मेरी कमसिन जवानी की आग Chapter 3

मेरी कमसिन जवानी की आग Chapter 3

जैसे ही मेरी गांड में लन्ड टच हुआ, मैं पागल हो उठी, मुझे लगा कि बिना देरी किए सीधे घुसा दें … पर बोल नहीं पाई.
राज अंकल अंकित से बोले- अंकित आ जा, तू भी कहीं एडजस्ट हो जा, शुरू हो जा!अंकित बोला- आप दोनों कर लो, फिर मैं आराम से करूंगा.फिर मुन्ना अंकल बोले- आजा अंकित तू बर्दाश्त नहीं कर पायेगा, संध्या जैसी खूबसूरत माल सामने चुदवा रही हो तो कोई मर्द खुद को संभाल नहीं सकता!अंकित बोला- अंकल, आप दोनों करो पहले, मुझसे बर्दाश्त नहीं होगा तब देख लूंगा.
तभी मुन्ना अंकल बोले- जैसी तेरी मर्जी, फिर देखना कोई उठे तो बताना! हम दोनों शुरू होते हैं.अंकित बोला- ठीक है अंकल!

इतने में मुन्ना अंकल ने खड़े होकर मेरी एक टांग को उठाकर फैला दिया. जैसे ही मेरी टांगों को चौड़ा किया मुन्ना अंकल एकदम से मेरी चूत देखकर शायद पागल से हो गए और बोले- यार इसे सीधा लिटाओ, यह तो बहुत ही गजब की आइटम है, क्या कमर है पतली नाजुक सी … देखो राज इसकी कमसिन जवानी बिल्कुल खिल रही है.
और मुन्ना अंकल सीधे मेरे दोनों टांगों के बीच अपना मुंह रख कर अपने होंठ, जीभ पूरी नाक घुसाकर मेरी चूत में रगड़ने लगे. फिर ऊपर किया और बोले- संध्या की चूत की सुगंध जाने कैसी है बहुत मस्त टेस्टी और साफ-सुथरी माल है ये, आज हम दोनों के लौड़े से यह पागल हो जाएगी.मुन्ना अंकल मेरी चूत को चाटने लगे और जीभ से अंदर तक रगड़ने लगे. मेरी सांसें बहुत जोर से चलने लगी.
तभी राज अंकल ने अपने दोनों हाथ मेरे बूब्स पर चढ़ा दिए और बोले- यार मुन्ना, बहुत जबरदस्त माल है यह संध्या! इसको तो लगता है कि अभी अपन जमकर चोद दें. यह बहुत बड़ी आइटम हो गई है, आज तक मैंने इतनी मस्त लड़की नहीं देखी. सच में गजब है, खुद मैं सोच नहीं पा रहा हूं कैसे कंट्रोल करूं!

और राज अंकल जमकर मेरे दूध दोनों हाथों से बहुत जोर से दबाने लगे. और फिर मेरे होठों के ऊपर अचानक अपने होंठों को रख दिए. अंकल के होंठ बहुत गर्म थे, उनके गर्म होंठ मेरे तपते होंठ पर जैसे ही रख गये, सबसे पहले उनकी गर्म गर्म सांसें मेरी सांसों से मिल गई, मुझे अब कुछ होश नहीं रहा, सच में ऐसा लगा कि मुझे दोनों अंकल मस्त कर दें.
अब मुझसे चुपचाप नहीं रहा जा रहा था, मैं समझ नहीं पा रही थी कि मैं क्या करूं … मेरा पूरा जिस्म टूटने लगा और मैं कसमसाने लगी. कि इतने में मुन्ना अंकल ने अपनी दो उंगलियां मेरी चूत में जोर से घुसा दी, सट से उनकी उंगलियां अंदर घुसी और मैं राज अंकल से लिपट गई, उनके ऊपर मेरे हाथ अपने आप चले गए, मैंने जोर से अपनी बांहों में राज अंकल को कस लिया और इतनी जोर से उनके होंठों को चूमा, चूसा कि उनके होंठ में मुझे पता भी नहीं चला और मेरे दांत गड़ गए.

