बस स्टैंड पर देसी लड़की पटा कर चूत चोदी
हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम राज है, मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ।
मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। यहाँ की हिन्दी सेक्स कहानियां मुझे बहुत पसंद हैं।
मैं जब भी यहाँ की सेक्स कहानियाँ पढ़ता था तो सोचता था कि ना जाने मेरी किस्मत कब खुलेगी।
यह कहानी पिछले साल की है.. तब मेरी उम्र 23 साल की थी।
मैं रोज की तरह ऑफिस की छुट्टी के बाद बस स्टैंड पर अपनी बस का इन्तजार कर रहा था।
तभी स्टैंड पर एक लड़की आई.. जिसका नाम सुमन था।
मैं उसे काफ़ी देर से देख रहा था, वो भी मुझे नोटिस कर रही थी कि मैं उसे देख रहा हूँ।
हम पहले भी बस स्टैंड पर कई बार मिल चुके थे।
स्टैंड पर देखने-दिखाने का सिलसिला यूं ही चलता रहा।
फिर एक दिन मैंने उसे इशारे से हाय कहा तो उसने भी इशारे से रिप्लाई दिया।
तब मुझे लगा कि बेटा इसके साथ बात बन सकती है। मैं उसके पास गया।
थोड़ी हाय हैलो की.. फिर 1-2 दिन बाद मैंने उससे उसकी फेसबुक की आईडी माँग ली।
अब हम दोनों फेसबुक पर चैट करने लग गए और धीरे-धीरे करके फोन नम्बर भी शेयर हो गए।
फिर एक दिन मैंने उससे मिलने का कहा तो उसने कहा- मैं नहीं आ सकती।
उसने कहा कि उसके घर पर कोई नहीं है.. इसलिए उसने मुझे अपने घर पर ही बुला लिया।
मेरी तो जैसे लॉटरी निकल पड़ी।
मैं फ़ौरन तैयार होकर उसके घर चला गया।
जब उसने दरवाजा खोला.. तो मैं उसे देखता ही रह गया।
वो ब्लैक स्कर्ट और वाइट टॉप पहने हुई थी, उसमें वो बहुत सेक्सी लग रही थी।
मैंने उसे स्कर्ट में पहली बार देखा था।
उसने मुझे कॉफी ऑफर की और हम थोड़ी बातें करने लगे।
उसके घर पर मूवी देखने लग गए।
उस फिल्म में कुछ सेक्सी सीन आ रहे थे.. जिसे देख कर हम दोनों गर्म हो रहे थे। मैंने अपना हाथ उसकी जाँघों पर रखा और सहलाने लगा।
उसने कोई विरोध नहीं किया।
थोड़ी देर बाद वो उठ कर किचन की तरफ गई और मैं भी उसके पीछे हो लिया।
मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया और उसकी गर्दन पर चूमने लगा।
वो तुरंत मुड़ी और मुझे हल्का का धक्का दिया, बोली- नहीं.. यह ग़लत है।
मैं उससे मनाने लगा और उसे फिर से किस करने लगा। वो चाहते हुए मना करने वाला विरोध करने लगी और फिर मेरा साथ देने लगी।
मैंने रसोई में ही उसके टॉप और स्कर्ट को उतार दिया।
अब वो सिर्फ़ पैन्टी पहनकर खड़ी थी, उसके मम्मे काफ़ी मस्त लग रहे थे।
मैं उसे लगातार चूमने लगा और उसके मम्मों को चूसने लगा।
मेरा लंड एकदम तन गया था, उसने मेरे लण्ड को पैन्ट के ऊपर से पकड़ लिया और हिलाने लगी।
मैंने पैन्ट उतार दी, उसे गोद में उठा कर कमरे में ले गया और बिस्तर पे लिटा दिया।
जल्दी से मैंने अपना अंडरवियर भी उतार दिया।
हम दोनों 69 पोज़िशन में आ गए।
फिर कुछ देर की रसीली चुसाई के बाद हम दोनों झड़ चुके थे।
मैंने उसके मम्मों को और उसने मेरा लंड चूस कर एक-दूसरे को फिर से गर्म किया।
अब वो बोली- प्लीज़ डाल दो डियर.. अब सहा नहीं जाता।
मैंने उसकी टांगें अपने कंधे पर रखीं और एक धक्का लगाया.. पर फिसल गया।
मैं और वो भी दोनों का ही पहली बार का मामला था।
उसकी चूत काफ़ी कसी हुई लग रही थी।
फिर उसने अपने हाथ से लंड सैट को किया।
अब मैंने धक्का लगाया तो मेरा लंड चूत को चीरता हुआ थोड़ा सा अन्दर घुस गया। वो दर्द के मारे रोने लगी।
फिर मैं धीरे-धीरे करके उसके मम्मों को चूसता रहा और धक्के भी मारता रहा। उसका दर्द कुछ कम हुआ और वो भी गाण्ड उठा-उठा कर मज़े लेने लगी।
वो चुदास भरी सेक्सी आवाजें भी निकाल रही थी, कमरे में हम दोनों की मादक आवाजें गूँजने लगीं.. जिससे मेरा जोश और भी बढ़ गया, मैं ओर तेज़-तेज़ धक्के लगाने लगा।
कुछ मिनट बाद मेरा माल झड़ चुका था, तब तक वो झड़ चुकी थी।
उसके कुछ देर बाद मैंने उसे डॉगी स्टाइल में चोदा और उसकी गाण्ड पकड़ कर लगातार धक्के लगाने लगा।
वो काफ़ी सेक्सी आवाजें निकाल रही थी ‘आआहा हूंम्म्म.. आहहा..’
उसकी आवाजों से पूरा कमरे का माहौल सेक्सी हो गया था।
उसके बाद मैं नीचे लेट गया ओर वो मेरे ऊपर आकर अपनी चूत को मेरे लंड पर टिका कर उछलने लगी।
उस वक्त वो बहुत सेक्सी लग रही थी, उछलते वक्त उसके चूचे हवा में उछल रहे थे।
मैं उसके मम्मों को चूसता रहा और वो उछलती रही।
वो मस्ती में बोलती रही- फक मी डियर.. फक मी जानू.. कम ऑन फक मी हार्ड.. उस दिन हम दोनों ने 4 बार सेक्स किया।
वो काफ़ी खुश लग रही थी।
उसके बाद भी हम बीच-बीच में मिलते रहे।
उसके बारे में आपको अगली कहानी में कुछ और भी लिखूंगा।
यह मेरी लाइफ में सेक्स का फर्स्ट एक्सपीरियेन्स था।
दोस्तो, आपको मेरी कहानी कैसी लगी। मुझे ईमेल करके ज़रूर बताइएगा।
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