पति को ड्यूटी भेजकर उस लड़के से चुदवाती थी रोजाना दोपहर में
Boy sex story, Women and Boy Sex, Padosan sex story, student sex story, Hot bhabhi sex, Antarvasasna Sex Story : आज मैं आपको अपनी पुराने दिनों की कहानी सुनाने जा रही हूँ नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर, एक सेक्स कहानी पढ़ते पढ़ते लगा की क्यों ना मैं भी अपनी अय्याशियों की एक कहानी आपको भी कह दूँ ताकि एक औरत क्या क्या कर सकती है। क्या क्या नाटक कर सकती है। कैसे अपने पति को धोखा दे सकती है वो आपको पता चल सके।
आज मैं खुद अपनी बात बताउंगी की कैसे मैं खुद अपने पति को धोखा देते रही और अपने से कम उम्र के लड़के के साथ रोजाना सोती रही दोपहर में और अपने जिस्म की आग को बुझाती रही। ये असली सेक्स कहानी है। इसमें कोई बी किन्तु परन्तु नहीं है।
मेरा नाम रागिनी है और ये कहानी तब की है जब उस लड़के से रोजाना चुदती थी। क्यों की अब औरत का जिस्म की गर्मी को जब उसका पति शांत नहीं कर पाए तो वो किस हद तक जा सकती है। वही मेरे साथ भी हुआ। मेरी शादी कम उम्र में ही हो गयी। और मैं उत्तर प्रदेश से दिल्ली आ गयी अपने पति के साथ रहने के लिए। मेरा पति एक स्कूटर मकेनिक था उस समय।
कच्ची कली थी शुरआत में मेरा पति मुझे खूब पेला मेरी छोटी छोटी चूचियों को मसल मसल कर बड़ा कर दिया और मेरी चूत को भी फाड़ दिया रोजाना चोद चोद कर। मेरी उम्र कब थी शरीर भी वैसा चुदने लायक नहीं था तो किसी तरह दर्द को सह कर में चुदवा लेती। पर सेक्स में ज्यादा मजा नहीं आता आता था।
चुदाई के साथ इमोशनल जुड़ाव भी होना बहुत जरुरी है। वो नहीं था मेरे पति के साथ वो बस अपना हवस मिटा लेता था। समय बीतता गया और मेरे पति का मन भर गया मेरे से। पर मैं जवानी की दहलीज पर कदम रखने लगी। और मेरा शरीर अब चुदाई और जबरदस्त चुदाई के लायक हो गया। पर तब तक मेरे पति का मन मेरे से भर भी गया और कभी वो कामुक होता भी था तो मैं जबरदस्त तरीके से उसपर टूट पड़ती। मैं जब उसके ऊपर चढ़कर चौड़ी गाड़ और बड़ी बड़ी चूचियाँ जब ऊपर से धक्के गांड घुमा घुमा कर देती और चूचियों को उसके मुँह पर रगड़ाती और कहती चाट तो वो परास्त हो जाता।
अब मैं नहीं वो डरने लगा था चुदाई के डर से क्यों की मैं पागल हो जाती थी मेरी भूख सेक्स की नहीं मिटती थी और वो शांत हो जाता था। मैं अब प्यासी की प्यासी ही रहने लगी थी। अब दिन रात मेरे मन में सिर्फ लड़कों का या आदमी का ख्याल आता था जब भी किसी को देखती थी तो तुरंत ही उसके लंड को निहारती और सोचती की कितना बड़ा हुआ उसका लंड। क्या मुझे खुश कर पायेगा काश वो अपनी हाथों से मेरी चूचियों को रगड़ दे तो कितना मजा आ जाया यही सब सोचने लगती और कामुक हो जाती।
उसी समय एक लड़का गाँव से आया था कंप्यूटर पढ़ने के लिए। उसके साथ दो और लड़के रहते थे जो की जॉब करते थे। तीनो सुबह ही निकलता था दो अपने काम पर जाता था और एक पढ़ने। वो करीब बारह बजे दिन में वापस आ जाता था और फिर अपने कमरे में ही रहता था। वो मेरे निचे फ्लोर पर रहता था। उस मकान में चार ही कमरे किराये पर थे। और दिन में खाली हो जाता था था। पुरे मकान में मैं अकेली बचती थी क्यों की मेरा पति सुबह साथ बजे जाता था और रात के ग्यारह बजे आता था।
