क्लासमेट को पटा कर मज़े किये

क्लासमेट को पटा कर मज़े किये

मेरा नाम लव शर्मा है। मैं गुजरात में सूरत का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 23 साल है। अभी मैं पढ़ता हूँ और मुझे लड़कियों को पटाने में बहुत मजा आता है। मैंने लड़कियों को पटाना 18 साल की उम्र से शुरू किया था और मुझे लड़कियों के साथ सेक्स करने में बहुत मजा आता है।

यह मेरी पहली कहानी है। जब मैं Bcom में था तो हमारे क्लास में एक लड़की पढ़ती थी.. उसका नाम सुमा था। फ़िलहाल वो अहमदाबाद में है.. लेकिन जब वो यहाँ पर थी.. तब मैं और मेरे क्लास मेट.. सब उस पर लाइन मारते थे.. लेकिन वो किसी को भाव नहीं देती थी।हम लोग फिर भी उसको पटाने की कोशिश करते रहते थे।

मुझे एक फायदा था कि वो मेरी पड़ोसी थी.. जिससे मैं किसी ना किसी बहाने से उसके घर जा कर कभी-कभी उससे बात करने की कोशिश करता था।

एक दिन वो कंप्यूटर पर गेम खेल रही थी.. शायद पूल गेम खेल रही थी अचानक मैं उसके कमरे में पहुँचा था और उसे पीछे से डरा दिया।
वो घबरा गई और चीख पड़ी। उसके बाद उसने मुझे बिस्तर पर धक्का दिया और मैं बिस्तर पर गिर गया।
अब उसने पूछा- क्यों डराया मुझे?
मैं हँसने लगा।

उसके बाद उसने पूछा- क्या हुआ.. खी..खी.. क्यों कर रहे हो?
मैंने जवाब नहीं दिया और उधर से अपना मुँह लटका कर चला आया।

अगले दिन मैंने उसे हिम्मत करके फोन किया.. आज मैंने मन बना लिया था कि आज उसे प्रपोज करना ही है।
फिर मैंने उसे फोन किया.. दो-तीन बार फोन करने के बाद भी मैं उससे कह नहीं पाया।

फिर मैंने पूरा दम लगाकर उसे फोन किया और उसे मैंने बोल दिया- सुमा आई लाइक यू।
उसके बाद उसने कुछ जवाब नहीं दिया।
मैंने उससे पूछा- क्या हुआ?
उसने जवाब नहीं दिया फोन रख दिया।

अगले दिन जब वो कॉलेज में आई.. तो मैं उसके सामने नहीं जा पाया। कुछ समय बाद एक फ्री पीरियड में सब बाहर चले गए थे.. मैं क्लास के बाहर ही बैठा रहा।
वो क्लास रूम में आई और उसने अपनी एक दोस्त जिसका नाम सोनल है। उसने सोनल से मुझे क्लास रूम में बुलाने के लिए बोला। सोनल मुझे बुलाने आई।

अब मुझे डर लग रहा था। फिर भी मैं अन्दर गया।
उसने मुझसे पूछा- क्या हुआ.. कल शाम को मुझे प्रपोज किया था तुमने?
मैंने कहा- हाँ.. किया तो था लेकिन लगता है तुम्हें अच्छा नहीं लगा इसलिए मैंने तुमसे दुबारा नहीं पूछा।
उसने बोला- ओके.. मैं तुम्हारे प्रपोजल को स्वीकार करती हूँ।

फिर तो मैं खुश हो गया.. उसके बाद उस शाम को मैं उसके घर पर गया और उसके कमरे में गया।

मैंने उससे पूछा- मे आई किस यू?
उसने कहा- नो..!

लेकिन उसकी बातों से लग रहा था वो ‘यस’ बोल रही है।
मैंने उससे बोला- आई वांट ए किस नाउ..
उसने कहा- ओके..

तब मैंने उसे किस किया और उसकी चूचियों प्रेस करने लगा।
वो बोली- अभी नहीं..
मैं बोला- बस एक बार..
तो वो बोली- ठीक है.. बस एक बार..

