पहले गान्ड फ़िर चूत
सभी चूतों और लण्डों को मेरा प्रणाम।
अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है जो मैं आज आप लोगों से को बता रहा हूँ, उम्मीद है आप लोगों को पसन्द आएगी।
मैं पुणे में जॉब करता हूँ, मेरा लन्ड 6 इन्च लम्बा और दो इन्च मोटा है।
मैंने हाल ही में नए रूम में शिफ़्ट किया था। मेरे अलावा वहाँ दो फैमिली और भी रहती थीं। जिनके कमरे मेरे बाजू में थे।
वैसे मैं अपने काम से काम रखने वाला लड़का हूँ।
तो हुआ यह कि एक दिन जब मैं फ़्रेश होने गया तो देखा कि कोई गया हुआ है, वो क्या था कि लेट्रिन के दरवाजे में बीच में बड़ा सा छेद है और नीचे से भी टूटा था।
मैं सोकर उठा था तो सीधे फ़्रेश होने के लिए गया था, मैंने छेद में से झाँक कर देखा तो वहाँ कोई आन्टी अपने मम्मों को दबा रही थीं।
मैं नींद में था, तो देखते ही चौंक गया और बगैर शक्ल देखे वापस आ गया।
पर आन्टी ने मुझे देख लिया था।
मैं रूम में आकर सोचने लगा कि कौन सी आन्टी हो सकती है। मैं उनका निकलने का इन्तजार करने लगा।
थोड़ी देर बाद रीता आन्टी को निकलते हुए देखा। उसके बाद मैं तैयार होकर ऑफिस निकल गया।
रीता दिखने में गोरी है, उसका फ़िगर 38-32-32 है। उसके मम्मे तो पूछो मत किसी की भी नियत खराब हो जाए।
शाम को आया, अभी मैं चेन्ज कर ही रहा था कि तभी अचानक मेरे कमरे का दरवाजा खुला।
देखा तो रीता आन्टी का लड़का था, वो अभी 3 साल का है और उसके पीछे आन्टी भी आ गईं और उस समय मैं सिर्फ़ अन्डरवियर में था।
आन्टी ने साड़ी पहनी हुई थी और जब वो अपने लड़के को गोद में ले रही थीं, जभी उनका लड़का मेरी तरफ़ आ गया और मेरे पैरों को पकड़ लिया, मैंने उसे अपने से अलग किया और आंटी के पास जाने को कहा, पर वो नहीं गया। तब आन्टी उसे लेने लगी, वो तब भी नहीं गया और उसने वापस मेरे पैरों को पकड़ लिया।
फ़िर जब आन्टी उसे ले रही थीं, तो वो मेरे लन्ड को पकड़ कर बोला- मम्मी ये क्या है !
तो उन्होंने बोला- ये लन्ड है, तुम बड़े हो जाओगे तब तुम्हारे पास भी आ जाएगा।
लड़के के हाथ मेरे लन्ड पर लगा जिससे मेरे लन्ड में हलचल हो गई और खड़ा हो गया जो कि आन्टी ने देख लिया और आन्टी मुस्कुरा कर अपने लड़के को चलने के लिए बोलने लगीं, पर उनकी नज़र तो मेरे लन्ड पर थी।
उनका लड़का बोला- नहीं…. मुझे पहले मुझे देखना है !
आन्टी मेरे लन्ड को देख रही थीं और मैंने भी अपने हरामीपन के मूड में आकर अपना लौड़ा उसे निकाल कर दिखा दिया।
मेरे लौड़े को देखते ही उन्होंने भी शर्म छोड़ दी और उन्होंने मेरे लन्ड को अपने हाथ में पकड़ लिया और सहलाने लगीं।
फ़िर उन्होंने अपने लड़के को एक थप्पड़ लगाया और वो रोता हुआ चला गया।
तब रीता ने मेरे लन्ड को निकाला और चूसने लगी।
मैंने देखते ही देखते अपने होश खो दिए और आन्टी के बाल पकड़ कर उनके सिर को आगे-पीछे करने लगा और मेरे मुँह से- अह्ह्ह्… ह्म्म्म !’ सिसकारियाँ निकलने लगीं।
दस मिनट बाद मैंने उनके मुँह में ही सारा पानी छोड़ दिया और वो सारा पी गईं।
फिर मैं उनके मम्मे दबाने लगा, तब वो बोली- आराम से दबाओ न !