एक दिन की बात है। वो लड़का मेरे कमरे का दरवाजा खटखटाया और बोला भाभी जी आप पा हरी मिर्च है। तो मैं बुला ली बैठने को की है आइये बैठिये। वो भी आकर बैठ गया। वो बहुत भोला था गाँव का था। मैं उस दिन नाईटी पहनी थी गर्मी की वजह से मैं ब्रा और पेंटी भी नहीं पहनी थी।
मेरे चौड़े गांड और बड़ी बड़ी चूचियां साफ़ साफ़ दिख रही थी। वो तो लड़का मुझे निहार रहा था। उसने कहा भाभी जी आपको तो मन नहीं लगता होगा दिन भर क्यों की भैया जी तो सुबह ही चले जाते है। और आप अकेली रहती है। मुझे भी मन नहीं लगता है। जब मैं वापस आता हूँ अपने क्लास से वापस आता हूँ। असल में कभी अकेला नहीं रहा हूँ।
फिर उसने कहा भाभी एक बात बताऊँ, आप बहुत अच्छी हो बहुत सुन्दर हो। मैं बोली क्या अच्छा है मेरे में तो उसने कहा कोई ऐसी चीज नहीं है जो सुन्दर नहीं लगे आप एक सम्पूर्ण नारी हो। उसका ऐसा कहना मुझे बहुत अच्छा लगा और उसके पास ही चारपाई पर बैठ गयी वो मेरे होठ को निहार रहा था और मेरे होठ धीरे धीरे हिलने लगे थे क्यों की कोई नहीं था गर्मी का दिन था। एक कमरे में एक लड़का जो मेरे होठ को मेरे जिस्म को निहार रहा था तो मेरे मन में कुछ कुछ होने लगा था।
तभी वो बोल उठा भाभी क्या आप मुझे एक किस करने दोगी। तो मैं बोली भैया के सामने ले लेना। और मैं हसने लगी। वो बोलाभाभी में सच बोल रहा हूँ मजाक नहीं कर रहा हूँ। और वो काफी सीरियस हो गया। उसने फिर से कहा प्लीज भाभी मैं किसी को नहीं बताऊंगा। ये बात मेरे तक ही रहेगा।
और मैं चुप हो गयी सोचने लगी। की इस लड़के का उम्र से से कम है। तो क्या ये ठीक होगा। पर जब अपने बारे में सोची तो लगा क्यों ना इस रिश्ते को आगे बढ़ाया जाये। मैं अकेली रहती हूँ ये भी अकेला रहता है पुरे मकान में और कोई नहीं रहता तो किसी को पता भी नहीं चलेगा।
और मैं उसको निहारने लगी यानी की कर लो मुझे किस। उसने भी कांपते हाथों से होठो से मेरे करीब आया और मेरे होठ पर अपना होठ रख दिआ। हम दोनों ही एक दूसरे को होठों को चूसने लगे चाटने लगे। धीरे धीरे उसका हाथ मेरी चुचिओं पर पड़ा और जो पहले हौले हौले से फिर से दबोचने लगा।
मेरे हाथ पावों गरम हो गए चूचियों तन गयी। चूत गीली हो गयी साँसे तेज तेज चलने लगी। अंगड़ाईयाँ लेने लगी। शरीर टूटने लगा सिसकारियां लेने लगी। मैं काफी ज्यादा कामुक हो गयी। मैं अब्ब जोर से उसको पकड़ी और अपना जीभ उसके मुँह में डाल दी और जोर जोर से चूसने लगी कभी जीभ घुसा देती तो कभी होठ चूसने लगती। मैं लेट गयी और नीति उतार दी। अब उसके सामने नंगी थी।
वो मेरे जिस्म के साथ खेलने लगा ,मेरी चूचियों को पीने लगा। मेरी चूत पर हाथ फेरने लगा। मैं दोनों पैरों को अलग अलग कर दी। वो बिच में बैठ गया मैं पैर फैला दी। वो मेरी चूत को चाटने लगा। मेरी छूट से गरम गरम पानी निकलने लगा और वो चाटने लगा। मैं खुद से अपनी चूचियों को मसलने लगा और सिसकारियां लेने लगी और वो कभी होठ चुस्त कभी चूत कभी गांड में ऊँगली डालता।
