हमारा छोटा सा परिवार चुदक्कड़ बन गया
मेरा नाम रवि है.. मैं कानपुर से हूँ, अभी मैं 21 साल का हूँ.. मेरी फैमिली में मैं मेरी बहन मनीता और मेरी माँ रजनी हैं। हम सब कानपुर में रहते हैं।
जब मैं बहुत छोटा था.. तभी मेरे पापा का देहांत हो गया था, तब मेरी माँ अकेली सी हो गई थीं। अब हम और मेरी बहन ही माँ के लिए सब कुछ थे। मेरी माँ नए सिरे से जिदंगी शुरू करना चाहती थीं।
यह मेरी पहली सेक्स कहानी है, बात बहुत पहले की है..
मेरी माँ मेरी बहन को तेल लगा रही थीं, उसी वक्त मैं नहा कर आया तो देखा कि मेरी माँ मेरी बहन के सारे कपड़े उतार कर उसे तेल लगा रही हैं।
मैं वहीं खड़ा होकर देख रहा था।
काफी देर तक देखने के बाद देखा कि मेरी माँ मेरी बहन मनीता के गुप्त अंगों में तेल डाल कर मालिश कर रही है। मेरी बहन को तेल लगते देख मैंने भी माँ से बोला- माँ मुझे भी तेल लगा दो।
माँ ने बोला- कपड़े निकाल कर आ जा।
मैं सारे कपड़े निकाल कर आ गया। तो माँ ने बोला- बेटा बिस्तर पर आ जा।
मैं नंगा ही माँ के साथ बिस्तर पर आ गया।
माँ ने तेल लगाना शुरू किया। सबसे पहले माँ ने मेरे सिर पर तेल लगाया फिर मेरी छाती पर.. फिर मेरे लंड पर तेल लगाने के बाद माँ मेरे लंड के नजदीक जाकर मेरे लंड के सुपारे को खोल कर माँ ने मेरे लंड पर एक फूंक मारी।
उसके बाद माँ ने बोला- बेटा जाकर कपड़े पहन लो।
ऐसे ही समय गुजरता गया। हमारे घर में माँ हम दोनों भाई बहन को नंगा करके मालिश करती थीं। चूंकि ये बहुत छोटी उम्र से चल रहा था इसलिए अब इस बात को लेकर हम सभी इसके आदी हो गए थे।
अब मैं 21 साल का हो गया हूँ और मेरी बहन की उम्र उम्र 18 साल की हो गई है।
सन्डे की छुट्टी थी.. तो हम सभी घर पर ही थे, माँ ने आवाज लगाई- रवि बेटे उठ.. जा कर मनीता को भी उठा दे।
मैं गया और मनीता को भी उठा दिया।
माँ ने कहा- तुम दोनों नहा कर जल्दी आ जाओ.. फिर मैं तुम दोनों को तेल लगा दूँ।
हम दोनों नहाने चले गए और नहा कर आ गए तो माँ ने बोला- आज तौलिया क्यों नहीं उतारा।
यह कहते हुए माँ ने मेरा तौलिया निकाल दिया। रोज की तरह मैं माँ के सामने नंगा लेट गया। अभी माँ तेल लगा ही रही थीं कि मनीता भी उधर आ गई।
आज मुझे उससे पहले तेल लगते देख मनीता ने माँ से बोला- पहले मैं तेल लगवाती हूँ.. आज रवि भैया कहाँ से आ गए?
