क्लास मेट की सील तोड़ी

क्लास मेट की सील तोड़ी

दोस्तो, मेरा नाम साहिल है और मैं अमृतसर का रहने वाला हूँ। यह कहानी मेरी जिन्दगी में घटी एक सच्ची घटना है। मैं आज इसे आपके साथ शेयर करना चाहता हूँ।

मेरा कद 5 फुट 8 इंच है और मैं दिखने में स्मार्ट हूँ। यह कहानी तब की है जब मैं बी सी ए के दूसरे साल में था, आज से 2 साल से पहले मैंने कभी किसी लड़की को प्रपोज नहीं किया था क्योंकि मैं बहुत शर्मीला लड़का था। इन दो सालों में मैंने अपनी क्लास की 5-6 लड़कियों को प्रपोज किया था, पर सभी ने ना कर दी।

मैं भी कभी सीरियस नहीं था, पर सब लड़कियों से बात-चीत कर लेता था और सभी मेरी अच्छी दोस्त थीं। अपने दोस्तों के साथ हँसी-मजाक के माहौल में रहता था। मेरा एक दोस्त है राहुल, मेरी उससे अच्छी बनती थी।

एक बार हमारे कॉलेज में बैंकिंग वगैरह के इम्तिहान के लिए एक्स्ट्रा क्लासेज लग रही थीं। मैं और मेरे दोस्त ने सोचा चलो यार क्लास में जाकर भी देख ही लेते हैं। वैसे भी घर जाकर तो बोर ही होना है।

हमारे साथ हमारी साथ की 3-4 लड़कियों ने भी क्लास अटेंड की। उसमें एक लड़की थी स्वाति, देखने में इतनी सुंदर तो नहीं थी पर उसकी फिगर देख कर कोई भी लड़के उसको चोदना चाहेगा।

जिस क्लास रूम में हमारी क्लास लगनी थी, उसमें सारे डेस्क ऐसे थे, जैसे घर में सीढ़ियाँ होती हैं। स्वाति और उसकी एक सहेली हमारे डेस्क के आगे वाले डेस्क पर बैठी हुई थी। मैंने अपना हाथ डेस्क के आगे लटकाया हुआ था और उसने वी-शेप गले का स्वेटर पहना हुआ था। उसकी पीठ पर भी वी-शेप गला था, जो काफी खुला था।

जैसे ही वो डेस्क के साथ सहारा लेकर बैठने लगी, तो मेरा हाथ उसके और डेस्क के बीच आ गया और मेरा हाथ उसकी पीठ पर लग गया, पर उसने कोई भी प्रतिक्रिया नहीं की और वैसे ही बैठी रही। उल्टा मेरे हाथ पर थोड़ा दबाव और बना दिया। मैं तो जैसे ख़ुशी से फूला न समाया, पर मैंने अभी कोई और हरकत नहीं की।

वो कुछ देर तो ऐसे ही बैठी रही, फिर आगे हो गई तो मैंने अपने हाथ पीछे खींच लिया और सोचा शायद उसे पता न लगा हो, और उसे यह सब अनजाने में हुआ लगा हो।

तो मैंने दुबारा अन्जान बनते हुए अपना हाथ फिर वैसे ही रख दिया। इस बार मेरी हिम्मत बढ़ गई थी। वो फिर पीछे हुई तो इस बार मेरा हाथ उसके स्वेटर के अंदर चला गया। चूंकि उसका स्वेटर पीछे से भी वी-शेप का था और काफी खुला हुआ था। मैं ऐसे ही बैठा रहा और वो भी। ये सारी हरकतें मेरा दोस्त राहुल भी देख रहा था और हम आपस में तमाशबीनी करने लगे।

उसने मुझे इशारे से कहा- हाथ थोड़ा और अन्दर डाल दे।

मैंने ऐसे ही किया और मेरा हाथ उसकी ब्रा की पट्टी तक पहुँच गया था और मेरा लण्ड कुछ ज्यादा ही खड़ा हो गया था। फिर क्लास खत्म हो गई और जैसे वो थोड़ा आगे हुई, मैंने अपना हाथ खींच लिया। जब हम क्लास से बाहर निकल कर घर जाने लगे तो मैं स्वाति से बातें करने लगा। फिर जब वो जाने लगी, तो उसने ही मेरा फोन नंबर मांग लिया, मैंने भी ख़ुशी से दे दिया और फिर हमने नंबर एक्सचेंज कर लिए।
फिर घर जाकर मैं उसे नार्मल मैसेज भेजा तो उसने भी जबाब दे दिया। इस तरह हमारी बातचीत शुरू हो गई।

