कामवाली के बड़े दूध पकड़ कर गांड मारा
हेल्लो दोस्तों मेरा नाम निमेश पटेल हे. मैं एक गुजराती बन्दा हूँ और अहमदाबाद में रहता हूँ. वैसे मैं अपनी सेक्स लाइफ से खुश तो हूँ. मेरी एक प्यारी वाइफ हे जिसका नाम मीनाक्षी हे. और हम दोनों की शादी को 6 साल हो गए हे. दो साल पहले हमें एक सुन्दर बेटा भी हुआ हे. पर लंड, बन्दर दोनों एक जैसे होते हे. कितने भी बूढ़े हो पर छलांग जरुर लगाते हे. और मैं तो अभी जवान ही हूँ!
मीनाक्षी ने मुझे दो तिन बार कहा की उसके पर्स से और अलमारी से पैसे चोरी होते हे. उसे तो हमारी कामवाली मोना पर ही डाउट था और वो कहती थी की इसे निकाल देते हे काम से. मैंने कहा, उसे निकालेंगे फिर काम की मुश्किल होगी घर में. मीनाक्षी ने कहा फिर चोरी होने दे? मैंने कहा नहीं लेकिन उसके ऊपर ध्यान रखेंगे. और मैंने मेरी वाइफ को बताया की कामवाली को अकेले न छोड़ा करें ताकि उसे चोरी करने का मौका मिले. संडे का दिन था. मैं घर पर ही था. मीनाक्षी की एक सहेली यूएसए जा रही थी. तो वो उसे मिलने के लिए पड़ोस की बिल्डिंग की अपनी सहेलियों के साथ कालूपुर गई हुई थी. हम लोग कालूपुर से काफी दूर रहते हे सिटी के आउटस्कर्ट्स में. मीनाक्षी वहां से एअरपोर्ट भी जानेवाली थी इसलिए उसे आराम से दो घंटे निकल जाने थे. मैं अपने लिए पोर्न की एक मूवी डाउनलोड कर के अपने मोबाइल के ऊपर बैठा हुआ था. मीनाक्षी को गए कुछ 20 मिनिट्स ही हुए थे. पोर्न देख के मन चंचल हुआ तो मैंने सोचा की बाथरूम में हल्का हो लेता हु लंड हिला के. ये सोच ही रहा था की मोना आ गई! वो अपनी चाबी से घर खोल के अंदर घुसी. मुझे देख के कहा, मेडम गई क्या?
शायद मीनाक्षी ने उसे बताया था की वो जानेवाली हे.
मैंने कहा हाँ मेडम गई कुछ देर पहले ही.
दोस्तों मैंने आप को मोना के बारे में आगे बताया ही नहीं, सोरी!! मोना आधेड़ यानि की ढलती उम्र की हे. वो अपने जमाने में सच में चुदासी आइटम रही होगी. आज भी लिपस्टिक लगा के ही वो काम पर आती हे. और उसका रंग भी साफ हे. कभी कभी काजल लगाती हे. और उसके बदन पर धुले हुए रंग की साड़ियाँ होती हे. वो हमारे यहाँ और अगल बगल के तिन चार और घर में काम करती हे. उसका फिगर भी काफी हेल्धी हे. मुश्किल से वो तिन पैंतीस की लगती हे लेकिन असल में वो चालिस के ऊपर की हे. उसका पति मिल मजदुर हे. मोना को पैसे कमाने की चुल सी हे.
उसे आज देखा तो लगा की ये भी चोदने लायक माल तो हे ही! और आज से पहले कभी ऐसा हुआ नहीं था की हम दोनों घर में अकेले हो! तो मेरे अन्दर की कामुकता आज पहली बार जागी. मोना ने पहले हॉल साफ किया. मेरा लंड उसे देख के सो गया था. मैंने मन ही मन सोचा की आज मौका सही हे इस कामवाली को चोदने का. मैंने मन ही मन एक प्लान बना लिया!
मैंने अपने कमरे में जा के एक 2000 की नोट निकाली. उसका नम्बर नोट कर के मैंने उसे पलंग के ऊपर तकिये के करीब रख दिया. फिर मैं बहार बालकनी में चेयर पर चला गया. और अखबार पढने लगा. अख़बार के पोलिटिक्स से ज्यादा मुझे मोना के चोदन में रूचि थी. अखबार तो बस एक आड़ सी थी मोना से छिपने के लिए.
दस मिनिट बीती और फिर मैं धीरे से बेडरूम में गया. तकिये को हटा के देखा तो वहां पर कोई नोट नहीं थी. मैंने इधर उधर सब देखा. गद्दे को भी साइड में कर के देख लिया मैंने. अब मैं स्योर था की वो नोट मोना ने ही ली थी.