और फ़िर उन्होंने मेरा मुँह अपनी चूत पर रख दिया और चूत चटवाने लगी।
क्या रसीली चूत थी !
और उनके मुँह से- ओह्ह्हह ह्ह्ह्ह्ह् म्म्म्म अह्ह्ह् अऊ ओह्ह्ह्…!’ की मदमस्त आवाज निकलने लगी।
जोश-जोश में मैंने उसकी चूत के होंठ को काट लिया तो वो चीख पड़ी और मेरे बाल पकड़ कर अपने होंठ पर रख दिए। फ़िर मैं उनके होंठ चूसने लगा और फ़िर मैंने उनको अलग किया और फिर उनकी चूत चाटने लगा और
वो फिर से सिस्कारियाँ लेने लगीं। थोड़ी देर बाद वो झड़ गईं, पर मैं फ़िर भी उनकी चूत चाटता रहा।
अब वो तड़पने लगीं, बोलीं- अब चोदेगा भी?!
मैं उसे तड़पाने के लिए उसकी चूत चाटता रहा। फ़िर हम 69 की पोजीशन में आकर एक-दूसरे को चचोरने लगे।
थोड़ी देर बाद रीता ने मुझे अपने से अलग किया और मेरे लन्ड को चूत पर घिसने लगी और चूत में डालने लगी। तब मैंने अपना लन्ड उनकी गान्ड के छेद पर रख दिया।
वो बोली- वो भी मार लेना, पर पहले चूत की प्यास बुझा दो।
मैंने कहा- फिर तुम गान्ड नहीं दोगी, पहले गान्ड फ़िर चूत !
दोस्तो, वो इतनी गर्म हो चुकी थी कि तुरन्त मान गई, बोली- जल्दी करो !
तब मैंने उसकी गान्ड पर तेल लगा कर अपना लन्ड निशाने पर लगाया।
जैसे ही डाला, वो चीख पड़ी, बोली- नहीं रहने दो, बहुत दर्द हो रहा है।
पर मैं कहाँ सुनने वाला था। मैंने अपना 6 इन्च का लन्ड उसकी गान्ड में उतार दिया और उसकी आँखों से आँसू आ गए।
थोड़ी देर रुकने के बाद मैंने धक्के लगाना स्टार्ट किए।
तो वो भी एन्जॉय करने लगी- ह्ह्ह्म्म् म्म अह्ह्ह्… अऊ ऊऊ ओह्ह्ह्. !’
थोड़ी देर बाद मैंने सारा माल उसकी गान्ड में ही छोड़ दिया और अलग हो गया। मैं लेटे-लेटे उसके मम्मे दबा रहा था।
वो बोली- गान्ड तो मार ली भोसड़ी के… ये चूत की आग कौन बुझाएगा !
अब तक मेरा लन्ड फ़िर खड़ा हो गया और मैंने अपना लन्ड उनकी चूत पर रखा और एक बार में ही पूरा उतार दिया।
उसने मेरी पीठ पर अपने नाखून गड़ा दिए।
थोड़ी देर रुकने के बाद मैंने धक्के लगाने शुरु किए और कमरा- अ…ह्ह ह्ह्ह…ह्ह्ह ह्ह्ह… ओह्ह ह्ह्ह ह् ह्ह्म्म,… फाड़ दे इसे और तेज..अह्ह्ह…अह…उ..उ !’ की आवाजों से गून्ज उठा और वो झड़ गई, पर मेरा बाकी था।
बोली- बस रहने दो !
तो मैंने बोला- रुक साली कुतिया… ऐसे-कैसे रहने दूँ !
और मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी।
थोड़ी देर बाद मैं भी झड़ गया और वो मेरे सीने पर सिर रख कर लेट गई। मैं उसकी चूत सहलाने लगा था।
तभी मेरी नज़र दरवाजे पर पड़ी और देख कर मेरे होश उड़ गए!
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