मेरे यौन जीवन की शुरुआत-4
लेखिका : रेखा जैन
मम्मी पापा से चुदते वक्त उनको बन्सल और बीना की चुदाई की कहानी सुना रही थी।
‘आह्ह्ह !’ कहकर मम्मी और पापा भी दोनों झड़ गए। पापा के लंड से मम्मी की चूत में जाकर पापा का वीर्य और मम्मी का पानी निकलने लगा। पापा ने मलाई का बर्तन उठाया और मम्मी की चूत के नीचे कर दिया। पूरा वीर्य और मम्मी का पानी मलाई में गिर गया। पापा ने कहा कि जानू, मैं आज यह मलाई खाऊँगा, थोड़ा सा जोर लगाकर अपनी चूत से पूरा माल इसमें में निकाल दो।
मम्मी ने कहा- ठीक है, पर मैं शर्त लगाती हूँ कि तुम इसे नहीं खा पाओगे।
पापा ने कहा- ठीक है, कल सुबह नाश्ते में मैं यही खाऊँगा।
मम्मी हंसी और कहा- देखो।
पापा उनकी चूत देखने लगे, मम्मी ने थोड़ा दम लगाया और फिस्स की आवाज आई। मैंने देखा कि मम्मी ने बर्तन में थोड़ा सा पेशाब सा कर दिया, वो पेशाब बहुत गाढ़ा था, उसमें मम्मी की चूत का पानी मिक्स था।
मम्मी ने कहा- अब मलाई खाओगे?
पापा ने कहा- उठो ! फिर उन्होंने भी थोड़ा सा वीर्य मिश्रित पेशाब बर्तन में कर दिया, उसे चम्मच से मिक्स करने लगे और कहा- सुबह मुझे नाश्ते में यही देना।
पापा मम्मी दोनों फिर सोफे पर लेट गए।
मम्मी ने आगे कहा- पता है, जब बन्सल का गर्म वीर्य उसकी चूत में जाने लगा, तब जाकर बीना को अहसास हुआ की उसकी चूत में असली लंड है, उसने आँखों से तुरंत साड़ी हटाई तो बन्सल को देखकर दंग रह गई। उसने उठने की कोशिश की तो बन्सल ने उसे बांहों में भर लिया, वो कहने लगी- मालकिन, यह आपने क्या किया? अब बच्चा हो गया तो मैं क्या करुँगी?
मैंने कहा- तू फिक्र मत कर, तू इनके फार्म हाउस पर इनकी बीवी बनकर रहना, ये बच्चा चाहते हैं। तुम जिन्दगी भर आराम से रहना। वो खुश हो गई।
बन्सल ने चार दिन तक हम दोनों की बहुत चुदाई की फिर तुम्हारे घर आने के तीन घंटे पहले बीना को लेकर चला गया। तुम्हें पता है वो हीरे का हार मुझे सड़क पर नहीं मिला था, वो बन्सल ने मुझे चुदाई का इनाम दिया था।
‘आप मुझे मेरे एक गुनाह के लिए माफ़ करेंगे?’ मम्मी ने गंभीरता के साथ कहा।
पापा ने पूछा- कैसा गुनाह?
मम्मी ने कहा- उसके बाद जब भी आप टूर पर जाते वो और बीना यहाँ आ जाते और हम सेक्स करते थे।
पापा ने कहा- यह कब तक चलते रहा?
मम्मी बोली- जब तक रेखा सात साल की नहीं हो गई, तब तक। फिर जब भी बन्सल आता तो रेखा पूछने लगती कि ‘ये कौन हैं’ तब मैंने बन्सल को मना कर दिया कि अब से यहाँ मत आना।
पापा ने कहा- वो हर बार तुम्हें कुछ देता था?
तो मम्मी ने कहा- हाँ। वो सब चीजें मैंने रेखा के दहेज़ के लिए लॉकर में रखी हैं।
पापा ने गुस्से में कहा- मैं तुम्हें एक अच्छी पत्नी समझता था, तुम तो रंडी निकली, पैसा ले कर चुदवाती हो। बताओ कितनों के साथ चुदवाया है?
