दोस्त की बीवी संग शादी में डांस
सभी पाठकों को मेरा प्रणाम, मैं पंजाब में रहता हूँ और अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ।
अन्तर्वासना की कहानियाँ पढ़ कर मेरे मन भी हुआ कि मैं भी अपनी कहानी लिखूँ, अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है। आशा है आप सभी को पसंद आएगी।
यह बात अगस्त महीने की है, हमारे शहर में मेरे दोस्त की शादी थी। उसमें मुझे अपने दोस्त की बीवी यानि मेरी भाभी अंजलि, पहली बार मिली।
मैंने उसे देखा और देखता ही रह गया। क्या क़यामत थी!
अंजलि का रंग गोरा, हाइट करीब 5’2″.. शराबी आँखें, मस्त उभार, चिकना बदन, उसका फिगर 34-30-32 का था। जब से हम मिले, वो मेरी तरफ और मैं उसकी ही तरफ देखते रहे।
जब हम शादी में नाच रहे थे, मैं अंजलि के पास जाकर उसके साथ जाकर नाचने लगा, पर उसने मेरे साथ नाचने के लिए कोई आपत्ति नहीं दिखाई और शादी की भीड़ में हम दोनों नाचने लगे। भीड़ के बहाने से मैं उसके बदन को आगे से छूता रहा। उसने भी कोई विरोध नहीं किया और वो मेरे साथ नाचती रही।
मैंने कहा- भाभी आप बहुत ही ज्यादा सुंदर हो, आज मैं धन्य हो गया जो आप जैसी खूबसूरत लड़की के साथ नाचने का मौका मिला। आज तक मैं किसी भी इतनी सुंदर लड़की के पास नहीं गया।
अंजलि भाभी ने कहा- क्या तुम मुझे मस्का लगा कर लाइन मार रहे हो?
मैंने कहा- कुछ भी समझ लो, पर मैंने जो दिल में था वो कह दिया!
वो कहने लगी- झूठ कह रहे हो.. तुम्हारे दोस्त ने तो कभी भी मेरी इतनी तारीफ़ नहीं की!
मैंने कहा- सच में, मैं बिलकुल सच बोल रहा हूँ!
नाचते हुए हम एक-दूसरे के और करीब आते रहे। हम काफी देर तक ऐसे ही नाचते रहे और एक-दूसरे की आँखों में देखते रहे।
उसकी आँखों में नशा और गालों पर लाली छाती रही।
मैं उसके इतना करीब आया गया कि वो मेरी सांसों को और मैं उसकी सांसों को महसूस कर रहे थे।
मैंने मौका देख कर कहा- भाभी, मुझे तुमसे प्यार हो गया है!
उसने आगे से कोई जवाब न दिया और वो डांस करने से दूर चली गई और अपने पति के पास पहुँच गई।
मुझे डर लगने लगा कहीं वो मेरी कहीं हुई सारी बातें अपने पति को न बता दे!
वो उसके पास जा कर मेरी तरफ देख कर कुछ बात कर रही थी, मेरे दिल में और घबराहट होने लगी।
मेरे दोस्त ने मुझे आवाज दे कर मुझे अपने पास बुलाया।
मैं उसके पास जाने लगा और मेरे माथे पर पसीने छूट रहे थे, मैं डरता-डरता अपने दोस्त के पास गया।
उसने मुझे कहा- अरे यार तूने अपनी भाभी पर क्या जादू कर दिया… वो तुम्हारी तारीफ़ करती थक ही नहीं रही है!
तब जाकर मेरी साँस में साँस आई।
उसके बाद मुझे उसके साथ शादी में बात करने का कोई मौका नहीं मिला और शादी खत्म हो गई और हम अपने-अपने घर वापिस आ गए। शादी में न मैं उसको अपने मोबाइल नंबर दे सका और और ना ले सका।
दो-तीन दिन बाद मुझे कुछ खरीददारी करनी थी और मैं एक मॉल में गया, वहाँ पर मैंने अपनी जरुरत की कुछ चीजें खरीदीं।
अभी कुछ और सामान खरीदना था और मैं मॉल की दूसरी तरफ जा रहा था और सामने से मुझे भाभी आती हुई नजर आई। मैंने उनको देख लिया और भाभी में मुझे देख लिया और दूर से ही हम एक-दूसरे को देख कर मुस्कुराए और पास आकर एक-दूसरे को ‘हैलो’ किया काफी देर तक हम एक-दूसरे से बातें करते रहे।
मैंने पूछा- आप यहाँ कैसे?
