बाबूजी का लंड सासू मां की चूत में था और वह नीचे से खूब जोर जोर से झटके मार रहे थे
मेरा नाम नेहा है, उम्र २५ साल और फिगर ३२-२६-३४ हे. मेरी शादी राजेश के साथ हो गई है. घर में राजेश के आलावा मेरी सास ससुर, और एक नौकर शंकर था. राजेश का एक छोटा भाई भी था रवि जो इंग्लैंड पढ़ने के लिए गया हुआ था. मेरे हस्बैंड एक मल्टीनेशनल कंपनी में फाइनेंस मैनेजर की पोस्ट पर जॉब करते हैं. कहानी वहा से शुरू होती है जब मेरे हस्बैंड को कंपनी की तरफ से ऑस्ट्रेलिया जाना पड़ गया, उन का विजिट ६ महीने का था. मैं राजेश के जाने से बहुत उदास थी, क्योंकि राजेश ने मुझे रोज चोद चोद कर मुझे चुदने की आदत डाल दी थी. जिस सुबह को राजेश को जाना था उसकी रात को मैंने उदासी से कहा राजेश तुम ६ महीने के लिए जा रहे हो अब मेरी चुदाई की भूख कैसे मिटेगी? राजेश ने मुझे कस कर खुद से भींच लिया और बोला मेरी जान मेरा जाना जरुरी है, मैं खुद भी उदास हूं मैं तुमको छोड़कर नहीं जाना चाहता. मगर क्या करूं नोकरी है तो काम तो करना ही पड़ता है. राजेश की बात सुन कर मैं खामोश हो गई और फिर उस रात राजेश ने मुझे सुबह ८ बजे तक कुत्तों की तरह चोदा.
राजेश के जाने के बाद मैं उदास रहने लगी और एक बेचैनी सी मुझे अपने बदन में महसूस होती थी. मैं रात को तड़पती रहती थी, यह राजेश के चले जाने के बाद तीसरी रात थी, मुझे राजेश बहुत याद आ रहा था, मेरी जिस्म की बेचैनी बढ़ती जा रही थी. और फिर मैं बेचैन हो कर कमरे से बाहर आ गई. हमारा घर डबल फ्लोर था, मेरा कमरा ऊपर जब के सास और ससुर का कमरा नीचे था. में निचे आ गयी फिर जब मैं अपने सास और ससुर के कमरे के पास से गुजर रही थी तो मुझे अंदर से हलकी हलकी आवाजे सुनाई दे रही थी जेसे कोई सिसकिया ले रहा है, और मुझे दरवाजे की निचे से रोशनी भी निकलती हुई महसूस हुई. मेरे दिल में आया यकीनन बाबू जी मां जी को चोद रहे हैं. मेरे दिल में आया की क्यों ना अंदर झांक के देखा जाए??
पहले मेने दरवाजे की निचे से झाँका मगर कुछ नजर नहीं आया, तो में खिड़की के पास थी, खिड़की पर परदे पड़े हुए थे और उस के दोनों पट बंद थे. मैंने वैसे ही हाथ लगाया तो खिडकी का पट खुल गया. मैंने खिडकी का पट खोलना चाहा तो वह पूरा खुल गया मगर कोई आवाज नहीं हुई. मुझे डर लगा कहीं अंदर पता ना चल गया हो. खिड़की खुलते ही अंदर की आवाज साफ बाहर आने लगी, मैंने पर्दा हटाया और अंदर देखने लगी. बाबू जी लेटे हुए थे और सासू मां बाबूजी के ऊपर लेटी हुई थी, बाबूजी का लंड सासू मां की चूत में था और वह नीचे से खूब जोर जोर से झटके मार रहे थे. सासू मां बाबू जी का लंड खूब मजे से पिलवा रही थी और खूब सिसकियां ले रही थी. मैं काफी देर से देख रही थी, फिर अचानक ही बाबू जी ने अपना सर खिड़की की तरफ घुमाया, तो मैं उन्हें खड़ी नजर आ गई.
