ससुर जी ने मेरी पिंक चुत को चाट कर पूरी रात मुझे ठोका और बोले दूसरा शॉट लगाने दो
हेल्लो दोस्तों, मैं शीतल आप सभी का sexkahani.net में बहुत बहुत स्वागत करती हूँ। मैं पिछले कई सालों से नॉन वेज स्टोरी की नियमित पाठिका रहीं हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती तब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ती हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रही हूँ। मैं उम्मीद करती हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी।
मेरे पति BSF [बोर्डर सिक्योरिटी फ़ोर्स] में जम्मू कश्मीर के पुंज जिले में तैनात थे। मैं हमेशा अपने पति की सलामती को लेकर परेशान रहती थी। फिर एक दिन पाकिस्तान की सेना ने सीस फायर का उल्लंघन कर दिया। उस तरफ से भारी गोला बारी होने लगी और मेरे पति उसमें शहीद हो गये थे। अब मेरी ससुराल में सिर्फ मेरे ससुर और मैं ही बची थी। मेरे पति की मौत का सदमा मुझे और ससुर जी दोनों को बहुत हुआ था। 3 महीने तक हम दोनों ने खाना नही बनाया था और हमारे पडोसी जो भी खाना दे जाते थे, मैं और ससुर जी उसी से काम चला लेते थे। घर में तो अब सब तरफ सिर्फ और सिर्फ सन्नाटा ही रहता था। 6 महीने बाद हम लोग नार्मल हुए।
“बेटी शीतल!! अभी तू जवान है। खूबसूरत है। तेरे सामने पूरी जिन्दगी पड़ी है। तू किसी लड़के से शादी कर ले!!” मेरे ससुर जी बोले
“नही पापा जी!! अब मैंने सारी जिन्दगी कमल [मेरे पति] की विधवा बनके रहूँगा। मुझे शादी की कोई जरूरत नही है” मैंने ससुर जी से कहा
धीरे धीरे हम दिन गुजारने लगे। घर में सिर्फ ससुर जी और मैं ही थे। और कोई मर्द नही था। कई बार जब आँगन में मैं नहाती थी तो ससुर जी बाथरूम जाने के लिए निकल जाते थे। हमारे घर में टॉयलेट आंगन के किनारे ही है। कई बार मेरे ससुर जी मुझे नहाते हुए देख लेते थे। मैं अभी 26 साल की जवान लड़की थी और ससुर जी 50 पार कर चुके थे। जब रात होती थी तो मैं ससुर जी को याद करके अपनी चूत में ऊँगली कर लेती थी। दोस्तों एक दिन रात के 11 बजे थे। अचानक मुझे उलटी आने लगी। मेरी आवाज सुनकर ससुर जी आ गये और जल्दी से मेरे लिए एक बाल्टी पानी नल चलाकर भर दिया। मैं उलटी कर रही थी। ससुर जी मेरी पीठ सहलाने लगे जिससे मुझे शान्ति मिल जाए। फिर मेरे सिर में उन्होंने झंडू बाम लगा दिया। धीरे धीरे अब मैं अपने ससुर जी को प्यार करने लग गयी थी। जब वो मेरे कमरे से जाने लगे तो पता नही कैसी मेरा एक कंगन उनकी शर्ट में फस गया। ससुर जी निकालने लगे तो मैंने उनके हाथ में किस कर लिया।
“ये क्या बहू???” ससुर जी सहज भाव से बोले
“पापा जी!! इनके जाने के बाद से आपने मेरा बहुत ख्याल रखा है। इसके लिए थैंक्स। शायद मैं आपसे प्यार करने लगी हूँ” मैंने कहा दिया
“नही बेटी!! ये गलत है। तुम मेरी बहू हो। बहू तो बेटी की तरह होती है” ससुर जी बोले और चले गये।
