क्लासमेट की चूत का मजा लिया
कॉलेज फ्रेंड सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि कैसे एक देसी लड़की मेरी दोस्त बनी. उसका बॉयफ्रेंड था और वो उसके साथ सेक्स भी करती थी. वो लड़की मुझसे कैसे चुद गयी?
नमस्ते दोस्तो, मैं आकाश राजस्थान का रहने वाला हूँ.
यह कॉलेज फ्रेंड सेक्स स्टोरी तब की है. जब मैं अपनी ग्रेजुएशेन के सेकंड इयर में था.
फर्स्ट इयर में मेरी ज्यादा लड़कियां दोस्त नहीं बन सकी थीं, क्योंकि मेरा लड़कों का ग्रुप इतना बड़ा था कि मैंने उनकी तरफ ध्यान ही नहीं दिया.
पर दूसरे साल में मेरा ग्रुप बहुत छोटा हो गया … और मैंने लड़कियों से दोस्ती बढ़ा ली. तब मुझे पता लगा कि कितनी लड़कियां मुझे पसंद करती थीं.
मैं बहुत जल्दी लड़कियों में मशहूर हो गया था.
उनमें से एक थी दृष्टि, वो दिखने में बहुत आम सी लड़की थी. पर उसका व्यवहार बहुत अच्छा था.
धीरे धीरे हमारी दोस्ती गहरी हो गई. अब वो मुझे अपने सारे राज बताती रहती थी.
सिर्फ मुझे ही पता था कि उसका कोई बॉयफ्रेंड भी है और वो वर्जिन भी नहीं है.
एक दिन हमारी कोचिंग सुबह 7 बजे थी.
उस दिन मैं नहीं गया क्योंकि मेरी नींद नहीं खुल सकी थी, मैं सोता रह गया था.
कोचिंग के खत्म होने के बाद उसका फोन आया कि उसकी गाड़ी खराब हो गई है.
मैंने घड़ी देख कर मन में ही हैरानी जाहिर की कि नींद लग गई और कोचिंग मिस हो गई.
खैर … अभी तो दृष्टि के लिए मुझे जाना ही था.
मेरा घर कोचिंग से कुछ ही दूर है, तो मैं जल्दी से अपनी बाइक पर उसके पास पहुंच गया.
मैंने भी उसकी स्कूटर को स्टार्ट करने की बहुत कोशिश की, पर गाड़ी चालू ही नहीं हुई.
तब मैंने उससे कहा कि तुम अपनी रूममेट के साथ चली जाओ, मैं गाड़ी ठीक करा कर ले आऊंगा.
उसने कहा- वो आई ही नहीं है. वो तो 15 दिन के लिए कहीं बाहर गयी है.
मैंने कहा- ओके मैं छोड़ देता हूं.
उसकी खराब स्कूटर को कोचिंग के बाहर ही छोड़कर मैंने उसे अपनी गाड़ी पर बिठाया और चल पड़ा.
अगस्त का महीना था, तो अचानक से बारिश होने लगी.
मैंने गाड़ी की स्पीड बढ़ाई और उसे लेकर फटाफट उसके हॉस्टल पहुंच गया.
मैं उसे उतार कर हॉस्टल के गेट पर खड़ा हो गया.
हम दोनों पूरे गीले हो गए थे.
उस दिन पहली बार मेरा ध्यान उसके फिगर पर गया. क्या कातिलाना माल लग रही थी वो.
मैंने उसे बाय बोला और हंस दिया.
वो भी मेरी नजरों को पढ़ कर मेरी तरफ घूंसा दिखाते हुए मुस्कुराने लगी.
मैंने भी उसकी खूबसूरत जवानी की हाथ के इशारे से तारीफ़ कर दी.
फिर मैंने उसे शाम को फ़ोन किया कि गाड़ी को ठीक होने में चार दिन लगेंगे.
यह सुनकर वो टेंशन में आ गई.
मैंने उससे कहा- अरे परेशान मत हो, कोचिंग और कॉलेज के लिए मैं तुम्हें पिक और ड्रॉप कर दिया दूंगा.
वो राजी हो गई.
अब मैं रोज उसे उसके हॉस्टल से पिक करने लगा.
दिक्कत होने की जगह उल्टा उसकी वजह से ही मैं सभी लेक्चर अटैन्ड करने लगा.