माँ ने बोला- अच्छा तो ले आज तू ही अपने रवि भैया को तेल लगा दे.. मैं तब तक नहा कर आती हूँ।
यह कह कर माँ नहाने चली गईं।
मेरी बहन ने गुस्से में बहुत सारा तेल मेरे लंड पर डाल कर मेरे शरीर की मालिश करने लगी और मेरे लंड को जोर-जोर से हिलाने लगी।
तभी माँ आ गईं.. माँ पूरी नंगी थी उन्होंने अपने जिस्म पर केवल एक तौलिया डाल रखा था।
अब तक मनीता मेरी मालिश कर चुकी थी और आज मेरा लंड एकदम से खड़ा था।
मैं मनीता की मालिश करने की तैयारी कर रहा था.. मनीता मेरे सामने नंगी लेटी थी।
माँ ने मेरे खड़े लंड को देखते हुए मुझसे बोला- तू जरा मेरी भी तेल की मालिश कर दे।
मैंने बोला- अभी मुझे मनीता की मालिश करनी है।
माँ ने मेरे लंड को पकड़ते हुए बोला- कर देना.. पर आज मैं तुझे बताती हूँ कि मस्त मालिश कैसे करते हैं।
माँ ने मेरा खड़ा लंड कुछ इस तरह से पकड़ा कि मेरे शरीर में कुछ होने लगा। हम सब तो रोज तेल मालिश करते थे मगर आज शरीर में कंपन सी पैदा हो रही थी।
तभी मेरी बहन जो उठ कर बैठ गई थी वो बिस्तर पर अपनी टांगें पसार कर लेट गई।
माँ ने सबसे पहले मनीता के मम्मों के ऊपर तेल डाला और मुझसे बोला- तू इधर की मालिश करके दिखा।
अब मैं अपनी बहन के मम्मों को मालिश हल्के हाथ से कर कर रहा था।
तो माँ ने गुस्से में मुझसे बोला- जोर जोर से दबा-दबा कर मालिश कर न।
मैं उत्तेजित होता जा रहा था और जोर-जोर से बहन के मम्मों को दबा रहा था। उसके बाद माँ ने मेरी बहन की चूत पर तेल डाला और चूत की मालिश करने लगीं। मैं और मेरी बहन बहुत उत्तेजित होते जा रहे थे।
इतने में माँ ने बोला- रवि अपनी बहन की चूत पर तेल लगा।
मैं अपनी बहन की चूत पर तेल लगाने लगा तो माँ ने बोला- इधर आ।
मैं अपनी बहन की चूत के सामने बैठ गया।
माँ ने बोला- अपनी उंगली बहन की चूत में डाल।
मैंने वैसा ही किया.. और अपनी बहन की चूत में अपनी दो उंगलियों को डाल दिया।
मेरी बहन को दर्द होने लगा।
तब माँ ने मेरे लंड को हाथ में लिया और आगे-पीछे करने लगीं।
तभी मेरी बहन ने बोला- माँ ये क्या कर रही हो?
तो माँ ने बोला- आज इससे तेरी चुदाई करवानी है।
मेरी बहन ने पूछा- यह चुदाई क्या होती है?
माँ ने जबाव न देते हुए अपनी तौलिया को निकाल दिया। मैंने माँ को नंगा देखा तो देखता ही रह गया। आज माँ ने अपनी चूत को एकदम साफ किया था।
माँ बोलीं- अब आज जैसा मैं रवि के साथ करूँगी.. वैसा तुम दोनों जब चाहो कर सकते हो।
माँ ने अपनी चूत में उंगली डाल कर खूब सारा तेल लगा लिया। मैं उनकी लपलप करती चूत को देख रहा था।
फिर माँ ने मुझसे सीधा लेटने को कहा मैं मनीता को उठा कर खुद लेट गया और माँ मेरे लंड के दोनों तरफ टांगें करते हुए मेरे खड़े लंड पर बैठ गईं।
मुझे एकदम से लंड में दर्द सा होने लगा.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… तो मैं एक कराह निकाली और माँ से कहा.. पर माँ ने कहा- अभी ठीक हो जाएगा।
फिर माँ भी अपनी चूत में मेरे लंड को पूरा निगल गईं और उनके मुँह से भी एक सीत्कार निकली।
इसके बाद उन्होंने मेरे लंड पर कूदना शुरू कर दिया। अब मुझे भी मजा आने लगा था। माँ ने मेरी बहन की तरफ देखा वो नंगी खड़ी थी और माँ को आश्चर्य से मेरे लंड पर कूदते हुए देख रही थी।
माँ ने उसे पास आने को कहा और अपने दूध मसलने को कहा। वो पास आकर उनके मम्मों को मसलने लगी तो माँ ने कहा- तू भी मेरी तरफ मुँह करके अपने भाई की छाती पर बैठ जा।
मेरी बहन ने वैसा ही किया तो माँ ने अपनी एक चूची उसके मुँह में लगा दी और कहा- ले इसे चूस.. और थोड़ी उठ जा.. ताकि तेरा भाई तेरी चूत को चाट सके।
मेरे मुँह में बहन की चूत टिक गई और मेरा कड़क लंड माँ की चूत में शंटिंग कर रहा था।
कुछ ही देर में माँ झड़ गईं पर मेरा लंड अभी भी तना हुआ था तो माँ ने मेरी बहन से कहा- अब तू भी अपने भाई का लंड अपनी चूत में ले ले।
साथियो, इसके बाद मेरी सील पैक बहन मेरे लंड पर कैसे बैठी और उसकी चूत का क्या हश्र हुआ होगा.. ये सब आप जानते ही हैं। लेकिन यदि आपको मेरी हिंदी सेक्स स्टोरी अच्छी लग रही हो तो मुझे लिखिएगा.. मैं पूरी दास्तान लिखने का प्रयास करूँगा।
मैं आप सभी के मेल की प्रतीक्षा में हूँ।
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