और भाभी में कहा- मुझे अपनी कुछ जरूरत का सामान खरीदना था और तुम्हारे दोस्त एक हफ्ते के लिए बाहर गए हुए हैं।
मैंने कहा- अगर सामान खरीद लिया हो तो कॉफ़ी पिएँ!
और भाभी कहने लगी- हमारा घर मॉल के पास ही है, आप भी घर चलो.. साथ में ही कॉफ़ी पियेंगे!
हम दोनों उसके घर पहुँच गए।
घर पहुँचते ही भाभी ने मुझे ड्राइंग रूम में बिठाया और भाभी रसोई में कॉफ़ी बनाने चली गई।
कुछ ही देर में वो कॉफ़ी लेकर आई और मेरे पास बैठ कर कॉफ़ी पीने लगी, हम बातें करने लगे।
बातों-बातों से मुझे पता चला के उसके पति का उसके प्रति रवैया ठीक नहीं है और वो बहुत दुखी है, उनकी रोज लड़ाई होती है।
इसी तरह की बातें करते-करते वो मेरे कंधे पर सर रख कर रोने लगी।
मैं उसे समझाने लगा और मैंने कहा- मेरा दोस्त मूर्ख है, जो तुम जैसी सुंदर बीवी का ध्यान नहीं रखता। अगर तुम मेरी बीवी होतीं, तो मैं तुम्हें बहुत प्यार करता, तुमको दुनिया के सारे सुख देता!
वो जोर-जोर से रोने लगी और वो मुझसे लिपट कर रोने लगी, तो मैं मौके का फायदा उठाते हुए उसकी पीठ सहलाने लगा।
वो मुझसे चिपट गई, मैंने भी मौका देख कर उसके होंठों पर होंठ रख दिए और उसको चूमने लगा। हम काफी देर तक एक-दूसरे के होंठों को चूमते रहे।
मेरा एक हाथ उसकी चूचियों पर चला गया और मैं उसकी चूची को दबाने लगा।
वो कुछ नहीं बोली और मेरा हौसला और बढ़ गया।
अंजलि ने कहा- हम बेडरूम में चलते हैं!
बेडरूम में जाकर हम एक-दूसरे से लिपट गए। मैंने उसको बिस्तर पर लिटाया और उसकी चूचियों को मसलने लगा। वो भी अजीब-अजीब सी आवाजें निकालने लगी और जोर-जोर से मुझे चूमने लगी।
फिर मैंने उसका टॉप और जीन्स निकाल दिया। अब वो सिर्फ जालीदार गुलाबी पैन्टी और ब्रा में थी। मैं पहली बार उसे इस रूप में देख रहा था।
उसे देख कर ऐसा लग रहा था कि कामदेव ने सारी खूबसूरती इसी पर लुटा दी हो।
उसे देख कर मेरा 7″ इंच का लण्ड पैंट से बाहर आने तो छटपटाने लगा।
भाभी ने मेरे लण्ड को खड़ा देख कर मेरी पैंट और शर्ट उतार दी। मैं उसकी चूचियों को मसल रहा था जो ब्रा से बाहर आने को तड़प रही थीं। अब मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी।
क्या गजब की गुलाबी चूचियाँ थीं!
मैं तो भाभी की चूचियाँ देख कर पागल हो रहा था, एक चूची को मुँह में डाल कर चूसने लगा और दूसरी को हाथ से मसलने लगा।
कभी मैं उसकी पहली चूची को मुँह में लेता और कभी दूसरी को।
इसी बीच भाभी ने मेरे अंडरवियर में हाथ डाल कर मेरा लण्ड बाहर निकाला और उसको मसलना शुरू कर दिया।
वो मेरे लण्ड को देख कर बोलने लगी- तुम्हारे दोस्त का तो तुमसे छोटा और पतला है.. इतना लम्बा लण्ड मैं पहली बार देख रही हूँ!