कुछ दिन बस ऐसे ही चलते रहे। कॉलेज में हम चारों मैं, स्वाति, उसकी सहेली और मेरा दोस्त राहुल अच्छे दोस्त बन गए थे। फिर एक दिन उसने मुझे चैटिंग के दौरान एक नॉनवेज मैसेज भेज दिया और फिर मैंने भी कर दिया और हमारी नॉनवैज बातें शुरू हो गईं।

पर अभी तक हम सिर्फ दोस्त ही थे। फिर जब ‘वैलेंटाइन-डे’ वाला हफ्ता आया तो मैंने ‘प्रपोज-डे’ वाले दिन उसे बहुत ही रोमांटिक तरीके से उसे प्रपोज कर दिया लेकिन उसने मुझे ना कर दी।

अगले दिन मैंने उसे कॉल किया और मैंने बातों ही बातों में उस यह जताना चालू कर दिया कि मैं उससे नाराज हूँ। जब शाम हुई तो उसका मैसेज आया ‘आई लव यू साहिल !’

मैं तो जैसे ख़ुशी से पागल हो गया, पर उसने कहा- क्लास में किसी और को हमारे रिलेशन के बारे में पता नहीं चलना चाहिए।

मैंने ‘हाँ’ कर दी और हम फिर रोज फोन पर बातें करने लगे। रोज कालेज में उस से बातें हो नहीं पाती थीं क्योंकि वो अपनी सहेलियों के साथ होती थी।

फिर ऐसे ही दिन बीतते गए और हम रोज रात को बातें करने लगे। फोन सेक्स भी करने लगे। अब हमारे फाइनल एग्जाम्स नजदीक आ गए और हमारे कालेज में जब इम्तिहान में एक महीना रह जाता है तो हमें फ्री कर देते हैं ताकि हम घर पर बैठ कर पढ़ाई कर सकें।

मैं और मेरा दोस्त एक ग्रुप बना कर पढ़ते थे और मैं उन्हें पढ़ाता था क्योंकि मैं पढ़ाई में अच्छा हूँ और हमारी क्लासेज भी खाली होती थीं, सो कोई कुछ कहता भी नहीं था। मैंने स्वाति को भी कहा कि वो भी आ जाया करे और वो भी हमारे साथ पढ़ने लगी।
अब तक तो फोन पर बातें करते-करते हम काफी खुल चुके थे और मौका ही ढूंढ़ रहे थे।

एक दिन मैंने जब सभी को पढ़ा दिया और सभी दोस्त घर जाने लगे तो स्वाति ने कहा- मुझे कुछ प्रोब्लम्स हैं, जरा मुझे समझा दो।

अब तक सभी जा चुके थे और मैं स्वाति और राहुल ही रह गए थे। मैंने राहुल को आँख मार दी और जाने के लिए कह दिया। वो सब जानता था, हमारे बारे में, तो वो भी चला गया। अब वो मौका आ गया था जिसका मैं इन्तजार कर रहा था। आखिरकार इतने दिन इन्तजार किया था। कुछ देर तो मैं स्वाति को पढ़ाता रहा।

फिर अचानक मैंने उसका हाथ पकड़ कर उससे कहा- स्वाति आई लव यू !

उसने भी जवाब में कहा- आई लव यू टू !

मैंने उसको गले लगा लिया और 10 मिनट चिपकाए रहा। हम दोनों वैसे ही खड़े रहे। मुझे एक शांति मिली कि इतने दिन इसी बात का इन्तजार किया था। फिर मैंने उसके माथे पर चुम्बन किया और वो भी बहुत खुश हुई। मैंने फिर उसके सर पकड़ के उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और हम ‘स्मूच’ करने लगे। वो मेरा पूरा साथ दे रही थी।

हम ऐसे ही 15 मिनट तक चूमते रहे। फिर मैं उसके मम्मों को दबाने लगा और वो बहुत ही आनन्द से ‘अह्ह अह्ह्ह’ करने लगी। फिर मैं उसके मम्मों को कपड़ों के ऊपर से ही चूसने लगा।

उसके बदन में तो जैसे आग लग गई और वो मेरा सर पकड़ कर अपने मम्मों पर दबाने लगी। मुझे डर भी लग रहा था कि कोई क्लास के बाहर से न निकले या क्लास में न आ जाए।

मैंने उसे कहा- जानू, मैं अभी आया।

मैं क्लास के बाहर आया और बाहर से दरवाजा बंद कर दिया और खिड़की से अन्दर आ गया और अन्दर आकर खिड़की को भी बंद कर दिया।

मैं उसकी तरफ बढ़ा और उसे दुबारा चूमने लगा। यह मेरी जिन्दगी का पहला ऐसा दिन था, जब मैं किसी लड़की को चूम रहा था। मेरी उत्तेजना को आप समझ ही सकते हैं। मैं देर न करते हुए उसके मम्मों को दुबारा दबाने लगा। उसे भी मजा आने लगा।

