पड़ोस के लड़के के कमरे में चुदवा आई

पड़ोस के लड़के के कमरे में चुदवा आई

मैं राहुल आपको अपनी एक पाठिका शमा की कहानी उसी की जुबानी आपके सामने पेश कर रहा हूँ है।

मैं शमा.. और आज मैं अपना चुदाई का अनुभव आपके साथ शेयर करने जा रही हूँ। यह मेरी पहली चुदाई नहीं थी.. मेरी ज़िंदगी में आने वाला तीसरा लड़का था।
उन दिनों की बात है.. जब हम लाहौर के बहुत ही कमर्शियल एरिया रंग महल में रहते थे।
मैं अपने पेरेंट्स की इकलौती बेटी हूँ, मेरी उम्र उस वक्त 20 साल थी। मेरा फिगर 36-26-38 का था.. जो दिखने में बहुत सेक्सी और आकर्षक लगता है। मैं जब भी बाहर निकलती.. तो लड़के अलग अलग किस्म के कमेंट्स पास करते रहते थे। कोई कहता कि आज तो दूध पीने को दिल चाह रहा है.. कोई बोलता कि मुझे तो सारे बदन में प्यास लग रही है.. कोई बोलता कि आज तो कुछ फाड़ने को दिल चाह रहा है.. वगैरह-वगैरह।

मैं रोज डिनर के बाद छत पर जाया करती थी.. हमारे घर के बिल्कुल साथ वाले घर में एक लड़का रहता था.. जिसकी उम्र कोई 26-27 साल होगी। कभी-कभार वो भी छत पर आने लगा। एक दिन गर्मी की वजह से मैंने दुपट्टा उतार कर साइड पर रख दिया और चहल कदमी करने लगी।

वो न ज़ाने कब से अपनी छत पर लाइट ऑफ करके किसी कोने में बैठा मुझे घूर रहा था। मैं तेज क़दमों से छत पर इधर से उधर चहलकदमी कर रही थी… जिससे मेरे चूचे उछल रहे थे।
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आहिस्ता-आहिस्ता मुझे अच्छा लगने लगा कि मेरे चूचे यूँ उछल रहे हैं। मैं और तेज-तेज चलने लगी.. ताकि चूचे और जोर से उछलें और मुझे मजा आए।
वो अचानक चलता हुआ हम दोनों के मकान की बीच वाली छोटी सी दीवार के पास आ गया और मस्ती से मुझे देखता रहा।

मैंने जब नोटिस किया कि वो मेरे बदन के हर हिस्से को हवस और प्यास से देख रहा है.. तो मैंने जल्दी से दुपट्टा उठाया और खुद को ढक कर के नीचे चली गई।

अगले दिन जब मैं कॉलेज जाने के लिए निकली.. तो वो गली में खड़ा था।
मुझे देख कर वो मुस्कुराया और बोला- रात भर मैं सो नहीं सका.. एक हसीना के दो बहुत गोल-मटोल पके हुए रसीले खरबूजे मस्ती करते हुए बार-बार मेरी आँखों के सामने आ रहे थे।

मैं दिल ही दिल में हँस दी और कॉलेज चली गई।

रात को फिर मैं चहलकदमी करने गई.. तो मैंने फिर से दुपट्टा उतार कर साइड में रख दिया। आज मुझे एहसास था कि वो पक्का मुझे देख रहा होगा। मैं थोड़ी देर तेज कदमों से चहलकदमी करती रही.. फिर मैं छत पर पड़ी हुई ईज़ी चेयर पर बैठ कर ज़ोर-ज़ोर से साँस लेने लगी ताकि उसको बता सकूँ कि खरबूजे रसीले ही नहीं.. बल्कि नशीले भी हैं।

वो बीच की दीवार के पास आया और बोला- शमा तुम बहुत नशीली हो..
मैंने जल्दी से दुपट्टा उठाया और चूचे कवर कर लिए।

इसी तरह से अगले दिन भी मैं बहुत नशीली चाल में चहलकदमी कर रही थी। उससे रहा नहीं गया और वो मेरी छत पर आ गया। मैंने जल्दी से दुपट्टा उठाया तो वो दुपट्टा पकड़ते हुए बोला- बस भी करो ये सख्ती.. खोलो अपने बटन और मुझे अपना दूध पीने दो।

