इंग्लिश की क्लास में चुदाई की पढ़ाई-2
अब तक की इस सेक्स स्टोरी के पहले भाग
इंग्लिश की क्लास में चुदाई की पढ़ाई-1
में आपने पढ़ा था कि मैंने अपने पड़ोस की जवान लड़की और मेरी स्टूडेंट रोशनी की झांटें साफ़ करके उनको वी शेप की डिजायन से खूबसूरत सा बना दिया था.
अब आगे..
अगले दिन सुबह 11 बजे हम सब लोगों ने फिर से पढ़ना शुरू किया. मैंने नोटिस किया कि रोशनी पिंकी को साइड में ले जाकर उससे कुछ बात कर रही थी.
मैंने कहा- कल हमने सारे शरीर के अंग देख लिए थे, अब किसी को कोई प्रश्न हो तो पूछे.
विक्की फिर से बोला- सर, लड़की वाली पिक्चर में एक अंग छूट गया है.
“कौन सा विक्की?” पिंकी ने जोश में आके पूछा.
विक्की और पिंकी की लड़ाई काफी होती थी और दोनों एक दूसरे से ढंग से बात नहीं करते थे.
विक्की ने जवाब दिया कि तू ज्यादा जोश में मत आ, वो तेरे पास नहीं है, केवल रोशनी दीदी के पास है.
मैं विक्की का इशारा समझ गया और रोशनी भी तन कर अपने उभार को आगे की तरफ करने लगी. आज उसने लाइट पिंक कलर की टी-शर्ट पहनी थी और उसके मम्मे सच में तम्बू जैसे खड़े हुए लग रहे थे. पूरी टी-शर्ट ही छोटी लग रही थी और नीचे से उसकी नाभि भी बाहर नजर आ रही थी.
मैंने पिंकी की तरफ देखा, उसका चेहरा गुस्से से लाल हो गया था. पिंकी दिखने में छोटी सी गोल मटोल थी. उसकी जांघ और गांड गुब्बारे जैसी लचकदार है, पर उसके उभार बिल्कुल भी निकले हुए नहीं है.
मैंने पिंकी से पूछा- तुम्हारी उम्र कितनी है?
उसने कहा- सर 19 साल है.
“पर तुम्हारे ब्रेस्ट नहीं निकले हैं, क्या वजह है पिंकी?”
रोशनी को मुस्कुराते हुए देख पिंकी ने गुस्से से कहा- रोशनी दीदी की भी चूत में क्लिट वाला दाना नहीं है और मुझे तो दीदी के ब्रेस्ट भी नकली लगते हैं, अन्दर से ब्रा में रुई भरकर रखी होगी.
ये सुनकर रोशनी ने गुस्से से अपनी टी-शर्ट और ब्रा उतार कर अपने चूचे बाहर निकाल दिए. उसके चूचे गोल नहीं थे, पर बहुत लंबे और नुकीले थे, एकदम तोतापरी आम के जैसे थे. उसके तने हुए चुचे देख कर पिंकी चुप हो गई.
रोशनी ने पिंकी से कहा कि तुम्हारी चूत में भी क्लिट वाला मटर का दाना नहीं है, यदि है, तो हमें दिखाओ.. फिर हम मानेंगे.
पिंकी का चेहरा टमाटर के जैसे लाल हो गया. ये देख कर विक्की जोर से पिंकी पर हँसने लगा. पिंकी को गुस्सा आने लगा और उसने विक्की को कहा कि हंस क्या रहा है तू, यहीं तुम दोनों में से किसी का भी लंड राहुल सर के लंड से बड़ा होगा तो मैं अपनी क्लिट का दाना दिखा दूँगी.
विक्की ने एकदम से शर्त मजूर कर ली. सब लोग अब मेरी तरफ देख रहे थे, रोशनी को भी मेरा लंड फिर से देखने का मन कर रहा था.