तीसरे दिन हम दोनों कॉलेज से जल्दी आ गए और उस दिन हुई तेज बारिश में पूरे भीग गए थे.
इस बार उसने मुझे अपने कमरे में आने को कहा.
मैं चला गया.
मैंने देखा कि उसकी लाइन के सभी कमरे बंद थे, इसका मतलब सभी कॉलेज में थे.
मैं उसके कमरे में अन्दर बैठे बारिश के रुकने का इंतजार कर रहा था.
तभी वो ड्रेस चेंज करके आयी और मुझे मेरा शरीर पौंछने के लिए तौलिया दे दिया.
उस तौलिया में से क्या मस्त खुश्बू आ रही थी, मैं नम तौलिया देख कर समझ गया कि उसने इसी तौलिया से अपना अंग भी पौंछा है.
मैं मस्ती से उसके बदन की महक कर मजा लेते हुए तौलिया से अपना शरीर सुखाने लगा.
मैं तौलिया सूंघ रहा था, तो वो हंसते हुए मुझे पागल बोल कर मेरे लिए मैगी बनाने किचन में चली गयी.
मैं भी किचन में जाकर उससे बात करने लगा.
उसका किचन छोटा था, उधर दो लोगों के खड़े होने की जगह नहीं थी.
मैं ठीक उसके पीछे खड़ा था. उसकी गांड मेरे लंड से दो बार टच हो गई, पर उसने कुछ नहीं कहा.
अब हम पलंग पर बैठ कर मैगी खा रहे थे. उसने टीवी चला दी.
उस समय टीवी पर फिल्म वन्स अपॉन अ टाइम इन मुम्बई आ रही थी.
वो चैनल बदलने लगी, तो मैंने उससे कहा कि चलने दे यार … बढ़िया मूवी है.
थोड़ी देर बाद इमरान का वो सीन आ गया, जो गहरे चुम्बन का था.
मुझे उसके इसी सीन देखने का इन्तजार था.
अब मेरा हाथ उसकी जांघ पर आ गया था. उसने भी न तो कोई ऐतराज किया और न ही मेरे हाथ का कोई जवाब दिया.
मैं मस्ती से उसकी जांघ को सहलाने लगा.
मेरा हाथ उसकी मक्खन सी जांघ को कुछ जोर से मसलने लगा.
अब भी उसने कुछ नहीं कहा.
धीरे धीरे हम दोनों पास आने लगे और उसने मुझे होंठों पर किस कर दिया.
बस फिर क्या था … मैं उसके होंठों को चूसने लगा.
वो भी मेरा साथ दे रही थी. मैं उसे पागलों की तरह चूस रहा था.
कब मेरा हाथ उसके बोबों पर चला गया, पता ही नहीं चला.
मैं उसके होंठों को चूस भी रहा था और उसके टॉप के ऊपर से ही उसके बोबों को दबाने में भी लगा था.
वो भी बहुत ज्यादा जोर से मेरे होंठों को चूस रही थी.
कुछ ही पलों बाद मैंने उसका टॉप उतार दिया.
वो लाल ब्रा में कमाल दिख रही थी.
मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया और ब्रा के ऊपर से उसके ठोस बोबों को दबाने का मजा ले रहा था.
तभी मैंने उसकी ब्रा अचानक से खींच दी.
वो हंसने लगी. वो बोली- इतनी जल्दी थी!
मैं कहा- हां.
उसके बोबे बड़े मस्त थे. वैसे उसका फिगर 32-28-30 का था, ये मैंने उसके साथ सेक्स के बाद खुद नापा था.
वो कुछ नहीं बोली. मैं उसकी आंखों में झांकता हुआ उसके एक दूध को अपने होंठों में दबा कर चूसने लगा था और दूसरे को हाथ से दबा रहा था.
वो मेरा सिर अपने बोबों में दबा रही थी और गर्म आहें भर रही थी.
मैं उसके मम्मे दबाते हुए उसकी नाभि को अपनी जीभ से चाटने लगा.
वो तो पागल ही हो गई और जोर जोर से मादक सिसकारियां लेने लगी- आह आह ओह हम्म आह!
उसकी इन सेक्सी आवाजों को सुन कर मैं भी पागल हो गया.
मैंने उसके ऊपर से उठ कर झट से अपने कपड़े उतारे और उसका लोअर खींच कर उतार दिया.
अब हम दोनों ही अंडरवियर में थे.
