गांव की देसी लड़की ने मज़े से चूत चुदवाई

गांव की देसी लड़की ने मज़े से चूत चुदवाई

दोस्तो, मैं मनीष आपका अपना… पहले मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ। आपने मेरी पहली कहानी
पड़ोस की लड़की की कुँवारी चूत ली
को इतना प्रोत्साहित किया।

अब मैं अपनी अगली कहानी लिखने जा रहा हूँ, उम्मीद करता हूँ जैसे मेरी पिछली कहानी को आपका प्रोत्साहन मिला वैसे ही इसे भी मिलेगा।

अब ज्यादा बोर ना करते हुए अपनी बात पर आता हूँ।

बात तब की है जब मैं जयपुर मैं था। मैं और मेरा कजिन दोनों रूम लेकर साथ में रहते थे। गाँव में मेरे कजिन की एक गर्लफ्रेंड थी वो रोजाना उससे बात करता था।
मैंने उससे कहा- गाँव में मेरी भी किसी देसी लड़की से सेटिंग करा दे!
तब उसने मुझे कहा- ठीक है।

हमारे गांव की एक देसी लड़की पटाई

फिर कुछ दिन बाद उसने एक लड़की के बारे में बताया और कहा- तू इसे जानता होगा!
मुझे सही से याद नहीं था… वैसे भी मुझे क्या करना था, मुझे तो चूत चाहिए थी, बहुत दिनों से लंड परेशान कर रहा था चूत के लिए!
मेरे कजिन ने मुझे बताया था कि वो थोड़ी रांड टाइप की लड़की है। उसका नाम संगीता है।
मैंने उससे बात कराने के लिए कहा।

फ़ोन सेक्स

मेरे कजिन की मदद से मुझे नंबर भी मिल गये और हमारी बात शुरू हुई, कुछ दिनों में हमारी सही से सारी बात होने लग गई।

वो लड़की काफी सेक्सी बातें किया करती थी जैसे- आपका कितना लम्बा है, ये वो… बहुत कुछ!
मुझे मजा आने लगा था, मस्त माल चोदने को मिलने वाला है।

फिर एक दिन मेरे कजिन ने कहा- गाँव चल!
हम दोनों सुबह निकले शाम तक गाँव आ गये।

गाँव में उसका और मेरा दोनों का घर अलग अलग था। मेरे घर वाले सब मध्यप्रदेश रहते हैं तो मेरा घर खाली पड़ा था।
उसके घर खाना खाकर हम दोनों मेरे घर आ गये और फिर वो नाईट में खुद की गर्लफ्रेंड से मिलने चला गया और मैं उस लड़की को फ़ोन लगाकर बात करने लग गया।

उस लड़की का सांवला रंग छोटी कद काठी 30-26-30 का फिगर होगा।
मैंने उसे बताया- मैं गाँव आ गया हूँ।

वो बहुत खुश थी, उस रात हम दोनों से फ़ोन सेक्स किया, अगले दिन हम दोनों मिलने वाले थे। उस बात को लेकर मैं पूरी रात सो नहीं पाया।
मेरा कजिन रात को काफ़ी देर से आया और फिर हम दोनों सो गये।

चूत चुदाई का दिन भी आ गया

सुबह उठकर कजिन के घर गये और वहाँ से जल्दी से तैयार होकर मेरे घर आ गये।
मैंने मेरे कजिन को कहकर संगीता को बुलाने के लिए कहा, मेरे लंड तड़प रहा था बहुत ज्यादा!

मेरा कजिन उस लड़की को घर के अंदर तक सबसे छुपकर लेकर आया।

मैं उस लड़की को आराम से चोदना चाहता था तो मैंने मेरे कजिन को वहाँ से भेज दिया और बाहर ताला लगाने को कहा।
मेरा कजिन ताला लगाकर चला गया।

मैं जयपुर से एक वियाग्रा की गोली और कंडोम के पैकेट लेकर गया था, पानी पीकर गोली ली और संगीता के पास बैठकर उससे बात करने लगा।
वो उस दिन सलवार सूट में थी, मस्त लग रही थी, मगर उससे मुझे क्या… वो कपड़े कुछ ही समय में उतरने वाले थे, धीरे धीरे मैं उसके पास जाकर उसको लबों पर किस करने लगा और मैंने उसका हाथ मेरे लंड पर रख दिया।
वो मेरा लंड सहलाने, दबाने लगी।
मैं उसकी गर्दन पर किस करता और वो मेरा लंड जोर से दबाती! मुझे और उसे मजा आने लगा था।

मैंने उसे अलग किया और उसके सारे कपड़े उतार दिए, नीली पेंटी में वो मस्त लग रही थी, ब्रा वो पहन कर ही नहीं आई थी, यह अदा मुझे उसकी पसंद आ गई।
और कुछ देर बाद मेरे भी सारे कपड़े उतर गये।

मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया और उसके दोनों चूचुक चूसने और दबाने लगा, एक चूसता और एक जोर जोर से दबाता वो चिल्लाती, मुझे मजा आता!