मैंने रूम को अन्दर से लॉक किया, फिर सबके सामने जाकर अपनी पेंट की ज़िप खोलकर लंड को आजाद कर दिया. मेरा लंड रोशनी की चूचियों को देखकर पहले से ही तना हुआ था. पिंकी ने झट से अपने बैग से स्केल निकाल कर मेरे लंड को नापा, लगभग 8 इंच का मोटा ताजा, बिल्कुल तगड़े लम्बे बैगन जैसा खड़ा था.
फिर पिंकी ने गोलू को लंड दिखाने को कहा, उसने शर्मा कर मना कर दिया; गोलू 18 साल का बहुत शर्मीला लड़कियों जैसा स्वभाव वाला लड़का है.
विक्की ने कहा- पहले में दिखाता हूँ. विक्की भी पिंकी की उम्र का था, दोनों एक ही कॉलेज में थे. विक्की का लंड देख कर हम सब हैरान रह गए. बहुत अजीब लंड था उसका. एक पतली सी ककड़ी जैसा बहुत लंबा लंड था.
पिंकी ने कहा- विक्की ये सर के लंड से छोटा है.
विक्की ने स्केल से नाप कर देखा तो वो 9 इंच से भी थोड़ा लंबा निकल गया.
पिंकी ने कहा- पर ये तो मोटाई में सर के लंड का आधा भी नहीं है.
दोनों फिर लड़ने लगे.
मैंने कहा- ठीक है पहले गोलू का लंड देख लेते हैं. फिर रोशनी डिसाइड करेगी.
गोलू डर कर बोला कि मैं नहीं दिखाऊंगा, तुम सब हँसी उड़ाते हो.
मैंने गोलू को प्यार से समझाया कि तुम पर कोई नहीं हँसेगा और कोई हँसा तो मैं उसे सजा दूंगा.
गोलू मान गया और अपनी पेंट की बटन खोल कर फिर कुछ सोचने लगा. इतने में विक्की ने गोलू की पेंट और चड्डी नीचे खींच ली. गोलू का लंड एक मुर्झाई हुई भिंडी जैसा लटक रहा था. मैंने गोलू से कहा कि तुम्हारा लंड रोशनी दीदी के आम देखकर भी खड़ा नहीं हुआ है?
गोलू सर झुका कर खड़ा रहा, इतने में पिंकी को जोर की हँसी आ गई और गोलू रोने लगा. रोशनी ने गोलू को अपनी तरफ खींचा और उसके सिर को अपने खुले आमों के बीच में दबा दिया. मैंने नोटिस किया कि अभी भी गोलू की भिंडी खड़ी नहीं हुई है.
गोलू रोते हुए बोला कि मैं मम्मी को जाकर सब बताऊंगा.
उसकी इस बात से हम सब डर गए.
“पिंकी ये गलती तुम्हारी है, अब तुम्हें गोलू के लंड को प्यार से एक किस करनी पड़ेगी.”
पिंकी ने मना किया तो गोलू रोते हुए जोर से बोला- पिंकी, तुम्हें मेरे लंड पे किस करना है.
गोलू को रोशनी के आम और उस पर लगे काले अंगूर का स्पर्श लेके एक सुकून सा मिल रहा था और वह अब रोना बंद कर दिया. पिंकी ने न चाहते गोलू की भिंडी को पकड़ा और अपने गुलाबी होंठों से एक किस किया. उसी वक़्त गोलू को जोर से सु सु आई और उसने पिंकी के चेहरे पे कर दी.
पिंकी छी छी करके पीछे हटी और रोने लगी. पिंकी को रोते हुए देखकर, गोलू खुश हो गया और उसकी भिन्डी भी कड़क हो गई, पर अब भी केवल 5 इंच से ज्यादा नहीं हुई थी.
पिंकी ने रोते हुए कहा- सर आपकी वजह से मेरी टी-शर्ट गीली हो गई.
मैं पिंकी को बाथरूम में लेके गया, उसका चेहरा और उसकी टी-शर्ट के ऊपर की सु सु को पानी से साफ़ किया. अब उसकी टी-शर्ट ज्यादा गीली हो गई थी.