सारी रात मैं सो नही सकी। अगले दिन जब मैं घर की छत पर गेंहू सुखा रही थी अचानक कहीं से काले काले बादल आ गये। मुझे मजबूरन अपने ससुर जी को गेंहू उठवाने के लिए बुलाना पड़ा। पर जब तक हम दोनों गेंहू उठाते झमाझम पानी बरसने लगा। ससुर जी और मैं पूरी तरह से भीग गये थे। तभी जोर की हवा चली तो मेरी साड़ी का पल्लू हवा से उड़ा और नीचे आ गया। मेरे ब्लाउस ससुर जी के सामने खुलकर आ गये थे। झमाझम बारिश से मेरा अंग अंग भीग चुका था। सिर से पाँव तक मैं भीग चुकी थी। मेरा ब्लाउस भी पूरी तरह से भीग चुका था। उस दिन मैं ब्रा नही पहनी थी। इसलिए मेरी बड़ी बड़ी खूबसूरत 40” की चूचियां के दर्शन ससुर जी को होने लगे। ब्लाउस के हल्के आसमानी कपड़े के भीतर से मेरे चूचियों के काले काले सेक्सी घेरे ससुर जी को दिखने लगे। ससुर जी खुद को रोक नही पाए और मेरे दुधारू मम्मो को घूरने लगे। दोस्तों ऐसा संयोग बन गया था की हम दोनों बहू और ससुर उस दिन मजबूर हो गये थे।
अचानक बिजली चमकी और मैं डरकर ससुर जी के सीने से लग गयी। उसके बाद तो सब उल्टा पुल्टा हो गया। ससुर जी ने मुझे पकड़ लिया और किस करने लगे। शायद आज वो मेरी रसीली चूत चोदना चाहते थे। अंदर से मेरा भी मन था। बारिश में हम लोग भीग रहे थे। ससुर जी से शर्ट पेंट पहन रखा था। पर जब वो मुझे किस करने लगे तो उनका लंड खड़ा हो गया था। बारिश की ठंडी बुँदे मेरे खूबसूरत गोरे चेहरे को भीगा रही थी। मेरे गुलाबी सेक्सी होठ बारिश के पानी में भीग चुके थे। अचानक मेरे ससुर जी ना जाने क्या हो गया था। उन्होंने मुझे घर की छत पर ही पकड़ लिया और मेरे भीगे सेक्सी होठो पर अपने होठ रख दिए। और किस करने लगे। मैं भी खुद को रोक नही पाई और किस करने लगी। धीरे धीरे मेरा चुदाने का मन करने लगा। ससुर का मुझे चोदने का मन करने लगा। हम दोनों आज इश्क लड़ाने वाले थे।
ससुर जी ने मेरी पतली कमर में हाथ डाल दिया और मुझे सीने से चिपका लिया। हम किस करने लगे। ससुर जी मेरी बहकी बहकी सांसें पीने लगे। ओह्ह गॉड!! वो सब बहुत रोमांटिक और सेक्सी था। मेरे गुलाबी बारिश में भीगे अनार जैसे होठ ससुर जी चूस रहे थे जैसे कोई संतरा चूस रहे हो। मेरी चूत गीली हो रही थी। आज मैं ससुर जी का मोटा लंड खाना चाहती थी। आज मैं ससुर जी को अपना पति बनाना चाहती थी। उन्होंने 20 मिनट तक मेरे रसीले अंगूर के दाने जैसे होठ चूसे फिर मेरे दुधारू 40” के मम्मे पर हाथ रख दिया। और दबाने लगे। मैं कुछ नही कहा। आज मैंने ससुर जी को नही रोका। क्यूंकि मैं भी आज उनसे चुदना चाहती थी। वो तेज तेज मेरे बूब्स दबा रहे थे। मेरी बेताब उफनती छातियों से अभी भी बारिश का पानी टपक रहा था। ससुर के हाथ मेरे मम्मो को बेरहमी से दबा रहे थे। मुझे मजा आ रहा था।
“बहू!! आज तेरी चूत मारूंगा!!” ससुर जी बोले
“चोद लीजिये मुझे। कोई दिक्कत नही!!” मैंने कहा
उसके बाद तो मेरे 50 साल के ससुर ने मुझे गोद में उठा लिया और नीचे आंगन में ले आये। उन्होंने मुझे आंगन के फर्श पर लिटा दिया। मेरे उपर वो लेट गये। उन्होंने जल्दी ने मेरे ब्लाउस पर हाथ रखा और बाए हाथ वाले मम्मे के कपड़े को उपर उठा दिया। फिर दाई चूची को ससुर जी ने ब्लाउस से बाहर निकाल लिया। उन्होंने मेरे ब्लाउस की एक बटन भी नही खोली और बस कपड़े को ऐसे ही उपर उठा दिया। उसके बाद तो मेरी नंगी बारिश में भीगी सफ़ेद रसीली चूचियां ससुर जी के हाथ में आ गयी थी। वो तेज तेज मेरी चूची को दबाने लगे। मैं “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…आह आह उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….” की आवाज निकाल रही थी क्यूंकि मुझे बहुत सेक्सी फील हो रहा था। मेरे पति को शहीद हुए 1 साल हो गया था।