मैंने उसके टॉप के अन्दर हाथ डाला और उसकी ब्रा मेरे हाथ में आ गई। मैंने अपना हाथ उसकी ब्रा में डाल दिया और उसके चूचुकों को दबाने लगा। वो भी अब तक बहुत गर्म हो चुकी थी और मीठी सिसकारियाँ ले रही थी।

मैंने उसे ‘आई लव यू’ बोलते हुए उसका टॉप निकाल दिया और वो मेरा सामने ब्रा में थी। मैं तो उसे ऐसे हालत में देख कर पागल ही हो गया। उसने ‘बेबी-पिंक’ कलर की ब्रा पहनी हुई थी। वो एक परी से कम नहीं लग रही थी। मैंने उसे दुबारा अपनी बांहों में लिया और चुम्बन करने लगा।

फिर मैं अपने हाथ उसकी ब्रा के हुक पर ले गया और उसकी ब्रा निकाल दी। उसके दो मीठे संतरे मेरे सामने थे। वो तो मानो जन्नत की परी लग रही थी। मैं उसके मम्मों को मसलने लगा। फिर मैंने उसके एक चूची को मुँह में डाल लिया। वो भी मदहोश हुए जा रही थी।

वो अपने हाथ से मेरे लण्ड को पैंट के ऊपर से ही सहलाने लगी और उसने मुझे कहा- मुझे आपका देखना है।

मैंने कहा- खुद ही उतार दो मेरी पैंट !

उसने मेरी बेल्ट खोली और फिर पैन्ट खोल दी और पैन्ट मेरे घुटनों तक आ गई। अब तक मेरा लण्ड फटा जा रहा था और अंडरवियर में तम्बू बना हुआ था। उसने मेरा अंडरवियर भी उतार दिया।

अब मेरा 6 इन्च का लण्ड उसके सामने था। वो उसे हाथ से सहलाने लगी और हाथ से आगे-पीछे करने लगी। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। फिर वो घुटनों के बल बैठ गई और मेरे लण्ड महाराज को चुम्बन करने लगी और मेरा लण्ड चूसने लगी।

5 मिनट तक उसने चूसा और मुझसे रहा नहीं गया तो मेरा माल उसके मुँह के अन्दर निकलने लगा। उसने भी मजे से पूरे माल को पी लिया। अब मेरी बारी थी, मैंने उसे जमीन से अपनी बांहों में उठाया और बड़े प्यार से एक डेस्क पर लिटा दिया। उसे चुम्बन करने लगा और मम्मों को मसलने लगा। अब मैंने उसकी जींस उतार दी। वो काली पैन्टी पहने हुई थी। मैं उसकी जांघों पर चूमने लगा।

अब हमारे बीच सिर्फ एक छोटा सा कपड़ा था, उसकी पैन्टी। मैंने उसकी पैन्टी भी उतार दी और उसे सूंघा, उसमें गुलाब की खुशबू आ रही थी। मैंने उसको डेस्क पर रख कर, उसकी चूत के मुहाने पर अपनी उंगली फेरने लगा और वो तो मानो आनन्द से सिहर ही उठी हो।

मैंने देर न करते हुए अपने होंठों को उसके चूत के होंठों पर लगा दिया और बड़े प्यार से उसकी चूत चाटने लगा। मुझे चूत का रस बहुत अच्छा लगा। मैं तो उसे अब अपनी जुबान से चोदने लगा और वो मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी। उसको बहुत मजा आ रहा था, पर मेरा लण्ड अब दोबारा खड़ा होने लगा था।

मैं भी चाहता था कि वो मेरा लण्ड चूसे। मैं थोड़ी देर रुका और अपनी पैंट से जमीन को साफ़ करने लगा और फिर उसे उठा कर जमीन पर लिटा दिया। अब हम 69 की पोजीशन में आ चुके थे। वो मेरा लण्ड चूस रही थी और मैं उसकी चूत।

कुछ ही देर में उसका शरीर अकड़ने लगा और उसने पानी छोड़ दिया। मैंने उसका सारा पानी चाट कर साफ़ कर दिया। अब उससे रहा नहीं जा रहा था, उसने मुझे कहा- प्लीज साहिल ‘फक मी’, मैं और नहीं रुक सकती।

मैं देर न करते हुए उसकी चूत की तरफ आ गया, मैंने उसके और अपने कपड़ों को रोल करते हुए उनका तकिया बनाते हुए उसकी कमर के नीचे रख दिया। उसको तकिये का सहारा मिल गया। अब मैं अपना लण्ड उसकी चूत के मुँह पर रख कर रगड़ने लगा। वो पागल हुए जा रही थी।

उसने मुझे कहा- प्लीज मुझे और मत तड़फाओ और मेरी सील तोड़ दो।

मुझे उस पर तरस आ गया। मैंने अपने लण्ड पर ढेर सारा थूक लगा लिया। कुछ स्वाति के थूक से पहले ही गीला था। मैंने अपने लण्ड को सैट करते हुए एक जोर का धक्का लगाया। उसकी तो मानो जान ही निकल गई।

वो जोर से चिल्लाई, “मर गईईईई !”

