टयूशन के बहाने कमसिन लड़की की चुत चुदाई स्टोरी
अन्तर्वासना चुदाई स्टोरीज पढ़ने वाले मेरे दोस्तो, मेरा नाम अरुण है और मैं 21 साल का हूँ.
बात उस समय की है, जब मैं बी.कॉम के फाइनल ईयर में था. चूंकि मैं पढ़ने में काफ़ी अच्छा हूँ इसलिए मैं 11वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स को टयूशन भी पढ़ाता हूँ. मैं करीब 2 साल से टयूशन पढ़ा रहा हूँ और मेरे पास कई स्टूडेंट्स पढ़ने आते हैं. मैं कॉलेज से 3 बजे आता था, उसके बाद ही टयूशन पढ़ाता था. सबसे पहले 11वीं क्लास को और उसके बाद 12वीं क्लास को पढ़ाता था.
एक दिन जब मैं 12वीं क्लास को टयूशन पढ़ा रहा था, तभी एक आंटी आईं और बोलीं- बेटा तुम मेरी बेटी को टयूशन पढ़ा दो, उसके 11वीं में बहुत कम नम्बर आए हैं इसलिए 12वीं में मैं उसको टयूशन के भेजना चाह रही हूँ.
मैंने ‘हाँ’ कर दी और उनसे कहा- ठीक है कल से आप अपनी बेटी को टयूशन भेज देना.
जब अगले दिन 12वीं क्लास के स्टूडेंट्स टयूशन पढ़ने आ रहे थे, तब मैं उस नई लड़की का इंतजार कर रहा था. जब वो आई तो मैं उसको देखता ही रह गया. वो इतनी खूबसूरत थी कि उसको देख कर ही मेरा लंड खड़ा हो गया. उसका नाम आरती था, उसकी उम्र 19 साल की थी. उसका फिगर लगभग 30-26-32 का रहा होगा और रंग एकदम गोरा था.
मैंने जब से उसको देखा तभी से उसको चोदने के सपने देखने लगा.
मेरे पास टयूशन में पढ़ते हुए आरती को एक महीना हो चुका था इसलिए वो मुझसे काफ़ी घुल-मिल गई.
एक दिन वो टॉप-जीन्स पहन कर टयूशन आई.. क्या लग रही थी. मुझे ऐसा लग रहा था कि उसी वक़्त उसको पकड़ कर चोद दूँ.
उस दिन जब वो मेरे पास सवाल पूछने आई और मेरे सामने बैठ गई. उसी वक़्त मेरी नज़र उसकी चुचियों पर गई. झुके होने के कारण आरती की चूचियां साफ़ दिख रही थीं. एकदम मस्त और गोरी चूचियां देख कर मेरा लंड अकड़ गया. आरती के जाने के बाद उसकी चुचियों को याद करके उस दिन मैंने 4 बार मुठ मारी और फिर सो गया.
सुबह जब मैं सो कर उठा तो मेरे पिता जी मेरे पास आए और बोले- मुझे और तुम्हारी माँ को किसी ज़रूरी काम से गाँव जाना होगा, तो तुम यहाँ पर सब ध्यान से देखते रहना और मेरी टिकट बुक करवा दे.
मैंने माँ और पिता जी के ऑनलाइन 2 टिकट तत्काल कोटे में बुक कर दीं. मेरी माँ और पिता जी उसी दिन गाँव चले गए.
अब मैं घर पर अकेला था तो मैं टाइम पास करने के लिए लैपटॉप चलाने लगा.
शाम हो गई और मेरे टयूशन के स्टूडेंट आ गए. उस दिन आरती के स्कूल में उसका क्लास टेस्ट हुआ था और उसको बहुत कम मार्क आए थे, जिसके कारण आरती की माँ टयूशन में आई और मुझे उसकी एक्सट्रा क्लास लेने के लिए कहने लगीं.
वो इतनी दुखी थीं कि मैं उनको मना नहीं कर पाया. मैंने अगले ही दिन से आरती की एक्सट्रा क्लास लेनी शुरू कर दी.