तब मैंने उसकी चूचियों को ज़ोर से दबाया.. मुझे उसके निप्पल कड़क से महसूस हो रहे थे। उसकी चूचियों प्रेस करने में मुझे मजा आ रहा था। उसके बाद उसे बिस्तर पर बैठा दिया.. लेकिन उसके घर वाले घर पर थे.. सो मैंने कुछ अधिक नहीं किया।

अगले दिन संडे था.. हमने मूवी देखने का प्लान बनाया।
फिर मूवी देखने हम गए.. वहाँ पर मैं उसकी चूचियों को छूता रहा था।

शाम को गार्डन गए.. रात होने लगी थी। गार्डन में बहुत से जोड़े थे.. हम भी एक जगह पर बैठ गए और मैंने उसे किस किया।

फिर अंधेरा होने के कारण कोई देख नहीं रहा था.. तो मैंने उसका टॉप ऊपर कर दिया और उसके मम्मों पर चुम्बन किया।
कुछ देर बाद मैं उसकी जीन्स की ज़िप खोल कर अन्दर उंगली करने लगा।
वो सिसकारियाँ भरने लेने लगी थी.. उसे ये सब अच्छा लग रहा था।

मैंने जींस खोली और उसकी पैंटी को खींच दिया। उसके बाद मैंने अपना जींस खोला.. अपना लंड निकाल कर उसको इस तरह किया कि मेरा लवड़ा उसकी चूत में घुस गया।

चूत में पहली बार लौड़ा जाने से शायद उसे दर्द होने लगा था.. इसलिए बोलने लगी- अभी नहीं.. दर्द हो रहा है.. प्लीज़..
लेकिन मैं नहीं माना और उसकी चूत में ऊपर उंगली करके चूत सहलाने लगा और लगातार मैं उसको किस कर रहा था।
फिर उसकी चूत में मैंने अपना लंड डाल दिया.. उसके आंसू आ गए।

फिर क्या था.. धकापेल शुरू हो गई। आधी अधूरी चुदाई के बाद मैंने उसे उसके घर तक छोड़ दिया और मैं अपने घर पर चला गया।
मैं नहा धो कर बिस्तर पर लेट कर उसके सपने देखने लगा।
मैंने उसे फिर फोन लगाया और उससे बात करके उसे फिर से मिलने को बुलाया।

इस बार और कहीं नहीं उसे मैंने मेरे घर में ही बुलाया था.. क्योंकि आज मेरे घर में कोई भी नहीं था सब लोग बाहर घूमने जाने वाले थे।
तय समय पर सुमा मेरे पास आकर बैठ गई।
फिर सुमा ने मुझे कहा- मुझे शाम को नींद नहीं आई.. बहुत दर्द हो रहा था।

मैंने उसकी बात को हवा में उड़ाते हुए चुदाई की बात कही.. तो सुमा चुदाई करने को मना करने लगी।
मैंने सुमा को उसके कान के नीचे के भाग में किस किया.. तो वो एकदम से गरम हो गई और सिसकारियां लेने लगी।

तब मैंने सोचा ये आई तो चुदने ही है पर जरा नखरे कर रही है.. शायद अब सुमा मान जाएगी।
फिर मैंने सुमा के मम्मों को दबाना स्टार्ट कर दिया, सुमा सिसकारियाँ भरने लगी, सुमा बोली- जानू.. अब मुझे रहा नहीं जाता प्लीज़ मुझे एक बार और चोद डालो ना..

दोस्तो, मुझे मम्मे चूसना.. चूत चाटना उसमें मज़ा नहीं आता.. वो सब करना मुझे अच्छा नहीं लगता।
मैंने सुमा को सीधे चित्त लिटा दिया.. और उसकी टाँगें फैला कर उसकी चूत पर मेरा लंड रख कर थोड़ा धकेला।
सुमा कुछ ना बोली.. मैंने दूसरा झटका लगाया.. लण्ड अन्दर फंस गया।

सुमा चिल्लाने लगी- जानू निकालो.. मुझे बहुत दर्द हो रहा है।
मैं सुमा को किस करने लगा और थोड़ी देर रुक गया।
सुमा को दर्द कम हो गया.. बाद में मैं धीरे-धीरे से सुमा को चोदने लगा।

सुमा ‘आ.. आ..हह.. आ..’ की आवाज़ निकालने लगी- जानू और चोदो.. बहुत मज़ा आ रहा है..आह्ह..
सुमा थोड़ी ही देर में झड़ गई।

मैं भी झड़ने वाला था.. सुमा से पूछा- मेरा भी निकलने वाला है.. कहाँ निकालूँ..?
सुमा ने कहा- अन्दर नहीं.. बाहर ही निकालो।
मैंने सारा माल सुमा के पेट पर निकाल दिया।

फिर मैंने और सुमा ने कितनी ही बार चुदाई की।

दोस्तो, कैसी लगी.. मेरी कहानी.. मुझे अपने ईमेल जरूर लिखिएगा।
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