मैं उसे देखने गया तो वो किचन में बर्तन मांज रही थी. मैंने उसके पास जा के उसे देखा.
उसने मेरी और देखा और बोली, क्या हुआ साहब?
मैंने गुस्से वाली शक्ल से कहा, नोट तुमने ली हे ना?
मोना: कौन सी नोट बाबु जी?
वही नोट जो बेड पर पड़ी थी?
नहीं नहीं बाबु जी, मोना बोली लेकिन उसका आवाज बदल गया था. उसे पता था की उसकी चोरी पकड़ी गई थी.
मैंने कहा, मुझे मेमसाब ने पहले ही कहा था की तुम हाथ साफ़ करती हो, आज मैंने नोट के ऊपर के नम्बर को नोट कर के ही रखा हे. लगता हे पुलिस वालो को ही नोट निकाल के दो गी तुम!
मोना ने पुलिस शब्द सुना तो उसकी गांड ही फट गई. उसने अपनी चोली के अन्दर हाथ डाला और ब्रा के अन्दर घुसेडी हुई नोट निकाली और मुझे दे दी. मैंने नोट अपने हाथ में ली. मन तो किया की नोट को सूंघ लूँ ताकि इस कामवाली की चुन्चियों की महक मिले. लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया.
मैं बोला, अब तुम्हारा क्या किया जाए मोना? तुम्हारी मेडम तो कह चुकी हे की तुम्हे निकाल ही दिया जाए लेकिन मैं कहता हूँ की पुलिस को ही दे देना चाहिए.
मोना रोनी सी हो गई और बोली, बाबु जी माफ़ कर दो, मैं गरीब हु और मेरे पति कमाते नहीं हे.
मैंने कहा, चुप कर बेन्चोद, साली रंडी बन के घुमती हे लाली पावडर में और पैसे का रोना रोती हे. आज तो तुझे पुलिसवाले गांड में डंडा देंगे तो ही ठीक होगी.
मेरे मुहं से गाली सुन के वो सहम सी गई.
मैंने कहा, बुलाऊं क्या पुलिस को?
मोना ने अपने दो हाथ जोड़े और बोली, साहब माफ़ कर दो!
मैंने कहा, ऐसे कैसे माफ़ कर दूँ तुम चोरी करती हो!
मोना: साहब गरीब हूँ दुवाएं मिलेंगी?
मैंने सही मौका देखा और उसे कहा, कुछ और मिलेगा क्या?
अब उसकी आँखे भी चमक सी गई, वो बोली क्या?
मैंने कहा, चूत दे सकती हो अपनी?
मोना जरा तुमाखी से बोली, नहीं नहीं साहब मैं ऐसी नहीं हूँ!
मैंने कहा, ये नोट वापस तुम्हे दे दूंगा और आगे भी देता रहूँगा ऐसे गांधी बापू!
वो बोली, मेडम आ गई तो?
मैंने कहा वो शाम को ही आएगी.
मैंने उसके जवाब की वेट नहीं की और उसेक करीब आ गया. उसके हाथ बर्तन के जूठे खानेवाले थे. मैंने नल चालु कर के उसके हाथ धुलाये और फिर उसके ब्लाउज के अन्दर अपने मुहं को रख दिया. उसका सीना जोर जोर से उपार निचे हो रहा था. वो लम्बी साँसे ले रही थी. और उसकी चूचियां हर साँस में मस्त ऊपर निचे हो रही थी. गर्मी की वजह से उसकी बगल में पसीना आया हुआ था और वहां पर पसीने से धब्बा बना हुआ था उसके निपल्स के करीब भी पसीने से आकार बना हुआ था. मैंने एक हाथ उसके ब्लाउज पर रख दिया.
मैंने उसके बोबे को दबाया तो वो आह बोल पड़ी. बड़े नखरेवाली थी साली!
मैंने उसके एक हाथ को पकड के अपने लंड पर रख दिया. पेंट में बने हुए आकर को टटोल के मोना बोली, बाप रे आप का तो बहुत बड़ा हे बाबु जी!
हां और आज तुझे पूरा तेरे भोसड़े में दे दूंगा!
वो हंस पड़ी और उसने लंड को हिलाना चालू कर दिया. पेंट के अन्दर शैतान लंड को बेचेनी हो रही थी. मैंने ज़िप खोल के लौड़े को बहार निकाला और मोना उसे खुल के हिलाने लगी. मैंने अपने माथे को ब्लाउज में लगाया. उसके बदन के पसीने की महक आ रही थी. और मैं मदहोश सा हो रहा था. मोना ने लंड को मुठ्ठी में दबा के कहा, मेडम को आप चोदते हो इस डंडे से तो वो ले पाती हे क्या!