मेरे पास छुपने का मौका नहीं था, इसलिए मैं वहीं खड़ी रही. सासु मां की कमर मेरी तरफ थी इसलिए मुझे वह नहीं देख सकती थी, बाबू जी मुझे देख कर मुस्कुराने लगे मैं भी मुस्कुरा दी. फिर उन्होंने सासू मां की टांगे मेरी तरफ घुमा दी और मुझे दिखा दिखा कर खूब जोर जोर से चोदने लगे. मैं जाने लगी तो उन्होंने इशारे से जाने से मना किया और खड़ा रहने को कहा.. मुझे भी अच्छा लग रहा था इसलिए मैं खड़ी हो गई. बाबू जी ने ३५ मिनट तक खूब जोर जोर से सासु माँ को चोदा, फिर जब उन्होंने अपना लंड बाहर निकाला तो मैं उनका १० इंच लंबा और ३ इंच मोटा लंड देख कर हैरान हो गई. बाबू जी ने अपना सारा लंड सासू मा के बूब्स पर रख कर अपनी पानी छोड़ दिया. फिर बाबू जी ने मेरी तरफ इशारा किया कि वह मुझे चोदेंगे. बाबूजी के इशारे पर मैंने मुस्कुरा दिया और अपने कमरे में आ गई. जब तक मुझे नींद नहीं आई तब तक में बाबु जी के बारे में सोच रही थी. सुबह हुई तो नाश्ते के बाद माजी किसी से मिलने चली गई, अब उन को शाम में आना था. और अब घर में सिर्फ मैं और बाबू जी और हमारा नौकर शंकर ही बचे थे. मा जी के जाने के बाद मैंने सोचा क्यों ना अपने ससुर को खुवार किया जाए? इसलिए मैंने पिंक कलर का कॉटन का बहुत ही टाइट और काफी खुले गले का ब्लाउज और पतली सी साड़ी पहन ली.. मैं जब काम करने लगी तो मेरे ससुर जी मुझे घूर घूर के देख कर रहे थे और मुझे उनका इस तरह देखना अच्छा लग रहा था. मगर मैं इग्नोर कर रही थी. दोपहर के खाने के बाद ससुर की दूध लाजमी पिते थे, इसलिए मैंने किचन में जाकर एक गिलास में दूध निकाला और बाबू जी के कमरे में आ गई. बाबू जी बिस्तर पर धोती कुर्ता पहने हुए लेटे हुए थे, और टीवी देख रहे थे. मैंने आज बहुत छोटा और टाइट ब्लाउज और साड़ी पहनी हुई थी..
मेने साफ महसूस किया के मुझे देख कर बाबूजी की धोती में हलचल होती है, में यह देख कर मुस्कुरा दी, मैं बिल्कुल उन के पास आ गई और झुक कर उन को दूध देने लगी. मेरे झुक ने से मेरे खुले गले के ब्लाउज से मेरे दूध बाहर आने लगे. मैंने कहा बाबु जी दूध पी लीजिए. बाबू जी की नजरें मेरे बूब पर थी और वह कहने लगे, नेहा आज मैं यह दूध नहीं पियूंगा, मैं बोली क्यों? तो बाबू ने कहा आज मैं दूसरा दूध पियूंगा.. मैं हैरत से बोली दूसरा दूध? कौन सा बाबू जी? बाबू जी ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपने ऊपर घसीट लिया और मेरे बूब को पकड़ कर बोलें मैं यह दूध पीना चाहता हूं…
बाबु जी के हाथों से मेरे पूरे जिस्म में करंट दौड़ रहा था, और यही तो मैं चाहती थी. मैंने नाटक कर के कहा मुझे छोडिये आप क्या कर रहे हैं?? कोई आ जायेगा. बाबू जी ने कहा कहां कौन आएगा. इस वक्त तेरी सासू मां तो चली गई है और शंकर मेरे कमरे में नहीं आता, तो बेफिक्र रह. अब मैं तेरे यह दूध से भरे बूब्स चूस लूंगा और फिर तुझे नंगा कर के तेरी चूत में अपना लंड डाल कर तेरी चूत चोद दूंगा.. मैं फिर नाटक करने लगी नहीं बाबू जी छोड़िए ना आप क्या कर रहे हैं?? मैं आपकी बहू हूं यह गलत है.. बाबू जी ने कस कर मुझे लिपट कर बिस्तर पर लेटा दिया और खुद मेरे ऊपर चढ़ कर लेट गए और बोले गलत की बच्ची.. कल रात को तू बड़ी मुस्कुरा मुस्कुरा कर मुझे चोदते हुए देख रही थी.. और अब नाटक कर रही है.. बाबू जी की बात सुन कर मैं मुस्कुरा दी और मैंने अपनी बाहें बाबू जी के गले में डाल दी और बोली बाबू जी मैं तो आप के साथ मस्ती कर रही थी.. जब से मैंने आपका मोटा और लंबा लंड देखा है मैं खुद बेचेन थी आप से चुदवाने के लिए. मैं आपको कैसे मना कर सकती हूं. मेरी बात सुन कर बाबु जी मुस्कुरा दिए और बोले अब आई न लाइन पर.