इस तरह थोड़ी देर मजे लेता रहा, फिर धीरे धीरे नीचे की और बढ़ने लगा, वो अपनी चूत क्लीन शेव चिकनी करके आई थी। मुझे क्लीन शेव चिकनी चूत ही पसंद है, मैंने उसे पहले ही बता दिया था।

उसकी चूत में अजीब सी गंध थी जो मुझे अजीब सा नशा चढ़ा रही थी। मैं उसकी चूत के दाने को कभी चाटता तो कभी दांतों से काटता और चूसता जा रहा था। उसकी चूत बहुत पानी छोड़ रही थी और मैं उसे चाटता जा रहा था, अजीब सा मीठा सा नमकीन स्वाद था।
उसकी चूत की खुशबू और पानी के स्वाद ने इतना पागल कर दिया मुझे, मैंने उसकी चूत को इतना चाटा कि वो झड़ गई।

फिर मैंने उसे किस किया और अपना लंड उसके मुँह के सामने लगा दिया, उसने झट से लंड मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया जैसे छोटे बच्चे लोलीपोप चूसते हैं। वैसे ही।
वो बड़ी एक्सपर्ट थी।
मन ही मन मुझे लगा, इसे चोदने में बहुत मजा आने वाला हैं, यह मजा भी बहुत देगी।

उसने बहुत देर तक मेरा लंड चूसा, मैं झड़ने वाला तो था नहीं, गोली जो खाई हुई थी।
वो मेरा लंड चूसे जा रही थी और मैं उसकी चूत में कभी एक उंगली तो कभी दो उंगली डालकर उसे मजा दे रहा था।

जब मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने उसे हटाया और उसे लेटाकर लंड पर कंडोम पहनाया और उसकी चूत में डालने लगा।
उसकी चूत टाईट तो थी मगर इतनी टाईट नहीं थी, मैंने लंड चूत के मुँह पर लगाया और एक जोर से झटका दिया और मेरा लंड आधा अंदर घुसा दिया, उसने हल्का सा उफ़ किया एक और झटका दिया मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया।

फिर मैंने उसे धीरे धीरे चोदना शुरू किया, वो बड़ी मस्त तरीके से चुदवा रही थी, उसकी सिसकारने की आवाज़ें उम्म्ह… अहह… हय… याह… मुझे जोश चढ़ा रही थी।

थोड़ी देर बाद मैंने पोजीशन बदली और उसको मेरे ऊपर बैठाकर मेरे लंड की सवारी करवाई।
मुझे डोगी स्टाइल बहुत पसंद है तो मैंने उसे बेड से नीचे उतारा और बेड के सामने झुकाकर पीछे से उसकी चूत में लंड डाल दिया।
वो जोर से चिल्लाई- ऐसे क्या कर रहे हो आराम से करो ना!

हमारे घर पर वो पुराने टाइम में लकड़ी के तख्त आते थे ना, वो थे, मैं उसे झटके देकर चोदता और वो तख्त आवाज करता ‘चूं- चूं…’ की… बड़ा मजा आ रहा था।
वैसे उसे डोगी स्टाइल में चोदते हुए और वो तखत की आवाज और मजे दे रही थी।

उसे लगातार काफ़ी देर तक अलग-अलग आसनों में चोदता रहा और वो मजे लेती रही।
जब मेरा निकलने वाला था तो मैंने लंड पर से कंडोम हटाया और लंड उसके मुँह में दे दिया। उसने थोड़ी देर मस्त तरीके से उसे चूसा और जब मैं झड़ा तो वो सारा माल मुँह में लेकर पी गई और फिर मेरा लंड आराम से मुझे लेटा कर चूस चूस के साफ़ कर दिया।

उस दिन बहुत दिनों बाद मुझे चूत मिली थी। हम दोनों ने करीब दो घंटे बहुत मजे किये और साथ में नंगे बिना कपड़ों के काफी टाईम तक लेटे रहे।
गाँव था तो ज्यादा देर रुक नहीं सकती थी, मेरे कजिन को बुलाकर उसे सेफ्टी से घर निकाला।

मेरा कजिन सब समझ चुका था, उसे पहले से ही पता था, इसलिए उसने यह लड़की पटवाई थी।

उसके बाद हम दोनों वापस आ गये।
उसके हर दिन मुझे बुलाने के लिये उसके फ़ोन मेरे पास आते और मेरे कजिन को भी फ़ोन आते, कहती- मनीष को गाँव लेकर आओ
ना!
मेरा कजिन मुझसे पूछता- ऐसा क्या कर दिया कि तुझे इतना याद कर रही है।
अब उसे क्या बतायें कि मैंने उसे कितनी मस्त तरीके से चोदा… फ़ैन तो होना ही था उसे मेरे लंड का!

दोस्तो मुझे पता हैं शायद मेरी कहानियों में आपको इतना मजा ना आता हो। नया लेखक हूँ धीरे धीरे सीख जाऊँगा।
उम्मीद करता हूँ आप सबको पसंद आएगी मेरी यह आपबीती, मुझे मेल करके जरुर बताइएगा।
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