मैंने कहा- इसे अभी उतार दो, छत पे धूप में दस मिनट में सूख जाएगी.
वो मान गई और जैसे ही उसने टी-शर्ट उतारी, उसके छोटे छोटे गोल गोल टमाटर जैसे लाल लाल चुचों को देख कर मजा आ गया. सच में पिंकी जैसी पिंक थी वो, उसके निप्पल एक छोटी सी पिंक कलर की गोल गोल रसभरी जैसे थे.
“सर ऐसे क्या देख रहे हो?”
“कुछ नहीं पिंकी तुम चलो रूम में.. और मैं ये टी-शर्ट बाहर सुखा के आता हूँ.”
जैसे ही पिंकी बाथरूम से बाहर आई, सभी ने उसके गोल टमाटरों को देखा. विक्की ने पहली बार उसे ब्यूटी क्वीन कहकर बुलाया.
पिंकी शर्माने लगी.
अब मैं वापस रूम में आया और अन्दर से लॉक कर दिया और इस बार मैंने अपना पूरा पेंट और अंडरवियर उतार कर शर्ट को ऊपर करके कहा- रोशनी हम तीनों का लंड देख कर बताओ, किसका बड़ा है?
इतने में पिंकी ने मेरी एल शेप की झांट देखकर एकदम से बोली- सर ये आपने कैसे बनाई?
मैंने हँसकर कहा- तुम्हारी दीदी की भी वी शेप में बनाई हैं.
“ओह सर आपने दीदी की चूत को देख लिया है.”
“पिंकी बिना चूत दिखाए ये कैसे बनेगा? रोशनी, तुम अपनी शेप दिखाओ पिंकी को.”
रोशनी को अब शर्म आने लगी, पर मैंने जाकर उसकी जीन्स का बटन खोला और उसकी ब्लू कलर की पेंटी को नीचे करके वी शेप दिखाया.
पिंकी खुश होकर बोली– सर मेरे भी बना कर दो ना प्लीज.
“ओके आज तुम सब घर पे फ़ोन करके बोल दो कि खाना सर के घर खाएंगे और आज 2 घंटे की एक्स्ट्रा क्लास है.”
फिर हम सबने अपने कपड़े पहने. अब तक पिंकी की टी-शर्ट भी सूख गई थी. हम सब खाना खाने नीचे चले गए. मेरी मम्मी ने सभी को पूरियां खिलाईं. फिर वह सोने चली गईं और हम सब वापस ऊपर वाले रूम में आ गए.
मैंने सारे शेविंग के सामान लेकर रूम को अन्दर से लॉक किया- पिंकी, अब तुम इस पलंग पे चुपचाप लेट जाओ.
रोशनी ने मुझे न्यूज़ पेपर और रुई लाकर दी. मैंने पिंकी की कमर के नीचे तकिया रखा और उसकी टांगों और गांड को ऊपर उठा कर नीचे न्यूज़ पेपर लगा दिया. पिंकी को समझ आ गया था कि मैं ये क्यों कर रहा हूँ.
फिर जैसे ही मैंने उसकी स्कर्ट और पिंक कलर की पेंटी को नीचे उतारा तो ब्राउन कलर की झांटें और चूत खुली हुई पिंक कलर की दिख रही थी. उसकी चूत का छेद साफ़ नजर आ रहा था, काफी खुला हुआ था. उसकी झिल्ली भी खुली हुई थी. उसकी चूत एक खिले हुए गुलाब के फूल जैसी थी.
“पिंकी लगता है तुम्हारी किसी ने चुदाई की है, तुम्हारी चूत तो पूरी खुली हुई है.”
“नहीं सर में पहले चूत में मोमबत्ती डालती थी, फिर धीरे धीरे केला, फिर बैगन और अब लौकी भी घुसा लेती हूँ.”
सच में उसकी चूत बहुत ढीली रबर जैसी थी, जितना चौड़ी करना चाहो, कर लो. मैंने पिंकी के पैरों को पकड़ के फैला दिया, फिर मैंने रुई को थूक से गीला करके उसके मोटे गोल पुट्ठों को ऊपर उठाया और उसकी गांड के छेद में रख कर उंगली से थोड़ा घुसा दिया. उसकी गांड भी बहुत सॉफ्ट रबर जैसी थी.