जब पति जिन्दा थे मेरी चूचियां दबाया करते थे पर जबसे उनकी मौत हुई किसी ने मेरी चूची नही दबाई। आज फिर से मेरी जिन्दगी में वो यादगार पल वापिस लौट आया था। ससुर जी अपने हाथ से मेरी चूची तेज तेज दबा रहे थे। मैं सिसक रही थी। मैं जन्नत के मजे लूट रही थी। क्यूंकि मुझे अच्छा लग रहा था। फिर ससुर जी मेरे मम्मे मुंह में लेकर पीने लगे। मैं उनको सीने से चिपका लिया और दूध पिलाने लगी। धीरे धीरे ससुर जी का लंड खड़ा हो गया था।उसके बाद उन्होंने मेरे ब्लाउस की बटन खोल डाली और ब्लाउस निकाल दिया। फिर मेरी ब्रा भी खोल दी। अब मैं ससुर जी के सामने पूरी तरह से नंगी थी। वो मेरे 40” के बूब्स को दबा रहे थे और पी रहे थे। मैं पूरी तरह से चुदासी हो गयी थी। आज मैं अपने ससुर जी का मोटा लंड खाना चाहती थी।
आज मैं अपने ससुर जी से कसके चुदवाना चाहती थी। वो तेज तेज बेताबी से मेरी चूची चूसने लगा। मैं “ओहह्ह्ह…ओह्ह्ह्ह आआआअह्हह्हह…अई..अई. .अई… उ उ उ उ उ…” की आवाज निकालने लगी। ससुर के दांत मेरी नर्म मुलायम और मक्खन जैसी चूची को गड़ रहे थे। पर मैंने उनको नही रोका। मेरी चूचियां बहुत बड़ी बड़ी, गोल और रसीली थी। ससुर जी तो बस पागल हो गये थे। उन्होंने आधे घंटे तक मेरी दोनों चूचियों को चूसा और भरपूर मेरी जवानी का मजा लूट लिया। अब मेरी चूत में हलचल शुरू हो गयी थी। मेरी चूत अब फड़कने लगी थी। अब मैं चुदना चाहती थी।
““आआआअह्हह्हह…..ससुर जी!! ….प्लीस जल्दी से मेरी गर्म में अपना मोटा लौड़ा डाल दो वरना मैं मर जाउंगी !!” मैंने कहा
उसके बाद उन्होंने अपनी पैंट शर्ट उतार दी और कच्चा बनियान भी निकाल दिया। फिर उन्होंने मेरी साड़ी और पेटीकोट निकाल दिया। दोस्तों उस दिन मैंने चड्ढी भी नही पहनी थी। ससुर जी ने मेरे दोनों खूबसूरत पैर खोल दिए थे। अब मैं उनके सामने पूरी तरह से नंगी हो गयी थी।
ससुर जी भी पूरी तरह से नंगे हो गये थे। उन्होंने अपना मुंह मेरी चूत पर रख दिया और चाटने लगे। हम दोनों बहू और ससुर आंगन में थे। पानी बरस रहा था। हम दोनों भीग रहे थे। ससुर जी मेरी भीगी चूत में चाट रहे थे। मेरा भोसड़ा तो बहुत बड़ा और बहुत खूबसूरत था। मरने से पहले मेरे पति ने चोद चोदकर मेरी चूत फाड़ दी थी। अब मेरे ससुर मेरी फटी हुई बुर को पी रहे थे। मैं बार बार “आआआअह्हह्हह…..ईईईईईईई….ओह्ह्ह्हह्ह….अई. .अई..अई…..अई..मम्मी….” की आवाज निकाल रही थी। क्यूंकि मुझे बहुत ही सेक्सी फील हो रहा था। आज मैं अपने ससुर जी की तन मन से सेवा कर रही थी। ससुर जी पूरी तरह चुदासे हो गये थे। जल्दी जल्दी मेरी चुद्दी [चूत] चाट रहे थे। मैं अपनी गांड उपर हवा में उठा देती थी। ससुर जी मेरी रसीली चूत को खाने लगे। मेरे चूत दे दाने से छेड़खानी करने लगे।
ओह्ह्ह गॉड!! कितना सेक्सी था वो सब। पूरे 15 मिनट तक ससुर ने मेरी चूत पी। उसके बाद उन्होंने अपनी 2 ऊँगली मेरी चूत में डाल दी और जल्दी जल्दी अंदर बाहर करने लगे। मुझे बहुत अधिक सनसनी महसूस हो रही थी। ससुर जी मेरी चूत को लंड से नही बल्कि अपनी 2 ऊँगली से ही चोद रहे थे। कितना मजेदार था वो सब। फिर ससुर जी पर वासना के बादल छा गये। वो तीव्रता से मेरी चूत में ऊँगली चलाने लगे। मैं “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” करके चिल्ला रही थी। मुझे लगा रहा था की मेरी चूत का माल निकल जाएगा। फिर कुछ देर बाद ऐसा हो गया।