मम्मी सहम गई, धीमी आवाज में कहा- और किसी से नहीं।
पापा बोले- तुम्हें तो कोठे पर बैठना था, बहुत माल कमाती।
मैं भी नहीं सोच सकती थी कि मेरे बाप ने अपनी पत्नी को एक ठेके के लिए चुदवाया। मैं नहीं सोच सकती थी कि मेरा बाप असल में मेरा बाप ही नहीं है। मैं ऐसा कुछ सोच भी नहीं सकती थी कि मेरी माँ एक रंडी हो सकती है।
थोड़ी देर बाद मम्मी ने कहा- तुम मुझे रंडी बोल रहे हो, पर मुझे रंडी किसने बनाया? किसने मुझे बन्सल के नीचे सोने के लिए कहा था? किसने मुझे बन्सल का गर्भ गिराने को रोका था? किसने जनेन्द्र, किसने? वो तुम थे जनेन्द्र तुम। हाँ, मैं रंडी हूँ पर सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे कारण जनेन्द्र ! एक बात बताओ अगर बन्सल तुमसे कहता कि मैं तुम्हारे टूर पर जाने के बाद तुम्हारी बीवी को चोदूँगा तो तुम मना कर पाते? बोलो जनेन्द्र बोलो?
पापा कुछ नहीं बोल पाए। मम्मी ने कहा- तुम्हें उसे झक मार कर इज़ाज़त देनी पड़ती और तुम हर बार टूर से आकर मुझे कई लड़कियों को चोदने के किस्से सुनाते थे, मैंने तो कभी कुछ नहीं कहा? तुम तो बहुत बड़े रंडीबाज़ हो और मुझसे ऐसी बात करते हो?
पापा थोड़ी देर तक चुप रहे, फिर कहने लगे- मुझे माफ़ कर दो प्रभा ! मैं यह सुनकर अपने पर काबू नहीं रख पाया कि साला बन्सल तुम्हें 6 साल तक चोदता रहा। मुझे माफ़ कर दो।
पापा की आँखों में आंसू थे।
मम्मी बोली- ठीक है, पर आज के बाद कभी ऐसा मत कहना।
फिर पापा ने पूछा- बीना को लड़का हुआ?
मम्मी ने कहा- पहली बार तो लड़का हुआ पर जन्म के 2 घंटे बाद वो मर गया था। दूसरी बार एक लड़की हुई थी, वो 12 साल की है, राखी और उसमें 3 दिन का अंतर है। उसका नाम जूही है।
थोड़ी देर बाद पापा ने मम्मी से कहा- तुम खिड़की के पास चलो।
पापा के मेज लेकर खिड़की के पास गए, पापा ने मम्मी से कहा- खिड़की पकड़ लो और एक पैर मेज पर रख लो।
फिर पापा ने अपना सनसनाता हुआ लंड मम्मी की चूत में घुसा दिया और मम्मी को चोदने लगे। मेरी हालत बहुत ही ख़राब थी, मैं एक ही दिन में 4 बार झड़ चुकी थी, मुझे नींद भी आ रही थी। पापा किसी घोड़े की तरह मम्मी को चोदे जा रहे थे, मम्मी की हालत बहुत ख़राब थी, वो पूरी तरह लाल हो गई थी।
तभी आवाज आई ‘चट्ट !’ यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
मम्मी के मुँह से चीख निकल गई, पापा ने मम्मी के नितम्बों पर जोर से चाँटा मारा था। फिर तड़क तड़ तड़ पापा हर धक्के के साथ मम्मी के बड़े बड़े नितम्बों पर चांटे मार रहे थे।
थोड़ी देर बाद पापा ने मम्मी को मेज पर लिटा दिया और उनकी टाँगें फ़ैला दी। मम्मी की चूत देख कर मेरे होश फ़ाख्ता हो गए, मम्मी की चूत बहुत फ़ैल गई थी, पापा का लंड एक झटके में दोबारा उनकी चूत में चला गया। पापा फिर से उसी स्पीड में मम्मी को चोदने लगे, 15 मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद वो दोनों झड़ गए। पापा मम्मी की चूत में लंड डाले हुए ही उन्हें गोद में उठा कर मलाई के बर्तन के पास ले गए और फिर से सारे माल बर्तन में निकाल दिए, फिर मम्मी को उसमें पेशाब करने को बोला और फ़िर खुद पापा ने भी थोड़ी पेशाब उसमें कर दी।
पापा सोफे पर बैठ गए पापा ने मम्मी को अपने लंड को चूसने को कहा, फिर पूछा- बन्सल की मौत के बाद बीना कहाँ है?
मम्मी ने कहा- बन्सल ने उसे पास ही में एक घर दिला दिया था, वो वही रहती है अपनी बेटी के साथ। उसकी बेटी जूही राखी की ही क्लास में पढ़ती है। बन्सल ने उसके नाम भी 8 लाख रुपये और बीना के नाम 5 लाख रुपये कर दिए थे।
मैं जूही को पहचानती हूँ, वो बहुत अच्छी लड़की है। मैं सोच में पड़ गई कि वो मेरी बहन है।
पापा ने फिर पूछा- अब वो किससे चुदवाती है?