तभी राज अंकल बोले- संध्या, है तो तू मेरी बेटी जैसी … पर कोई औरत तेरे बराबर सेक्सी नहीं और सुंदर तो तुझसे ज्यादा कोई हो ही नहीं सकती. तुमने जितने जोर से मुझे अपनी बांहों में कस कर दबाया, उस तरह से सुहागरात में मेरी बीवी ने भी नहीं कसा, अब इतना सब कर दिया तो अब नाटक बंद कर शर्म झिझक छोड़, अपनी आंखें खोल और जो तेरे अंदर आये वो सब बोल संध्या, जितना खुल कर के सेक्सी बातें गंदी बात करेगी और सुनेगी उतना ही जोश बढ़ेगा, उतना ही तुझे मजा आयेगा.

यह कहकर राज अंकल मेरी दोनों आंखों को चूमने लगे और बोले- खोल सेक्सी इन आंखों को!मैं भी सब देखना चाहती थी तो मैंने धीरे से अपनी आंखों को खोल दी. मेरे आंखों के बिल्कुल सामने राज़ अंकल का चेहरा और वो एकटक मेरी आंखों में आंखें डालकर मुझे देख रहे थे. मैं भी करीब एक मिनट पलकें बिना गिराए उनसे आंखें मिलाए रही.
तभी जोर से मेरे दूध को दबाते हुए राज अंकल बोले- बाप रे … तेरी नशीली आंखों में तो हवश और चुदाई भरी है संध्या! इतनी सेक्सी आंखें … ओह माई गॉड … तेरी आंखों का कोई जवाब नहीं, तू तो ऐसे किसी मर्द को देख ले तो वह बेमौत मर जाये! या तुझे वहीं का वहीं चोद देगा.

राज अंकल बोले मुन्ना अंकल से- अबे मुन्ना, ये तो बहुत चुदासी है, इसकी आंखें बेहद सेक्सी हैं यार … ये कयामत है, हम दोनों बहुत लकी हैं जो ये हमें चोदने को मिल रही है. तू भी इससे नजरें मिला ले, तब तक नीचे इसकी चूत को मैं भी प्यार कर लूं!मुन्ना अंकल बोले- ठीक है राज, तू आ जा! मैं भी तुझे एक बात बता दूं कि ये संध्या वर्जिन नहीं है, इससे पहले ये कई बार शायद चुद चुकी है, इसकी चूत बहुत चिकनी है. जैसे ही मैंने दो उंगलियां डाली, सट से संध्या की चूत में घुस गई. इसकी चूत से रस भी बहुत निकल रहा है पर बहुत टेस्टी और अलग ही तरह की सुगंध है. इतनी सेक्सी और मस्त चूत मैंने पचपन साल की उम्र में आज तक नहीं देखी ना चोदी!

राज अंकल बोले- अरे यार, इसको यहाँ से कहीं और ले चलें, तब खुल के चोदने में मजा आयेगा हमें भी इसे भी! वरना हम लोगों को लगा रहेगा कि कोई उठ ना जाए. कोई देख ना ले! यहाँ इस तरह से ना आवाज निकाल सकते, ना बोल सकते, अब यहाँ 12-15 लोग सो रहे हैं, तो अच्छा यही होगा कि अगर कहीं अगल-बगल ले चलें तो ज्यादा, बहुत ज्यादा मज़ा आएगा यह चुदाई जितनी खुलके की जाए उतनी ही मजेदार होती है.

मुझसे बोले राज अंकल- तू बता सोनू, तुझे कोई दिक्कत तो नहीं? बस थोड़ी देर की बात होगी, अपन बीस पच्चीस मिनट में वापस आ जाएंगे.मैं उस समय किसी हालत में बस चुदवाना चाहती थी, मुझे दिमाग में कुछ नहीं सूझा, मैंने हाँ में सिर हिला दिया.
फिर राज अंकल बोले- बता सोनू? बोल तू?उस समय मुझसे दो दो मर्द नंगे लिपटे हुए थे, मैं अपने होशोहवास में नहीं थी, मैं बिना सोचे समझे बोली- जैसा आपको ठीक लगे अंकल … मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं!इतना सुनते ही राज अंकल अंकित से बोले- यार तेरा घर है, तू यहीं का है, बता, यहाँ पर तो कोई रूम खाली नहीं तो अगल बगल घर कहीं कोई खाली जगह है क्या? कोई इंतजाम करा!
तब अंकित बोला- बहुत रात हो गई है. बगल वाले घर में एक अंकल हैं उनका घर ऊपर खाली रहता है, नीचे परिवार रहता है. अगर उनका फोन उठ गया तो हो जाएगी व्यवस्था, वैसे भले ही वे बुजुर्ग हैं, बुड्ढे हैं लगभग 65 साल के होंगें, पर वह बहुत रसिया हैं, कई बार वो अंकल नई लड़कियों की मांग करते रहते हैं, मुझसे खुले हुए हैं.