वो मेरे लंड के उभार को चड्डी के ऊपर से बड़ी ध्यान से देख रही थी.
मैंने इस बार उसकी पेंटी भी खींच कर उतार दी.
इससे वो चौंक गयी.
उसकी गुलाबी चूत क्या आनन्द दे रही थी.
वो पैंटी के उतरने से समझ गई कि खेल पूरा होकर रहेगा.
अब वो उठी और उसने मेरा लंड चड्डी के ऊपर से पकड़ लिया.
वो लंड सहलाते हुए बोली- तुम्हारा लंड कितना बड़ा है.
मैंने कहा- चड्डी हटा कर देखो, फिर कहना.
उसने चड्डी को नीचे खींचा तो लंड उसके चेहरे से जा टकराया.
वो एकदम से पीछे को हती और बोली- बड़ा शैतान है.
मैंने कहा- हां तेरे वाले से ज्यादा शैतान है.
वो मुस्कुराई- वो तो बड़ा मासूम सा है.
मैंने कहा- क्यों ज्यादा नहीं मिलता क्या?
वो लंड सहलाते हुए बोली- आज टेस्ट बदलने का मूड है.
मैंने कुछ नहीं कहा.
उसने मेरी चड्डी को नीचे करते हुए अलग कर दिया और लंड को फिर से हाथ में लेकर सहलाने लगी.
उसके एक हाथ में मेरा पूरा आ ही नहीं रहा था.
वो बैठे बैठे मेरा लंड चूसने लगी. मुझे तो लगा कि जैसे मैं तो जन्नत में आ गया हूँ.
मैं उसका सिर पकड़ कर अपने लंड पर दबाने लगा.
उसने भी मेरा लंड पूरा अन्दर ले लिया.
वो बिल्कुल एक पोर्न स्टार की तरह लंड चूस रही थी.
अब मैंने उसे 69 की पोजीशन में किया और मैं भी उसकी चूत चाटने का मजा लेने लगा.
मुझे उसकी चूत थोड़ी टाइट लगी.
इससे मैं समझ गया कि वो बहुत समय से अपने ब्वॉयफ्रेंड से नहीं चुदी होगी.
मैं उसकी चूत जोरों से चाट रहा था, वो भी कामुक सिसकारियां भरते हुए मेरे लंड को मस्ती से चूस रही थी.
कुछ ही देर में वो अकड़ने लगी … उसने एकदम से पानी छोड़ दिया.
मैं चुत रस चाटता चला गया. आह क्या नमकीन पानी था.
उसकी चुत झड़ने के बाद मैं भी कुछ पल बाद झड़ने वाला हो गया था तो मैंने भी अपना वीर्य उसके मुँह में ही डाल दिया.
वो भी मजे से सारा माल पी गई.
अब हम दोनों लेट गए. मैं उसके बोबों से खेलने लगा और चूत में उंगली करने लगा.
वो भी मेरा लंड सहला रही थी.
कुछ ही देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
अब मैं उसके ऊपर आ गया और उसकी टांगें अपने कंधों पर रख कर अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा.
वो काफी चुदासी हो गई थी तो एकदम से गुस्सा होकर बोली- अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा … जल्दी अन्दर डालो.
मैंने अपना लंड उसकी चूत की फांकों में सैट किया और एक जोर का धक्का दे मारा.
इस तेज झटके से मेरा चौथाई लंड उसकी चूत में घुस गया.
उसकी जोर से चीख निकल गई.
वो दर्द से कराहते हुए बोली- आह मर गई … थोड़ा धीरे पेल न.
मैंने थोड़ा रुक कर एक और जोर का धक्का मारा.
इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया.
वो बहुत जोर से चिल्ला पड़ी- आह हहहह … कमीने मार दिया.
उसकी आंखों से आंसू आ गए.
मैं रुक कर उसे किस करने लगा.
थोड़ी देर बाद वो नीचे से गांड उछाल कर मेरा साथ देने लगी.
मैं भी अपनी स्पीड धीरे धीरे तेज करने लगा.
अब वो सिसकारियां लेते हुए मेरा साथ दे रही थी- आह ऊह आह अई ओओओ … और तेज और तेज!
कुछ देर धकापेल फ्रेंड सेक्स करने के बाद मैंने अपनी पोजीशन बदल ली.
मैंने उसके साइड में लेट कर उसकी एक टांग ऊपर कर दी और लंड पेल कर उसे चोदने लगा.