मम्मी ने कहा- किसी से भी नहीं ! उसकी लड़की बड़ी हो गई है।
तो पापा ने कहा- तुम चाहो तो उसे कभी कभी घर बुला लिया करो जब बच्चियाँ स्कूल जायें, तब मैं तुम दोनों को उसी तरह चोदूँगा जैसे बन्सल चोदता था। सच कहूँ तो मैं उस समय उसे चोदना चाहता था। जब रेखा तुम्हारे पेट में थी, पर मौका ही नहीं मिला।
मम्मी ने कहा- ठीक है, बीना के नाम से ही तुम्हारा लंड खड़ा हो रहा है।
पापा ने कहा- अब फिर से कुतिया की तरह मैं तुम्हें चोदूँगा।
मम्मी ने कहा- नहीं, तुमने आज इतनी जोर जोर से धक्के मारे हैं कि मेरी चूत जलन कर रही है।
पापा ने कहा- नहीं, मैं तो चोदूँगा, चाहे तो अपनी गांड मरवाओ।
मम्मी ने कहा- पिछली बार आधा लंड ही गया था और में 5 दिन तक सही से टट्टी नहीं कर पाई थी। प्लीज़ रहने दो।
पापा ने कहा- पहली बार में ही दर्द होता है, इस बार टूर पर मैंने एक लड़की को चोदा था, उसने मुझे गांड मारने को भी कहा था।
मम्मी ने कहा- वो कैसी थी?पापा ने कहा- रेखा जैसी ! बस उसके बोबे रेखा के बोबों से छोटे थे।
मम्मी ने हंसते हुए कहा- अपनी लड़की को कैसी नजर से देखते हो?
पापा ने कहा- नहीं, मैं तो बता रहा था।
मम्मी बड़ी मुश्किल से राजी हुई। पापा ने थोड़ी क्रीम मम्मी की गांड के छेद पर मसल दी, अपने लंड को पूरा क्रीम में लपेट लिया। फिर धीरे धीरे दबाव डालने लगे, मम्मी कह रही थी- धीरे धीरे।
फिर मम्मी एकदम चिल्लाई- आआआ ह्ह्ह !
पापा के लन का आगे का गोल सिरा मम्मी की गांड में घुस गया था। पापा ने जोर दिया तो मम्मी की तो जैसे सांस ही अटक गई हो, पापा का आधा लंड उनकी गांड में था, वो बहुत जोर से चिल्ला रही थी- आःह्ह जनेन्द्र ! नहीं आज निकाल लो वापस ! आह्ह्ह्ह बहुत दर्द हो रहा है। मैं मर जाऊँगी… आह्ह्ह…
पापा ने कहा- चुप रहो, नहीं तो लड़कियाँ जाग जाएँगी।
मम्मी गिड़गिड़ा रही थी, तभी पापा ने अपना पूरा वजन डाला और एक जोरदार झटका दिया, पापा की कमर मम्मी की कमर से चिपक गई। उनका पूरा लंड मम्मी की गांड में था। पापा ने मम्मी का मुँह उसी समय हाथ से बंद कर लिया था नहीं तो मम्मी इतनी जोर से चिल्लाती कि पड़ोसी भी आवाज़ सुनकर आ जाते।
मम्मी बिस्तर पर निढाल पड़ी थी। पापा कुछ देर उनके ऊपर लेटे रहे, फिर धीरे धीरे धक्के मारने लगे। मम्मी को कुछ आराम मिला। फिर थोड़ी देर बाद मम्मी भी पापा के साथ अपनी कमर हिलाने लगी।
दस मिनट बाद पापा झड़ गए, फिर दोनों निढाल होकर सोफे पर लेट गए।
इसी बीच मैं भी झड़ चुकी थी। कमरे में जहाँ मैं खड़ी थी, नीचे गीला गीला हो रहा था, मैंने अपनी पैंटी से उसे साफ़ किया।
कुछ देर बाद मम्मी ने मलाई का बरतन ले जाकर किचन में रख दिया। मम्मी को चलने में तकलीफ हो रही थी, वो लंगड़ा कर चल रही थी। उन्होंने अपने और पापा के कपड़े लेकर अपने बेडरूम में रख दिए। फिर खाली गिलास धोकर रख दिए। फिर पापा और मम्मी अपने रूम में जाकर सो गए।
मैंने भी अपने कपड़े पहने और पापा मम्मी के रूम में देखा तो दोनों नंगे ही एक दूसरे की बाहों में सो रहे थे, मैं भी अपने रूम में जाकर सो गई।
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