मुझसे बोले राज अंकल- तू बता सोनू, तुझे कोई दिक्कत तो नहीं? बस थोड़ी देर की बात होगी, अपन बीस पच्चीस मिनट में वापस आ जाएंगे.मैं उस समय किसी हालत में बस चुदवाना चाहती थी, मुझे दिमाग में कुछ नहीं सूझा, मैंने हाँ में सिर हिला दिया.
फिर राज अंकल बोले- बता सोनू? बोल तू?उस समय मुझसे दो दो मर्द नंगे लिपटे हुए थे, मैं अपने होशोहवास में नहीं थी, मैं बिना सोचे समझे बोली- जैसा आपको ठीक लगे अंकल … मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं!इतना सुनते ही राज अंकल अंकित से बोले- यार तेरा घर है, तू यहीं का है, बता, यहाँ पर तो कोई रूम खाली नहीं तो अगल बगल घर कहीं कोई खाली जगह है क्या? कोई इंतजाम करा!
तब अंकित बोला- बहुत रात हो गई है. बगल वाले घर में एक अंकल हैं उनका घर ऊपर खाली रहता है, नीचे परिवार रहता है. अगर उनका फोन उठ गया तो हो जाएगी व्यवस्था, वैसे भले ही वे बुजुर्ग हैं, बुड्ढे हैं लगभग 65 साल के होंगें, पर वह बहुत रसिया हैं, कई बार वो अंकल नई लड़कियों की मांग करते रहते हैं, मुझसे खुले हुए हैं.

तब राज अंकल बोले- फोन लगा शायद बात बन जाए, उनको भी क्या है, जब 65 साल के हैं.. तो थोड़ा वह भी आ जाएंगे तो कोई बात नहीं!
अंकित ने तुरंत फोन लगाना शुरू कर दिया. उसने दो-तीन बार फोन मिलाया, तब जाकर उनका फोन उठा.
अंकित इधर से बोला- अंकल, अभी एक बहुत मस्त नई लड़की पटी है, अगर कहो तो ले आऊं?
ये सुन कर वह कुछ उधर से कुछ बोले.

तब अंकित ने बोला- अंकल, उसे देख लोगे तो पागल हो जाओगे तुम, बहुत दिनों से बोल रहे थे.. आज अभी हो पाया इसलिए मैंने फोन किया. रहने दो अगर तुम्हें डर लगता है! अरे अंकल तुम बस चुपचाप गेट खोल देना, हम लोग ऊपर चले जाएंगे.तब वो अंकल जो भी बोले हों, अंकित बोला- तुम्हें बता ही देता हूं कि मेरी चाची की सगी बहन की बेटी है, एकदम गजब माल है. तुम देख चुके हो अंकल, लालजी की सगी मौसी की बेटी सोनू घर में नाम है, वैसे संध्या नाम है. मैंने तुम्हें फोटो दिखाई थी, लालजी ने भी तुम्हें कुछ कुछ सोनू के बारे में बताया था. लालजी ने फोटो दिखाई थी और तुमने बोला था कि यार इसकी एक बार दिला दो जो बोलोगे कर दूंगा, मैं उसी की बात कर रहा हूं!जैसे उसने मेरा नाम बताया, उन अंकल ने शायद तुरंत हाँ कर दी और वे उससे कुछ बोले भी.तो अंकित इधर से बोला- ठीक है, चलेगा.. देख लेंगे.

इसके बाद अंकित ने राज अंकल के और मुन्ना अंकल के कान में कुछ धीरे से बोला. जो कुछ बोला वो मुझे सुनाई नहीं दिया.
तब राज अंकल बोले- अरे यार चलते हैं, वहाँ जो भी होगा देख लेंगे. यह संध्या मैनेज कर लेगी, वहीं डिसाइड करेंगे.राज अंकल और मुन्ना अंकल बोले- फाइनली अपन चलते हैं, जल्दी चलकर जल्दी आ जायेंगे.
मुझे मुन्ना अंकल ने मेरी स्कर्ट और टॉप उठा कर दी और बोले- संध्या ऐसे ही जल्दी से पहन लो.