वो भी मस्ती से टांग हवा में उठाए मेरा लंड अन्दर लेने के लिए अपनी गांड को आगे पीछे कर रही थी.
कुछ देर के बाद मैंने उसे गोद में उठा लिया और दीवार के सहारे लगा कर उसे चोदने लगा.
उस समय मैंने ध्यान दिया कि हमारे कमरे का गेट तो खुला ही रह गया था.
ये उसने भी देखा, तो कहने लगी- पहले दरवाजा बंद कर दो.
मैंने उसकी चुत से लंड निकाला और पहले जाकर गेट बंद कर दिया.
वापस आया, तो वो बिस्तर पर डॉगी स्टाइल में खड़ी थी.
मैं पीछे से लंड पेल कर उसकी चूत चोदने लगा.
उस दौरान उसकी लवली गांड मुझे बेचैन करने लगी.
मैंने उंगली से गांड के छेद को कुरेदा.
तो वो चिहुंक गई और मना करने लगी.
मैंने उसकी गांड मारने की बात कही.
तो उसने कहा कि वो फिर कभी कर लेना.
मैं कहा- अभी खुल चुकी है या मुझे पैक मिलेगी.
वो हंस दी और बोली- उसी समय देख लेना.
मैं उसे डॉगी स्टाइल में ही चोदने लगा.
उसके दोनों दूध मेरे हाथों में थे और मैं कुत्ते की तरह अपनी कुतिया को चोदे जा रहा था.
फिर उसने मुझसे बिस्तर पर लेटकर करने को कहा.
मैं समझ गया और पूछा- राइडिंग राइडिंग!
वो हंस दी और मेरे चित लेटते ही मेरे ऊपर आकर लंड चुत में लगा कर बैठ गई.
अब वो उछल उछल कर मेरे लंड से चुदने लगी. उसकी मस्त चूचियां मुझे मसलने पर मजबूर कर रही थीं.
मैंने उसके दोनों चूचियों को पकड़ा तो बोली- चूसेगा?
मैंने हामी भरी तो वो खुद मेरे सीने पर झुक गई और अपने हाथ से चूची पकड़ कर मुझे चुसाने लगी.
सच में इस तरह से उसकी चुत में लंड एक अजीब सी मस्ती दे रहा था.
वो हौले हौले से लंड पर हिलते हुए मुझे दूध पिला रही थी.
लंड चुत की रगड़ाई से पूरा कमरा फच फच की आवाज से और उसकी सेक्सी सीत्कारों से भर उठा था- आह आह आह ऊह आआआ ऊई हहहहम!
इधर मैं नीचे से अपनी गांड उठा कर उसे जोर जोर से चोदे जा रहा था.
वो झड़ गई थी, तो उसकी चुत की गर्मी से मैं भी झड़ने वाला हो गया था.
मैंने उसे जल्दी से नीचे फर्श पर बिठाया और उसके मुँह और बोबों पर झड़ गया.
झड़ने के बाद बाद मैं बिस्तर पर लेट गया. वो भी मेरे बाजू में आ कर लेट गई.
कुछ देर तक हम दोनों कुछ देर ऐसे ही लेट कर बात करते रहे.
फिर थोड़ी देर बाद मैं अपने कपड़े पहन कर अपने घर आ गया.
बाद में उसने मुझे बताया- मैं उस दिन का सेक्स कभी नहीं भूलूंगी.
मैंने पूछा कि दरवाजे खुले रहने से कुछ हुआ था क्या?
उसने कहा कि हां, उस दिन मेरी एक सहेली ने हमें देख लिया था.
मैंने कहा- फिर?
वो हंस दी और बोली- उसका मूड तो उसी समय बन गया था.
मैंने कहा- तो क्या अब भी उसका मूड बन सकता है.
वो बोली- वो तो कबसे राजी है.
मैंने पूछा- कब का रखना है.
वो बोली- थ्री-सम फ्रेंड सेक्स करेंगे.
मैंने ये सुनकर उसकी सहेली को उसी के साथ एक ही बिस्तर पर चोदा. उस दिन मैंने दृष्टि की गांड भी फाड़ दी, जो आज तक नहीं चुदी थी.
मेरी कॉलेज फ्रेंड सेक्स स्टोरी आपको कैसी लगी प्लीज़ मुझे मेल करके जरूर बताएं.
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