मैं तो उसके मुँह से ये अल्फाज सुन कर शॉक्ड ही रह गई.. लेकिन उसने बेसब्री से मुझे बाँहों में भर लिया और दीवार के साथ खड़ा करके मेरे होंठों को चूसते हुए मेरे मम्मे दबाने लगा, फिर बटन खोल कर मेरे नर्म गर्म उभारों पर टूट पड़ा।

वो कभी दीवानों की तरह एक मम्मे को पकड़ कर खींचता और दबाता.. दूसरे को मुँह में लेकर चूसता.. कभी निपल्स को दोनों हाथों से पूरी ताक़त से मसलता।
मुझे मज़ा आने लगा.. मैं गर्म होने लगी थी। वो मेरे मम्मे मसलता हुआ आहिस्ता से मेरे कान में बोला- शमा तुझे मज़ा आ रहा है ना?
मैंने कहा- हाँ.. मेरे मम्मों को जब इस तरह से मसलते हो.. तो बहुत मज़ा आता है.. ऐसे ही इन दोनों खरबूजों को मसलते रहो ना।

वो थोड़ी देर ऐसे ही मुझे गर्म करता रहा.. फिर उसने मेरी शर्ट नीचे कर दी और बोला- आज बस इतना ही दूध पीना था, बाकी कल पियूँगा।

मैं शॉक्ड थी.. क्योंकि मेरा अभी भी दिल चाह रहा था कि वो मेरे मम्मों को निचोड़-निचोड़ कर इनमें से दूध निकाल दे.. चाहे सारे एरिया के लड़कों को पीला दे.. लेकिन इन मम्मों में से दूध निकाल ले।

लेकिन वो शायद मुझे तड़पाना चाहता था.. वो मुझे किस करके वापिस चला गया।
मैं छत से नीचे अपने रूम में आ गई।
अपने रूम में मेरा दिल ही नहीं लग रहा था.. मेरा दिल चाह रहा था कि उसके रूम में चली जाऊं.. जो उसकी छत पर ही था।

मैं ऐसे ही करवट बदलती रही.. लेकिन नहीं सो पाई, फिर तंग आकर रात के 2 बजे मैंने अपना रूम अन्दर से लॉक किया और खिड़की से निकल कर ऊपर छत पर आ गई।
साथ वाली छत पर उसके रूम की लाइट ऑफ थी.. लेकिन दरवाजा खुला था।

मैं उसकी छत पर गई और रूम में जैसे है दाखिल हुई.. तो देखा के वो सामने बिस्तर पर बैठा टीवी पर एक सेक्स मूवी देख रहा था।
मुझे देख कर बोला- आ जा मेरी रानी.. मुझे पता था कि तू ज़रूर आएगी.. तुझे मेरी प्यास यहाँ तक लाएगी.. आ जा.. मैं तेरी प्यास बुझाऊं और तेरे नरम बदन की हर गहरी झील को अपने गाढ़े पानी से भर दूँ.. आजा मेरी जान.. बिस्तर पर आ..

मैं किसी बुत की तरह चलते हुए उसके बिस्तर पर चली गई और जाकर उससे लिपट गई, मैंने उससे कहा- मुझे तुमसे कुछ नहीं चाहिए.. बस मेरी आग बुझा दो.. जो मेरे तन-मन में तुम लगा कर आए हो।

उसने मुझे होंठों पर किस किया और मेरे मम्मे दबाता हुआ बोला- जान मैं तुझे वो मज़ा दूँगा कि तू तो क्या.. तेरे घर की हर औरत मेरे लण्ड की हमेशा-हमेशा के लिए दीवानी हो जाएगी.. चल अब तू जल्दी से नंगी हो जा.. तुझे नंगी करके आज मैं तेरी चूत और गाण्ड दोनों की खूब प्यास बुझाऊंगा।