चल अब अपने कपड़े उतार, मैं लाड से बोली आप खुद उतार दिजीए ना मेरे कपड़े.. बाबू जी मुस्कुराए और उन्होंने मुझे नंगा कर दिया. मेरा नंगा, खूबसूरत, सेक्सी बदन देख कर बाबूजी की आंखें फट गई और बोले वाह मेरी रानी तेरा बदन तो बहुत चिकना और सेक्सी है, आज तो तुझे चोद कर मजा आ जाएगा. यह सुन कर वह मेरे बड़े बड़े दूध पर टूट पड़े और बेसब्री से मेरे बूब को चूमने और चाटने लगे.. मैंने मजे में आ कर आंखें बंद कर ली और उन का सर अपने बूब्स पर दबाने लगी.. १५ मिनिट तक बाबू जी ने मेरे बूब्स को चूसा और चाटा, फिर वो मेरी चूत पर हाथ फेरने लगे. मैंने सिसक कर उनका हाथ अपनी चूत में दबा लिया और जलती हुई आंखों से बाबू जी को देखने लगी और बोली बाबू जी मेरी चूत में आग लगी है, प्लीज उसे बुजा दो.. बाबू जी मुस्कुराए और बोले तुम फिकर ही ना करो मेरी जान मैं अभी यह आग बुझा देता हूं..
यह कह कर वह मेरी चूत पर झुक गए और मजे से मेरी चूत को चाटने लगे मुझे जन्नत सा मजा आ रहा था और में अहः आयी औउ ये उऔ ये तात तट औउ ई ओओं आयी तात कर रही थी और उनका सर मेरे चूत में दबा रही थी. फिर मैं थोड़ी देर में झड़ गई और मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया. मेरी चूत से निकला हुआ पानी बाबू जी ने चाट लिया. मैं तड़प कर बोली बाबू जी क्यों तड़पा रहे हैं मुझे?? जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में पेल दिजिए ना.. बाबू जी ने मुझसे कहा तुम मेरे लंड को प्यार नहीं करोगी क्या??
बाबु जी ने अपना कुर्ता और धोती उतार दी, तो उनका १० इंच लंबा लंड आजाद हो गया. मैं बेताबी से उठी और मैंने दोनों हाथों से उन का लंड पकड़ लिया और बोली बाबू जी कितना प्यारा है आप का लंड?? दिल चाह रहा है कि इसे खा जाऊं. बाबू जी ने कहा तुम्हें मना किसने किया है मेरी बहु रानी? यह भी तुम्हारा है जो चाहो इसके साथ करो.. मैंने फोरन ही बाबू जी का लंड अपने मुंह में लिया और मजे से कुल्फी की तरह चूसने लगी, फिर बाबू जी ने मुझे लिटा दिया और मेरी टांगे मोड कर मेरे कंधों से लगा दी, इस तरह मेरी चूत बिल्कुल उन के लंड के सामने आ गई.. बाबू जी ने अपना लंड मेरी चूत के मुह पर रखा तो मैं कहने लगी बाबू जी एक ही झटके में अपना पूरा लंड मेरी चूत में घुसा देना. बाबू जी ने कहा ऐसा ही होगा मेरी जान फिर उन्होंने अपनी पूरी ताकत से झटका मारा और उनका लंड मेरी चूत को बुरी तरह से चिरता हुआ अंदर घुस गया. मुझे बहुत तकलीफ हुई और मैं चीख पड़ी..