मैंने जल्दी स्कर्ट टॉप पहने और दोनों अंकल ने भी अपने कपड़े पहने, राज अंकल तुरंत मेरा हाथ पकड़े और बोले- चुपचाप चले चलो सोनू जल्दी करो.
मैं बोली- अंकल कुछ गड़बड़ तो नहीं होगा? मुझे डर लग रहा है.. किसी को पता चल गया तो मैं मर जाऊंगी, मैं कहीं भी मुँह दिखाने लायक नहीं बचूंगी. प्लीज अंकल, कुछ गड़बड़ ना हो? आज रहने दीजिए.तब राज अंकल मेरी कमर में हाथ डाल कर बोले- चल सोनू, मेरे ऊपर भरोसा रख.. कुछ नहीं होगा बिल्कुल मेरी गारंटी है.ऐसा बोला तो मुझे कुछ भरोसा हुआ, मैं बोली- ठीक है अंकल, मैं आपके भरोसे चल रही हूं.

और फिर मैंने उनका हाथ पकड़ा, वे भी मेरा हाथ पकड़ कर यहाँ से चल दिए.
मौसी के घर के बगल वाला ही घर था, अंकित आगे था. दरवाजा खुला हुआ मिला और सब लोग धीरे से ऊपर सीढ़ियों में चढ़ने लगे. ऊपर फर्स्ट फ्लोर पर गए, अंकित ने एक दरवाजा खोला, जैसे ही अन्दर गई, देखा वहाँ दो तखत बिछे हुए थे. चूंकि गांव का ही घर था इसलिए उतना डेकोरेशन नहीं था पर हॉल बड़ा था, एक तखत में बिस्तर लगा था, एक खाली था लेकिन उस पर भी गद्दा मुड़ा हुआ रखा था, उसको अंकित ने बिछा दिया.

राज अंकल मुझे बैठने को बोले. वहां दो ट्यूबलाइट लगी थीं, दोनों को जला दिया तो रोशनी बहुत हो गई.
तभी एक अंकल वहां आए, उनकी उम्र करीब 70 साल की रही होगी, अंकित ने उनके पैर छुए, राज अंकल ने भी पैर छुए.
उन अंकल ने मुझे देखा और बोले- मेरे समधी साहब आ रहे हैं, जरा नीचे हैं.मैं सोचने लगी कि अरे इनके अलावा और भी है कोई क्या?
तभी मैंने देखा दो अंकल और लगभग 65 साल के आसपास आए. राज ने तीनों अंकल के पैर छुए और अंकित ने भी!

जिनका घर था, उनके पास अंकित गया और बोला- अंकल जी, अब दरवाजा बंद कर दीजिए, कोई दिक्कत तो नहीं है?
वे अंकल बोले- बिल्कुल कोई दिक्कत नहीं, मेरी बीवी और बेटी बहुत अन्दर सो रही हैं.. मैं बाहर से उनके कमरे का दरवाजा बंद कर आया हूं, बिल्कुल खुलकर आराम से करो, जो मन पड़े! कोई दिक्कत नहीं होगी

अब वो अंकल जिनका घर था, मेरे सामने आए और बोले- अच्छा इसको तो मैं जानता हूं.मेरी मम्मी का नाम लेकर बोले- यह तो उसकी बेटी है ना जो तपा में लालजी की मौसी है.अंकित बोला- हाँ अंकल, तपा वाली मौसी की बेटी है, लालजी की सगी मौसी है इसकी मम्मी!तब वो अंकल बोले- लालजी नहीं आया क्या? लालजी भी तो मुझसे इसके बारे में बता रहा था कि मौसी की लड़की सोनू बहुत मस्त है और बहुत हॉट है. उसने अपने मोबाइल में फोटो भी दिखाई थी इसकी एक दो! उसने बताया था कि वो मौसी की बेटी सोनू को कर रहा था, तभी पड़ोस के कोई चाचा आ गए थे और लालजी का काम पूरा नहीं हुआ, लालजी भी इस संध्या की अधूरी चुदाई कर चुका है, तब से वह भी इसे करने के फिराक में है.