मेरी चूत से पानी की फव्वारे निकलने लगे। ससुर जी मेरी चुद्दी का पानी मुंह लगाकर पीने लगे। वो और अधिक कामुक हो गये थे। ससुर जी के हाथ बेहद तेज गति से मेरी चुद्दी में दौड़ने लगे। मेरी रसीली चूत से अनगिनत पानी की पिचकारी निकली। ससुर जी का चेहरा मेरे चूत के पानी से भीग गया था। सच में आज ऐसा पहली बार हुआ था। उसके बाद उन्होंने अपना मोटा 9” का लंड मेरी चूत में डाल दिया और जल्दी जल्दी मुझे चोदने लगे। मुझे भरपूर मजा मिल रहा था। मेरा बदन बिलकुल गदराया हुआ था। ससुर जी जल्दी जल्दी मेरी चुद्दी में लंड की सप्लाई करने लगे। मैं चुदने लगी। मुझे बड़ी नशीली रगड़ चूत में मिल रही थी। ससुर जी मेरे उपर लेट कर मेरा गेम बजा रहे थे। वो जल्दी जल्दी अपनी कमर चलाकर मेरी चूत चोद रहे थे। मैं “…….उई. .उई..उई…….माँ….ओह्ह्ह्ह माँ……अहह्ह्ह्हह…” की आवाज निकाल रही थी। मैंने खुद को ससुर जी के हवाले कर दिया था। वो किसी जवान मर्द की तरह मेरी बुर चोद रहे थे। उनका मोटा लंड खाकर मुझे बहुत सेक्सी फील हो रहा था। मैं आज अपने ससुर से चुद रही थी और जन्नत का मजा लूट रही थी। ससुर जी मुंह खोलकर मेरी चूत की धज्जियां उड़ा रहे थे। मुझे चोदने में उनको काफी मेहनत करनी पड़ रही थी। मैं सेक्स टेंशन से मरी जा रही थी। मैंने अपनी दोनों टाँगे खोल दी थी। ससुर गचा गच मेरी चूत का स्वागत कर रहे थे।
फिर उन्होंने मेरी दोनों बलखाती चूचियों को पकड़ लिया था। ससुर जी के धक्को से मेरी चूचिया बहुत तेज तेज हिल रही थी। इसलिए उन्होंने मेरी दोनों चूचियों को हाथ से पकड़ लिया और कसके दाब दिया और जल्दी जल्दी मेरी चुद्दी चोदने लगे। आज मुझे बहुत जादा ऐश मिल रही थी। पति के मरने के 1 साल बाद मैं लंड खा रही थी। कुछ देर बाद ससुर जी 200 की रफ्तार से मुझे पेलने लगे। मेरी चूत को जैसे फटने लगी। ससुर जी एक सेकंड को भी नही रुक रहे थे जिससे मैं सास तक ले सकूं। उपर से हम घर के आंगन में ठुकाई का मजा ले रहे थे। बारिश के पानी में भीग भीग कर हम मजे कर रहे थे। इस तरह से ससुर जी ने 35 मिनट मुझे नॉन स्टॉप चोदा, फिर पानी मेरी चूत में ही छोड़ दिया। उसके बाद हम आपस में किसी हसबैंड वाइफ की तरह लिपट गये और किस करने लगे। मैं ससुर जी के होठ किस कर रही थी।
“बहू!! कैसी लगी मेरी ठुकाई????” ससुर जी हंसकर बोले
“पापा जी, आपका पावर देखकर तो जवान लौंडे भी शरमा जाए। अब मैं आपकी पर्सनल रंडी बन जाउंगी। जब आपका दिल करे मुझे चोद लिया करना” मैंने कहा
उसके बाद हम किस करने लगे। ससुर जी मेरे 36” के बूब्स को तेज तेज दबाने लगे। कुछ देर बाद मैं मैं उसका लंड चूसने लगी। “बहू!! चल फेट इसे!!” ससुर बोले तो मैं जल्दी जल्दी उनके लंड को फेटने लगी। ओह्ह्ह कितना शानदार लंड था उनका। कितना बड़ा, कितना मोटा और कितना शानदार। फिर मैं जल्दी जल्दी उनके लौड़े को उपर नीचे करके फेटने लगे। ससुर मेरे बगल ही लेट गये थे। मेरे हाथ तो रुकने का नाम ही नही ले रहे थे। मैं जल्दी जल्दी ससुर के लौड़े को फेट रही थी। फिर मैं झुककर उनके लौड़े को मुंह में लेकर चूसने लगी। मुझे अब सेक्स का नशा चढ़ चुका था। इसलिए मैं जल्दी जल्दी ससुर का लंड चूस रही थी और मुंह में अंदर लगे तक ले रही थी। ससुर को भी खूब मजा मिल रहा था। मेरे हाथ तो रुकने का नाम ही नही ले रहे थे। मैं जल्दी जल्दी ससुर का लंड गोल गोल आकार में फेट रही थी। मुझे अजीब सा नशा चढ़ गया था।
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