“पिंकी गांड में भी लौकी घुसाई है क्या?”
“नहीं सर अभी सिर्फ केला ही जा पाता है. सर आपने मेरी गांड में रुई क्यों फंसाई है?”
“पिंकी वह इसलिए कि तेरे बाल चूत के जूस के साथ बहकर गांड में जाके खुजली कर सकते हैं.”
“सर आप तो बहुत बढ़िया सोचते हैं या शायद रोशनी दीदी की गांड में इस तरह से बाल घुस गए थे क्या?”
वो हँसने लगी.
“अरे गोलू, ये पिंकी बहुत बोलती है.. अब यदि ये बोले तो फिर से इस पर सु सु कर देना.”
पिंकी सॉरी बोलकर चुप हो गई. मैंने पिंकी की झांटें साफ़ करके एक मस्त वी शेप बना दिया.
रोशनी ने पिंकी से पूछा- तुम्हारा मटर का दाना कहां है?
पिंकी ने अपनी चूत की ऊपर की परत को जरा सा फैलाया और एक छोटी सी लुल्ली जैसी शेप में मुझे कुछ नजर आया.
मैंने उससे टच किया और कहा- हाँ यही है क्लिट.
मेरे स्पर्श से पिंकी की चूत में करंट लगा, फिर उसमें से रसीला जूस निकलने लगा.
“पिंकी जाओ बाथरूम में क्लीन करके आओ और अपने एसहोल से रुई भी निकाल लेना.”
जैसे ही पिंकी बाथरूम गई, रोशनी ने मुझे गुस्से से देखा और कहा- बड़ा प्यार आ रहा है न पिंकी पर आपको. मेरे में क्लिट वाली लुल्ली नहीं है न इसलिए!
“अरे ऐसी बात नहीं है, एक और चीज़ से जो क्लिट से भी ज्यादा मजे देती है, उसे जी स्पॉट कहते हैं.”
“वो कहाँ होती है राहुल सर?” विक्की ने पूछा.
“वह चूत के अन्दर होती है, दिखती नहीं है.”
इतने में पिंकी भी आ गई. उसकी चूत का गुलाब बड़ा मस्त लग रहा था, सच में वो पूरी पिंकी थी.
“पिंकी तुम्हें और रोशनी को एक और नई चीज़ बताऊंगा जी स्पॉट.. तुम दोनों अपनी पेंटी उतार कर पलंग पे लेट जाओ.”
पर सारे न्यूज़ पेपर खत्म हो गए थे. फिर मैंने अन्दर जाके टकीला की दो 50 एम एल वाले कांच के छोटे वाले गिलास निकाले और विक्की, गोलू को दिए. हम तीनों जमीन पर पलंग के पास बैठ गए फिर मैंने रोशनी और पिंकी दोनों की जाँघों को पकड़ कर अपनी तरफ खींचा, उनके घुटनों को मोड़ कर पैर जमीन पर रख दिए.. ताकि उनकी चूत से कोई पिचकारी वाली रस बिस्तर पर न गिरे.
“विक्की तुम पिंकी की जूस को तुम्हारे गिलास में भरना और गोलू तुम रोशनी दीदी के रस को भरना ओके..!”
रोशनी और पिंकी लेटे लेटे अपने चेहरों से आपस में लड़ाई कर रहे थे. मैं दोनों के बीच जाके एक एक उंगली उनकी चूत में डाली. पिंकी तो उंगली के कारण हँस रही थी और रोशनी अपनी आँखें दर्द से बंद कर रही थी. फिर मैंने पिंकी की चूत में एक ओर उंगली डाली, वह अब भी हँस रही थी. जैसे ही मैंने दूसरी उंगली रोशनी की चूत में डाली, उसने आह कहकर अपने दांतों से होंठों को काटना शुरू कर दिया.
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कहानी जारी है.
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