मैंने जल्दी से कपड़े उतारे और बिस्तर पर बैठ गई। उसने मुझे बिस्तर पर सीधा लिटा दिया और खुद भी नंगा हो गया, अब वो मेरे ऊपर सीधा लेट गया और मेरे मम्मों को फिर से दबाने लगा।

वो मेरे चेहरे पर हर जगह चूम रहा था। फिर उसने एक हाथ मेरी चूत पर रख दिया और मेरे नाभि को चूसने लगा। फिर मुझे उल्टा करके लिटा दिया और मेरे चूतड़ों के उभार मसलने लगा।

मैं इंतज़ार में थी कि कब वो मेरी टाँगों को खोल कर अपना लंबा और मोटा साँप जैसा लण्ड चूत में डालेगा।
लेकिन वो तो अन्दर डालने का नाम ही नहीं ले रहा था।

मैंने कुछ देर तो इन्तजार किया.. लेकिन मुझसे रहा नहीं गया.. तो मैंने कहा- जान प्लीज़ मेरे अन्दर इसको डालो ना..
वो मेरा मम्मा मुँह से निकालते हुए बोला- किस के अन्दर क्या डालूं जान?
मैंने कहा- मेरे अन्दर अपना ‘ये’ डाल दो।

वो मेरी चूत को हाथ से मसलते हुए बोला- तेरी जवान चूत की प्यास तो मैं बुझा ही दूँगा.. लेकिन पहले मुझे बोलो कि जान मेरी चूत के अन्दर अपना लण्ड डाल दो और खूब मज़े से मुझे चोदो ज़ोर-ज़ोर से..

मैंने किसी मामूल की तरह कहा- जान मेरी चूत के अन्दर अपना लण्ड डाल दो और खूब मज़े से मुझे चोदो ज़ोर-ज़ोर से..

फिर उसने मेरी टाँगों को खोला और धीरे-धीरे से अपनी उंगली मेरी चूत में घुसा दी और बोला- अब कहो ‘जान आज मेरी चूत इतनी मारो कि तुम्हारा जवान लण्ड ठंडा हो जाए और मेरी चूत फट जाए.. मेरी चूत को आज चोद-चोद कर लाल कर दो..’

मैंने ऐसे ही उसके पीछे-पीछे रिपीट किया.. उसने अपना लण्ड मेरी चूत पर रख कर हल्का सा दबाया.. तो वो हौले-हौले अन्दर चला गया।

फिर उसने एक ही धक्का लगाया तो लण्ड पूरा अन्दर चला गया।
मैं- और अन्दर डाल दो अपने लण्ड को.. आआहह उुउऊहह..

वो धक्के मारता हुआ- साली कुतिया तेरी चूत को तो मारने में भी बहुत मज़ा आ रहा है.. तू तो रंडी की तरह टांगें खोल कर चूत और गाण्ड मरवाने आ गई मेरे कमरे में.. ले.. आह्ह..

मैं- आहह आअहह.. ज़ाआआआनुउऊउ.. तुम सही कह रहे हो जाआन.. मैं तुम्हारी कुतिया हूँ.. मैं तुम्हारी पालतू चूत हूँ.. मैं रंडी हूँ.. जिसे हर रंग के लण्ड लेने और धक्के सहने की आदत पर गई है.. बस तुम इसी तरह अन्दर तक लण्ड को फेरते रहो.. मेरी प्यास बुझ जाए।

वो मम्मे पकड़ कर खींचता और चूत में सारा लण्ड डालते हुए बोला- तू है कितनी सेक्सी.. तेरी चूत को इस तरह से फाड़ दूँगा अपने लण्ड के धक्के दे दे कर कि तू सिर्फ़ चूत और गाण्ड मरवाने मेरे पास ही आया करेगी.. ओह शमा.. तेरी चूत बहुत टाइट है.. लेकिन तू मुझसे पहले किसी से चुदवा चुकी है अपनी नाज़ुक और नर्म चूत को.. ओह साली रण्डीईईईईई.. तू बोलती क्यों नहीं अब.. बोल कि मुझे ऐसे ही जम कर चोदते रहो जानू.. आज मैं सारी रात चुदवाना चाहती हूँ तुमसे।