तब मुझे बिल्कुल झटका सा लगा कि लाल जी तो मेरी पूरी गोपनीय बातें इन अंकल को मेरे बारे में बता चुका है, कैसा लड़का है लालजी? वो भी मेरी सगी मौसी का लड़का है, मेरे सगे भाई की तरह तब भी सबसे मेरी बात बताई.

तभी वे मकान मालिक अंकल बोले- लालजी ने मुझसे बोला भी था कि अंकल मैं सोनू की आपको दिलवाऊंगा जैसे ही मौका मिलेगा.तब अंकित बोला- एक ही बात है.. मुझे भी लाल जी ने ही इसके बारे में पूरा बताया था कि कैसी है संध्या! जब वो संध्या के ऊपर चढ़ा हुआ था, तब लालजी ने मेरी संध्या से बात भी करवाई थी. मुझे संध्या ने खुद बोला था उस समय कि आकर चोद लो.. तब मैं बोला था कि मेरे एक अंकल हैं, उनको भी ले आऊं? तो संध्या बोली थी कि जिनको जिनको लाना है ले आओ, उस वक्त उसने बहुत मस्त बात की थी, तब लालजी इसकी चूत चाट रहा था और एक इसकी बहन का लड़का पीयूष भी इसके साथ बिस्तर में था. लालजी ने संध्या की सेक्सी सेक्सी फोटो दिखाई थी कुछ नहाते की और कपड़े बदलते की.. मोबाइल पे दिखाई थी, जब से संध्या की सेक्सी फोटो देखी, तब से मैं इसके लिए पागल हो रहा था, आज मौका मुझे मिला. वैसे कल भी मैंने बाथरूम में इसको पकड़ा था मगर पूरा काम नहीं हो पाया जल्दी-जल्दी में भागना पड़ा, आज इसको बिल्कुल बहुत मस्त कर देना है, बहुत ही गजब की आइटम है ये संध्या.. इससे सेक्सी लड़की कोई नहीं मिलेगी अंकल! 10-12 मर्द भी इसको एक साथ कम पड़ जायें..ऐसी इसकी गर्मी है.

मैं अंकित की बातें सुनकर हैरान थी, उस हाल में मैं तीन बुड्ढे, दो अंकल और एक अंकित जो 22 साल का था करीब, ऐसे 6 मर्दों के बीच मैं अकेली लड़की थी. जो पहले मेरा मन कर रहा था सेक्स का.. वह पूरा डर में बदल गया, मेरे साथ यह पहली बार ऐसी स्थिति बनी मुझे कुछ समझ नहीं आया. एक तो दूसरा गांव.. ऊपर से रात के करीब 1:00 बजे रहे होंगे और अकेली मैं, छह मर्दों के साथ!
मैं राज अंकल से बोली- अंकल, प्लीज मुझे वहाँ पहुंचा दो जहाँ से लाये हो, अभी मुझे कुछ नहीं करना!जैसे ही मैंने ऐसे कहा तो मकान मालिक अंकल आए मेरे पास और मेरे कंधे पर हाथ रख दिया, बोले- तुम बिल्कुल घबराओ नहीं, तुम्हारा क्या नाम है, खुद से बताओ?मैं बोली- संध्या!तो अंकल बोले- संध्या सुनो, हम तीनों तुम्हें छुएंगे भी नहीं. यह जो एक सफेद टी-शर्ट में हैं, यह मेरे समधी हैं, कल से आए हुए हैं. और यह जो थोड़े लम्बे चौड़े हैं.. मेरे समधी के साथ नौकरी करते थे. तो बस तुम्हें देखने के लिए हम तीनों आए हैं. मेरा थोड़ा मन था पर कोई बात नहीं, तुम्हारी मर्जी!
और ऐसा कहकर उन्होंने मुझे गले से अपने लगा लिया. मैं कुछ नहीं बोली.

