होली में चुदाई का दंगल-1
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम राजा है. आज मैं आपको एक मजेदार कहानी बताने जा रहा हूँ, जिसे सुनकर आपके पूरे शरीर में बिजली सी दौड़ उठेगी.
यह कहानी 2018 की होली की है. मेरा नाम राज है, मेरी उम्र 26 साल है. मेरी बीवी का नाम राधिका है, जिसकी उम्र 25 साल है. राधिका दिखने में एक अप्सरा जैसी दिखती है. हम मुंबई शहर में रहते हैं. हमारे साथ मेरी बहन भी रहती है, उसका नाम सोनल है. उसकी उम्र अभी 22 साल है, वो अभी कॉलेज कर रही थी. मेरी बहन किसी हीरोइन से कम नहीं है. होली मनाने के लिए मेरी हॉट साली दिशा भी आई थी, जिसको देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए. दिशा भी 22 साल की थी. आप सभी को बता दूँ कि वो तीनों बहुत ही मॉडर्न ख्यालात की थीं.
होली के दिन सुबह मैं नहाकर सफेद फॉर्मल कपड़े पहनकर बाहर आया, तभी सामने का नजारा देखकर मेरा लंड सलामी देने लगा. क्योंकि मेरे सामने तीनों खूबसूरत अप्सराएं खड़ी थीं. वो तीनों एक ही टाईप के कपड़े पहने हुए थीं. उनके कपड़ों में से तीनों की ब्रा साफ दिख रही थीं. आज मैं पहली बार अपनी बहन को ऐसी नजर से देख रहा था.
मेरे आने से मेरी बीवी मुझे रंग लगाने आगे बढ़ी. मैं भी अपने हाथ में लाल रंग लेकर उसकी तरफ बढ़ा. मैंने उसके सफेद कपड़ों पर रंग लगा दिया.
तभी पीछे से मेरी साली दिशा मुझे रंग लगाकर भागी, तो मैं भी उसको रंग लगाने के लिए उसके पीछे भाग पड़ा. उसको मैंने दौड़ कर पकड़ भी लिया लेकिन वो मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी.
इसी छीना झपटी में मेरे एक हाथ से उसके कातिलाना मम्मे मसल गए, जिससे वो थोड़ी झेंप गयी.
ये नजारा देख कर मेरी बहन ने ताली बजा कर मेरा उत्साह बढ़ाया. मैंने मेरी साली को जम कर रंग लगाया और इसी दौरान उसके मस्ताने जिस्म का टटोल कर जायजा भी ले लिया.
इतनी देर मेरी बीवी बियर के केन्स लेकर बाहर आ गई. फिर हम चारों बियर पीकर एक दूसरे के साथ होली खेलने लगे. कुछ ही समय में हमारे शरीर और कपड़े होली के रंग से रंग गए थे. हम एक दूसरे को अच्छी तरह से रंग लगा रहे थे. मैं राधिका को बीच बीच में किस कर रहा था और मौका मिलने पर उसके मम्मे भी दबा देता था.
तभी मेरी बीवी राधिका ने मुझसे कहा- हम सभी ने बहुत रंग लगा लिया है, अब हम सब बैठ कर ताश खेलते हैं.
सोनल- भाभी तुम ठीक कह रही हो, चलो हम ताश खेलने हैं.
ये सब सुनकर मुझे बहुत बुरा लग रहा था, लेकिन मुझे क्या पता था कि आगे चलकर मुझे जन्नत की सैर करने मिलेगी. हम चारों घर के अन्दर आ गए और मेन हॉल में ताश खेलने के लिए बैठ गए. राधिका बियर की दो ठंडी बोतलें और ले आई. वहां पहले से ताश खेलने के लिए सब इंतजाम था.
मैं पहले से ही सारी तैयार देख कर जरा चौंका और मैंने कहा- क्या बात है, यहां तो पहले से सब तैयार है?
राधिका- मेरे राजा ये सब तुम्हारे लिए ही किया है. देखते जाओ.. आज तुम बहुत खुश होगे.
मैं- मतलब?
दिशा- ये जानने के लिए आपको थोड़ा इन्तजार करना होगा जीजाजी.
मेरी बीवी राधिका- चलो पहले मैं इस खेल के रूल बता देती हूँ.
मैंने उसकी तरफ देखा कि ऐसा कौन सा नया खेल है, जिसके नियम बताना पड़ रहा है.
राधिका- सबसे पहला रूल, जो हारेगा उसको एक पैग मारना होगा और जीतने वाले का टास्क पूरा करना होगा. इस गेम को बीच में छोड़कर नहीं जाया जा सकता है. बोलो सबको मंजूर है?