मैं- आअहह मैं.. मर गईई.. आअहह.. उफफ्फ़ इतना वहशी लौड़ा.. आआहह ओह जान.. इतना मोटा और वहशी लण्ड तो मेरी फुद्दी को फुद्दा बना देगा.. अगर ऐसे ही जम कर चोदते रहे जानू.. तो आज रात के बाद मेरी फुद्दी इतनी ढीली हो जाएगी कि उसमें घोड़े और गधे के लण्ड ही समा जायेंगे.. आअ.. आअहह.. मेरी चूत फट गईई… जान इतना भी जम कर मत चुदाई करो.. अपनी नंगी रंडी कीईइ… आआहह आहिस्ताआ..

वो- नहीं आज मुझे दिल खोल कर तेरी मस्त और नशीली चूत का रस बाहर निकालना है.. तेरे मम्मे तो आज उसी वक्त छोडूँगा.. जब इनमें से दूध के फव्वारे निकाल दूँगा.. आज तो तेरी मस्त और मोटी गाण्ड के अन्दर भी मेरे जंगली लण्ड को बरसात करनी है शमा.. तू जितनी सेक्सी है ना.. तुझे देख कर मेरा लण्ड हर बार खड़ा हो जाता था.. आज मेरे लण्ड को मज़ा लेने दे शमा.. अपनी चूत की रंगीन जवानी को भोगने दे आज.. आज मुझे जम कर चोदने दे अपनी पालतू कुतिया.. अपनी रंडी हरमजादी बीवी को.. आज मुझे अपनी सेक्सी बीवी के साथ सुहागरात मनाने दे बस.. ये मत बोल कि मर जाऊंगी.. ये बोल कि चुदाई करते रहो..

मैं- उफ्फ़.. बहुत अन्दर जा रहा है तुम्हारा लण्ड.. बहुत दर्द हो रहा है.. आआअहह.. उफफ्फ़.. मैं मर जाऊंगी सन्नी.. इतना ज़ोर मत लगाओ.. अब क्या खुद भी अन्दर है घुसना है जानू.. आअहह मेरे आज रात के शौहर.. मेरे स्वीट हज़्बेंड इतना दर्द हो रहा है.. बस आआहह.. बसस्स आआहिस्ता करो नाआ.. तुम्हारी बीवी बहुत मासूम सी है जान.. उस पर तरस खाओ और उसकी चूत पर इतना ज़ुल्म मत करो.. आहह बहुत दर्द हो रहा है सन्नी..

सन्नी- होने दो दर्द.. अगर होता है तो.. मज़ा भी तो आ रहा है ना.. समा.. तुम्हारी छोटी सी नाज़ुक सी चूत में मेरा इतना बड़ा लण्ड समाया हुआ है.. उसे रगड़-रगड़ कर अन्दर तक लाल कर रहा है.. तुझे और क्या चाहिए..

मैं- आहह जान.. तुम्हारी मासूम सी वाइफ हूँ.. मुझे क्या सुहागरात को ही फुद्दी से फुद्दे का गिफ्ट देना चाहते हो तुम.. उफ़फ्फ़ आअहह.. सन्नी मैं डिसचार्ज हो रही हूँ जान.. और ज़ोर से चूत मारो मेरी.. और ज़ोर से कम ऑन.. आआहह ऊहह.. उउफफफ्फ़ उऊहह.. मेरी चूत मारो.. आज.. मेरी चूत फाड़ दो.. अन्दर तक लाल कर करके मारो आज.. आआअहह.. जाआअनूउऊउ..

सन्नी ज़ोर-ज़ोर से धक्के पर धक्का मारते हुए- ओह समामआअ.. मैं भी छूट रहा हूँ.. तेरी फुद्दी के अन्दर हीईई.. आहह.. मेरी रंडी मैं छूट रहा हूँ.. आआअहह.. शमा ओह मेरी जान ओह मेरी रण्डी.. मेरी सेक्सी फुद्दी वाली वाइफ आई जस्ट लव यू जान..

उसके बाद सन्नी मेरी चूत में ही छूट गया और थक कर मेरे ऊपर ही गिर गया।

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