उसकी बात सुन कर मैं पागल सा हो गया।
उसकी चूचियाँ मेरे चूसने से बिलकुल सुर्ख लाल हो गई थीं। अब मैं उसकी पैन्टी पर मुँह रख कर चूम रहा था, फिर मैंने उसकी पैन्टी भी उतार दी।
वाह.. क्या नजारा था..! क्या गलाबी चूत थी..!
उसकी चूत के ऊपर एक भी बाल नहीं था। एकदम चिकनी.. जैसे उसी दिन साफ़ की हो। मैं उसकी चूत को चाटने लगा, उसके मुँह से मादक आवाजें ‘आ आहा ऊह’ निकल रही थीं।
अब मैं उस पर 69 की स्थिति में आ गया। उसने मेरा लण्ड मुँह में ले लिया और वो उसे प्यार से चाटने लगी और मैं उसकी चूत चाट रहा था।
उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया था, जो मैं चाट गया।
क्या नमकीन पानी था..!
अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था, मैंने उसकी चूत पर सुपारा रख कर रगड़ने लगा और वो जोर-जोर से चिल्लाने लगी और कहने लगी- अब बस.. मुझसे और बर्दाश्त नहीं हो रहा!
मैंने उसकी जांघों के बीच बैठ कर अपने लण्ड को उसकी चूत पर रख कर जोर से झटका मारा और लगभग 3 इंच लौड़ा उसकी चूत के अन्दर चला गया।
उसकी चूत एकदम कसी हुई थी, उसे दर्द हो रहा था और वो बोली- आह..जान.. धीरे से डालो.. पहली बार इतना बड़ा और मोटा अन्दर जा रहा है!
मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से दबा लिया और चूसता रहा और बस एक ही झटके में मैंने अपने लण्ड उसकी चूत में घुसेड़ दिया।
वो एकदम से चीख पड़ी और मैं रुक गया।
मैं ऐसे ही उसके ऊपर लेट गया और उसको चूमता गया।
अब वो भी मस्ती में आने लगी फिर बस उस कमरे में तूफ़ान आ गया, जो थमने का नाम नहीं ले रहा था।
मैंने उसकी लगभग 15 मिनट तक अलग-अलग तरीके से चुदाई की जिसमें वो दो बार झड़ चुकी थी।
अब मैं भी झड़ने वाला था, तो मैंने उससे पूछा- मैं भी आने वाला हूँ.. कहाँ आऊँ..!
तो उसने कहा- अन्दर ही जाने दो..!
मैंने और जोर-जोर से चुदाई शुरू कर दी और दो-तीन धक्कों में ही मेरे लण्ड ने अपना लावा उसकी चूत में छोड़ दिया। वो मेरे माल को अपने अन्दर महसूस कर रही थी और मेरे मुख को चूम रही थी।
उसने कहा- मेरी जान आज तक मुझे इतना सुख कभी नहीं मिला जो आज तुमने दे दिया। आज से मैं तुम्हारी दासी हो गई!
काफी देर तक मैं उसके ऊपर ऐसे ही पड़ा रहा और हम एक-दूसरे को चूमते रहे।
उस दिन मैंने भाभी की दो बार चुदाई की फिर मैं उसके घर से ही फ्रेश हो कर चला गया। फिर हमने एक हफ्ते तक पूरी मस्ती की, जब तक मेरा दोस्त काम से वापिस नहीं आया। उन सात दिनों में मैंने भाभी को कई बार चोदा।
अब मुझे जब कभी भी मौका मिलता है मैं भाभी की चुदाई करता हूँ।
मुझे उम्मीद है कि आप सभी के लौड़े खड़े हो चुके होंगे और चूतें रसीली हो गई होगीं..! पर फिर भी यार मुझे मेल तो करो..!
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