तभी वे मेरी एक गाल में हाथ रखकर बोले- मेरी तरफ देखो, यह मेरा घर है, इसे तुम अपना समझो. तुम्हारा मन है तो कुछ देर खुल कर इंजॉय करो, जीवन मस्ती और इंजाय के लिए है, दो दिन की जवानी है, बस इसे खूब फन और फाड़ू मस्ती में गुजारो! कल का क्या भरोसा.मैं बोली- अंकल, मैंने आज तक इतने सारे लोगों के साथ में कभी नहीं किया है.
तभी मकान मालिक बोले- संध्या हम लोग तुम्हें छोड़ कर चले जाते हैं, तुम यहीं रहो और यहीं सो जाओ कोई तुम्हें टच नहीं करेगा.तब मुझे कुछ अच्छा लगा यह सुनकर, जिनका मकान था, वे मुझे अच्छे लगे, उनकी बातें अच्छी लगीं.उन्होंने मुझे अपने आप गले लगा लिया और बोले- तुम मेरी नातिन जैसी हो, मेरी नातिन भी तुमसे बड़ी है, तुमको कोई दिक्कत नहीं होगी! मेरे ऊपर भरोसा करो, बस 10-15 मिनट के अन्दर तुम्हें वही पहुंचा दूंगा.. मेरी गारंटी है.मैं बोली- पक्का अंकल? प्रॉमिस करिए!

तब अंकल अपने सर पर हाथ रखकर बोले- गॉड प्रॉमिस है, सिर्फ 15 मिनट दे दो मुझे.. तुम्हें बहुत अच्छा लगेगा, मेरा वादा है, नहीं लगे अच्छा तो बता देना, तुम्हें तुम्हारी मर्जी के बिना कोई कुछ नहीं करेगा. तुम तो बहुत होशियार और मस्त लड़की हो, मुझे लालजी ने सब बताया है.मैं बोली- ओके अंकल जैसा आपको ठीक लगे! पर मम्मी जान ना पाए कहीं कि मैं रात में बाहर गई थी.तब राज अंकल बोले- नहीं संध्या, कोई नहीं जान पाएगा. मुझे भी परवाह है.जिनका मकान है वे मुझे बोले- तुम बस मेरी बात मानो और चाहे तो अपनी आंखें बंद कर लो और चुपचाप लेट जाओ.
उन्होंने मेरे कंधे पर हाथ रख कर मुझे वहीं तखत में लिटा दिया. उनके लिटाते ही मैंने आंखें बंद कर लीं, उन अंकल ने भी मेरे बगल से लेट कर मुझे अपनी बांहों में भर लिया और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूमने लगे.

अंकल धीरे से अपने हाथ को मेरे सीने में चलाने लगे.
तभी मेरी स्कर्ट को कोई दूसरा ऊपर करने लगा. चूँकि मैंने अन्दर पैंटी नहीं पहनी थी, तो वे मेरी टांगें चौड़ी करके मेरी जांघों को चाटने लगे. उसी समय कोई एक अंकल ने मेरे हाथ को पकड़ कर अपने लंड को पकड़ाया. तब मुझे बहुत अजीब सा लगा, उसने अपने हाथ से मेरा हाथ पकड़ कर अपने लंड को रगड़वाना शुरू कर दिया, सच में बहुत गर्म और लम्बा मोटा लौड़ा था.

तभी मेरे टॉप को कोई ऊपर करने लगा. मैंने आंखें बंद की हुई थीं, इसलिए मुझे कुछ दिखाई नहीं दिया कि कौन अंकल हैं. उन्हीं में से कोई एक मेरी स्कर्ट को नीचे खींचते हुए उतारने लगे.
तभी जो उनके समधी और समधी के दोस्त थे, बोले- यह लड़की तो बला की कयामत है, इसके साथ कोई मेरी फोटो ले लो.. यादगार पल हैं, यह याद बनी रहेगी.अंकित बोला- ठीक है अंकल, मैं लिए लेता हूं. कौन सी पोज की लेना है?वो अंकल बोले- सबसे पहले तो संध्या की चूत चाटने की लो. फिर इसकी ये मस्त उठी हुई गांड चाटने की.. इसके बाद संध्या की नाभि चूमते हुए और बूब्स दबाने और पीने की खींचना! उसके बाद इसकी बहुत मस्त सेक्सी नाक चूमते चूमते और नाक चूसते की जरूर लेना..

फिर इसके साथ लेटने की और जब लंड डालूं, तब की फोटो जरूर लेना. अंकित तुम हर पोज की फोटो लेना, जीवन भर सम्हाल के रखूंगा, संध्या के साथ इन सेक्सी पलों की फोटो! इतनी सुन्दर और सेक्सी मस्त फिगर वाली लड़की आज तक हम लोगों ने देखी नहीं है, जिसे आज चोदने का मौका मिल गया.