हम तीनों ने हामी भरी.
मेरी पत्नी राधिका ने ताश के पत्ते बांटने शुरू कर दिए.
सबसे पहले मेरे पत्ते कमजोर आए और मैं हार गया, जिससे मुझे एक बियर का पैग लेना पड़ा. चूंकि दिशा (साली) जीत गई थी, इसलिए नियमानुसार मुझे उसका टास्क पूरा करना था.
दिशा ने मुझे मुर्गा बनने को कहा जो मेरे लिए एकदम अलग अनुभव था.
उसके बाद मेरी बीवी राधिका खेल जीती और इस बार टास्क पूरा करने की बारी मेरी बहन की थी. पहले तो उसने एक पैग लगाया. फिर राधिका ने सोनल को कैट वाक करने को बोला और सोनल ने कैट वाक किया.
अगली बार भी दिशा जीती और मैं हारा. उसने मुझे अपना कुरता निकालने को कहा. इसलिए मैंने अपना कुरता निकाल कर दिशा को दे दिया.
गेम आगे चला. इस बार मेरी बीवी जीती और इस बार पैग पीने की बारी दिशा की थी. इसलिए उसने पहले एक पैग लगाया.
राधिका दिशा से बोली- दिशा, तुम सोनल को किस करो.
दिशा अपने दोनों हाथ से सोनल के सिर को पकड़ लिया फिर दिशा ने उसे किस किया. ये किस इतना सेक्सी था कि इससे मेरा सोया हुआ राजा यानि लंड जाग गया. मैं उसको अपने एक हाथ से छुपाने की कोशिश कर रहा था.
उन दोनों को किस करते देखकर मुझे भी राधिका को किस करने का मन होने लगा था. लेकिन मैं अभी ऐसा नहीं कर सकता था.
फिर राधिका ने उन दोनों किस करना रोक दिया क्योंकि वे दोनों बियर की मस्ती में एक दूसरे को बड़ी सेक्सी तरीके से चूमने में मशगूल हो गई थीं.
गेम फिर शुरू हुआ, फिर से ताश के पत्ते बंटने लगे. इस बार मैं जीता था और इस बार पैग पीने की बारी दिशा की थी.
मैंने दिशा से कहा- दिशा इस बार तुम कैट वाक करो, क्योंकि मैं तुम्हारे हुस्न का लुत्फ़ उठाना चाहता हूं.
दिशा खड़ी हुई और गांड मटकाते हुए कैट वाक करने लगी. वो ऐसे चल रही थी, मानो कोई हीरोइन सच में रैम्प पर कैट वाक कर रही हो.
ये देख कर राधिका ने मस्ती की- आह.. क्या माल लग रही हो.
राधिका के इस कमेंट पर हम तीनों हंसने लगे.
खैर खेल आगे बढ़ा. इस बार मेरी बीवी राधिका हार गई और दिशा जीत गई.
राधिका ने एक पैग लगाया. दिशा को अपने ऊपर किया गया कमेन्ट याद था, इसलिए उसने भी राधिका का मजा लेना चाहा. वो बोली- मेरी प्यारी दीदी, आप जीजाजी की जांघ पर बैठकर किस करोगी.
राधिका चौंक पड़ी- क्या?
अबकी बार सोनल ने मजा लेते हुए कहा- हां भाभी, अब टास्क है तो आपको टास्क तो करना ही पड़ेगा.
राधिका ने एक मिनट के लिए सोचा और फिर वो मेरे पास आकर मेरी जांघ पर बैठ गई. मुझे लंड में आग लगी पड़ी थी. राधिका को चूमने की चुल्ल मुझे भी बहुत तेज लग रही थी. मैंने उसकी तरफ होंठ बढ़ा दिए. फिर हम दोनों ने एक दूसरे को किस किया. मुझे उसके होंठ इस समय इतने मस्त लग रहे थे कि मैंने उसके होंठों को अपने होंठों में दबा लिया और उसके होंठों का रस चूसने लगा. उसको भी शायद मेरे होंठों से यूं चूसा जाना मस्त लग रहा था. इसलिए वो भी मेरे साथ किस में लगी रही. हम दोनों किस करने में एकदम मशगूल हो गए थे. उधर वो दोनों हम दोनों को सेक्सी किस करते देख रही थीं.
करीब एक मिनट तक हम किस करते रहे. तभी दिशा बोल उठी- जीजाजी बस कीजिए, कहीं दीदी के होंठ न सूज जाएं.