मैं आरती को पढ़ाने लगा, उस वक़्त हम दोनों घर पर अकेले थे. मैंने उसको कुछ सवाल करने के लिए दिए और फिर मैं अपने रूम में जाकर लैपटॉप पर ब्लूफिल्म देखने लगा. करीब 15 मिनट बाद वो सवाल के जवाब लेकर मेरे रूम में आ गई.
मुझे पता भी नहीं चला कि वो कब अन्दर आई. उसने मुझे ब्लूफिल्म देखते हुए देख लिया. मैं तो बहुत डर गया था मगर आरती ने कुछ नहीं कहा और अपने सवालों के जवाब दिखाने लगी. मैंने उसकी कॉपी चैक करके उसको दे दी.
फिर मैंने उसको घर भेज दिया और कहा- जो तुमने देखा उसके बारे में किसको भी मत बताना.
तो उसने कहा- ठीक है.
वो घर चली गई.
अगले दिन जब आरती आई तो मैंने फिर से वैसा ही किया, मगर आज मैं ब्लूफिल्म देखने के साथ लंड भी हिला रहा था. उसने मुझे फिर से देख लिया मगर आज भी उसने कुछ नहीं कहा और वो अपना काम दिखा कर चली गई.
ऐसे ही 4-5 दिन चलता रहा, वो रोज़ मुझे लंड हिलाते हुए देखती.
एक दिन मैंने उससे पूछा- तुम ब्लू फिल्म देखती हो?
आरती बोली- हाँ बहुत पहले देखी थी.
मैंने उसको कहा- ब्लू फिल्म देखोगी?
उसने कुछ नहीं कहा, मैं समझ गया कि उसको ब्लू फिल्म देखना पसंद है और वो देखना चाहती है. मैं आरती को अपने बेडरूम में ले गया और उसको ब्लू फिल्म दिखाने लगा. फिर मैं किचन में पानी पीने गया और जब वापस आया तो आरती ब्लू फिल्म देख कर मस्त हो चुकी थी और वो अपनी चूचियों को दबा रही थी.
यह देख कर मैं बहुत मस्त हो गया और उसके पास जा कर बैठ गया. मैंने अपना एक हाथ उसकी गांड पर रख दिया. जब उसने मुझसे कुछ नहीं कहा तो मेरी हिम्मत बढ़ गई. फिर मैंने दूसरा हाथ उसकी चुचियों पर रख दिया और जोर-जोर से दबाने लगा और किस करने लगा.
इससे वो गरम हो गई और ‘आहा.. उहुउऊ..’ की आवाज़ निकालने लगी.
मैंने उसके पूरे कपड़े उतार दिए और उसने मेरे कपड़े उतार दिए. जब मैंने उसकी चुत देखी तो मेरे मुँह में पानी आ गया. मैं बेड पर लेट गया और उसको अपने मुँह पर बैठा कर उसकी चुत चाटने लगा.
करीब 10 मिनट के बाद वो झड़ गई और मैं उसकी चुत का पूरा रस पी गया. फिर मैंने अपनी उंगली उसकी चुत में डाली.. तो वो चिल्लाने लगी. मैंने उंगली बाहर निकाली तो उसमें खून लगा हुआ था. मैंने उसे लिटा दिया और अपना लंड उसकी चुत पर टिका कर चुत में डालने लगा.
लंड का सुपारा ही घुसते ही वो रोने लगी और बोली- मत करो.. मैं मर जाऊंगी.
मैंने उसको समझाया- कुछ नहीं होगा.. थोड़ा दर्द होगा फिर बहुत मजा आएगा.
वो भी ब्लू फिल्म देख कर ये बात जानती थी कि चुत चुदाई में मजा आता है.
फिर मैंने लंड उसकी चुत में थोड़ा और अन्दर डाला तो खून निकालने लगा वो चिल्लाने लगी. मैं उतना लंड डाले हुए ही रुक गया और उसको शांत करने के लिए किस करने लगा. कुछ पल बाद वो शांत हो गई तो मैंने लंड बाहर निकाला और उसकी चुत व अपने लंड पर तेल लगा कर लंड उसकी चुत में पेल दिया.
उसको दर्द हुआ लेकिन फिर वो मस्त होकर चुदने लगी.
उस रात मैंने आरती की 4 बार चुदाई की, जिसके कारण उसकी चुत फूल गई और वो ठीक से चल नहीं पा रही थी. ये देख कर मैंने अपनी बाइक पर उसको घर छोड़ दिया.
