देवरानी-जेठानी को चोदा-2
प्रेषक : सूरज कुमार जोशी
मैं कामयाबी की शुरुआत छोटी बहू के साथ करने जा रहा था। लम्बे अरसे तक दोनों को चोद सकता था, खूब मज़ा देने वाली थी दोनों ! दोनों फंसी थी और खूब जवान थी।
मैं छोटी वाली से बोला- चल अब मूत कर ले !
वो अन्दर जाने लगी तो मैंने उसे रोका, कहा- यहीं सबके सामने बैठ कर !
वो मना करने लगी तो मैंने उसका कमीज ऊपर करके उसकी पजामी का नाड़ा खींच दिया, बोला- चल अब यहाँ सामने सबके बीच में आकर पजामी नीचे करके पेशाब कर !
वो कभी अपनी जिठानी की ओर तो कभी अपने ससुर की ओर देखने लगी।
मैं थोड़ा जोर से बोला- अब मूत बैठ कर !
वो घबरा कर एकदम से वहीं बैठ गई और उसका पेशाब निकल गया।
जब वो पेशाब करके उठी तो मैंने बड़ी को कहा- चल तू यहाँ इसे साफ़ कर !
और मैं छोटी के साथ पहली चुदाई के लिए कमरे की तरफ़ चला। रास्ते मैं उसकी एक चूची को पकड़कर दबाते उसे मस्त करने के लिए कहा- हाय अभी तो तू लड़की सी दिखती है, बड़ी वाली तो औरत लगती है, मेरे साथ तुझे बहुत मज़ा आएगा।
मुझे चुदासी औरतों से मज़ा लेना आता था, वह चूची दबवाते ही गरम हो गई, ऐसी शानदार चूचियों को पाकर मेरा लंड बेकरार हो गया और पानी छोड़ने लगा। माल तगड़ा था इसलिए झरने का डर था।
चूचियों को पकड़ते ही समझ गया कि इसकी चूत भी कसी होगी। कमरे में मैं फौरन कुर्सी पर बैठा और उसकी कमर में हाथ डाल कर उसके चूतड़ों को अपने लंड पर खींचकर गोद में ले लिया और दोनों चूचियों को जैसे ही शर्ट के ऊपर से पकड़कर गाल को चूमा, वह मजे से भर कर गदराये चूतड़ों को लंड पर रगड़ती हुई बोली- छोड़िये न ! कमीज उतार देती हूँ !
“ऐसे ही दबवा ले, बाद में उतारना ! घबरा नहीं, तुझे पूरा मज़ा मिलेगा, तू छोटी है इसीलिए पहले लाया हूँ। बता बुड्ढा ससुर तेरे साथ क्या-क्या करता है?”
नई जवानी को फंफनाये लंड पर बिठा कर पूछा तो वह बोली- जी केवल चूमते और चाटते हैं हम दोनों को !
“इसको पीते भी हैं?”
“जी !”
“चुसवाने में मज़ा आता होगा?” मैंने अनार सी चूचियों को कसकर दबाते हुए लंड को गांड की दरार में रगड़ते कहा तो बोली- जी, आता है !
“चूत भी चाटती हो?”
“जी !” वह मदहोश हो बोली।
“यह सब करती हो तो चूत नहीं गरमाती क्या? चुदवाने का मन नहीं करता क्या? बुड्ढा चोदता है या नहीं?”
“नहीं, बाबूजी का तो खड़ा ही नहीं होता !”
“तेरा आदमी तो चोदता होगा?”
“कभी कभी ! बहुत पतला सा है उनका, ज़रा भी मज़ा नहीं आता ! हाय, आप करिये ना, आपका तो तैयार है !” वह मेरे लंड पर अपने चूतड़ रगड़ती बेताबी के साथ खुलकर चोदने को बोली।
मैं उसको गोद में बिठाकर जन्नत में पहुँच गया था, उसके गदराए चूतड़ लंड को गज़ब का मज़ा दे रहे थे। जब खुलकर अपने आदमी के मरियल लंड के बारे में बताया तो मैं लंड को उभारता मस्ती के साथ दोनों चूचियों को दबाता प्यार से उसको गोद में सम्हालता बोला- तेरे आदमी का लंड बहुत छोटा है क्या?
“जी बच्चे सा ! मज़ा नहीं आता ! हाय करिये ना ! आपका तो खड़ा हो गया है !”
वह मेरी गोद में मोटे लंड पर अपनी गांड को रख चूचियों को दबवाती हुई चुदास से भर गई थी पर मुझे तो अभी मज़ा लेकर एक बार लंड की मस्ती झारकर प्यार से दमदार तरीके से चोदकर इसकी चूत को पहली चुदाई में इतना मज़ा देना था कि हरदम मुझसे मज़ा लेने के लिए बेकरार रहे।
अभी तक मैंने उसकी चूत पर एक बार भी हाथ नहीं लगाया था, जब तनी-तनी चूचियों के निप्ल पकड़ कर मसला तो उसकी चूत गनगना गई और वह खुलकर बोली- हाय मेरी चूत मस्त हो रही है, अब चोदिये ना !