उसकी बात से हम दोनों को होश आया और राधिका ने मेरी जांघ से उठकर अपने होंठ पौंछे.
यह देख कर उन दोनों के चेहरे पर हल्की सी मुस्कान दिखने लगी थी.
दो पल के रोमांटिक माहौल के खेल फिर शुरू हुआ. इस बार सोनल जीत गई और राधिका एक बार फिर हार गई. इसलिए राधिका ने पहले एक पैग मारा.
अब तक हम चारों पर बियर का नशा होने लगा था. सोनल ने नशे की टुन्नी में मुझसे कहा- भाई, आप भाभी का कुरता निकालो.
यह सुनकर मानो मेरी तो लॉटरी लग गई हो, मुझे ऐसा अनुभव हो रहा था. मुझे भी अब ये खेल थोड़ा थोड़ा समझने आ रहा था, लेकिन नशे के वजह से मैं ज्यादा सोच नहीं रहा था.
राधिका- सोनल सोच ले … तुम्हारी भी बारी आएगी, तब मैं भी अपना हिसाब बराबर करूंगी.
सोनल ने हंस कर हामी भर दी.
उधर दिशा को ये सीन देखने की जल्दी पड़ी थी. उसने कहा- जीजाजी, अब आप किसका इन्तजार कर रहे हैं?
मैंने राधिका का कुरता निकाल दिया, जिससे वो सिर्फ एक लाल रंग की ब्रा में रह गई थी. उसके चूचे देख कर मेरा मन तो कर रहा था कि अभी राधिका के मम्मे मसल दूँ और ब्रा फाड़ डालूँ, लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकता था.
सभी की नशीली निगाहें राधिका के मदमस्त दूधों पर टिकी थीं. हम सभी का नशा अब शवाबी हो चला था. हम सभी को सेक्स चढ़ने लगा था.
गेम आगे बढ़ा. इस बार राधिका जीत गई और सोनल हार गई. इसी पल का शायद राधिका को इन्तजार था.
सोनल ने अपना पैग खींचा और वो अपनी भाभी राधिका के टास्क का इन्तजार करने लगी.
राधिका ने विजयी मुस्कान के साथ कहा- मैं चाहती हूँ सोनल कि अब तुम राज की जांघ पर बैठकर राज को किस करो.
राधिका की इस बात को सुनकर हम दोनों भाई-बहन एकदम से चौंक उठे.
तभी मैंने कहा- राधिका … तुमने शायद गलत टास्क दे दिया है.
राधिका- मेरे प्यारे पतिदेव मैंने सही ही टास्क दिया है.
सोनल- पर भाभी हम दोनों भाई बहन ऐसा कैसे कर सकते हैं?
दिशा ने सोनल की तरफ देखकर कहा- अब टास्क है … तो करना तो पड़ेगा ही.
ये कह दिशा सोनल को आंख मारते हुए हल्के से मुस्करा दी. उसी पल मेरी निगाह सोनल की तरफ गई, तो उसके होंठों पर भी मुझे एक वासना से भरी मुस्कान दिखाई दी.
अब मुझे समझ आ गया था कि इन तीनों ने मिलकर ही ये प्लान बनाया है. मुझे ये गलत लग रहा था.. इसलिए मैं खड़ा होकर बाहर आने को हुआ, तभी मेरे पीछे राधिका भी आ गई.
राधिका- देख राज … मुझे पता है कि यह गलत है, लेकिन जितना प्यार में तुमसे करती हूं, उतना ही प्यार वो दोनों तुमसे करती हैं. आज वो दोनों तुझको अपना ब्वॉयफ्रेंड बनाना चाहती हैं. मुझे भी इससे कोई एतराज नहीं है.
मैं- लेकिन?
राधिका ने मेरी बांहों में अपना अधनंगा जिस्म रगड़ते हुए कहा- बस मेरी जान.. इन दोनों पर तुम्हारा सबसे पहले हक बनता है, बल्कि तुम्हें तो खुश होना चाहिए कि तुम्हें और दो चुत की सील तोड़ने मिलेगी.
उसकी गर्म सांसें और गर्म बातें मेरे लंड को खड़ा करने लगी थीं. हम दोनों एक दूसरे की ओर देखकर मुस्करा उठे.
मैंने भी सोचा कि चलो देखते हैं, अगर राधिका और सोनल को कोई एतराज नहीं है.. तो मुझे ऐसा मौका दोबारा नहीं मिलेगा. बस इस मौके पर अपनी हॉट बहन और साली को भी चोद लूँगा. ये मेरे लिए एक नया अनुभव रहेगा.