मैंने कहा, अरे तू उसकी बात मत करना, चल बटन खोल अपने ब्लाउज के.
उसने लंड को छोड़ा और मेरे सामने अपने ब्लाउज को खोला. वो पल्लू वगेरह किचन के प्लेटफोर्म पर रख रही थी वन बाय वन. मेरे सामने उसकी सेक्सी गांड थी. मैंने लंड को थोडा स्ट्रोक किया. और तब तक वो नंगी हो गई थी. उसके नंगे होने के साथ मैंने भी पेंट, टी-शर्ट और बनियान उतार दी. मोना न्यूड हो के मेरी तरफ घूम गई. उसकी देसी चूत के ऊपर बाल का घना जंगल था. वो मेरे पास आई तो मैंने उसके कंधे को दबा के घुटनों पर बिठा दिया. फिर मैं प्लेटफोर्म के ऊपर चढ़ गया.
मोना मेरी टांगो के बिच में आ बैठी. और मेरे बिना कुछ कहे ही उसने लंड को अपने मुहं में ले लिया! बाप रे क्या सेक्सी ढंग से उसने पचहत्तर परसेंट लौड़े को अपने मुहं में भर लिया. मीनाक्षी भी मेरा लंड चुस्ती हे लेकिन वो कभी अर्धा लंड भी मुहं में नहीं ले पाती हे!
और मोना ने दुसरे ही मिनिट लंड को ऐसे चुसना चालू किया की मैं बस अपने हाथ को पीछे कर के उसके देसी ब्लोव्जोब का मज़ा लूटता गया. 5 मिनिट में मैंने अपने लंड का पानी उसके मुहं पर ही छोड़ दिया. उसने बेसिन में थूंक के कुल्ली कर ली. उसे लगा की माल निकल गया तो हो गया!
मैंने कहा, चलो तेल ले के आओ.
वो बोली कौन सा?
मैंने कहा जिस से खाना बनाते हे. और फिर मैं निचे लेट गया. वो कटोरी में तेल ले के आई. मैंने कहा, इसे मेरे लौड़े पर लगाओ और मालिश करो.
वो बोली, साहब आप का ये रूप पहले नहीं देखा कभी.
मैंने कहा, पहले मैंने भी तो तुम्हे चोरी करते हुए नहीं देखा था!
वो चुप हो गई और लंड को टटोलने लगी. उसने ढेर सारा तेल निचे गोटियों पर और लंड के डंडे पर लगाया. और फिर वो अपनी मुठ्ठी में लंड को दबा के मुठ मारने लगी. मेरा लोडा एकदम कडक हो गया फिर से.
मोना को मैंने कहा, चलो अब तुम घोड़ी बन जाओ.
वो बिना कुछ कहे कुतिया बन गई मेरे सामने. मैं कटोरी अपने हाथ में ले ली. और उसके अन्दर के तेल को उसकी गांड पर गिरा दिया. वो पीछे डेक के बोली, साहब कपडे गंदे होंगे मेरे. मैंने कहा डार्लिंग आज तू बाथरूम में नाहा के जायेगी!
वो हंस पड़ी शायद मैंने उसे डार्लिंग कहा था इसलिए. फिर मैंने अपने दोनों हाथ से उसकी गांड और चूत के ऊपर ढेर सारा तेल लगा दिया. वो हंस रही थी. शायद ऐसा शरीर सुख उसे पहले किसी ने नही दिया था. फिर मैंने अपने तेल वाले लौड़े को उसके भोसड़े पर लगा दिया. उसकी झांट के बिच में मेरा लंड सुहाना लग रहा था! उसकी चूत जरा भी टाईट नहीं थी. एक धक्के में पूरा लंड अन्दर घुस गया. फिर मेरे लंड के टट्टे थे और उसकी झांट थी उसके अगल बगल.
मैंने लंड बहार निकाला और फिर फच फच की अवाज के साथ मैं उसकी चूत पेलने लगा. मोना भी अपने कुलहो को हिला के चुदवा रही थी. मैंने हाथ आगे कर के उसकी चुचिया पकड़ ली. वो सिहर उठी और पीछे अपनी गांड को और जोरों से मेरे लंड पर मारने लगी.
करीब 5 मिनिट तक मैंने उसे ऐसे चोदा. और फिर मैंने कहा अब मैं निचे और तुम ऊपर आओ. वो बोली ठीक हे बाबु जी.