“अभी नहीं ! पहले जवानी का मज़ा ले, एक बार पानी निकल जाने दे ! बता तेरा आदमी कितनी देर चोदता है?” हाथ में आसानी से आने वाली मस्त चूचियों को ज़ोर-ज़ोर से दबाते कहा तो वह बोली- जी बहुत से बहुत बस एक मिनट !
“अरे तब तो वह साला नामर्द है, मज़ा क्या आएगा, कम से कम दस मिनट तक न चोदा तो मर्द ही क्या ! शरमा नहीं, अब तू मेरा मज़ा ले। आज से अपने आदमी को भूल जा और मेरी बीवी बनकर मज़ा ले। बड़ी बहू से ज़्यादा मज़ा तुझे दूँगा, अब बराबर दिन में आया करुँगा। तुम दोनों ससुर को चटाकर मस्त किए रहना। ले हाथ से पकड़ कर अपनी चूत पर रख, देख मेरा लंड तेरी चूत में जाएगा या नहीं ! देख कितना मोटा है।”
मैं जानता था कि खुलकर चुदाई की बात करने से चूत कुलबुलाती है। छोटी बहू अभी एकदम लौंडिया सी थी, एकदम जवान मस्त चूचियाँ थी, उसकी चूचियाँ इतना मज़ा दे रही थी कि लंड झड़ने के करीब था। मैंने उसकी चूचियों को मसलते हुए कहा- बता मेरा मोटा है न?
“जी बहुत अच्छा है।” वह लंड पर अपनी गांड दबा मेरे लंड की तारीफ करती बोली।
वह चूत में लंड लेने को उतावली थी पर मैं ताजी हसीं चूत को मस्ती के साथ चोदकर मज़ा लेने के मूड में था। धीरे से एक हाथ को उसकी एक रान पर लगा उसकी पजामी की फटी मियानी पर लाते हुए बोला- ज़रा अपनी चूत तो दिखा !”
मेरी बात सुन उसने प्यार से टांग को फैलाकर चूतड़ उभार कर पजामी के आगे के फ़टे हिस्से को हाथ से फैला दिखाया तो उसकी जवान चूत को देखते लंड झड़ते-झड़ते रुका। चूत अभी कच्ची थी। पति और ससुर का लंड खाने के बाद भी फांके कसी थी, बाल भी हल्के से थे, एकदम गुदाज़ मस्ती से भरी गरम चूत थी, जैसा सोचा था उससे भी खूबसूरत चूत थी।
छोटी बहू ने मेरे जैसे जवान की हरकत से मस्त हो अपनी चूत को मेरे हाथो में दे दिया था। मैंने उसकी चूत को दबाते हुए एक चूची को पकड़ कर कहा- तेरी तो बिना पजामी उतारे चोदने वाली है, पजामी ख़ुद फाड़ी है?
“जी हाय राम ! इसको चोदिये अब !” तनी-तनी फांक को उंगली से मसला तो वह तड़प कर बोली।
“पहले यह बता कि मेरा बहुत मोटा है, अगर चोदने में चूत फट गई तो?”
“हाय फाड़ दीजिये, ओह्ह इसे चोद दीजिये !”उसकी चूत पानी छोड़ने लगी थी। गदरायी चूत को हाथ से सहलाते मुझे भी जन्नत दिखने लगी थी, लंड को झड़ने से रोकने के लिए सुपारे को कसकर दबाया। उसकी दोनों चूचियों को उसकी कमीज़ के बटन खोल बाहर किया तो अनार सी कड़ी कड़ी नंगी चूचियों को देख तड़प उठा, बहुत मस्त माल हाथ लगा था। नंगी चूचियों में और मज़ा आया।
मैंने दोनों चूचियों पर हाथ फेरते कहा- इस समय तेरा ससु्रा बड़ी की चूचियों को पी रहा होगा !
“जी !”
“तेरी भी तो पीता होगा?”
“जी !”
“मज़ा आता हो तो मुझे भी पिला !”
“पीजिए न ! हाय, आप कितने अच्छे हैं।”
“डर है कहीं तेरी चूत फट न जाए, वैसे बड़ी वाली में मेरा आराम से जाएगा।”
“हाय, नहीं फटेगी, मुझे ही चोदो !” वह उतावलेपन से बोली तो मैंने कहा- बात यह है मेरी जान कि मैं सूखी चूत चोदता हूँ, तेल या क्रीम लगाकर नहीं। ! तेरी चूत छोटी है पर तेरी जेठानी की औरत वाली होगी !”
“हाय सूखी ही चोदिये, फटने दीजिये।”
“एक बात और, मैं नंगी करके चोदता हूँ !”
