सड़क पर मिली अनजान भाभी ने चुदवाई चूत

सड़क पर मिली अनजान भाभी ने चुदवाई चूत

मैं गुजरात का रहने वाला हूँ.. कई दिनों से मेरी भी यही इच्छा थी कि मेरी कहानी अन्तर्वासना पर आए।

मेरी सच्ची कहानी तब की है.. जब मैं 20 साल का था। हवस तो मुझमें पहले से ही भरी हुई है.. किसी भी लड़की को या भाभी को देखकर मैं उसे चोदने के ख्यालों में डूब जाता था। मैं उस वक्त सोचता था कि पता नहीं मेरा नंबर भी कभी आएगा?

फिर एक दिन भगवान ने मेरी सुन ली..

हुआ यूँ कि एक बार मैं जब रास्ते से जा रहा था.. तब मुझे कुछ दवाएँ लेनी थीं। उस लिए मैं मेडिकल स्टोर पर गया और वहाँ से जब बाहर निकल रहा था.. तब एक बड़ी सी सुन्दर सी भाभी वहाँ पर आती दिखी।

वो कुछ दवाएँ लेकर वापिस बाहर आई.. तो उसने मुझसे एक एड्रेस पूछा।

मैंने उसे बताया.. चूंकि मैं भी उसी रास्ते पर जा रहा था.. तो मैंने उससे लिफ्ट मांग ली।

उसने ‘हाँ’ बोली.. और हम चलने लगे।
रास्ते में उसके साथ थोड़ी सी बातचीत हुई.. तो पता चला कि उसका पति अक्सर बाहर रहता है.. और वो अपनी फ्रेंड से मिलने के लिए उसके घर जा रही थी।

उसने मेरे बारे में पूछा.. तो मैंने बताया- मैं यहाँ रहकर पढ़ाई कर रहा हूँ.. और साथ ही में छोटे-मोटे काम कर लेता हूँ।
मैंने जब उसको काम के बारे में बताया तो वो कहने लगी- मेरे पास तुम्हारे लिए एक काम है।

मैंने पूछा.. तो उसने मुझसे मेरा नंबर लिया और चली गई।

तभी से मैं तो उसके फोन की राह देखने लगा.. एक बार उसका फ़ोन आया तो मैं झट से तैयार होकर वहाँ चला गया। उसने मुझे जो काम सौंपा था.. वो करके मैं निकल गया।

बाद में दो दिन बाद वापिस उसका फ़ोन आया। इस बार मैं उसके घर गया.. तो वो बिल्कुल अकेली थी और इस बार मुझे उसका काम करते हुए देरी हो गई.. तो उसने मुझे वहीं पर रूक जाने के लिए कह दिया।

मुझको तो जो चाहिए था.. वो मिल गया। उसने मुझे अपने पति के कपड़े दिए। मैं पहन कर टीवी देखने लगा।

बाद में जब हम बात कर रहे थे उस समय वो मुझसे बात करते-करते मेरे नजदीक आने लगी थी। उस वक्त टीवी पर भी किसिंग सीन आ रहा था।
मेरा तो पैंट में तम्बू बनने लगा और उसकी नज़र तम्बू पर पड़ गई थी।

मैं जैसे-तैसे छुपाने की कोशिश कर रहा था।
ये देख कर वो खुद से बोली- क्या छुपा रहे हो?
मैंने कहा- कुछ नहीं।

पर उसे पता तो चल ही गया था.. तो वो धीरे से मेरे नजदीक आई और हम दोनों के होंठ मिल गए।
मेरे शरीर में तो जैसे बिजली दौड़ गई।

तक़रीबन दस मिनट तक चूमाचाटी चलती रही।
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उसने बोला- चलो बेडरूम में चलते हैं।
हम दोनों अन्दर गए और वो मुझे रुकने का बोल कर बाथरूम में चली गई।

वो कुछ ही पलों के बाद एक बहुत झीनी सी घुटनों तक आने वाली नाइट ड्रेस पहन कर कमरे में आई।

मैं हक्का-बक्का रह गया.. क्या लग रही थी वो.. एकदम परी जैसी।

इस बार तो मैंने उसे आगे बढ़ कर अपनी बाँहों में भर लिया और उसको बिस्तर पर लिटा कर सीधा किस करने लगा।
वो बोली- आराम से.. मेरा ये सब तुम्हारा है।

मैं उसके दूध दबाकर उसकी घुंडियों को चूसने लगा.. वाह क्या गुलाबी नट्स थे। उसके चूचुक याद करके आज भी लौड़ा उठ जाता है।

मैं धीरे-धीरे उसके पेट को चूमने लगा।
उसकी चूत की तरफ मेरी जीभ बढ़ने लगी थी, मैंने धीरे से पैन्टी उतारी और उसमें से हल्के से रेशमी बालों वाली मस्त चिकनी चूत दिखने लगी।

क्या मस्त खुशबू थी यारों.. मैंने जल्दी से उसकी चूत में अपनी जीभ घुसा दी और वो ‘अह्ह्हह्ह.. अह्ह्हह्ह..’ करके हल्के स्वर में चिल्ला रही थी।

उसको और अधिक मजा देने के लिए मैंने उससे पूछा- कुछ आइसक्रीम वगैरह है?
उसने कहा- फ्रिज में है.. ले आओ।

मैं तुरन्त गया और आइसक्रीम लाकर उसकी चूत के ऊपर डाल दिया और उसे चाटने लगा।
वो तो खुद के ही कण्ट्रोल में ही नहीं थी।

मैंने उसे घुमा दिया और एक उंगली उसकी गाण्ड में रख दी और फिर धीरे से जीभ उसकी गाण्ड में घुसा दी।

वो तो जैसे पागल सी हो गई और बोली- इतना मजा तो मैंने ज़िन्दगी में सोचा भी नहीं था।
मैंने आराम से उसकी गाण्ड भी चाटी।

वो बोली- अब तो बिल्कुल भी नहीं रहा जा रहा है.. तुम जल्दी से इसे मेरी चूत में घुसा दो।
मैंने देर न करते हुए अपना लण्ड उसकी चूत में घुसा दिया।

उसको थोड़ी दिक्कत हुई.. पर बाद में आराम से काम शुरू हो गया। धकापेल चोदने के बाद वो बहुत उत्तेजित हो गई.. वो खुद ही धक्के लगाने लगी इसलिए मैंने भी झटके तेज़ कर दिए और मैं भी उसके साथ ही झड़ गया।

उस रात मैंने उसके साथ 2 बार चुदाई की और उसकी गाण्ड और चूत चाटी।

मैंने उसकी गाण्ड भी मारी.. वो मैं आपको अगली कहानी में बताऊँगा।

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