँखें डालीं, तो वो शर्मा कर बोली- चोदो ना.. मुझे चोद दो..
मैंने अपना लंड उसकी चूत पर से थोड़ा पीछे हटाया और फिर उसकी गर्दन पकड़ कर एक जोर से झटका लगा दिया. मैंने अपना लंड उसकी चूत में उतार दिया.
वो अचानक हुए इस हमले से संभल नहीं पाई और जोर से चीख पड़ी- उफ्फ.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… मम्मी.. मर गई.. मेरी चूत फाड़ दी.. अह.. निकालो नीटू इसे.. बाहर निकाल लो.. अह.. मेरी जान निकल रही है.

मैंने वहशीपन दिखाते हुए अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकाला, पर निकालने के साथ ही वापस अन्दर पेल डाला. वो जोर-जोर से रोने लगी.. मैं उसकी चूत में अपना लंड हिला रहा था. हर एक धक्के के बाद उसका रोना कम हो रहा था.

अब मैं उसके मम्मों को दबाते हुए होंठों को चूस रहा था. वो भी अब अपनी गांड हिलाने लग गई थी. मैं जोर-जोर से धक्के मारने लगा.. और अचानक एक सैलाब उसकी चूत से उमड़ा, जैसे कोई गर्म पानी का फव्वारा चालू हो गया. मेरा लंड भी उस गर्मी को सहन नहीं कर पाया और मैं भी अपना वीर्य उसकी चूत में छोड़ने लगा. मैं जोर-जोर से उसे धक्के मार रहा था. मुझे हर धक्के पर अलग ही मज़ा आ रहा था. लम्बी चुदाई का तूफान थमा तो एक-दूसरे को देख कर मुस्करा दिए; बिस्तर पर देखा तो खून था.. मेरा और उसका कामरस भी लगा हुआ था.

दोस्तो, श्वेता मेरी दीवानी हो चुकी थी और वो उसकी पहली चुदाई यादगार बन गई.
उसके बाद मैंने करीब 15 लड़कियों को चोदा है, पर आज तक उस दिन जैसा मज़ा हासिल नहीं कर पाया.

जल्द ही अगली चुदाई स्टोरी लेकर दोबारा मिलूँगा.
मेरा ईमेल है. [email protected]

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