ओह्ह्ह्ह अब मुझे उसका जवान मोटा लंड लेना था अपने मुँह में। वो तुरंत ही उसके कपडे उतार दी और उसका मोटा लंड अपने मुँह में ले ली और चूसने लगी। शायद उस लड़के का ऐसा पहला एहसास था तो शर्मा भी रहा था पर मैं वाइल्ड तरीके से उसके लंड को चूस रही थी। धीरे धीरे उसको भी शर्म ख़तम हो गया और वो भी अपना लंड मेरी मुँह में पेलने लगा। ओह्ह्ह्हह क्या बताऊँ दोस्तों उसका पूरा लंड मेरी कंठ तक जा रहा था।
अब मुझे उसका मोटा लंड चूत में चाहिए था। तो मैं बिना देर किया चुदना चाह रही थी। मैं तुरंत ही लेट गयी और बोली खुश कर दे मुझे। और पैर फैला दी। वो अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ने लगा। मेरी चूत काफी गरम हो चुकी थी। उसने मेरी चूचियों को सहलाते हुए जब लंड मेरी चूत पर रगड़ता तो मेरे तन में करंट दौड़ने लगा।
उसके बाद उसके जोर से धक्के दिया आधा लंड मेरी छूट में चला गया। फिर दिया पूरा लंड सपाक से अंदर। मैं आआआआ ओह्ह्ह्हह्ह करते हुए अपने होठ से चाटते हुए। गांड हौले हौले से घुमाने लगी और बिच बिच में एक हल्का धक्का देती। ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह मजा आने लगा था।
मोटा तगड़ा और जवान लड़का वो शायद पहली बार किसी औरत को चोद रहा था। धीरे धीरे हम दोनों पागल हो गए। मैं आआह आआह ओह्ह्ह्ह करने लगी वो भी सेक्सी आवाज निकालने लगा और जोर जोर से मेरी चूत में अपना मोटा लंड पेलने लगा।
आज मुझे पहली बार ऐसा लग रहा था की को लंड मेरी चूत के अंदर तक जा रहा है। मैं फिर उसके ऊपर चढ़ गयी। वो निचे हो गया और जोर जोर से चुदवाने लगी। मेरी बड़ी बड़ी चूचियाँ उछल रही थी। मैं जोर जोर से धक्के दे रही थी। करीब एक घंटे तक उसके मुझे चोदा और पहली बार मैं दो बार अंगड़ाई लेते हुए अपने माल को बाहर निकाली। मेरी चूत से सफ़ेद क्रीम निकल रहा था।
मैं काफी ज्यादा तक गयी थी। और वो भी अपना वीर्य निकालने के लिए आतुर होने लगा था। वो जोर से चिल्लाते हुए अपना पूरा वीर्य मेरी चूत में डाल दिया और हम दोनों शांत हो गए।
दोस्तों उस दिन के बाद मैं अपने पति को सुबह अच्छे से खाना बना कर खिला कर पैक करके। देने लगी समय से पहले ताकि वो ड्यूटी जाये। मेरा पति भी खुश क्यों की उसको लगा की मैं काफी ध्यान रखने लगी। रात में भी उसके साथ सोती चुदवाती और ऐसा नाटक करती की मैं बहुत खुश हूँ। पर मेरी ख़ुशी की वजह कुछ और था। मैं नाटक करती थी अच्छी पत्नी होने का।
धीरे धीरे मेरा पति मेरे ऊपर और भी ज्यादा विस्वास करने लगा। पर मैं धोखा देने लगी। मैं उसको इसलिए प्यार का नाटक करने लगी ताकि मैं उसके अंधरे में रख सकूँ। सुंबह मैं रोज जल्दी भेज देती और उस लड़के को बुला लेती या उसके रूम पर चली जाती और दिन भर रंगरेलियां मनाती। मैं अपनी दूसरी कहानी भी जल्द ही नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर लिखने वाली हूँ तब तक के लिए शुक्रिया।
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