“रुकिए, मैं सारे कपड़े उतार देती हूँ।”
अब मुझे यकीन हो गया था कि छोटी बहू मेरे मजे पाकर मस्त है। इधर कमरे में मैं छोटी बहू के साथ मज़ा ले रहा था उधर वह बुड्ढा आँगन में जवान बड़ी बहू के साथ मज़ा ले रहा था।
“तेरा आदमी एक आध मिनट ही व्चोदता है तभी तेरी आग-प्यास नहीं बुझती। घबरा नहीं, देखना, कम से कम 25 मिनट तक चोदकर 5-6 बार झाड़ूँगा तुझे आज ! पर जैसे कहूँ वैसे मस्त होकर करेगी, तभी मज़ा आएगा !”
उस समय मेरा लंड लुंगी से थोड़ा बाहर था, उस लंड को वह बड़े प्यार से देखने लगी तो में खड़ा हो उसकी चूचियों को दबाता बोला- देख ले !मेरे कहते ही उसने मेरी लुंगी को अपने हाथ से हटाकर मेरे लंड को पूरा नंगा किया तो मैं तनकर खड़ा हो गया जिससे मेरा 9 इंच का लंड खूंटे सा खड़ा हो गया। मेरा जानदार लंड देख जाने कितनी ही चूतवालियाँ मेरी दीवानी हो गई थी, आज यह भी मेरी दीवानी हो गई। उसकी चूत चिपचिपाने लगी थी। इस तरह से चुदाई का मज़ा ही कुछ और है।
वह मेरे मूसल लंड को देखती बेताबी के साथ बोली- लुंगी खोल दूँ?
“हाँ खोल रानी, आज से यह तेरा भी है, घबरा नहीं बुलबुल, मैं तुझे ही ज्यादा चोदूँगा, बड़ी वाली को तो बस कभी कभी स्वाद बदलने के लिए ! आज जमकर चुदवा ले ! ऐसा लंड कहीं मिलेगा नहीं ! लुंगी खोल, तुझे नया मज़ा देता हूँ।”
“जी !”
“देखना अब मेरे साथ कितना मज़ा आता है।” और मैंने उसके दोनों गुलाबी हो गए गालों को सहलाया।
तभी उसने मेरी लुंगी को खोलकर अलग की, मुझे नया मज़ा आया, नंगा होते ही मैं अपने लंड को उसके हाथ में देते हुए बोला- मुझे तो डर लग रहा है, तेरी चूत फट न जाए !
वह एक हाथ से पजामी में घुसा कर दूसरे हाथ से मेरे लंड को कसती बोली- हाय कितना तगड़ा है। नहीं फटेगी ! अब चोदो बस !
मेरे लंड को पकड़ते ही वह चुदवाने को बेचैन हुई तू मैं उसकी नशीली चूचियों को पकड़ते बोला- घबरा मत, शाम तक रहूँगा, जो कहूँ, वो कर ! चलो कुर्सी पर बैठ, आज तुझे वो मज़ा दूंगा जो कभी नहीं पाया होगा। इस लंड के एक पानी को निकाल दे तब आयेगा इससे चुदवाने का असली मज़ा ! मैं एक मिनट वाला नहीं हूँ, ससुर को चटा चटाकर खूब पानी निकला है, वरना मेरे लंड को देखते ही तेरी चूत पानी छोड़ देती !
“जी हाय !”
“पानी निकला?” उसकी दोनों चूचियों को दबाता उसे कुर्सी पर बिठा कर बोला तो वह बेताबी से बोली- अभी नहीं निकला हाय राजा !
मैं तो बेताब प्यासी लौंडिया को पाकर मस्त था और पूरी तरह से मस्त करके चोदने के चक्कर में था। कुर्सी पर बिठाने के साथ अपने लंड को हाथ से पकड़ उसके गुलाबी नर्म-नर्म होंठों के पास करते हुए कहा- ले मेरी जान, आगे वाला सुपारा मुंह में लेकर चूस, देखना अभी चूत पानी निकाल देगी !
मुझे लंड चूसवाने में बहुत मज़ा आता था, छोटी बहू को पिलाने में अनोखा मज़ा आता। अब तक जितनी को चोदा था, सब 25 से ऊपर थी. यह पहली थी 18 साल की ! अगर आज चूसती तो फ़िर रोज़ ही लंड पिलाकर मनपसंद मज़ा ले सकता था।
वह हिचकिचाई तो मैं लंड को उसके मुंह से अलग कर बोला- नहीं चूसना तो जा कर बड़ी वाली को भेज दे, हम उससे चुसवाकर उसी को चोदेंगे। चूसने में बहुत मज़ा आता है, लंड चूसते ही चूत से पानी निकलता है। जा तू अपने मरियल आदमी से ही चुदवा !
कहानी जारी रहेगी।
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