इतने में सभी ने बोलना शुरू कर दिया- अंकित प्लीज मेरे साथ भी हर पोज की फोटो ले लेना!अंकित बोला हंसते हुए- सभी अंकलों को हर फोटो का चार्ज लगेगा.सभी ने कहा- हाँ देंगे बेटा जो चार्ज बोलेगा, पर सभी पोज में लेना.अंकित बोला- ठीक है, आज से, अभी से मैं संध्या का फोटोग्राफर बन जाता हूं, बड़ा प्राफिट दिख रहा है इस काम में!
और अंकित ने मोबाइल से सबके साथ फोटो लेना शुरू कर दिया. तभी कोई अंकल मेरी जांघों को सहलाने लगे.

पहले तो उन अंकल ने मेरी टांगों को थोड़ा फैलाया और अचानक नीचे चूत को चाटने लगे. मुझे अजीब सा कुछ महसूस होने लगा, मेरी कमजोर नस पर उन्होंने हाथ रख दिया. मेरी चूत में कोई हरकत करे, तो फिर मैं अपने आप ढीली पड़ने लगती हूं.
वह अंकल मेरी चूत में जोर जोर से अपनी नाक रगड़ रहे थे, मेरी चूत को सूंघ रहे थे और जमकर पूरी जीभ अन्दर डाल कर उसे बहुत गन्दे तरीके से फैला फैला कर चूस और चाट रहे थे, जिससे मेरी हालत तेजी से खराब होने लगी और मेरी सांसें बहुत तेज़ तेज़ चलने लगीं.
वहीं अब किसी ने मेरी टॉप को ऊपर कर दिया तो मेरे बूब्स आजाद हो गए. पूरे नंगे मम्मों को अंकल ने जोर से पकड़ा और उनको नोंचने लगे. फिर अचानक से ही वे मेरे दोनों मम्मों को पकड़ के दबाने और मसलने लगे. मेरे एक हाथ में किसी का लंड था, जो मेरा हाथ पकड़ के रगड़वाने लगे, उनका लंड बहुत गर्म था.

इतने में कोई दूसरे अंकल ने भी मेरे दूसरे हाथ को पकड़कर अपने लंड में रखवा लिया और अपने लंड को ऊपर नीचे करवाने लगे. मुझे बहुत अजीब लगने लगा.. और मस्ती सी छाने लगी.
जिनका वो घर था, उन अंकल ने मेरी नाक को अपने मुँह में भर लिया और मेरी नाक चूसते हुए बोले- संध्या तुम्हारी नाक बहुत सेक्सी है, तुम बहुत बड़ी माल हो, तुम्हें आज बहुत मजा आएगा.
इतने में किसी ने मेरे नीचे आकर मेरे पीछे से मेरी गांड में अपना लौड़ा टच करा दिया, तो मुझे बहुत गुदगुदी लगने लगी. इतने में एक अंकल मेरी गांड में बहुत सारा थूक लगा दिया और चूतड़ खोल कर गांड चाटने लगे, अन्दर जीभ डालने लगे. उनकी इस हरकत से मैं बेकाबू होने लगी, मेरे अन्दर कुछ कुछ होने लगा. तभी एकदम से मैं भी कुछ करने के लिए तैयार हो गई. आखिर मैं एक जवान लड़की हूं, वह भी कच्ची कली; बिल्कुल जवानी की दहलीज पर मचलती हुई महक रही थी. मैं ऐसी स्थिति में कैसे चुप रह पाती, अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था.
अभी तक तो मैं आंखें भी बंद की हुई थीं, पर मेरा पूरा जिस्म अकड़ने लगा और मुझे कुछ-कुछ होने लगा. जो अंकल मेरी गांड को चाट रहे थे, अब वह पीछे लिपट गए और मेरे कूल्हों में और मेरी गांड में अपना लंड रगड़ने लगे. वे अपना लंड घुसा नहीं रहे थे, पर अपने लंड से मेरी पूरी गांड के छेद को रगड़ रहे थे और वह अपनी जीभ से मेरी पीठ को चाट भी रहे थे. उनकी इस हरकत से मुझे बहुत गुदगुदी होने लगी.

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मेरी कमसिन जवानी की आग Chapter 3