फिर बाबूजी हसे और कहा की अरे तुम तो एकदम कुवारी लड़की की तरह चीख पड़ी क्या तुम्हारा पति तुम्हे नहीं चोदता? में बोली वो तो मुजे बहुत चोदते हे, लेकिन उन का लंड आप से पतला और छोटा हे, मुझे इतना मोठा और बड़ा लंड लेने की आदत नहीं हे इसीलिए मेरी चीख निकाल गयी. फिर वो जोर जोर से झटके मारने लगे और मैं मजे में चीखने लगी, सिसकियां लेने लगी. बाबु जी ने मेरी चूत को २५ मिनट तक चोदा और मेरी चूत ३ बार झड़ गई.. फिर उन्होंने अपना लंड मेरी चूत से निकाल लिया और मुझे नीचे चारों हाथ पैर पर खड़ा हो जाने के लिए कहा…
मैं ठीक उसी तरह बैठ गयी. बाबू जी ने घुटनों के बल बैठ कर अपना लंड मेरी गांड में घुसेड़ दिया और फिर मेरे ऊपर झुक कर अपने दोनों हाथ से मेरे बूब दबा कर पकड़ लिए, और फिर वह तेजी से झटके पर झटके मारने लगे, डॉगी स्टाइल में मुझे काफी तकलीफ हो रही थी इसलिए मैं बुरी तरह से चीख रही थी. में बोली आह्ह अग्ग आयी गग्ग औऊ ईई अह ग्ग्ग्ग अग्ग औउ इई मामा अआमा बाबू जी थोड़ा धीरे करो मुझे बहुत तकलीफ हो रही है. बाबू जी ने अपनी रफ्तार और बढ़ा दी और बोले तकलीफ हो रही है तो बर्दाश्त करो मेरी बहु रानी.. मैंने चीखते हुए कहा बाबु जी कही मेरी चींखे शंकर तक ना पहुंच जाए? बाबूजी बोले अगर शंकर सुनता है तो सुन ले आ कर वह भी तुझे चोद लेगा, जिस से तुझे और मजा आएगा क्योंकि उसका लंड तो मेरे लंड से भी लंबा और मोटा है..
फिर मैं बोली आप मुझे किसी के काबिल छोड़ेंगे तो मैं किसी और से चुदवा पाउंगी ना. बाबू जी ने कहा ज्यादा नाटक ना कर और चुपचाप चुद ले, वरना मैं तेरी गांड को चोद चोद कर फाड़ दूंगा. मैं खामोश हो गई.. बाबु जी ने मेरी ३ घंटे तक खूब जमकर चुदाई करी मैं पसीना पसीना हो चुकी थी, इतनी शानदार चुदाई मेंरे पति ने आज तक कभी नहीं की थी. बाबू जी बोले अब जल्दी से कपड़े पहन कर भाग जा, ऐसा ना हो कि तेरी सांसु माँ आ जाए, मैं उठी और अपने कपड़े पहनने लगी. कपड़े पहनने के बाद में मुस्कुराती हुई बोली बाबू जी आज आपने इस तरह चोद कर मुझे खरीद लिया है, मेरी इतनी जबरदस्त चुदाई तो आज तक राजेश ने भी नहीं करी है, बाबूजी ने मुझे लिपट कर किस किया और बोले मेरी जान यह तो सिर्फ ट्रेलर था पूरी फिल्म तो मैं रात को दिखाऊंगा.. मैं मुस्कुराती हुई बोली थी बाबूजी आज रात आप सासू मा को चोद दीजिएगा. मे रात में शंकर को मौका देना चाहती हूं.
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