मैं डर गया और उसके मुँह पर हाथ रख दिया। अब तक मेरा टोपा उसकी चूत के अन्दर गया था। मैं उसे चूमने लगा और उसके मम्मों को सहलाने लगा। उसे थोड़ा अच्छा लगने लगा और दर्द कम हुआ।

मैंने एक और जोर का धक्का दिया और मेरा आधा लण्ड उसकी चूत में समा गया। वो तो गांड उठा-उठा कर चिल्लाने लगी, पर चिल्ला नहीं पाई क्योंकि मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से दबाया हुआ था।

वो रोने लगी- प्लीज़ साहिल, मुझे जाने दो, मुझे नहीं करना यह सब, मैं मर जाऊँगी।

मैंने उसकी परवाह न करते हुए एक और धक्का दिया और पूरा लण्ड उसकी चूत में उतार दिया। वो तो मर ही गई थी, मछली के मानिंद तड़फ रही थी। मैं कुछ देर रुक गया और उसे चूमने लगा और 10 मिनट तक कुछ नहीं किया। बस लण्ड उसकी चूत में ही पड़ा रहा। जब उसका दर्द कम हुआ तो मैंने धक्के लगाने शुरू कर दिए।

कुछ देर बाद उसको भी अच्छा लगने लगा और मुझसे कहने लगी- फाड़ दो मेरी चूत को ! कम ऑन फक मी, फक मी फक मी।

मैं तो पागल हो गया और जोर-जोर से धक्के लगाने लगा। वो भी नीचे से अपने चूतड़ उछाल-उछाल कर मेरा साथ देने लगी। करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था, मैंने उससे कहा- मैं झड़ने वाला हूँ।

उसने कहा- अन्दर मत डालना, नहीं तो प्रॉब्लम हो जाएगी।

मैंने अपने लण्ड निकाला और उसके मम्मों के बीच अपना लण्ड रख कर उसके मम्मों को चोदने लगा और फिर मैं जोर-जोर से झड़ने लगा। मेरा माल उसके गले और कुछ उसके मुँह पर गिरा। उसने अपने हाथ से मेरा माल इकठ्ठा किया और सारा चाट चाट कर खत्म कर गई और मेरे लण्ड को चूस-चूस कर साफ कर दिया।

वो बहुत खुश थी। जब हम एक दूसरे को साफ करने लगे तो मैंने अपने अंडरवियर से उसकी चूत को साफ़ किया, जो खून से सनी हुई थी। मैंने उसे हेल्प किया और उसे कपड़े पहनाए। वो घर नहीं जाना चाहती थी।

उसने मुझे कस कर अपनी बांहों में भर लिया और बोली- आई लव यू साहिल !”

मैंने भी उसे चूम लिया और मैंने अपने सारे कपड़े पहने। बस अंडरवियर को छोड़ कर सारे कपड़े पहन लिए और अंडरवियर को अपने बैग में डाल लिया क्योंकि वो गन्दा था फिर हम खिड़की से ही बाहर निकल आए और वो घर चली गई।
उसके बाद हमारे इम्तिहान आ गए और हमारी बातचीत कम होने लगी।

फिर एक दिन मैं उससे फोन पर बात कर रहा था कि उसकी मम्मी ने उसे पकड़ लिया और उससे उगलवा लिया।

उसने कहा- मैं साहिल को पसंद करती हूँ।

उसकी मम्मी ने उसे मुझे मिलने से मना कर दिया। इस तरह मेरा और उसका ब्रेकअप हो गया।

जब हम कॉलेज में तीसरे साल में आए, तो वो मुझ से बात भी नहीं करती थी। फिर मुझे दो महीने बाद पता चला कि उसकी किसी और लड़के के साथ दोस्ती हो गई है। मुझे बहुत बुरा लगा क्योंकि वो उसका एक्स बॉयफ्रेंड था। यह मुझे धोखे जैसा लगा। मेरी और उसकी बहुत लड़ाई हुई, पर मुझे इतनी ख़ुशी है कि उसकी सील मैंने ही तोड़ी। आज इस बात को दो साल हो गए हैं, पर मैं उसे भुला नहीं पाया हूँ और बहुत अकेला हूँ।

मेरी इस कहानी के विषय में आप सभी के विचार आमंत्रित हैं।

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