अगले दिन जब वो टयूशन आई तो मैंने उसको नहीं पढ़ाया और उसको सीधे बेडरूम में ले गया और किस करने लगा. फिर उसको बेड पर लेटा दिया और उसकी चुत में उंगली करने लगा. उसने भी मेरी पेंट निकाल दी. फिर मैंने लंड उसके मुँह में दे दिया वो मजे से लंड चूसने लगी. मेरा लंड खड़ा हो गया तो मैंने लंड उसकी चुत में पेल दिया और चुदाई शुरू कर दी.
करीब 20 मिनट बाद मैं झड़ने वाला था तो मैंने पूरा मुठ उसकी चुत में ही छोड़ दिया.
वो डर गई और बोली- मैं प्रेग्नेंट तो नहीं हो जाऊँगी?
मैंने कहा- डरो मत, ऐसा कुछ नहीं होगा.
फिर मैंने उसको कुछ गर्भनिरोधक गोलियां खाने के लिए दे दीं.
कुछ देर बाद मैंने अपने लंड पर तेल लगाया और उसकी गांड के छेद पर भी मला. फिर थोड़ा तेल उसकी गांड के छेद के अन्दर भी डाल दिया. वो समझ गई कि अब मैं उसकी गांड मारने वाला हूँ.
उसने घबरा कर कहा- गांड में मत डालो, बहुत दर्द होगा!
तो मैंने उससे कहा- डरो मत तुमको दर्द ना हो, इसी लिए तो तेल लगाया है.
वो मान गई और गांड का छेद दिखा कर बोली- लो मार लो मेरी गांड.
मैं अपना लंड आरती की गांड में डालने की कोशिश करने लगा. मैंने बहुत कोशिश की मगर लंड उसकी गांड में घुस ही नहीं रहा था.
मैं कुछ देर रुका और फिर से उसकी गांड में डालने लगा. इस बार मैंने जोर का धक्का मारा तो लंड का थोड़ा सा हिस्सा आरती की गांड में घुस गया.
वो जोर-जोर चिल्लाने लगी और बोलने लगी- निकालो इसको मेरी गांड से.. मैं मर जाऊँगी.. मेरी गांड फट जाएगी..
मैं रुक गया और उसको किस करने लगा. अब वो शांत हो गई.. मैं फिर से काम पर लग गया. मेरा आधा लंड तो पहले ही गांड में घुस चुका था.. मैंने एक और धक्का दे दिया और पूरा लंड उसकी गांड में ठोक दिया, जिसके कारण आरती की गांड फट गई और खून निकलने लगा. वो रोने लगी तो मैं फिर रुक गया और उसको शांत करने लगा.
थोड़ी देर बाद वो चुप हो गई. फिर मैं धीरे-धीरे लंड उसकी गांड के अन्दर-बाहर करने लगा. अब वो भी मस्त हो चुकी थी और चुदाई में मेरे साथ देने लगी.
उस दिन मैं बहुत जोश में था, जिसके कारण मैंने आरती की दो बार गांड चुदाई की और पूरा मुठ उसकी गांड में छोड़ दिया.
मैंने आरती को एक साल तक पढ़ाया और उसके साथ बहुत चुदाई की. पहली बार जब आरती मेरे से टयूशन पढ़ने आई थी.. तब उसका बदन 30-24-32 का था.
लेकिन मैंने आरती के साथ इतनी चुदाई की कि उसका फिगर काफ़ी बदल गया. अब उसका बदन 32-24-36 का हो चुका था और अब वो और भी सेक्सी लगने लगी थी. अब तो आरती को और ज्यादा चोदने का मन करने लगा था.
मुझे जब भी मौका मिलता तो मैं आरती के साथ खूब चुदाई करता हूँ.
अब वो कॉलेज जाने लगी और उसके टयूशन आना छोड़ दिया मगर मैं आज भी आरती को अपने घर बुलाकर उसके साथ चुदाई करता हूँ.
मेरी चुदाई स्टोरीज पढ़ने का धन्यवाद. मेरी चुदाई स्टोरी आप सबको कैसी लगी.. मुझे ज़रूर बताइएगा.
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