मैंने निचे फर्श पर बैठगया और अपनी पीठ को किचन के प्लेटफोर्म के सपोर्ट से लगा दी. वो अपनी चूत पसार के मेरे ऊपर आ गई. वो निचे बैठी और अब भी लंड बिना किसी टेंशन के अन्दर घुस गया. वो अपनी कमर को हिलाते हुए जोर जोर से उछल रही थी. और मेरा लंड बिना कोई परेशानी के उसकी चूत में अन्दर बहार हो रहा था. मैंने उसको चोदते हुए कहा, मोना कभी गांड मरवाई हे क्या?
वो हंसी और कुछ नहीं बोली. मैंने कहा इसका मतलब मरवाई हे!
वो मस्तीवाले अंदाज में बोली, आप जैस ही एक बाबु जी थे मानेकचोक में. वो मुझे गांड में लेने के बहुत पैसे देते थे.
मैंने कहा. मैं कुछ एक्स्ट्रा नहीं दूंगा, लेकिन गांड मारूंगा तुम्हारी.
वो बोली, मार लो साहब मुझे भी अच्छा लगता हे.
साली बड़ी चालु चीज थी ये कामवाली तो!
मैंने कहा चलो वापस घोड़ी बनो.
वो घोड़ी बन गई. मैंने थोडा तेल और निकाला और लंड को फिर से चिकनाकर दिया. मोना ने हाथ पीछे किया एक और अपनी गांड को उसने खोल दिया. उसका डार्क एसहोल मेरे सामने था. मैंने उसके ऊपर भी तेल लगा दिया. और फिर सुपाडे को उसकी गांड में पेलना चाहा. गांड बड़ी टाईट थी.
मैंने कहा, ये इतनी टाईट क्यूँ हे मरवाती हो की नहीं?
वो बोली, नहीं वो बूढ़े मानेकचोक वाले अंकल जी को मरे हुए दो साल हो गए.
इसका मतलब था इस कामवाली की गांड को शायद दो साल से चोदा नहीं गया था. इसलिए ही वो टाईट हो गई थी. मैंने थोडा तेल और लिया और गांड के ऊपर उसकी बुँदे गिराई. फिर मैंने अपने दोनों हाथ से उसकी गांड को फाड़ा. अब थोडा खुल सा गया वो डाक बंगला. मैंने सही एंगल से लंड को एसहोल में पेला. वो उईईइ कर उठी और गांड में लौड़े के घुसने की पुष्टि कर दी उसने.
मैंने गांड को छोड़ा नहीं, और एक धक्के से आधा लंड गांड में डाल दिया. मोना की सब हवा निकल गई. वो दर्द की वजह से उईई अह्ह्ह्ह ओह कर रही थी.
एक मिनट के लिए मैंने गांड में और आगे कुछ नहीं किया. और उसे गर्म करने के लिए मैंने अपने हाथ में उसकी चुचिया पकड ली. चुंचे दबा के मैंने कहा, अब?
वो कुछ नहीं बोली लेकिन उसने हाँ में अपनी मुंडी हिला दी.
मैंने एक धक्के में बाकी के आधे लंड को भी अन्दर कर दिया. मोना दर्द से बेहाल हो गई थी. गांड में लंड की गर्मी उसके लिए बड़ी ज्यादा थी. मैंने अब धीरे धीरे लंड को अन्दर बहार करना चालू कर दिया. और बिच बिच में मैं लंड के ऊपर तेल के बूंद गिरा देता था जिस से चिकनाहट बनी रहे!
कुछ देर सिस्कियाने के बाद मोना भी गांड आगे पीछे करने लगी थी. मैंने अब तेल साइड में रख के उसके बूब्स पकड़ लिए. निपल्स को खींचते हुए मैंने उसकी गांड खूब मारी.
पांच मिनिट के मस्त एनाल सेक्स के बाद मैंने अपना माल मोना की गर्म गांड में ही गिरा दिया. और बी लंड को बहार निकाला तो उसके ऊपर गु लगा हुआ था. मोना थक गई और वही पर लेट गई. मैंने लंड को साफ़ किया और कहॉल में जा के सिगरेट ले आया.
सिगरेट खत्म हुई तो मोना खड़ी हुई. मैंने उसका हाथ पकड़ा और उसे ले के बाथरूम में नहाने चला गया.
बहार आके मैंने उसे पैसे दे दिये उसने वापस वही ब्लाउज में नोट को रख दिया.
मैंने कहा, अब चोरी मत करना, मुझसे मिलती रहना मैं पैसे दे दूंगा.
और सच में इस कामवाली की चुदाई का काम आज भी चालु हे. मेरी बीवी घर पर ही होती हे इसलिए मैं मोना को बहार लोज में ले जा के चोदता हु. मैं उसे पोर्न दिखा के वो आसन भी करवाता हूँ जो मेरी बीवी नहीं करती हे.
और एक बात और, अब मेरी वाइफ भी नहीं कहती हे की कामवाली पैसे चुरा लेती हे!
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