एक लड़की की निश्छल दास्तान

एक लड़की की निश्छल दास्तान

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम भरत है, मैं कच्छ के एक छोटे से गाँव में रहता हूँ। मेरी उम्र 21 साल है। मुझे सील बन्द लड़कियों को चोदने में मजा आता है।

बात उन दिनों की जब मैं 12वीं में था। मेरे पड़ोस के गाँव की एक लड़की से मेरा चक्कर था। लेकिन उसे चोदने का मौका अब तक मिला नहीं था।

एक दिन मैं अपनी बाइक पर बैठा था। एक छोटी सी लड़की आई और मेरे हाथ में एक चिट्ठी दे गई।

मैंने खोलकर पढ़ा तो उसमें कुछ ऐसा लिखा था: ‘भरत, आई लव यू, मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ ! तुम्हारी हेतल’

मुझे यकीन नहीं आ रहा था, मेरी तो किस्मत खुल गई।

मैं आपको हेतल के बारे में बताता हूँ। उसकी उम्र 18 साल है। पतली कमर छोटी-छोटी चूचियाँ। वो मेरे पड़ोस में रहती है लेकिन हमारी नजरें कभी मिली नहीं थी।

चिट्ठी मिलने के बाद हम दो दिन हम तक मिल नहीं पाए। तीसरे दिन उसके भाई के फोन से मिस कॉल आया।

उसका भाई मेरा अच्छा दोस्त था। इसलिये उसका नम्बर मेरे पास सेव था। मैंने कॉल किया तो हेतल ने उठाया।

मैंने उससे पूछा- चिट्ठी तुमने लिखी थी?

उसने कहा- हाँ !

मैंने पूछा- क्यों?

वो बोली- मैं तुम्हें चाहती हूँ, इसलिए लिखी थी।

“तो कब मिलने आ रही हो?”

“जब तुम चाहो।”

इस तरह हमारी सैटिंग हो गई। फिर तो क्या था, एक-दूसरे को देखना, बातें करना, ये सब चलता रहा। हम रात को उसके घर के पीछे भी मिलने लगे। मैं उसके होंठों का रसपान करता, चूचियाँ दबाता, बाहों में दबोच लेता। उसकी चूत पर ऊपर से हाथ रखता, उस वक्त मेरा लन्ड बड़ा हो जाता और पैंट से बाहर आने के लिए फड़फड़ाता।

अब इसमें मजा नहीं आ रहा था, मैंने उससे कहा- मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ।

उसने मना कर दिया।

मैंने वजह पूछी।

उसने अपनी शंका जाहिर की- कहीं ऐसा करने से मैं गर्भवती हो गई तो?

उसको बहुत समझाने की कोशिश की लेकिन वो मेरी बात मानने को तैयार नहीं थी।

मैंने भी जोर नहीं दिया और चूमा-चाटी से काम चलाता रहा।

हम साथ घूमने जाते, एक दूसरे की बाहों में रहते लेकिन चुदाई नहीं करते थे।

क्योंकि वो मुझसे सच्चा प्यार करती थी। अगर मैं ज्यादा जोर देता तो वो मान जाती लेकिन मैं उसकी मरजी के खिलाफ सेक्स नहीं करना चाहता।

एक दिन हम दोनों रात को उसके घर के पीछे मिले, चुम्बन किया। एक-दूसरे की बाँहों में थे।

तभी उसका भाई और माँ दोनों आ पहुँचे। अँधेरे की वजह से मेरा मुँह साफ दिखाई नहीं दे रहा था।

मैं चाहता तो वहाँ से भाग सकता था। लेकिन हेतल को छोड़कर भागने की हिम्मत हुई नहीं। हम पकड़े गये।

उन दोनों के साथ वाद-विवाद हुया, फिर मैं घर पर आ गया। पूरी रात नींद नहीं आई। बस यही सोचता रहा कि कल सुबह क्या होगा? उसके घर वाले हमारे घर पर आयेंगे, झगड़ा करेंगे।

मुझे बहुत डर लग रहा था। लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं, मैं बच गया।

उस दिन से हेतल का कोई पता नहीं था। 14 दिन हो गए, लेकिन वो मुझे दिखी नहीं। फिर 15 वें दिन उसका फोन आया और उसने बताया कि पकड़े जाने के दूसरे दिन ही उसका मामा आया उसको अपने साथ ले गया। उसके भाई ने फोन करके मामा को बुलाया था। सारी हकीकत बता दी थी।

हेतल ने मुझे एक और बात बताई कि उसके मामा उसे कहा कि अगर तुझे लण्ड चाहिए तो मैं हूँ ना, क्यों उस लड़के के पीछे पड़ी है।

“एक दिन तो मामा ने रात को उसकी जीन्स उतार कर चोदना चाहा, लेकिन वो जाग गई और चिल्लाई। उस वजह से मामा कन्स का काम ना हो सका।

उसने बताया कि अगर मुझे तुम नहीं मिले तो मैं मर जाऊँगी।

मैं घबरा गया, कहीं यह सचमुच ऐसा कुछ कर देगी, तो और लफड़ा हो जायेगा।

अब मैंने उससे दूरियाँ बनाईं और बातें कम कर दीं और एक दिन उसे कह दिया कि मैं तुमसे प्यार नहीं करता, मुझे भूल जाओ।

उसे बहुत दुख हुआ और वो चुप हो गई। उस बात को आज एक साल हो गया। हेतल मुझे भूल चुकी है।

इस तरह उसकी जान बचाने के लिये मैंने उसका प्यार ठुकरा दिया। मेरी इस कहानी में मेरी और हेतल की निश्छल दास्तान है, इसमें तनिक भी लफ्फाजी नहीं लिखी गई है।

आपको मेरी यह सच्ची कहानी कैसी लगी, मुझे जरूर बताना।

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