यह वास्तव में अप्रिय तत्वों की ईर्ष्यालु प्रकृति में है कि वे उस चीज़ की आलोचना करें जिसे वे दोहरा नहीं सकते #नफरत करने वाले
अनाम पाठकप्रतिवेदन
2016-08-22 10:24:42
पूर्णतः अनैतिक….इस्लामी नियमों के विरुद्ध….अल्लाह का प्रकोप ऐसे मिलावटखोर पर हो…..
अनाम पाठकप्रतिवेदन
2016-08-08 13:43:15
जैसा कि अन्य लोगों ने कहा है, यह बहुत यथार्थवादी नहीं है और इसे “मेरी बेटी का बलात्कार” नहीं कहा जाना चाहिए क्योंकि चरित्र ने लड़की का बलात्कार नहीं किया था, यह सहमति से किया गया था, उसने इसका आनंद लिया और वास्तव में और अधिक की मांग की।
टाइगर_टीप्रतिवेदन
नकीस्लट4फनप्रतिवेदन
अनाम पाठकप्रतिवेदन
अनाम पाठकप्रतिवेदन
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