हम दोनों ने एक दूसरे को बहुत जोर से हग किया और हम वापस अन्दर आ गए.
मेरे अन्दर जाते ही, सोनल खड़ी हुई और मेरे पास आकर मुस्कुरा कर मेरी जांघ पर बैठ गई. उसके बैठने से मुझे अलग ही फीलिंग हो रही थी.
सोनल ने मेरी ओर देखा और फिर वो मुझे किस करने के लिए मेरे नजदीक हो गई. उसने मेरे चेहरे पर अपने दोनों हाथ रखकर मुझे अपने होंठों को चूमने के लिए आमंत्रित किया. मैं झिझका तो खुद उसी मेरे होंठों पर अपने होंठों को रख दिया और मुझे किस किया. मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि मेरी बहन मेरी जांघ पर बैठकर मुझे किस कर रही थी.
ये सब पहले मुझे अजीब लगा, लेकिन फिर मैं भी अपने होश खोकर उसका साथ देने लगा. अपनी सगी बहन के रसीले होंठों को चूस कर मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं पहली बार किसी कुंवारी लड़की को किस कर रहा हूं.
तभी राधिका हमारे पास आई और धीरे से बोली- एक मिनट हो गया है. क्या पूरा मजा अभी ही लेना है.
उसकी बात से हम दोनों को होश आया और हम दोनों तुरंत एक दूसरे से दूर हो गए.
फिर से ताश के पत्ते बंटे और इस बार मैं जीत गया. अब दिशा की पैग पीने की बारी आ गई थी. मतलब वो गेम हार गई थी.
अब मुझे भी सेक्स का मजा चढ़ने लगा था. मैंने कहा- दिशा मैं चाहता हूं कि तुम अपना कुरता निकालकर कैट वाक करो.
मेरी बात सुनकर पहले तो वो चुप हो रह गई. फिर खड़ी होकर दिशा ने अपना कुरता निकालकर यूं दूर फेंका, मानो उसको बड़ी देर से खुद को नंगी करने की पड़ी थी. वो उठ कर गांड हिलाते हुए कैट वाक करने लगी. उसको इस तरह से देखकर मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया.
तभी राधिका की नजर मेरे लंड पर पड़ी तो वो धीरे से मुस्करा दी. उसे मुस्कुराता देख कर मैंने अपने लंड पर हाथ रख दिया और राधिका को एक आंख मार दी.
फिर दिशा अपनी गांड मटकाती हुई और मम्मों को एक दिलकश अंदाज में हिलाते हुए वापस गेम में शामिल हो गई.
इस बार सोनल जीत गई और दिशा फिर से हार गई. नियमानुसार दिशा ने बियर का पैग खींचा. अब तक बियर की वजह से हम सभी पर नशा होने लगा था और हमें इस खेल में कुछ ज्यादा ही मजा आने लगा था.
सोनल ने नशे की पिनक में दिशा से कहा- दिशा, तुम राज की जांघ पर बैठकर उसे किस करोगी.
ये सुनकर दिशा एकदम से चहकते हुए उठी और बड़े ही कामुक अंदाज में मेरी जांघ पर आ बैठी. उसने मुझे किस करने के लिए अपने होंठों को मेरे आगे कर दिया. मैं भी इस मौके का पूरा फायदा उठाते हुए हुए उसे दबा कर चूमने लगा.
राधिका और सोनल हम जीजा-साली का रोमांस देख रही थीं. मैंने राधिका की तरफ देखा तो उसने मुझे आंख मारते हुए अपने मम्मे को दबाते हुए एक इशारा दिया. मैं समझ गया और मेरा एक हाथ दिशा के एक मम्मे पर चला गया.
मैंने दिशा के पूरे मम्मे को अपनी हथेली में भर कर पूरी सख्ती से मसला और उसके होंठों को जोर से चूस लिया.
तभी सोनल बोली- बस टाइम खत्म हो गया है.
उसकी आवाज सुनकर हम दोनों एक दूसरे से अलग हो गए. लेकिन दिशा मुझे बड़े ही कामुक अंदाज में देख कर मुझसे धीरे से ऐसे अलग हुई जैसे किसी बच्चे से जबरन उसकी पसंद का खिलौना छीन लिया गया हो.
ये होली की मस्ती का दंगल आगे अपनी चरम सीमा पर चढ़ने लगा था. इसके आगे की सेक्स कहानी को हम अगले भाग में जानेंगे. आपके मेल मुझे प्रोत्साहित करेंगे.
आपका अपना राजा
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