चौबारे में चूत की चुदाई
Chaubare me Choot Chudai
दोस्तो,
मैं जगमोहन एक शुद्ध जाट हृदय प्राणी… सर्व प्रथम मैं आप सब सेक्स के पुजारियों को सादर नमन करता हूँ!
5’8″ मेरा कद और जाट होने की वजह से कुल मिला कर एक सुडौल कद काठी का मालिक हूँ!
अब आता हूँ सीधे मुद्दे की बात पे!
वैसे तो मैं ज़्यादा ताका-झांकी में विश्वास नहीं करता लेकिन एक बार मैं ऐसा करने पर मज़बूर हो गया।
मैं एक शादी में गया हुआ था वहाँ पर मुझे मेरे लंगोट में खलबली मचाने वाली के दर्शन हुए!
मेरे जितनी ही लंबी कद काठी की एकदम दम निकालू सामान के साथ मतलब (सुतवाँ शरीर की मालकिन के पास धन बहुत था, यानि चूचे और चूतड़ घने सोणे थे!
कमर की कटाई तो कम्बख़्त जानलेवा ही थी उसकी, अब आप नाम जानने को बेचैन होंगे, चलो बता देते हैं, उसको सभी पूजा बुलाते हैं और मैं तो कहता हूँ सही बुलाते हैं… है ही वो पूजा करने लायक!
एक दो बार हमारी यूँ ही आँख टकराई लेकिन कोई प्रत्युत्तर नहीं मिला फिर मैंने सोचा क्यूँ ना कोई जुगाड़ किया जाए।
तो दोस्तो हो गया जाट्ट जुगाड़ में शुरू!
उसकी भाभी को मैंने टटोलने की सोची जिससे मेरी अच्छी बातचीत होती थी!
वो मजाक कर रही थी ‘कि अब तो शादी कर लो…’
मैंने कहा- किससे कर लूँ? कोई मिलती तो नहीं है!
भाभी कहने लगी- आपके लिए तो बोहत हैं…
‘अच्छा…? हमें तो मालूम ही नहीं था…’ मैंने कहा।
फिर मैंने बातों ही बातों में पूजा के बारे में पूछा तो भाभी ने कहा- घबरा मत, तेरी सेट्टिंग करवा दूँगी!
बस फिर क्या था, मैंने कहा- फिर तो मैं आपकी सारी उमर गुलामी करने के लिए तैयार हूँ!
यह कह कर भाभी की तरफ देखा तो उन्होंने कहा- चौधरी सोच लो, गुलामी करोगे तो मैं कुछ भी करवा सकती हूँ?
मैंने भी कह दिया- हाँ भाभी, कुछ भी करूँगा लेकिन इसको सेट करवा दो!
भाभी ने फिर मुझे रात को छत पे मिलने के लिए कहा!
मैं तो बस रात का इंतज़ार कर रहा था कि किसी तरह रात हो और मैं उससे मिलूँ!
शादी का माहौल था, सभी अपने अपने कामों में बिज़ी थे, में सबकी नज़र बचा के ऊपर वाले चौबारे में आ गया, तो देखा कि मेरा पहले से ही इंतजार हो रहा था।
और जैसे ही मैं आया, भाभी काम का बहाना करके कुण्डी बाहर से बंद करके चली गई!
मैंने उससे तुरंत अपने दिल की बात कही- पूजा, तुम मुझे बोहत सेक्सी लगती हो…
उसने भी कहा कि उसे भी मेरा अख्खड़पना भा गया था।
यह सुनते ही मैंने उसे गले से लगा लिया और चूमाचाटी करने लगा!
मेरे चूमाचाटी करने से वो पटाका फटने को उतारू होने लगा!
मैं उसे शिद्दत से चूम-चूस रहा था और उसकी साँसें गर्म होकर भट्टी हो रही थी और धौकनी की तरह तेज तेज चल रही थी।
मेरे हाथ उसके गात पे ऐसे चल रहे थे जैसे सितार वादक के हाथ सितार पर चल रहे हों।
और जवाब में उसकी ‘आई… सी सी… आह…’ की आवाज़ शहद घोल रही थी!
अब मैंने उसके कपड़े बदन से अलग करने शुरू किए और वो मेरा शाहकार मेरे सामने कुन्दन की भांति प्रकट होता गया।
मैंने उसे ऊपर से नीचे तक चूमा और उसका शरीर हर चुम्बन पे अकड़ने लगा, वो भी मेरे चुम्बनों का जवाब देने लगी!
मेरे हाथ अब उसके चूचों के साथ खेल रहे थे, उन्हें दाब-मसल रहे थे।
अब उससे रहा नहीं गया तो उसने हांफ़ते हुए कहा- बस पूनिया जी, अब रहा नहीं जा रहा, अब अपने प्यार की बारिश को मेरे ऊपर लुटा दो इस प्यासी धरती पर…
और मेरा लौड़ा पकड़ के खींचने लगी।
जब रहा नहीं गया तो उससे खींच कर चूमने लगी ज़ोर से मुँह में लेके दबाने लगी।
अब आग दोनों ओर से टॉप में थी!
मैंने भी अब उसको लिटा के उसकी चूत चूम ली और जैसे ही मेरे प्यासे होंठ उसकी चूत से लगे, उसने मुझ पर बारिशें कर दी और मैं निहाल हो गया!
मैंने उसको खूब चूमा चाटा और उल्टा लिटा कर खूब उसके चूतड़ों, उसकी गाण्ड को प्यार किया!
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आख़िर पूजा गिड़गिड़ाने लगी- रहम करो और अन्दर डाल दो…
फिर मैंने उसे घोड़ी बना के अपना 7″ का डण्डा उसके अन्दर घुसाया और ठुकाई शुरू की पूरे जोश से…
उसकी चूत ने फिर मेरे लौड़े के साथ मिल कर मधुर तान छेड़ दी- पच पच पचचक फक्क फक्क ठप्प ठप्प ठप्प्प…
लगातार 15 मिनट की चुदाई के बाद वो अचानक अकड़ के झड़ गई और 5 मिनट बाद मेरा लावा भी फ़ूट पड़ा।
हम दोनों चिपक के पड़े रहे देर तक उसी हालत में!
दोस्तो, यह मेरी लाइफ की सच्ची कहानी है!
इसके बाद तो जैसे एक सीधा सा जाट शैतानी की राह पे चल पड़ा, वो मैं बाद में बताऊँगा। लेकिन आप यह बताइए कि मेरी पहली कहानी कैसी लगी?
लिखिएगा ज़रूर…
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